लहसुनिया किस उंगली में पहनना चाहिए - lahasuniya kis ungalee mein pahanana chaahie

लहसुनिया रत्न के बारे में और इसकी विशेषताएँ | Cat’s Eye ( Lehsunia – Lahsuniya Stone ) Gemstone 

लहसुनिया किस उंगली में पहनना चाहिए - lahasuniya kis ungalee mein pahanana chaahie

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से कई रत्नो का उल्लेख किया जाता है। इस दुनिया में पाए जाने वाले सभी रत्न भिन्न-भिन्न ग्रहों के प्रतिनिधित्व करने वाले होते हैं। इसी प्रकार लहसुनिया रत्न केतु ग्रह का प्रतिनिधित्व करने वाला रत्न है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार केतु ग्रह को क्रूर ग्रह माना जाता है जिसके कारण यह रत्न बहुत ही महत्वपूर्ण और कीमती रत्न है, ऐसा इसलिए है क्योंकि जातक की कुंडली में उत्पन्न केतु ग्रह के दोषों को कम करने में यह रत्न मदद करता है।

जब किसी जातक की कुंडली में केतु ग्रह से दोष उत्पन्न होता है और केतु जातक पर हावी स्थिति में होता है तो जातक के लिए सबसे बेहतर होता है लहसुनिया रत्न को धारण करना,क्योंकि यह केतु के दुष्प्रभावों को कम करता है। इस दुनिया में पाए जाने वाले सभी रत्नो में से लहसुनिया रत्न एक ऐसा रत्न है जो आत्मा और परमात्मा [ मन ] से संबंधित गुणों के लिए पहचाना जाता है। केतु का रत्न लहसुनिया जातक की कुंडली में बढ़ती सर्दी के कारण उतप्न्न होने वाली बीमारियों को नष्ट करता है।

ज्योतिषीय मतानुसार जब केतु जातक की कुंडली में वक्रिय स्थिति में रहता है और प्रधान होकर कुंडली में उपस्थित होता है तब यह जातक के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध होता है, क्योंकि ऐसी स्थिति में केतु अचानक जातक की कुंडली में फायदे और खुशियां लेकर आता है। कभी-कभी ऐसी स्थिति में केतु जातक को कुष्ठ रोग, शारीरिक चोट या किसी दुर्घटना जैसी परेशानियों के लिए इशारा करता है, सिर्फ इतना ही नहीं यह केतु जातक के बच्चों, यात्रा और जीवन में होने वाली आर्थिक स्थिति के लिए भी इशारा करता है।

अब अगर हम रासायनिक समूह की बात करें तो लहसुनिया [ लहसुनिया को संस्कृत भाषा में वैद्युर्या कहते हैं ] क्रिस्सबेरिल परिवार का हिस्सा माना जाता है। इसके अनुसार लहसुनिया को क्रिसबरील कैट्स कहना भी सही होगा। ब्रह्मांड में पाए जाने वाले सभी रत्न कभी एक रंग के नहीं होते हैं उनमें भी अलग-अलग रंग पाए जाते हैं ठीक उसी प्रकार लहसुनिया रत्न भी अलग-अलग रंगों जैसे- पीला, मटीला [ मटमैला ], हल्के हरे रंग का, शहद के रंग की तरह होता है।

लहसुनिया रत्न सभी रत्नो में से ज्यादा चमकदार होता है। यह रत्न सभी रत्नो से अलग होता है क्योंकि यह कैबोकाॅन के रूप में कटा होता है। जिसके कारण इसपर पड़ने वाली प्रकाश किरण लंबी रेखा के रूप में नज़र आती है। लहसुनिया रत्न के धारण करने से जातक का मन पवित्र होने लगता है क्योंकि उसका मन मोह-माया और प्रणय क्रीड़ा आदि से हट जाता है और जातक आत्मा और परमात्मा से संबंधित गुणों की ओर झुकने लगता है। लहसुनिया रत्न के अच्छे प्रभावों से जातक का मन से संबंधित अच्छे-बुरे विचारों आदि में अंतर समझने की शक्ति प्रदान होती है। 


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आपको इस लेख में इन सभी के जबाब भी आसानी से मिल जाएंगे। 

  • लहसुनिया रत्न के फायदे
  • लहसुनिया रत्न के नुकसान
  • लहसुनिया रत्न की कीमत क्या है
  • लहसुनिया रत्न किस उंगली में पहनना [ धारण ] चाहिए
  • लहसुनिया रत्न की कीमत कितनी है
  • लहसुनिया रत्न कितने रत्ती का पहनना चाहिए
  • लहसुनिया रत्न किस धातु में पहनना चाहिए
  • लहसुनिया रत्न किसे पहनना चाहिए
  • लहसुनिया रत्न पहनने ( धारण ) की विधि
  • लहसुनिया रत्न का मूल्य 

