महालक्ष्मी का व्रत कौन से दिन? - mahaalakshmee ka vrat kaun se din?

Mahalaxmi Vrat 2022 Date and Timing: हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि बेहद ही खास है. इस दिन महालक्ष्मी का व्रत रखा जाता है. मान्यता है कि यदि महालक्ष्मी प्रसन्न हो जाएं तो जातक को कभी आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़ता.

महालक्ष्मी का व्रत कौन से दिन? - mahaalakshmee ka vrat kaun se din?

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Mahalaxmi Vrat 2022 Date: हिंदू पंचांग के अनुसार फिलहाल पितृपक्ष चल रहा है और इस दौरान कई ऐसे व्रत व त्योहार आते हैं जो कि बेहद ही होते हैं. इसमें महालक्ष्मी का व्रत सबसे महत्वपूर्ण होता है. (Mahalaxmi Vrat 2022 Date) जो कि आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन आता है. इस व्रत में हाथी पर सवार मां लक्ष्मी का पूजन किया जाता है और मान्यता है कि इस व्रत को करने से घर में सुख-समृद्धि आती है. (Mahalaxmi Vrat 2022 Shubh Muhurat) कई स्थानों पर इस दिन हाथी का पूजन किया जाता है और इसलिए इसे हाथी पूजा भी कहते हैं. आइए जानते हैं इस बार कब है महालक्ष्मी व्रत और पूजन विधि?

कब है महालक्ष्मी व्रत 2022

हिंदू पंचांग के अनुसार कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 17 सितंबर को दोपहर 2 बजकर 14 मिनट पर शुरू होगी 18 सितंबर को शाम 4 बजकर 33 मिनट तक रहेगी. व्रत 17 सितंबर को किया जाएगा. बता दें कि महालक्ष्मी पूजा की शुरुआत 3 सितंबर को हुई थी और 17 सितंबर को इसका समापन होगा.

महालक्ष्मी व्रत पूजन विधि

अगर आप महालक्ष्मी व्रत करना चाहते हैं तो 17 सितंबर को सुबह उठकर स्नान आदि करें और हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प करें. व्रत का संकल्प करने के बाद मंदिर की सफाई करें और वहां एक चैकी पर लाल कपड़ा बिछाएं. इसके बाद चैकी पर मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें. ध्यान रखें कि इस दिन हाथी पर सवान मां लक्ष्मी की मूर्ति का पूजन किया जाता है और इसलिए यही मूर्ति स्थापित करें.

फिर मां लक्ष्मी को फूलों का हार पहनाएं और सिंदूर से उनका तिलक करें. इसके बाद चंदन, अबीर, गुलाल, दूर्वा, लाल सूत, सुपारी, नारियल अर्पित करें. पूजा के दौरान सूत 16-16 की संख्या में 16 बार रखने चाहिए. इसके बाद धूप-दीप जलाएं और फिर हाथी की भी पूजा करें. अंत में भोग लगाएं और मां लक्ष्मी कथा व आरती पढ़कर पूजा सम्पन्न करें.

डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं. India.Com इसकी पुष्टि नहीं करता. इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.

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महालक्ष्मी व्रत भी भाद्रपद की अष्टमी तिथि े शुरू होता है महालक्ष्मी व्रत, इस दिन से शुरू होकर यह व्रत 16 दिन तक चलता है। 16वें दिन सुहागिन महिलाएं विधि विधान से महालक्ष्मी का पूजन और व्रत करती हैं। श्

महालक्ष्मी का व्रत कौन से दिन? - mahaalakshmee ka vrat kaun se din?

Anuradha Pandeyलाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीSat, 03 Sep 2022 09:13 AM

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महालक्ष्मी व्रत भी भाद्रपद की अष्टमी तिथि से शुरू होता है महालक्ष्मी व्रत, इस दिन से शुरू होकर यह व्रत 16 दिन तक चलता है। 16वें दिन सुहागिन महिलाएं विधि विधान से महालक्ष्मी का पूजन और व्रत करती हैं। श्राद्ध में अष्टमी तिथि को यह व्रत पूरे होते हैं।  इस बार यह व्रत 3 सिंतबर से शुरू हो रहा है और 17 सितंबर तक चलेगा। इस बार अष्टमी तिथि 3 तारीख को लग रही है जो 4 तारीख को सुबह 10 बजे तक रहेगी। इसलिए 3 या चार सितंबर किसी भी दिन यह व्रत रका जा सकता है।

इस दिन लक्ष्मी माता को सुहाग का सामान, साड़ी, बिंदी, सिंदूर, बिछिया, चूड़ी आदि अर्पित करनी चाहिए और उनसे अपने सुहाग और घर में सुख समृद्धि के  लिए कामना करनी चाहिए। इस व्रत में नारियल को स्वरुप मानकर महालक्ष्मी जी की प्रतिमा बनाई जाती है, अलग-अलग जगह न्रत करने की परंपराएं अलग-अलग है।

इस दिन कमलगट्टे की माला का जाप करना भी अच्छा होता है, इसके अलावा श्री यंत्र की पूजा करना भी शुभ माना जाता है। अधिकतर जगह सुहागिन महिलाएं ही इस व्रत को करती हैं।

Maha Lakshmi Vrat 2022: महालक्ष्मी व्रत आज से हो रहे प्रारंभ, जानिए मां लक्ष्मी की पूजा का मुहूर्त, महत्व और व्रत कथा

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Maha Lakshmi Vrat 2022: भाद्रपद की शुक्ल अष्टमी के दिन से श्री महालक्ष्मी व्रत शुरू होता है। यह सोलह दिनों तक चलता है और इस व्रत में मां लक्ष्मी का विधि-विधान से पूजन किया जाता है।

महालक्ष्मी का व्रत कौन से दिन? - mahaalakshmee ka vrat kaun se din?

