Show मीणा समाज की कुल देवियां.आदिम कल से चली आ रही प्रथानुसार प्राचीन कबीलों के गोत्रनुसार कुलदेवी:-
मीणा जाति में सबसे ऊंचा गोत्र कौन सा है?प्रतिहार या परिहार एक गोत्र है। इस गोत्र के मीणा टोंक, भीलवाड़ा, तथा बूंदी जिले में बहुतायत में पाये जाते हैं। यह गोत्र अपनी प्रभुत्वता के कारण एक अलग पहचान रखती है । प्रतिहार का शाब्दिक अर्थ उलट का प्रहार करना होता है।
अपनी कुलदेवी का पता कैसे लगाएं?मंगलवार को सुबह स्नान आदि से स्वच्छ पवित्र हो अपने देवी देवता की पूजा करें। इस अवधि में शुद्धता का विशेष ध्यान रखें ,यहां तक कि बिस्तर और सोने का स्थान तक शुद्ध और पवित्र रखें। ब्रह्मचर्य का पालन करें और मांस-मदिरा से पूर्ण परहेज रखें। इस प्रयोग की अवधि के अन्दर आपको स्वप्न में आपके कुलदेवता/देवी की जानकारी मिल जाएगी।
गोत्र की कुलदेवी कौन सी है?List Of The Kuldevi (सभी वंश की कुलदेवी). राठौड़ नागणेचिया. गहलोत बाणेश्वरी माता. कछवाहा जमवाय माता. दहिया कैवाय माता. गोहिल बाणेश्वरी माता. चौहान आशापूर्णा माता. बुन्देला अन्नपूर्णा माता. भारदाज शारदा माता. राजस्थान में मीणा जाति की जनसंख्या कितनी है?जनगणना 2011 के अनुसार राजस्थान में मीणा जनजाति की जनसंख्या 43.46 लाख है। मीणा जनजाति राजस्थान की कुल जनजाति आबादी का लगभग 47 प्रतिशत है।
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