अन्य सभी रत्नों के बारें में जानने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।  

  • माणिक रत्न के फायदे और नुकसान
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लहसुनिया रत्न की तकनीकी संरचना । Astrological Benefits of Cat’s Eye Gemstone

लहसुनिया रत्न संसार में अपनी चमक के कारण प्रसिद्ध है, क्योंकि यह रत्न सभी रत्नों में से अधिक चमकदार होता है। अब यदि हम इस रत्न की तकनीकी संरचना देखें तो लहसुनिया रत्न बेरिलियम का एल्यूमिनेट होता है। लहसुनिया का वैज्ञानिक रासायनिक सूत्र Al2BeO4 होता है। यदि इस रत्न की अपवर्तक सूची में सीमा देखी जाए तो 1.744 से 1.755 तक रहती है तथा मोहस स्केल पर इसकी कठोरता 8.5 तक होती है। इसी कारणवश यह रत्न प्रकृति में पाए जाने वाले रत्नों की कठोरता में तीसरे नंबर पर आता है।

इस रत्न का घनत्व 3.70 से लेकर 3.72 तक होता है। इस रत्न की सुंदरता और चमक को दर्शाने वाला इसमें मौजूद चयनात्मक प्रभाव होता है, जिसके कारण रत्न में एक चमक देखने को मिलती है। यह रत्न अपनी चमक के कारण सबसे ज्यादा स्मूथ रहता है। यदि देखा जाए तो हमें लहसुनिया के कई प्रकार मिलेंगे, परंतु क्रिस्सबरील लहसुनिया अपनी कठोरता, मजबूती, विशेषता, और ज्वलंत प्रभाव के कारण सबसे ज्यादा प्रभावशाली और बेहतर माना जाता है। इस रत्न को कैट आई कहने का कारण इसकी चमक और झिलमिलाहट होती है। 


लहसुनिया रत्न के फायदे । Benefits of Cat’s Eye Lehsunia Gemstone

लहसुनिया रत्न धारण करने से जातक व्यर्थ के कार्यों में अपना समय बरवाद नही करता है जातक सांसारिक स्थितियों और परिस्थितियों से अपना लगाव कम करने लगता है। जातक परम्परों के अनुसार चलने लगता है। इस रत्न के प्रभाव से जातक के जीवन में होने वाली शारीरिक परेशानियाँ दूर होती है। लहसुनिया रत्न लकवा, अवसाद और कैंसर जैसी बीमारियों से मुक्ति दिलाने में भी मदद करता है। इसके प्रभाव से जातक को मानसिक सुख प्राप्त होता है और वह अपने सभी कार्यों में अच्छे से मन लगाकर कर पाने में सफल होता है। इसीलिए लहसुनिया रत्न को तनाव मुक्ति का रत्न भी कहा जाता है।

रत्न की बात करें तो यह केतु का रत्न है। यदि आप इस रत्न को धारण करना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने किसी अनुभवी ज्योतिष आचार्य से अपनी कुंडली दिखा लें जिससे पता चल जाए की आपके लिए लहसुनिया रत्न शुभ है या नहीं। अब हम आपको लहसुनिया रत्न को विधि पूर्वक धारण करने से क्या-क्या लाभ होते हैं ये बताता हु। कृपया नीचे दिए गए बिन्दुओं को ध्यान पूर्वक पढ़ें। 

