हरी सब्जियों में मौजूद पोटैशियम किडनी के जरिए ज्यादा से ज्यादा सोडियम निकालने में मदद करता है। इस प्रक्रिया की मदद से ब्लड प्रेशर कम होने लगता है। Show निम्न हरी पत्तेदार सब्जियों में पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है –
कैन यानी बंद डब्बो में आने वाली सब्जियों में सोडियम मिलाया जाता है। लेकिन इनमें भी पोषक तत्वों की मात्रा उतनी ही पाई जाती है जितनी ताजा सब्जियों में होती है। इसके अलावा इन्हें रखना भी आसान होता है। आप चाहें तो इन सब्जियों को पीस कर इनका शेक या जूस बनाकर भी पी सकते हैं। 8.बेरीबेरी खासतौर से ब्लूबेरी प्राकृतिक रूप से पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं और इन्हें फ्लैवोनॉइड कहा जाता है। एक स्टडी में पाया गया है की बेरी में मौजूद यौगिकों का सेवन करने से हाइपरटेंशन की बीमारी के रोकथाम और ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद मिलती है। ब्लूबेरी, रसबेरी और स्ट्रॉबेरी को आप आसानी से अपनी डायट में शामिल कर सकते हैं। आप चाहें तो इन्हें अपने सीरियल या ग्रानोला के साथ सुबह के समय भी ले सकते हैं। और पढ़ें – क्या आप जानते हैं क्रैनबेरी के लाभ? कई रोगों का इलाज है क्रैनबेरी 9.स्किम्ड मिल्क और दहीस्किम्ड मिल्क कैल्शियम का एक बेहतरीन सोत्र है, जिसमें वसा की मात्रा भी कम होती है। यह दोनों ही रक्त प्रवाह को कम बनाए रखने में मदद करते हैं और डायट के लिए जरूरी होते हैं। अगर आपको दूध पसंद नहीं है तो, आप दही का सेवन भी कर सकते हैं। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार जो महिलाएं एक सप्ताह में 5 या उससे अधिक बार दही का सेवन करती हैं, उनमें हाई ब्लड प्रेशर होने का खतरा 20 प्रतिशत तक कम पाया जाता है। दही को अधिक पोष्टिक बनाने के लिए आप चाहें तो उसमें ग्रेनोला, बादाम और फलों को मिलाकर भी खा सकते हैं। दही खरीदते समय ध्यान रखें की आपको उसमें मौजूद पोषक तत्वों की जानकारी अच्छे से पढ़नी है। क्योंकि मार्केट में कई प्रकार की दही मौजूद हैं, जिनमें से कई में शुगर (मिठास) मिलाई जाती है। वसा और इंसुलिन की मात्रा को कम रखने के लिए बिना शुगर वाली दही का ही चयन करें। 10.मछली और ओमेगा 3 फैटी एसिडमछलियां लीन प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत होती हैं। फैटी फिश (वसा युक्त मछलियां) जैसे मैकेरल और सैल्मन ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर होती हैं, जो ब्लड प्रेशर, सूजन और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने में मदद करती हैं। इन मछलियों के अलावा ट्राउट भी एक ऐसी मछली है, जो लीन प्रोटीन के साथ-साथ विटामिन डी से भी भरपूर होती है। बहुत ही कम भोजन में विटामिन डी मौजूद होता है और इसीलिए इस मछली में मौजूद यह हॉर्मोन ब्लड प्रेशर को कम करने के गुण रखता है। मछली में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। आप चाहें तो इसे डीप फ्राइ या हल्का सेक कर भी खा सकते हैं। मछली को तल कर पकाने के लिए ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करें। अन्य तेल के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा रहता है। लो ब्लड प्रेशर डायट में किन चीजों से करें परहेजअभी तक आपने जाना कि लो बीपी में क्या लेना चाहिए। नीचे जानिए कि ऐसे मरीजों को कैसी डायट लेनी चाहिए। रक्तचाप की दवा खाने के साथ ही लो ब्लड प्रेशर डायट चार्ट फॉलो करना भी जरूरी होता है।
