लाल किला का झंडा कौन फहराता है? - laal kila ka jhanda kaun phaharaata hai?

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज के दिन लाल किले पर 9वीं बार तिरंगा फहराने वाले पीएम बन जाएंगे.

Independence Day 2022 : इस बार 15 अगस्त पर सारा देश आजादी की 75वीं सालगिरह मना रहा है. स्वतंत्रता दिवस पर हर साल देश के प्रधानमंत्री लालकिले की प्राचीर से तिरंगा झंडा फहराते हैं. लालकिले पर झंडा फहराने का यह सिलसिला 75 साल से जारी है. लालकिले पर पहली बार तिरंगा देश के पहले प्रधानमंत्री और महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित जवाहरलाल नेहरू ने फहराया था. 

तब से लेकर अब तक देश के तमाम प्रधानमंत्रियों ने इस परंपरा को निभाया और आगे बढ़ाया है. इनमें कई प्रधानमंत्री ऐसे हुए जिन्हें यह गौरव कई बार हासिल हुआ, तो कुछ को प्रधानमंत्री बनने के बावजूद किसी वजह से यह मौका नहीं मिल सका. आइए जानते हैं कि आजादी के बाद से अब तक किस प्रधानमंत्री ने लाल किले पर कितनी बार तिरंगा फहराया है. 

पंडित जवाहरलाल नेहरू

आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री रहे जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले की प्राचीर से 17 बार तिरंगा झंडा फहराया था. वे आजाद भारत के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले राजनेता हैं. आधुनिक भारत के निर्माता कहे जाने वाले पंडित नेहरू ने 1947 से 1964 तक देश की बागडोर संभाली. हालांकि 15 अगस्त 1947 को देश के पहले प्रधानमंत्री के तौर पर पंडित नेहरू ने लालकिले पर नहीं, बल्कि नई दिल्ली में इंडिया गेट के पास प्रिंसेस पार्क में पहली बार तिरंगा फहराया था. लेकिन उसके अगले साल उन्होंने ही पहली बार लालकिले पर तिरंगा फहराने की परंपरा शुरू की. 

इंदिरा गांधी

आयरन लेडी के नाम से मशहूर इंदिरा गांधी आजाद भारत की पहली और आखिरी महिला प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने लाल किले से 16 बार तिरंगा फहराया था. वे पहले 1966 से 1977 तक और उसके बाद जनवरी 1980 से अक्टूबर 1984 तक देश की प्रधानमंत्री रहीं. आयरन लेडी गांधी दूसरी ऐसी शख्सियत हैं, जिनके नाम सबसे लंबे समय तक भारत के प्रधानमंत्री के पद पर रहने का रिकॉर्ड है.

मनमोहन सिंह

साल 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे डॉ. मनमोहन सिंह ने लाल किले पर 10 बार झंडा फहराया है. दुनिया के जानेमाने अर्थशास्त्री डॉ मनमोहन सिंह 1972 से लेकर 1976 तक वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे. इसके अलावा उन्होंने 1991 से 1996 तक केंद्रीय वित्त मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाली. डॉ मनमोहन सिंह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर और प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के आर्थिक सलाहकार भी रह चुके हैं.

नरेन्द्र मोदी

मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लाल किले पर 8 बार तिरंगा फहरा चुके हैं. वह साल 2014 से अब तक देश के प्रधानमंत्री हैं. प्रधानमंत्री बनने से पहले वे 12 साल से ज्यादा समय तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे.

अटल बिहारी वाजपेयी

देश के प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए अटल बिहारी वाजपेयी ने लाल किले पर 6 बार तिरंगा फहराया था. वाजपेयी सबसे पहले 1996 में 13 दिन के लिए प्रधानमंत्री बने थे. उसके बाद 1998 से 1999 तक वे दोबारा 13 महीने के लिए देश के प्रधानमंत्री बने. 1999 में उन्होंने एक बार फिर से प्रधानमंत्री का पद संभाला और इस बार पूरे 5 साल तक इस पद पर बने रहे. वाजपेयी अपने लंबे राजनीतिक करियर के दौरान देश के विदेश मंत्री भी रहे. 

राजीव गांधी

राजीव गांधी ने देश के प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए 5 बार तिरंगा फहराया था. वे 1984 से लेकर 1989 तक देश के प्रधामंत्री रहे. 21 मई 1991 को वे तमिलनाडु के श्रीपेरुंबुदूर में तमिल आतंकवादियों के हमले में शहीद हो गए. राजीव गांधी को देश में इंफॉर्मेशन टेक्नॉलजी यानी आईटी रिवोल्यूशन की शुरुआत करने के लिए जाना जाता है. हमारा देश आज कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में जितना आगे बढ़ पाया है, उसका श्रेय राजीव गांधी को भी जाता है. 

