Mandsaur district tehsil listमन्दसौर जिले की तहसीलों के नामThere are how many tehsil in mandsaur district ? Show Mandsaur jile mein kitni tehsil hai ? मन्दसौर जिले में कितनी तहसील हैं ? मन्दसौर जिले में 8 तहसील हैं। जिनके नाम बुधवार को मंदसौर जिले में पंचायत चुनाव के वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया पूरी की गई। जिले के 468 ग्राम पंचायतों के 6694 वार्ड के साथ 115 जनपद के 17 जिला पंचायत वार्ड और 5 जनपद अध्यक्षों के आरक्षण की प्रक्रिया पूरी की गई। जिला पंचायत और जनपद पंचायत के वार्डों का आरक्षण मंदसौर जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट कार्यालय के सभाकक्ष में संपन्न हुआ, जबकि ग्राम पंचायतों के सरपंच और वार्डवार आरक्षण की प्रक्रिया जनपद स्तर पर पूरी की गई। शाम तक जिले के सभी ग्राम जनपद और जिला पंचायत तक के वार्डों का आरक्षण पूरा किया गया। मंदसौर (Mandsaur) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के मंदसौर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है।[1][2] सौंधनी स्थित यशोधर्मन का विजय-स्तम्भ मंदसौर का प्राचीन नाम दशपुर था ! यह क्षेेत्र दशपुर जनपद के रूप में जाना जाता था , आदिवासी सत्ता ने यहां कई सदियों तक शासन किया , भील राजाओं ने दशपुर जनपद पर दीर्घकाल तक शासन किया।[3] माल्वा क्षेत्र जिसका एक छोटा-सा खंड दशपुर है पुरातात्विक और ऐतिहासिक विरासत को संजोए उत्तरी मध्य प्रदेश का मंदसौर एक ऐतिहासिक जिला है। यह 5530 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। आजादी के पहले यह ग्वालियर रियासत का हिस्सा था। मंदसौर का कयामपुर गाँव खासा लोकप्रिय हैं |पशुपतिनाथ मंदिर, बाही पारसनाथ जैन मंदिर और गांधी सागर बांध यहां मंदसौर जिले के मुख्य दर्शनीय स्थल हैं। इस जिले में अफीम का भारत मे सबसे बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। मंदसौर राजस्थान के चित्तौड़गढ़, कोटा, भीलवाड़ा, झालावाड़ ,प्रतापगढ़ और मध्य प्रदेश के जावरा- रतलाम जिलों से घिरा हुआ है। हिंगलाजगढ़,मंदसौर से प्राप्त १२ वि शती की गणेश प्रतिमा यह मंदिर मंदसौर जिले का प्रमुख आकर्षण है। संभवतः पूरे विश्व की एकमात्र अष्टमुखी भगवान शिव की प्रतिमा वाला पशुपतिनाथ मंदिर शिवना नदी के तट पर स्थित है। चारों दिशाओं में मंदिर के दरवाजे हैं, प्रवेश द्वार केवल पश्चिम दिशा में ही खुलता है। मंदिर में 7.5 फीट ऊंचा शिवलिंग स्थापित है। प्रतिमा के ऊपर के चार मुख शिव के बाल्यकाल, युवावस्था, अधेडवस्था, वृधावस्था को प्रदर्शित करते है! भगवान शिव के दर्शन के लिए दूर-दूर से यहां भक्तों का आना-जाना लगा रहता है। हर साल श्रावण मास में मंदिर परिसर में मनोकामना अभिषेक होता है! जो सम्पूर्ण भारत के किसी भी शिव मंदिर में नहीं होता है!ऐसा माना जाता है कि भगवान पशुपतिनाथ की यह मूर्ति शिवना नदी से ही निकली है । वही स्थित इस तीर्थस्थल की स्थापना राजा संप्रति ने की थी। यहां भगवान वही पार्श्वनाथ की काले रंग की प्रतिमा पद्मासन मुद्रा में विराजमान है। मूर्ति के स्थित पास बाघ की आकृति बेहद खूबसूरत प्रतीत होती है। श्री वही पार्श्वनाथ श्वेतांबर जैन तीर्थ नामक ट्रस्ट इस मंदिर को संचालित करता है। मंदिर मंदसौर से 16 किलोमीटर की दूरी पर है। धर्म राजेश्वर मंदसौर से १०६ कि॰मी॰ पर शामगढ़ तहसील में चंदवासा ग्राम के निकट स्थीत है ! जैन तीर्थस्थल के रूप में विख्यात यह पवित्र गांव