  • लहसुनिया रत्न उन जातकों के लिए सबसे ज्यादा अच्छा माना गया है जो किसी भी तरह का जोखिम उठाने के लिए तैयार रहते हैं जैसे जातक यदि शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करता है या जोखिम भरे मामलों में अपना धन लगाता है तो इस रत्न के शुभ प्रभाव से जातक को सफलता प्राप्त होती है और जोखिम की स्थिति कम रहती है। 
  • ऐसे जातक जो बड़ा व्यापार करते हैं और वे अपने व्यापार में हानि का शिकार होते हैं तो उनके लिए यह रत्न बेहद लाभकारी सिद्ध होगा क्योंकि इस रत्न के पहनने से जातक के व्यापार में आने वाली दिक्कतें खत्म होंगी और रुके हुए कार्य भी सफलता पूर्वक पूरे होते हैं।
  • लहसुनिया उन जातकों के लिए अच्छा साबित होता है जिनका धन फसा है, जमीन-जायदाद के मामलों और आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है। इसकी मदद से जातक की प्रोफेशनल लाइफ में भी बढ़ोत्तरी [ तरक्की ] होती है। 
  • ऐसे जातक जिन्हे बहुत जल्द किसी की नज़र लग जाती है उनके लिए यह रत्न नजरौटा का कार्य करेगा। 
  • ऐसे जातक जिनकी कुंडली में केतु के प्रभाव से परेशानियां होती हैं, आपका जीवन संघर्ष पूर्ण हो जाता है ऐसी स्थिति में लहसुनिया आपके लिए मददगार साबित होगा क्योंकि लहसुनिया केतु का रत्न है जो आपको चुनौतियों से लड़ने की शक्ति देगा और सुख का अनुभव कराएगा।
  • ऐसे जातक जो सच के मार्ग पर चलने वाले और मन में शुद्ध विचार रखने वाले होते हैं उनके लिए यह रत्न फायदेमंद साबित होगा। इस रत्न को धारण करने से जातक आत्मा और परमात्मा से मिलन करता है तथा वह धर्म की राह पर चलने वाला बन जाता है। 
  • लहसुनिया रत्न के शुभ प्रभाव से जातक के जीवन में होने वाली समस्याएं कम होती है तथा सुस्ती, कैंसर व लकवा जैसी बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
  • लहसुनिया रत्न धारण करने से जातक के मन में तनाव कम होता है और सोचने की शक्ति बढ़ती है।  

लहसुनिया रत्न के नुकसान । Cat’s Eye Gemstone Disadvantages

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के मतानुसार ग्रह एवं नक्षत्रों के नाराज होने पर जातक के जीवन में अचानक कई परेशानियां आना शुरू हो जाती हैं तो ग्रहों की नाराजगी से बचाव के लिए अनुभवी ज्योतिष रत्न पहनने की सलाह देते हैं, कभी-कभी जातक अपनी मर्जी से रत्न पहन लेता जिससे उसे लाभ की जगह हानि होना शुरू हो जाती है। इसलिए किसी भी रत्न को धारण करने से पहले एक बार ज्योतिष परामर्श जरूरी है।

ऐसा भी होता है की जातक की कुंडली में स्थित ग्रहों के साथ यदि रत्न का मेल नही हो पा रहा है तो जातक को उस रत्न के दुष्प्रभावों का शिकार होना पड़ सकता है। यदि आप किसी भी रत्न को धारण करके अपने जीवन में खुशहाली लाना चाहते हैं तो बिना किसी ज्योतिष परामर्श के रत्न धारण न करें। अब हम आपको इस रत्न के जातक पर क्या बुरे प्रभाव पड़ते हैं ये बताता हु। कृपया नीचे दिए गए बिन्दुओं को ध्यान पूर्वक पढ़ें। 

  • यदि जातक अपनी मर्जी से लहसुनिया रत्न धारण करता है तो उसे दिल या मस्तिष्क से जुड़ी कोई बीमारी हो सकती है। 
  • जातक को अचानक दुर्घटना, शारीरिक चोट आदि का भय रहता है।
  • लहसुनिया रत्न के बुरे प्रभाव के कारण जातक को रक्त संबंधी रोग हो सकता है। 
  • लहसुनिया रत्न के प्रभाव से जातक गुप्त रोग का शिकार हो सकता है। 
  • जातक को थकान, कमजोरी और तनाव महसूस होता है तथा शरीर से पसीना अधिक निकलने लगता है। 
  • जातक अपने स्वभाव से अच्छा होगा परंतु बिना वजह के झगड़ों में फस जाता है। 

लहसुनिया रत्न कितने रत्ती का पहनना चाहिए । How much Carat of Cat’s Eye Gemstone Should we wear

जब रत्न पहनने की बात आती है तो जातक को यह पता नहीं होता है की उसे कितने रत्ती का रत्न पहनना चाहिए। ज्योतिषीय मतानुसार यह पता चलता है कि जातक को रत्न सिर्फ केतु के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए और केतु आपकी कुंडली में गलत स्थान पर बैठा हो तब धारण करना चाहिए परंतु कुछ ऐसे जातक है जो लहसुनिया को शौक में पहनते हैं। इसी कारणवश उन्हे दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ता है।

अब अगर हम बात करें कि जातक को रत्न कितने रत्ती का पहनना चाहिए, ज़्यादातर अनुभवी ज्योतिष जातक के शारीरिक वजन के अनुसार रत्न पहनने को बताते हैं, जैसे यदि आपका वजन 50 किलोग्राम है तो आपको 5 कैरट ( रत्ती ) का लहसुनिया धारण करने की सलाह देते है। या तो फिर आपकी कुंडली में स्थित केतु के दुष्प्रभावों के अनुसार बताते हैं यानी की आपकी कुंडली में केतु की स्थिति कितनी शुभ है और कितनी अशुभ है उसी के माध्यम से आपको रत्न पहनने की सलाह देते हैं।