नरसिंह राव

नरसिंह राव 1991 से लेकर 1996 तक ये देश के प्रधानमंत्री रहे. उन्होंने भी लाल किले की प्राचीर से पांच बार तिरंगा फहराया था. नरसिंह राव को तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ मनमोहन सिंह के साथ मिलकर देश को गंभीर आर्थिक संकट से बाहर निकालकर आर्थिक प्रगति की नई राह पर ले जाने वाले नई आर्थिक नीति की शुरुआत करने के लिए जाना जाता है. 

लाल किले से एक बार तिरंगा फहराने वाले पीएम 

लाल बहादुर शास्त्री (1964-66), चौधरी चरण सिंह (1979-80), विश्वनाथ प्रताप सिंह (1989-90), एचडी देवेगौड़ा (1996-97) और इंदर कुमार गुजराल (1998-99) आजाद भारत के ऐसे प्रधानमंत्री रहे, जिन्हें लाल किले से तिरंगा फहराने का मौका सिर्फ एक बार ही मिला. 

प्रधानमंत्री बने लेकिन लाल किले पर तिरंगा नहीं फहरा सके 

गुलजारी लाल नंदा और चंद्रशेखर देश के दो ऐसे प्रधानमंत्री रहे, जिन्हें एक बार भी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से तिंरंगा फहराने का मौका नहीं मिला.

नई दिल्लीः देश का राष्ट्रीय ध्वज आन-बान और शान का प्रतीक है. हर साल स्वतंत्रता दिवस के दिन 15 अगस्त और गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी को झंडा फहराया जाता है लेकिन स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने में कुछ अंतर भी होते हैं. आइए स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ऐसे ही कुछ फर्क के बारे में जानते हैं.

स्वतंत्रता दिवस के दिन लाल किले पर ध्वज को ऊपर की तरफ खींचकर फहराया जाता है और इसको ध्वजारोहण कहते हैं. अंग्रेजी में इसे Flag Hoisting कहा जाता है. दूसरी तरफ गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज ऊपर बंधा रहता है और उसको खोलकर फहराते हैं और इसे झंडा फहराना कहा जाता है. इसको अंग्रेजी में Flag Unfurling कहा जाता है.

 प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के ध्वज फहराने का फर्क
स्वतंत्रता दिवस पर 15 अगस्त के मुख्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री शामिल होते हैं और वे ही इस अवसर पर ध्वजारोहण करते हैं. जबकि गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी के मुख्य कार्यक्रम में देश के राष्ट्रपति शामिल होते हैं और वे झंडा फहराते हैं.

मुख्य कार्यक्रम की जगह का फर्क
15 अगस्त के मौके पर मुख्य कार्यक्रम लाल किले पर आयोजित होता है और प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं. इसके साथ ही पीएम इस अवसर पर लाल किले से देश को संबोधित भी करते हैं. जबकि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर मुख्य कार्यक्रम राजपथ पर आयोजित होता है और राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं.

स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री और गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति ध्वज फहराते हैं. दरअसल, पीएम देश के राजनीतिक और राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख प्रमुख होते हैं. देश का संविधान भी 26 जनवरी को संविधान लागू हुआ था. ऐसे में स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री और गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति ध्वज फहराते हैं.

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दिल्ली के लाल किले पर झंडा कौन फहराता है?

स्वतंत्रता दिवस पर हर साल देश के प्रधानमंत्री लालकिले की प्राचीर से तिरंगा झंडा फहराते हैं. लालकिले पर झंडा फहराने का यह सिलसिला 75 साल से जारी है. लालकिले पर पहली बार तिरंगा देश के पहले प्रधानमंत्री और महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित जवाहरलाल नेहरू ने फहराया था.

लाल किला पर 26 जनवरी को झंडा कौन फहराता है?

26 जनवरी को देश में संविधान लागू होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. इस दिन संवैधानिक प्रमुख राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं. स्वतंत्रता दिवस के दिन लाल किले से ध्वजारोहण किया जाता है.

15 अगस्त में लाल किले पर झंडा कौन फहराता है?

तीसरा अंतर : स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारत के प्रधानमंत्री दिल्ली स्थित लाल किले के प्राचीर पर तिरंगे का ध्वजारोहण करते हैं. वहीं, गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत के संवैधानिक प्रमुख होने के नाते देश के राष्ट्रपति इंडिया गेट के राजपथ पर तिरंगा झंडा फहराते हैं.

2022 में लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान कौन झंडा फहराया?

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