मंदसौर से 86 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां के मंदिर राज्य के सबसे प्राचीनतम मंदिरों में एक माने जाते हैं। श्री कुकादेशर तीर्थ यहां का 1050 साल पुराना जैन मंदिर है। मध्य प्रदेश का नीमच जिला इस स्थान से करीब 52 किलोमीटर दूर है। {{मुख्य|भानपुरा]] यह स्थान मंदसौर से 127 किलोमीटर दूर है। यहां शासन करने वाले राजा भानु भील के नाम पर इस स्थान का नाम भानपुरा पड़ा। यहां बना एक संग्रहालय मुख्य दर्शनीय स्थल है। संग्रहालय में कला की अनेक दुर्लभ वस्तुओं को संग्रह देखा जा सकता है। उमा महेश्वर, कार्तिकेय, विष्णु और नंदी की आकर्षक तस्वीरों को भी यहां देखा जा सकता है। चंबल नदी पर बना यह बांध जिला मुख्यालय से 165 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 7 मार्च 1954 को प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने इस बांध की नींव डाली थी। इस बांध और यहां के पावर स्टेशन को बनवाने की कुल लागत 18 करोड़ 40 लाख थी। यह बांध 65 मीटर लंबा और 56 मीटर चौड़ा है। यहां के पावर स्टेशन में 23 मेगावाट के 5 टरबाइन हैं और इनकी कुल क्षमता 115 मेगावाट है। मंदसौर जिले का यह गांव मंदसौर से 90 किलोमीटर दूर है। जैन तीर्थ केन्द्र के रूप में विख्यात इस गांव में राज्य के कुछ लोकप्रिय मंदिर देखे जा सकते हैं। श्री पारासली तीर्थ और श्री नागेश्वर तीर्थ यहां के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल हैं। मंदसौर जिले का यह गांव यहा स्थित श्रीं बाबा रामदेव मंदिर के कारण काफी प्रचलित है! इस कारण इस गाँव को 'छोटा रूनिचा' नाम से भी जाना जाता है! हर साल यहा बाबा रामदेव जी का विशाल भंडारा लगाया जाता है! वायु मार्गउदयपुर का महाराणा प्रताप विमानक्षेत्र मंदसौर का नजदीकी एयरपोर्ट है। यह एयरपोर्ट देश के अनेक बड़े शहरों से जुड़ा है। उदयपुर हवाई अड्डा मंदसौर से 168 किलोमीटर दूर है। इंदौर एयरपोर्ट से भी यहां पहुंचा जा सकता है। रेल मार्गमंदसौर रेलवे स्टेशन अजमेर-रतलाम बड़ी लाइन पर स्तिथ है! यहाँ के लिए दिल्ली, अजमेर, जयपुर, मुंबई, उदयपुर, इंदौर, भोपाल, उज्जैन,हैदराबाद, कोल्कता, कोटा से नियमित ट्रेन उपलब्ध है! जिले का प्रमुख क़स्बा शामगढ़ दिल्ली-मुंबई रेललाइन से जुड़ा है। इस रूट पर चलने वाली सभी ट्रेनें यहाँ भी रूकती हैं। सड़क मार्गमंदसौर देश के अनेक हिस्सों से राष्ट्रीय राजमार्ग 31 से जुड़ा है। दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के अनेक शहरों से यहां के लिए नियमित बसें चलती हैं। मंदसौर जिले का सबसे बड़ा गांव कौन सा है?
मंदसौर जिले की कुल जनसंख्या कितनी है?जिले के 5 ब्लॉकों (मंदसौर, सीतामऊ, गरोठ, भानपुरा और मल्हारगढ़) की 2011 की जनगणना के मुताबिक आबादी 13 लाख 40 हजार 411 है।
मंदसौर का पुराना नाम क्या है?जिले का नाम ,जिला मुख्यालय शहर, मंदसौर के नाम से पड़ा है। यह माना जाता है कि यह नाम मरहसौर से विकसित हुआ था, जो मरह और सौर (या दसौर), जो कि गाँव के दो कस्बों में मिला था| इस शहर को प्राचीन काल में दशपुर के नाम से जाना जाता था।
मंदसौर में कितनी तहसील हैं?यह जिला उपसंभागों और 7 तहसीलों में बंटा हुआ है। उपसंभागीय मुख्यालय मंदसौर, मल्हारगढ़, सीतामऊ और गरोठ तथा तहसील मंदसौर एवं मल्हारगढ़ पश्चिम में स्थित है। जबकि सुवासरा, भानपुरा, गरोठ और सीतामऊ पूर्वीय भाग तथा दक्षिण में दलोदा तहसील स्थित हैं।
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