अब देखा जाए की जातक सामान्य तौर पर कितने रत्ती का लहसुनिया धारण कर सकता है, तो आप 2.25 कैरेट ( रत्ती ) से लेकर लगभग 10 कैरेट ( रत्ती ) तक का रत्न धारण कर सकते हैं। यदि आप लहसुनिया धारण करना चाहते हैं तो बिना किसी अनुभवी ज्योतिषी की सलाह लिए बगैर धारण न करें। 


नोटयदि आप किसी भी समस्या या अपनी कुंडली के बारे में जानना चाहते हैं तथा आपके लिए कौन सा रत्न शुभ है यह जानने के लिए आप हमारे ज्योतिष आचार्य दीपांशु जी से संपर्क करें – 9463334040


लहसुनिया रत्न का 12 राशियों पर प्रभाव । Impact of Cat’s Eye Gemstone on 12 Rashi

इस पूरे संसार में पाए जाने वाले सभी रत्नों के किसी न किसी राशि पर अलग-अलग प्रभाव देखने को मिलते है। ठीक उसी प्रकार हम आपको इस रत्न का 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ता है ये बताते हैं। जो इस प्रकार है- 

मेष राशि के जातक के लिए लहसुनिया रत्न । Cat’s Eye Gemstone for Aries sign

लहसुनिया किस उंगली में पहनना चाहिए - lahasuniya kis ungalee mein pahanana chaahie

यदि मेष राशि के जातक यह रत्न धारण करना चाहते है तो वे सबसे पहले अपनी कुंडली किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य को दिखा ले ताकि यह पता चल जाए की आपकी कुंडली में केतु ग्रह किस भाव में स्थित है। यदि केतु आपकी कुंडली के पंचम, षष्ठम, नवम या द्वादश भाव में स्थित है तो आपको लहसुनिया रत्न धारण कर लेना चाहिए। परंतु जातक को यह रत्न तब धारण करना चाहिए जब केतु आपकी जन्म कुंडली में एक निर्णायक स्थिति में बैठा हो।


वृषभ राशि के जातक के लिए लहसुनिया रत्न । Cat’s Eye Gemstone for Taurus sign

लहसुनिया किस उंगली में पहनना चाहिए - lahasuniya kis ungalee mein pahanana chaahie

यदि आपकी कुंडली के नवम या एकादश भाव में केतु ग्रह स्थित है तो आप इस रत्न को अवश्य धारण कर सकते हैं। यदि आप जानना चाहते हैं की लहसुनिया का आपके ऊपर क्या प्रभाव पड़ रहा है तो आप शुरुआत में कम से कम तीन दिन तक ट्रायल के तौर पर पहन सकते हैं। अगर बुरा प्रभाव पड़ता है तो आप रत्न उतार सकते हैं। 

वृषभ राशि के जातक रत्न धारण करना चाहते है तो वे सबसे पहले अपनी कुंडली किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य को दिखा ले ताकि यह पता चल जाए की आपकी कुंडली में केतु ग्रह किस भाव में स्थित है।


मिथुन राशि के जातक के लिए लहसुनिया रत्न । Cat’s Eye Gemstone for Gemini sign

लहसुनिया किस उंगली में पहनना चाहिए - lahasuniya kis ungalee mein pahanana chaahie

केतु ग्रह आपकी कुंडली के नवम, दसम या एकादश भाव में स्थित हो तो आप इस रत्न को धारण कर सकते हैं। यदि आप जानना चाहते हैं की लहसुनिया का आपके ऊपर क्या प्रभाव पड़ रहा है तो आप शुरुआत में कम से कम तीन दिन तक ट्रायल के तौर पर पहन सकते हैं। अगर बुरा प्रभाव पड़ता है तो आप रत्न उतार सकते हैं।

मिथुन राशि के जातक इसे धारण करना चाहते है तो वे सबसे पहले अपनी कुंडली किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य को दिखा ले ताकि यह पता चल जाए की आपकी कुंडली में केतु ग्रह किस भाव में स्थित है। 


कर्क राशि के जातक के लिए लहसुनिया रत्न । Cat’s Eye Gemstone for Cancer sign

लहसुनिया किस उंगली में पहनना चाहिए - lahasuniya kis ungalee mein pahanana chaahie

