मरने से पहले इंसान को क्या महसूस होता है? - marane se pahale insaan ko kya mahasoos hota hai?

स्टोरी हाइलाइट्स

  • मरने से पहले कैसा लगता है?
  • एक्सपर्ट ने किया खुलासा

जब कोई मरने लगता है तो कैसा लगता है? इस बारे में शायद ही कोई अपनी राय दे सके क्योंकि इस विषय पर सिर्फ वही बता सकता है, जिसने मौत का अनुभव किया हो. हाल ही में एक एक्सपर्ट ने बताया कि मरने से पहले क्या होता है और कैसा लगता है? द एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक डॉक्टर जिन्होंने अपनी लाइफ में कई लोगों को मरते हुए देखा है उन्होंने बताया है कि मरने से ठीक पहले इंसान के शरीर में क्या बदलाव आने लगते हैं. इस बारे में वैज्ञानिक भी काफी कम जानते हैं. 

दो हफ्ते पहले शुरू होती है मरने की प्रक्रिया

Themirror की रिपोर्ट के मुताबिक, प्राकृतिक घटनाओं पर काफी कम स्टडीज मौजूद हैं. मौत से पहले कैसा लगता है, इस बारे में बात करते हुए एक डॉक्टर का कहना है कि मरने की प्रक्रिया आमतौर पर दिल की धड़कन बंद होने से लगभग दो सप्ताह पहले शुरू हो जाती है.

लिवरपूल यूनिवर्सिटी में मानद रिसर्च फेलो सीमस कोयल (Seamus Coyle) ने द कन्वर्सेशन के लिए लिखे आर्टिकल में मरने की प्रक्रिया के बारे में बात की. उन्होंने कहा "मुझे लगता है कि मरने की प्रक्रिया किसी भी व्यक्ति के मरने के दो सप्ताह पहले ही शुरू हो जाती है. इस दौरान लोगों की सेहत कमजोर होने लगती है. उन्हें चलने और सोने में भी परेशानी होने लगती है. जीवन के अंतिम दिनों में उनकी गोलियां खाने, भोजन करने या कुछ पीने की क्षमता भी खत्म हो जाती है."

सीमय कोयल आगे कहते हैं "यह उस समय के आसपास का समय होता है जब लोग कहते हैं कि सामने वाला मर रहा है और उसके पास जीने के लिए दो से तीन दिन ही बाकी रहते हैं. कई लोगों को यह पूरी प्रक्रिया एक दिन में भी देखने मिलती है और कुछ लोग वास्तव में मरने से पहले लगभग एक-दो सप्ताह तक मृत्यु की कगार पर रह सकते हैं. इस दौरान उनके परिवार वालों को काफी कष्ट भी हो सकता है. 

मृत्यु के समय शरीर में ये होता है

मृत्यु के समय शरीर में क्या होता है, यह बात काफी हद तक अज्ञात है लेकिन कुछ रिसर्च का अनुमान है कि मृत्यु के समय मस्तिष्क से काफी सारे केमिकल निकलते हैं, जिनमें एंडोर्फिन भी शामिल होता है. यह किसी भी व्यक्ति की भावनाओं को उत्तेजित करता है. 

सीमस कोयल के मुताबिक, मृत्यु के क्षणों को समझना मुश्किल है लेकिन अभी तक हुई रिसर्च के मुताबिक, जैसे-जैसे लोग मृत्यु के करीब आते हैं, शरीर के स्ट्रेस केमिकल्स में वृद्धि होती है. कैंसर वाले और शायद अन्य लोगों के शरीर में सूजन भी आने लगती है. ये ऐसे रसायन हैं जो तब बढ़ते हैं जब शरीर किसी वायरल से लड़ रहा होता है.

सामान्य तौर पर ऐसा लगता है कि मरने की प्रक्रिया के दौरान लोगों का दर्द कम हो जाता है लेकिन हम नहीं जानते ऐसा क्यों होता है? यह एंडोर्फिन से भी संबंधित हो सकता है.

आगे कहा कि हर व्यक्ति की मौत अलग-अलग तरीके से होती है इसलिए अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि शांतिपूर्ण तरीके से किसकी मृत्यु होगी. मैंने कई ऐसे जवान लोगों को भी देखा है जिन्हें अंदाजा भी नहीं था कि वे मर रहे हैं. 

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मौत आने से पहले क्या संकेत देती है?

उन्होंने कहा "मुझे लगता है कि मरने की प्रक्रिया किसी भी व्यक्ति के मरने के दो सप्ताह पहले ही शुरू हो जाती है. इस दौरान लोगों की सेहत कमजोर होने लगती है. उन्हें चलने और सोने में भी परेशानी होने लगती है. जीवन के अंतिम दिनों में उनकी गोलियां खाने, भोजन करने या कुछ पीने की क्षमता भी खत्म हो जाती है."

मौत का पता कैसे चलता है?

शिवपुराण के अनुसार शिव पुराण के मुताबिक बताया गया है कि मृत्यु एक अटल सत्य है जो व्यक्ति को आने पर उन्हें कई प्रकार के संकेत दे देती है जैसे:- जिस व्यक्ति का शरीर सफ़ेद या पीला पड़ने लगता है और आँखों में लाल रंग दिखाई देंने लगता है समझ लो उस व्यक्ति कि मृत्यु होने वाली है।

मरने से पहले आदमी क्या सोचता है?

मरने से पहले इंसान अपनी खुशियों के बारे में भी सोचता है। वह सोचता है कि काश थोड़ा समय होता तो जिंदगी के हर पल को खुशी से जी लिया होता। वह अपनी पुरानी जिंदगी के बारे में सोचता है कि इस समय अगर इस समय यह घटना ना होती तो मैं कितना खुश होता।

क्या मृत्यु का समय टल सकता है?

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