मंगलवार का व्रत कैसे किया जाता है? - mangalavaar ka vrat kaise kiya jaata hai?

मंगलवार का व्रत कैसे किया जाता है? - mangalavaar ka vrat kaise kiya jaata hai?

मंगलवार व्रत विधि (Pic: iStock) 

मुख्य बातें

  • मंगलवार का व्रत करने से मिलती है हनुमान जी की असीम कृपा।

  • मंगलवार का व्रत करने से होता है शत्रुओं का नाश।

  • इस व्रत से होती है सुख-समृद्धि की प्राप्ति। 

Mangalvar Vrat Vidhi In Hindi: मंगलवार का व्रत करना श्री हनुमान के भक्तों के लिए लाभदायक होता है। मंगलवार का व्रत करने से कुंडली में मौजूद मंगल ग्रह शुभ फल देता है। यह व्रत करने से साहस, सामान, बल और पुरुषार्थ बढ़ता है। जो जातक मांगलिक दोष से पीड़ित होते हैं उन्हें यह व्रत जरूर करना चाहिए। मंगलवार का व्रत करने से संतान प्राप्ति होती है तथा संतान संबंधित समस्याएं दूर होती हैं। भगवान हनुमान की असीम कृपा की वजह से यह व्रत करने वाले लोगों को किसी प्रकार का भय नहीं रहता है। मंगलवार का व्रत करने से शत्रुओं का नाश होता है तथा शनि दोष से मुक्ति मिलती है। मंगलवार का व्रत करने से घर, वाहन आदि का सुख प्राप्त होता है। जो जातक यह व्रत प्रारंभ करना चाहते हैं उन्हें किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार से यह व्रत प्रारंभ करना चाहिए। यह व्रत 21 या 45 मंगलवार तक रखा जाता है। कुछ लोग इसे आजीवन भी रखते हैं। 

मंगलवार व्रत पूजा विधि

मंगलवार का व्रत करने के लिए सुबह जल्दी उठें तथा स्नान करके स्वच्छ लाल कपड़े पहन लें। अगर पुरुष यह व्रत कर रहे हैं तो पूजा के दौरान सिले हुए लाल कपड़े ना पहनें। घर के ईशान कोण में चौकी रखें। अब भगवान हनुमान की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। भगवान हनुमान की मूर्ति या चित्र के साथ भगवान राम और माता सीता की मूर्ति या चित्र अवश्य स्थापित करें। हाथ में जल लेकर भगवान हनुमान के सामने व्रत करने का संकल्प लें और प्रार्थना करें। धूप-दीप या दीया जलाकर भगवान राम और माता सीता की पूजा आराधना करें इसके बाद श्री हनुमान की पूजा करें। 

पूजा के दौरान श्री हनुमान को लाल वस्त्र, सिंदूर और लाल फूल अर्पित करें। अब रूई में चमेली का तेल डालकर भगवान हनुमान के सामने रख दें। कथा, सुंदर काण्ड और हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद आरती करें। फिर श्री हनुमान को गुड़ और चना का भोग लगाएं।  

मंगलवार व्रत में क्या खाएं क्या नहीं

मंगलवार व्रत के दौरान आपको गुड़ और गेहूं का भोजन करना चाहिए। इस दिन नमक ना खाएं। मंगलवार व्रत करने के दौरान मीठा भोजन ग्रहण करें। आप फल और दूध का सेवन भी कर सकते हैं।

मंगलवार व्रत का मंत्र

अगर आप मंगलवार का व्रत कर रहे हैं तो लाल चंदन की माला से 108 बार नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें।

ऊं क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:

इस दिन क्या करें दान

अगर आप मंगलवार का व्रत कर रहे हैं तो इस दिन मसूर की दाल, सोना, तांबे का बर्तन, गुड़, तिल, लाल कपड़े, केसर में दे सकते हैं।

कैसे करें मंगलवार व्रत का उद्यापन

आपने जितने मंगलवार व्रत करने का संकल्प लिया है उसके अगले मंगलवार के दिन उद्यापन कर सकते हैं। यदि आपने 21 मंगलवार व्रत रखने का संकल्प लिया है तो 21 मंगलवार का व्रत रखने के बाद 22वें मंगलवार के दिन उद्यापन करें। विधि-विधान से भगवान हनुमान की पूजा करने के बाद हनुमान जी के लिए हवन करवाएं तथा उन्हें वस्त्र अर्पित करें। इस दिन ब्राह्मण भोजन करवाएं और दान देंं। 

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

मंगलवार के व्रत को लेकर ऐसी मान्‍यता है यह बल, साहस, सम्‍मान और पुरुषार्थ को बढ़ाने वाला माना जाता है। इस व्रत को करने से हनुमानजी की प्रसन्‍न होकर हमारे जीवन के सभी संकटों को दूर करते हैं। साथ ही यह भी माना जाता है कि इस व्रत करने से हम सभी प्रकार की बुरी शक्तियों और नेगेटिव एनर्जी से दूर रहते हैं। कभी सोचा है कि हनुमानजी की व्रत मंगल को ही क्‍यों किया जाता है ? आज हम आपको बता रहे हैं कि किस वजह से हनुमानजी की पूजा मंगलवार को की जाती है।

कर्क संक्रांति कब है, जानें किन-किन राशियों को मिलेगा 1 महीने तक फायदा

मंगलवार क्‍यों माना जाता है बजरंगबली का दिन ?

पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार और स्‍कंदपुराण में बताए गए प्रसंग के अनुसार मंगलवार को बजरंगबली का जन्‍म हुआ था। इस वजह से ही उनकी पूजा के लिए यह दिन समर्पित होता है और उनका व्रत करने से जीवन से सभी प्रकार के कष्‍ट और संकट दूर होते हैं। इसी वजह से हनुमानजी को संकटमोचक भी कहा जाता है। साथ ही यह भी माना जाता है कि मंगल ग्रह का संबंध भी हनुमानजी से होता है तो इस वजह से भी मंगलवार को हनुमानजी की पूजा की जाती है। इस दिन उपवास करने और सुंदरकांड का पाठ करने से मंगल के अशुभ प्रभाव भी दूर होते हैं।

मंगलवार का व्रत कैसे किया जाता है? - mangalavaar ka vrat kaise kiya jaata hai?

मंगलवार के व्रत में करें इन नियमों का पालन

  • मंगलवार के व्रत में सबसे ज्‍यादा ध्‍यान पवित्रता का रखा जाता है।
  • पूजा के वक्‍त मन को इधर-उधर न भटकने दें। शांत मन से प्रभु का ध्‍यान करें।
  • मंगलवार के दिन व्रत रखते हैं तो नमक का सेवन न करें। इसके साथ ही अगर किसी मीठी वस्‍तु का दान करते हैं तो उसे स्‍वयं ग्रहण न करें।
  • मंगलवार के व्रत में भूलकर काले या सफेद वस्‍त्र पहनकर हनुमानजी की पूजा न करें। इस दिन लाल कपड़े पहनना सबसे अच्‍छा होता है।
  • व्रत रखने वाले व्‍यक्ति को दिन भर में केवल एक बार भोजन करना चाहिए।

व्रत का आरंभ कब से करें

यदि आप रखना चाहते हैं मंगलवार का व्रत तो इसका आरंभ किसी भी महीने के शुक्‍ल पक्ष के पहले मंगलवार से करना सबसे अच्‍छा माना जाता है। यदि मन में कोई मनोकामना लेकर आप यह व्रत शुरू करना चाहते हैं तो 21 या 45 मंगलवार व्रत करने का संकल्‍प लेना चाहिए। ऐसा करने से आपके मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। 21 या 45 मंगल व्रत करने के बाद आपको उद्यापन करना चाहिए। इस दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाने के साथ ही दान पुण्‍य भी करना चाहिए।

करियर में बढ़ रही है फ्रस्‍टेशन तो ये 5 उपाय आ सकते हैं आपके काम

क्‍या महिलाएं कर सकती हैं यह व्रत

महिलाओं के मन में हनुमानजी की पूजा को लेकर अक्‍सर संदेह बना रहता है। लेकिन पुराणों में बताया गया है कि महिलाएं भी बजरंगबली की पूजा कर सकती हैं और व्रत रख सकती हैं। किसी ग्रंथ में यह नहीं लिखा है कि महिलाओं को हनुमानजी की पूजा नहीं करना चाहिए। बस महिलाओं द्वारा हनुमानजी को लाल वस्‍त्र या फिर चोला नहीं चढ़ाया जाना चाहिए, क्‍योंकि वह आजीवन ब्रह्मचारी थे। महिलाओं को मासिक धर्म के बीच में मंगलवार पड़े तो व्रत नहीं करना चाहिए।

Aarti ki jai Hanuman lala ki : हनुमान लला की आरती

हनुमानजी की आरती

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।।

अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।।

दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुध लाए।।

लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।।

लंका जारी असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे।।

लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आणि संजीवन प्राण उबारे।।

पैठी पताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखाड़े।।

बाएं भुजा असुर दल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे।।

सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे। जै जै जै हनुमान उचारे।।

कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई।।

लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।।

जो हनुमानजी की आरती गावै। बसी बैकुंठ परमपद पावै।।

वास्‍तु टिप्‍स : घर में भूलकर भी न रखें पुरानी हो चुकी ये चीजें, होती है धन की हानि

Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप

लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें

मंगलवार व्रत की शुरुआत कैसे करें?

यदि आप रखना चाहते हैं मंगलवार का व्रत तो इसका आरंभ किसी भी महीने के शुक्‍ल पक्ष के पहले मंगलवार से करना सबसे अच्‍छा माना जाता है। यदि मन में कोई मनोकामना लेकर आप यह व्रत शुरू करना चाहते हैं तो 21 या 45 मंगलवार व्रत करने का संकल्‍प लेना चाहिए। ऐसा करने से आपके मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।

मंगलवार का व्रत कितने बजे खोलना चाहिए?

हिन्दू धर्म में मंगलवार के व्रत का महत्व बहुत अधिक माना जाता है। मान्यता है कि विधिपूर्वक व्रत रखने से व्रती सभी तरह के भय और चिंताओं से मुक्त हो जाता है। * मंगलवार के दिन सूर्योदय से पहले ही उठ जाना चाहिए

मंगलवार के व्रत के दिन क्या खाना चाहिए?

मंगलवार व्रत के दौरान आपको गुड़ और गेहूं का भोजन करना चाहिए। इस दिन नमक ना खाएं। मंगलवार व्रत करने के दौरान मीठा भोजन ग्रहण करें। आप फल और दूध का सेवन भी कर सकते हैं।.
मंगलवार का व्रत करने से मिलती है हनुमान जी की असीम कृपा।.
मंगलवार का व्रत करने से होता है शत्रुओं का नाश।.
इस व्रत से होती है सुख-समृद्धि की प्राप्ति।.

मंगलवार का व्रत कब से शुरू करना चाहिए?

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक मंगलवार का व्रत किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार से शुरू किया जा सकता है. अगर मंगलवार का व्रत किसी मनोकामना पूर्ति के लिए किया जाता है को इसे 21 या 45 मंगलवार तक किया जाना चाहिए, ऐसी मान्यता है. 21 या 45 मंगलवार तक व्रत करने के बाद इसका उद्यापन किया जाता है.