यदि कर्क राशि के जातक लहसुनिया रत्न धारण करना चाहते है तो वे सबसे पहले अपनी कुंडली किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य को दिखा ले ताकि यह पता चल जाए की आपकी कुंडली में केतु ग्रह किस भाव में स्थित है।  यदि केतु ग्रह आपकी कुंडली के षष्ठम, नवम या एकादश भाव में स्थित है तो आप इसे धारण कर सकते हैं।


सिंह राशि के जातक के लिए लहसुनिया रत्न । Cat’s Eye Gemstone for Leo sign

लहसुनिया किस उंगली में पहनना चाहिए - lahasuniya kis ungalee mein pahanana chaahie

यदि सिंह राशि के जातक लहसुनिया रत्न धारण करना चाहते है तो वे सबसे पहले अपनी कुंडली किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य को दिखा ले ताकि यह पता चल जाए की आपकी कुंडली में केतु ग्रह किस भाव में स्थित है। यदि केतु ग्रह आपकी कुंडली के अष्टम, नवम या एकादश भाव में या तो फिर संदेहयुक्त स्थिति में है तो आप लहसुनिया रत्न धारण कर सकते हैं।  


कन्या राशि के जातक के लिए लहसुनिया रत्न । Cat’s Eye Gemstone for Virgo sign

लहसुनिया किस उंगली में पहनना चाहिए - lahasuniya kis ungalee mein pahanana chaahie

यदि कन्या राशि के जातक लहसुनिया रत्न धारण करना चाहते है तो वे सबसे पहले अपनी कुंडली किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य को दिखा ले ताकि यह पता चल जाए की आपकी कुंडली में केतु ग्रह किस भाव में स्थित है। यदि केतु ग्रह आपकी कुंडली के तृतीय, चतुर्थ या नवम भाव में या तो फिर हावी स्थिति में है तो आप लहसुनिया रत्न धारण कर सकते हैं।  


तुला राशि के जातक के लिए लहसुनिया रत्न । Cat’s Eye ( Lehsunia) Gemstone for Libra sign

लहसुनिया किस उंगली में पहनना चाहिए - lahasuniya kis ungalee mein pahanana chaahie

यदि तुला राशि के जातक लहसुनिया रत्न धारण करना चाहते है तो वे सबसे पहले अपनी कुंडली किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य को दिखा ले ताकि यह पता चल जाए की आपकी कुंडली में केतु ग्रह किस भाव में स्थित है। यदि केतु ग्रह आपकी कुंडली के द्वितीय, तृतीय या एकादश भाव में है या फिर हावी स्थिति में हो तो आप लहसुनिया रत्न धारण कर सकते हैं।  


वृश्चिक राशि के जातक के लिए लहसुनिया रत्न । Cat’s Eye Gemstone for Scorpio sign

लहसुनिया किस उंगली में पहनना चाहिए - lahasuniya kis ungalee mein pahanana chaahie

यदि वृश्चिक राशि के जातक लहसुनिया रत्न धारण करना चाहते है तो वे सबसे पहले अपनी कुंडली किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य को दिखा ले ताकि यह पता चल जाए की आपकी कुंडली में केतु ग्रह किस भाव में स्थित है। यदि केतु ग्रह आपकी कुंडली के द्वितीय, दसम या एकादश भाव में या फिर हावी स्थिति में हो तो आप लहसुनिया रत्न धारण कर सकते हैं।


धनु राशि के जातक के लिए लहसुनिया रत्न । Cat’s Eye Gemstone for Sagittarius sign 

लहसुनिया किस उंगली में पहनना चाहिए - lahasuniya kis ungalee mein pahanana chaahie

यदि धनु राशि के जातक लहसुनिया रत्न धारण करना चाहते है तो वे सबसे पहले अपनी कुंडली किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य को दिखा ले ताकि यह पता चल जाए की आपकी कुंडली में केतु ग्रह किस भाव में स्थित है। यदि केतु ग्रह आपकी कुंडली के द्वितीय, चतुर्थ, नवम या द्वादश भाव में स्थित हो तो आप लहसुनिया रत्न धारण कर सकते हैं।


मकर राशि के जातक के लिए लहसुनिया । Cat’s Eye Gemstone for Capricorn sign

लहसुनिया किस उंगली में पहनना चाहिए - lahasuniya kis ungalee mein pahanana chaahie

यदि मकर राशि के जातक लहसुनिया रत्न धारण करना चाहते है तो वे सबसे पहले अपनी कुंडली किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य को दिखा ले ताकि यह पता चल जाए की आपकी कुंडली में केतु ग्रह किस भाव में स्थित है। यदि केतु ग्रह आपकी कुंडली के द्वितीय, चतुर्थ, नवम या द्वादश भाव में या तो फिर मजबूत स्थिति में हो तो आपको लहसुनिया रत्न धारण कर लेना चाहिए।