Yogesh Joshiलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीSat, 03 Sep 2022 02:57 PM

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भाद्रपद की शुक्ल अष्टमी के दिन से श्री महालक्ष्मी व्रत शुरू होता है। यह सोलह दिनों तक चलता है और इस व्रत में मां लक्ष्मी का विधि-विधान से पूजन किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस व्रत का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महालक्ष्मी व्रत को रखने से मां लक्ष्मी की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। महालक्ष्मी व्रत से जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।

इस व्रत में अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है। 16वें दिन महालक्ष्मी व्रत का उद्यापन किया जाता है। इस व्रत को काफी शुभ माना जाता है। कहते हैं कि विधि-विधान से पूजन करने से सुख-समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि जिस घर की महिलाएं इस व्रत को रखती हैं, उस घर में पारिवारिक शांति हमेशा बनी रहती है।

महालक्ष्मी व्रत तिथि और शुभ मुहूर्त-

  • महालक्ष्मी व्रत शनिवार, सितम्बर 3, 2022 को
  • चन्द्रोदय समय - 12:35 पी एम
  • महालक्ष्मी व्रत प्रारम्भ शनिवार, सितम्बर 3, 2022 को
  • महालक्ष्मी व्रत पूर्ण शनिवार, सितम्बर 17, 2022 को
  • सम्पूर्ण महालक्ष्मी व्रत के दिन - 15
  • अष्टमी तिथि प्रारम्भ - सितम्बर 03, 2022 को 12:28 पी एम बजे
  • अष्टमी तिथि समाप्त - सितम्बर 04, 2022 को 10:39 ए एम बजे

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जानिए महालक्ष्मी व्रत कथा-

एक गांव में एक गरीब ब्राह्मण रहता था। वह हर दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु का अराधना करता था। एक दिन उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उसे दर्शन दिए और ब्राह्मण से एक वरदान मांगने के लिए कहा। तब ब्राह्मण ने उसके घर मां लक्ष्मी का निवास होने की इच्छा जाहिर की। तब भगवान विष्णु ने ब्राह्मण को लक्ष्मी प्राप्ति का मार्ग बताया। भगवान विष्णु ने कहा कि मंदिर के सामने एक स्त्री आती है और वह यहां आकर उपले थापती है। तुम उसे अपने घर आने का आमंत्रण देना वह मां लक्ष्मी हैं।

भगवान विष्णु ने ब्राह्मण से कहा, जब मां लक्ष्मी स्वयं तुम्हारे घर पधारेंगी तो घर धन-धान्य से भर जाएगा। यह कहकर भगवान विष्णु अंतर्ध्यान हो गए। अगले दिन ब्राह्मण सुबह-सुबह ही मंदिर के पास बैठ गया। लक्ष्मी मां उपले थापने के लिए आईं तो ब्राह्मण ने उनसे घर आने का निवेदन किया। ब्राह्मण  की बात सुनकर माता लक्ष्मी समझ गईं कि यह विष्णुजी के कहने पर ही हुआ है।

लक्ष्मी जी ने ब्राह्मण से कहा कि मैं तुम्हारे साथ चलूंगी लेकिन तुम्हें पहले महालक्ष्मी व्रत करना होगा। 16 दिन तक व्रत करने और 16 वें दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से तुम्हारी मनोकामना पूरी हो जाएगी। ब्राह्मण ने मां लक्ष्मी के कहे अनुसार व्रथ किया और मां लक्ष्मी को उत्तर दिशा की ओर मुख करके पुकारा। इसके बाद मां लक्ष्मी ने अपना वचन पूरा किया। माना जाता है कि तभी से महालक्ष्मी व्रत की परंपरा शुरू हुई थी।

2022 में महालक्ष्मी कितने तारीख की है?

MahaLaxmi Vrat 2022: महालक्ष्मी व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है. इस बार यह व्रत 17 सितंबर, शनिवार को पड़ रहा है. इस दिन को कन्या संक्राति के रूप में भी मनाया जाएगा. शास्त्रों की मानें तो यह बहुत महत्वपूर्ण व्रत है.

महालक्ष्मी व्रत कौन सी तारीख को है?

कब है महालक्ष्मी व्रत 2022 हिंदू पंचांग के अनुसार कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 17 सितंबर को दोपहर 2 बजकर 14 मिनट पर शुरू होगी 18 सितंबर को शाम 4 बजकर 33 मिनट तक रहेगी. व्रत 17 सितंबर को किया जाएगा. बता दें कि महालक्ष्मी पूजा की शुरुआत 3 सितंबर को हुई थी और 17 सितंबर को इसका समापन होगा.

शुक्रवार का व्रत कब से शुरू करें 2022?

शुक्र प्रदोष व्रत 2022 शुभ मुहूर्त हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है. इस बार त्रयोदशी तिथि 7 अक्टूबर को सुबह 7 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी और 8 अक्टूबर को सुबह 5 बजकर 24 मिनट तक रहेगी.