लो बीपी होने पर अचानक ही तबियत बिगड़ने लगती है। घबराहट के साथ पसीना आता है। ऐसे में अगर आप अकेले हैं तो ये और भी चिंताजनक हो जाता है। इसलिए इन घरेलू नुस्खों को अपना कर आप लो ब्लड प्रेशर की समस्या में काफी आराम पा सकते हैं लेकिन, अगर आपको लो बीपी की परेशानी बहुत ज्यादा है तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें। और पढ़ें – World Zoonoses Day : कोरोना जैसी बीमारी भी आती हैं जूनोटिक डिजीज में, जानें इनके बारे में [mc4wp_form id=”183492″] लो ब्लड प्रेशर और प्रेग्नेंसीगर्भावस्था के शुरुआती 24 सप्ताह में ब्लड प्रेशर का कम होना सामान्य होता है। इस दौरान रक्त संचार प्रणाली बढ़ने लगती है और हॉर्मोनल परिवर्तन के कारण रक्त वाहिकाएं पतली होने लगती हैं अगर आप प्रेग्नेंसी के दौरान लो ब्लड प्रेशर के लक्षण महसूस करती हैं तो अपने डॉक्टर को जरूर बताएं। आपको अपने आप पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता हो सकती है। इसी के साथ ही इस समय अधिक पानी का सेवन करना शुरू कर दें। प्रेग्नेंसी संबंधी लो ब्लड प्रेशर आमतौर पर प्रेग्नेंसी के अगले चरणों या डिलीवरी के बाद अपने आप ठीक हो जाता है। प्रेग्नेंसी के समय ब्लड प्रेशर मापना बेहद जरूर होता है क्योंकि इसके कारण एनीमिया या एक्टोपिक प्रेग्नेंसी जैसी गंभीर समस्या उतपन्न हो सकती है। और पढ़ें – प्रेग्नेंसी में बीपी लो क्यों होता है – Pregnancy me low BP निष्कर्षकई प्रकार की मेडिकल कंडीशन, उम्र और दवाओं के कारण रक्त प्रवाह प्रभावित हो सकता है। बेहतर इलाज और परिणाम के लिए अपने डॉक्टर या हेल्थ केयर प्रोवाइडर के साथ मिलकर अपने बीपी को सामान्य रखने की कोशिश करें। विशेष प्रकार के आहार से भी रक्त प्रवाह प्रभावित होता है इसलिए अगर आप अपने ब्लड प्रेशर को बढ़ाना चाहते हैं तो उसके लिए आपकी डायट बेहद महत्वपूर्ण रोल प्ले कर सकती है। अगर आपको अपनी डायट को लेकर किसी भी प्रकार की समस्या या प्रशन हैं तो आप चाहें तो किसी डायटीशियन से भी मदद ले सकते हैं। उम्मीद है आपको हमारे इस आर्टिकल के जरिए इस बात की जानकारी हो गई होगी कि लो ब्लड प्रेशर होने पर क्या खाना चाहिए और क्या नहीं नीं खाना चाहिए। अगर आपको इस बारे में और कोई जानकारी चाहिए, तो हमसे हमारे सोशल मीडिया पेज पर पूछ सकते हैं। लो बीपी के लिए तुरंत क्या खाना चाहिए?लो बीपी होने पर अक्सर अधिक नमक वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। ऐसे में आप पनीर पर चाट मसाला या फिर हल्का नमक डालकर खा सकते हैं। इससे आपके शरीर को ताकत भी मिलेगी और लो बीपी की समस्या में भी राहत मिलेगी। कॉफी - लो बीपी को मेंटेन करने के लिए कैफीन को सबसे फायदेमंद माना गया है।
बीपी लो होने पर क्या पीना चाहिए?लेकिन आप ये सुनिश्चित करें कि आप बहुत अधिक मात्रा में नमक का सेवन नहीं कर रहे हैं वरना हाई ब्लड प्रेशर के साथ साथ वाटर रिटेंशन जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। हर दिन कम से कम 2 से 3 लीटर पानी पीना चाहिए। इसके अलावा अपने लो ब्लड प्रेशर डाइट में नारियल पानी, बेल का शरबत और आम पन्ना जैसे ड्रिंक्स को शामिल करें।
क्या बीपी लो में दूध पी सकते हैं?बीपी पेशेंट के लिए होल मिल्क, लो फैट या बिना फैट वाले दूध का सेवन करना अच्छा होता है। यह आपके ब्लड प्रेशर के साथ हार्ट हेल्थ को स्वस्थ बनाये रखने में मदद कर सकता है।
लो ब्लड प्रेशर को तुरंत कंट्रोल कैसे करे?आपको रोज कम से कम 2-3 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए. आप नारियल पानी, बेल का शरबत, आम पन्ना, नीबू पानी भी पी सकते हैं. 5- तुलसी- लो ब्लड प्रेशर वालों को रोज 4-5 तुलसी के पत्ते खाने चाहिए. तुलसी में पोटैशियम, मैग्नेशियम और विटामिन सी पाया जाता है.
|