कुंभ राशि के जातक के लिए लहसुनिया रत्न । Cat’s Eye Gemstone for Aquarius sign

लहसुनिया किस उंगली में पहनना चाहिए - lahasuniya kis ungalee mein pahanana chaahie

यदि कुंभ राशि के जातक लहसुनिया रत्न धारण करना चाहते है तो वे सबसे पहले अपनी कुंडली किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य को दिखा ले ताकि यह पता चल जाए की आपकी कुंडली में केतु ग्रह किस भाव में स्थित है। यदि केतु ग्रह आपकी कुंडली के द्वितीय,दसम या एकादश भाव में या फिर मजबूत स्थिति में हो तो जातक लहसुनिया रत्न धारण कर सकता है।  


मीन राशि के जातक के लिए लहसुनिया रत्न । Cat’s Eye Gemstone for Pisces sign

लहसुनिया किस उंगली में पहनना चाहिए - lahasuniya kis ungalee mein pahanana chaahie

यदि मीन राशि के जातक लहसुनिया रत्न धारण करना चाहते है तो वे सबसे पहले अपनी कुंडली किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य को दिखा ले ताकि यह पता चल जाए की आपकी कुंडली में केतु ग्रह किस भाव में स्थित है। यदि केतु ग्रह आपकी कुंडली के द्वितीय, नवम या दसम भाव में या फिर हावी स्थिति में हो तो आप लहसुनिया रत्न धारण कर सकते हैं।  


सूचना- हम सभी पाठकों से अनुरोध करते हैं कि जब भी आप किसी रत्न को धारण करें तो उससे पहले किसी अनुभवी ज्योतिष आचार्य से परामर्श अवश्य ले लें जिससे पता चल जाए यह रत्न आपके लिए शुभ है या अशुभ उसके बाद ही रत्न धारण करें।


लहसुनिया रत्न का असली या नकली होना । How to identify real Cat’s Eye ( Lehsunia ) Gemstone

लहसुनिया रत्न को बाजार में नकली उत्पादों की वृद्धि के कारण , खरीदार अब रत्न खरीदने के दौरान अधिक सावधान और सतर्क रहने लगे हैं। उपभोक्ताओं को बेहद सावधानी वर्तनी चाहिए , क्योंकि अच्छी कीमत हमेशा प्राथमिकता की गारंटी नहीं देती गुणवत्ता और कीमत के संदर्भ में पत्थरों का एक व्यापक बाजार है। आमतौर पर लहसुनिया रत्न को अधिक चमकदार माना जाता है , लेकिन वो लैब द्वारा प्रमाणित होना चाहिए।

तभी आप असली व नकली रत्न के बीच पहचान कर सकेंगे। इसके अलावा , उपभोक्ता रत्न खरीदने से पहले उसकी गुणवत्ता का पता भी लगा सकता है। व्यापक रूप से उपलब्ध नकली उत्पादों से सावधान रहें। इन सब बातों के माध्यम से आप असली या नकली लहसुनिया की पहचान आसानी से कर पाएंगे।नीचे दिए गए बिन्दुओं को ध्यानपूर्वक पढ़ें- 

  • लहसुनिया रत्न को एक अंधेरे कमरे में रख दें और फिर देखे की उस रत्न में ठीक वैसी ही चमक दिखाई दे रही है जैसी बिल्ली की आंखें चमकती है यदि बिल्ली की आँखों की तरह चमक दिखाई दे रही है तो समझो लहसुनिया रत्न असली है। 
  • एक सबसे आसान तरीका आप लहसुनिया रंग का कोई कपड़ा लें और फिर अस पर लहसुनिया रत्न को कस के रगड़ें, यदि रगड़ने के बाद रत्न की चमक बढ़ जाती है तो समझो लहसुनिया असली है।
  • लहसुनिया रत्न की रंग के माध्यम से पहचान करने के लिए आप सबसे पहले रत्न को अपने हाथ पर रख लें उसके बाद आप तिरछा करके देखेंगे तो उसमें एक प्रकाश ( रोशनी ) की तरह पतली रेखा नज़र आएगी। हमें यह रेखा रत्न के अंदर होने वाली एक बारीक़ समानान्तर सुइयों से प्रशोषित होने वाली प्रकाश किरण के माध्यम से दिखती है। परंतु लहसुनिया रत्न विभिन्न रंगों में पाया जाता है जैसे- हरा, हल्का हरा, भूरा और पीले रंग का। 
  • लहसुनिया रत्न के अंदर पाए जाने वाले कट के माध्यम से पहचान करने के लिए आप देखें कि रत्न के अंदर इस प्रकार से कट होना चाहिए की उसका चयनात्मक प्रभाव जैसे का तैसा ही रहे। यदि लहसुनिया रत्न को कैबोकाॅन के रूप में काटा जाए तो इसके ऊपर पड़ने वाली प्रकाश किरण लंबी रेखा में दिखाई देती है। क्योंकि यह रेखा कैबोकाॅन की ऊपरी सतह पर नज़र आती है। यही कारण है इस रत्न को कैट आई कहना का जो बिल्ली की आँख की तरह नज़र आती है। 
  • लहसुनिया रत्न की कैरेट के माध्यम से पहचान करने के लिए आपको जानकारी होनी चाहिए की लहसुनिया रत्न कम से कम 0.10 कैरेट से लेकर लगभग 3.00 कैरेट तक का मिलता है,परंतु ज्यादा से ज्यादा यह 150 कैरेट तक का आता है परंतु 150 कैरेट का लहसुनिया बहुत मुश्किल से प्राप्त होता है, क्योंकि इसकी कीमत बहुत अधिक होती है।
  • इस संसार में पाया जाने वाला लहसुनिया रत्न की चमक दूधिया या तो फिर बिल्कुल साफ होना असंभव है, क्योंकि ऐसे रत्न कठिनाई से प्राप्त होने वाले होते हैं। 

