महिलाओं को रुद्राक्ष क्यों नहीं पहनना चाहिए? - mahilaon ko rudraaksh kyon nahin pahanana chaahie?

रुद्राक्ष के बारे में हम सबने सुना है और अक्सर हमने इसे कई लोगो को पहने हुए देखा भी होगा पर क्या आपको पता है कि रुद्राक्ष क्या होता है और क्या महिलाएं इसको धारण कर सकती है या नही।
आईये इसके बारे मे विस्तार से पड़ते है-

रुद्राक्ष क्या है

रुद्राक्ष को धारण करने की परंपरा तो काफ़ी पुरानी रही है। दरअसल रुद्राक्ष को भगवान शिव के साथ जोड़ा जाता है। इसलिए इसका प्रयोग आध्यात्मिक कार्यो में भी किया जाता है। यह कहा जाता है कि रुद्राक्ष भगवान शिव की आंखों के जल-बिंदु से बना है। रुद्राक्ष को भगवान शिव का वरदान माना गया है जिसे दुनिया के दुःखो को दूर करने के लिए भगवान शंकर ने प्रकट किया था। 

जैसे कि हम जानते है कि रुद्राक्ष भगवान शंकर का आशीर्वाद है तो शिव भक्त इसे सुरक्षा कवच के तौर पर धारण करते है या शिव मंत्र के जाप के लिए धारण करते है। रुद्राक्ष मुख्य-रूप से एक फल की गुठली है और सकारात्मक उर्जा के लिए भी पहना जाता है

रूद्राक्ष का महत्व

हम सब यह जानते है कि भगवान शिव शंकर भी रुद्राक्ष धारण करते थे और ओम नमः शिवाय का उच्चारण भी रुद्राक्ष की माला के साथ किया जाता है। रुद्राक्ष को शिव भक्त के द्वारा धारण किया जाता है और यह उनके और भगवान शिव के बीच सम्बन्ध को दिखाता है।

रुद्राक्ष का उपयोग

चाहे तो रुद्राक्ष को केवल लाल या काले धागे में धारण कर सकते है और चाहे तो रुद्राक्ष को माला के तौर पर भी धारण कर सकते है। आमतौर पर इसका प्रयोग हिन्दू धर्म मे पूजा पाठ और जप तप के लिए किया जाता है। नाही केवल धर्म कर्म अपितु पारंपरिक भारतीय चिकित्सा में रुद्राक्ष का इस्तेमाल काफी गंभीर रोगों के उपचार के लिए भी किया जाता है। 

रुद्राक्ष के प्रकार

मुख्य रूप से रुद्राक्ष 14 प्रकार के होते है और सभी रुद्राक्ष का अपना महत्व होता है।

एकमुखी रुद्राक्ष- जिस रुद्राक्ष में केवल एक आँख या बिंदी होती है उसे एकमुखी रुद्राक्ष कहा जाता है।

द्विमुखी रुद्राक्ष- सभी कामनाओं को पूरा औऱ दाम्पत्य जीवन को सुखद बनाए रखने के लिए इस रुद्राक्ष को धारण किया जाता है।

त्रिमुखी रुद्राक्ष- सारे सुख और ऐश्वर्य प्रदान करने वाला होता है।

चतुर्मुखी रुद्राक्ष- मोक्ष प्रदान करने वाला रुद्राक्ष।

पंचमुखी रुद्राक्ष- सुख शांति प्रदान करने वाला।

षष्टमुखी रुद्राक्ष- पापों से मुक्त करने वाला और सन्तान प्रदान करने वाला।

सप्तमुखी रुद्राक्ष- दरिद्रता को दूर करने के लिए इस रुद्राक्ष को पहना जाता है।

अष्टमुखी रुद्राक्षयह रुद्राक्ष सकरात्मक ऊर्जा देता है 

नवमुखी रुद्राक्ष- यह रुद्राक्ष मृत्यु के भय को दूर करता है।

दसमुखी रुद्राक्ष- सौंदर्य और शांति की प्राप्ति के लिए इस रुद्राक्ष को धारण किया जाता है।

ग्यारहमुखी रुद्राक्ष- भक्ति और ज्ञान प्रदान करने के साथ विजय दिलाने वाला।

बारहमुखी रुद्राक्ष- इससे धन की प्राप्ति होती है

तेरहमुखी रुद्राक्ष- इससे शुभ और लाभ की प्राप्ति होती है।

चौदहमुखी रुद्राक्ष- समूचे पाप को नष्ट करने वाला रुद्राक्ष।

क्या महिलाएं धारण नही कर सकती रुद्राक्ष?

आमतौर पर हमने पुरूषों को ही रुद्राक्ष धारण करते हुए देखा होगा लेकिन इसका यह अर्थ बिल्कुल नही है कि महिलाएं इसे धारण नही कर सकती। रुद्राक्ष को भगवान शिव का वरदान माना गया है औऱ चाहे पुरुष हो या स्त्री वो शिव भक्त हो सकते है और रुद्राक्ष धारण कर सकते है। खासकर महिलायों को सफल वैवाहिक जीवन के लिए गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करना चाहिए और सन्तान सुख के लिए गौरी गणेश रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। हालांकि इसको धारण करते समय कुछ सावधानियां रखनी चाहिए।

जब भी आप सोए तो रुद्राक्ष को उतार कर किसी पवित्र स्थान पर रख देना चाहिए।

ना तो किसी को अपना रुद्राक्ष देना चाहिए और ना ही किसी का रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।

मासिक धर्म के दौरान भी रुद्राक्ष को धारण नहीं करना चाहिए इससे रुद्राक्ष अपवित्र हो जाता है।

इसके अलावा खंडित रुद्राक्ष भी धारण नही करना चाहिए।

क्या स्त्री रुद्राक्ष पहन सकती है?

सामान्यत: रुद्राक्ष पुरुषों द्वारा ही धारण किया जाता है, परंतु इसे महिलाएं भी धारण कर सकती है, क्योंकि भगवान के लिए महिला और पुरुष दोनों ही समान है, दोनों पर परमात्मा समान रूप से ही प्रेम और कृपा बरसाते हैं

महिलाओं को कौन सा रुद्राक्ष धारण करना चाहिए?

एकमुखी रुद्राक्ष एकमुखी रुद्राक्ष दुर्लभ माना जाता है. इसे साक्षात् श‍िव बताया गया है. माना जाता है कि इसे धारण करने से व्यक्‍त‍ि को यश की प्राप्त‍ि होती है.