{ नोट- में सभी जातकों से अनुरोध करता हु आप किसी भी रत्न को खरीदना चाहते हैं तो ऐसी जगह से खरीदें जहा आपको रत्न की प्रामाणिकता का सर्टिफिकेट साथ में दिया जाए, यदि मन में किसी तरह की शंका उत्पन्न होती है तो आप परीक्षण प्रयोगशाला में चेक करा सकते हैं।


लहसुनिया रत्न का मूल्य ( कीमत ) । Cat’s Eye [ Lehsunia ] Stone Price 

लहसुनिया रत्न की कीमत उसकी गुणवत्ता, चमक और क्वालिटी पर निर्भर करती है यदि लहसुनिया साफ और चमकदार होता है तो उसकी कीमत कम से कम 1300 रुपये/कैरेट से लेकर 2200 रुपये/कैरेट होती है। लहसुनिया रत्न की क्वालिटी और चमक के आधार पर इसकी कीमत कम ज्यादा भी हो सकती है।


लहसुनिया रत्न के उपरत्न । Substitute for Cat’s Eye ( Lehsunia ) Gemstone

यदि लहसुनिया रत्न को देखा जाए तो यह ज्यादा कीमती रत्न भी नहीं है परंतु कभी कभी ऐसा होता है की जातक लहसुनिया रत्न नहीं खरीद पाता है क्योंकि यह रत्न उसके लिए महंगा साबित होता है। परंतु जातक लहसुनिया रत्न के विकल्पी उपरत्न खरीद कर आसानी से धारण कर सकता है। लहसुनिया रत्न के विकल्पी दो उपरत्न हैं, जिनका नाम- 

1. कैट्स आई क्वार्ट्ज़

2. एलेग्जण्ड्राइट

अब यदि देखा जाए तो जातक कैट्स आई क्वार्ट्ज़ और एलेग्जण्ड्राइट में से कोई एक उपरत्न धारण कर सकता है। इस दुनिया में पाए जाने वाले सभी रत्नों के उपरत्न कम कीमत के ही होते है इसलिए जातक उन्हें आसानी से खरीद सकता है। 


लहसुनिया रत्न धारण करने की विधि | How to wear Cat’s Eye ( Lehsunia)  Gemstone

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के मतानुसार लहसुनिया रत्न को केतु का रत्न कहा गया है। कभी-कभी जातक की कुंडली में उत्पन्न केतु के दुष्प्रभाव के कारण जातक को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लहसुनिया रत्न जातक के जीवन में केतु ग्रह के दुष्प्रभों को कम करने और कष्टों को कम करने के लिए जाना जाता है। लहसुनिया के शुभ प्रभाव से जातक आत्मा और परमात्मा से संबंधित होता है और मानसिक तनाव कम करता है।

इस ब्रह्मांड में पाए जाने वाले सभी रत्न किसी न किसी ग्रह से संबंध रखने वाले होते हैं इसलिए सभी रत्नों को धारण करने की अलग-अलग विधि होती है। जातक के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है किसी भी रत्न को विधि पूर्वक धारण करना क्योंकि जब आप किसी भी रत्न को विधि पूर्वक धारण करेंगे तभी आपको इसके फायदे मिलेंगे अन्यथा नुकसान प्राप्त होंगे। लहसुनिया रत्न को धारण करने की विधि कुछ इस प्रकार है। 

नीचे दिए गए बिन्दुओं को ध्यान पूर्वक पढ़ें- 

  • यह रत्न केतु से संबंधित रत्न है और जैसा की आप सभी जानते हैं कि राहु और केतु ऐसे ग्रह है जो यदि जातक की कुंडली में अशुभ होते हैं तो जातक से बहुत संघर्ष कराते हैं इसलिए जब भी आप लहसुनिया रत्न धारण करें तो किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य से सलाह अवश्य ले लें। 
  • लहसुनिया रत्न का वजन कम से कम 7 कैरेट का होना चाहिए जो लगभग 1400 एमजी का होना चाहिए। 
  • आप जिस हाथ को शुभ मानकर कार्य करते हैं उसी हाथ की रिंग फिंगर या मध्यमा उंगली में अंगूठी के रूप में लहसुनिया रत्न धारण करना चाहिए। 
  • जब भी आप लहसुनिया रत्न धारण करें तो याद रहे वह आपकी बॉडी से टच होता रहे। 
  • लहसुनिया रत्न को धारण करने से पहले शुद्ध करना बेहद जरूरी होता है इसलिए आप लहसुइया रत्न को शुद्ध करने के लिए गंगाजल या गाय के दूध में डुबोकर 10 से 15 मिनट तक रख दें और उसके बाद धारण करें। 
  • लहसुनिया रत्न को शुक्ल पक्ष के किसी मंगलवार के दिन सुबह से शाम तक पहनना शुभ माना जाता है। 
  • लहसुनिया धारण करने से किसी अनुभवी ज्योतिष के द्वारा अंगूठी में जड़े हुए रत्न को केतू के मंत्र ” ॐ केतवे नमः ” का 108 बार उच्चारण करवा लें। उसके बाद रत्न धारण करें। 
  • यदि रत्न मैला हो जाता है तो इसे साफ करने का सबसे अच्छा उपाए है की इसे किसी साबुन के पानी में डालकर थोड़ी देर बाद साफ्ट ब्रुश से साफ करलें। 

नोट- हमारे यहाँ सभी प्रकार के रत्न उपलब्ध है और हमारे यहाँ से ज़्यादातर लोग वैबसाइट के माध्यम से रत्नों को खरीदते हैं। हम लोगों को शुद्ध और सही तथा लैब द्वारा प्रमाणित रत्न उपलब्ध कराते हैं। हमारे यहां उपलब्ध रत्नों की गुणवत्ता और क्वालिटी में कोई कमी नहीं होती है। संसार में रत्नों को किसी लैब में तैयार नही किया जा सकता क्योंकि जो शुद्ध और अच्छी गुणवत्ता वाले रत्न  होते हैं वे सभी प्रकृति से प्राप्त होते हैं। हमारे पास लहसुनिया रत्न उचित मूल्यों में और बाजार की कीमत से कम में मिलता है। अतः आप हमसे असली और लैब द्वारा प्रमाणित रत्न की उम्मीद कर सकते हैं। 


लहसुनिया रत्न कौन सी उंगली में पहने?

लहसुनिया धारण करने की विधि रत्न शास्त्र के अनुसार सवा रत्ती लहसुनिया, चांदी की अंगूठी या लॉकेट में शनिवार के दिन धारण किया जा सकता है. लहसुनिया को हमेशा मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए.

लहसुनिया कब पहना जाता है?

लहसुनिया धारण विधि सवा रत्ती का लहसुनिया चांदी की अंगूठी अथवा लाकेट में शनिवार को पहनना चाहिए। लहसुनिया मध्यमा अंगुली में धारण किया जाता है। दूसरे मत के अनुसार विशाखा नक्षत्र में मंगलवार के दिन 7, 8 या 12 रत्ती का लहसुनिया मध्यमा अंगुली में धारण किया जाता है।

लहसुनिया को कैसे धारण करें?

अगर कुंडली में केतु पांचवे भाव के स्वामी के साथ हो या फिर भाग्येश के साथ हो तो लहसुनिया पहनना शुभ होगा।

लहसुनिया कितने दिनों में असर दिखाता है?

रत्नों के परिणाम कितने दिन में दिखाई पड़ते हैं इसका विवरण इस प्रकार है। मोती 3 दिन माणिक्य 30 दिन मूंगा 21 दिन पन्ना 7 दिन पुखराज 15 दिन नीलम 2 दिन हीरा 22 दिन गोमेद 30 दिन लहसुनिया 30 दिन ज्योतिष में रत्न को किन उंगलियों में धारण करना चाहिए इस पर भी विवरण मिलता है।