मध्य प्रदेश में स्थित गणेश मंदिर का नाम क्या है? - madhy pradesh mein sthit ganesh mandir ka naam kya hai?

भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तो गणेशजी का जन्म हुआ था। ‍गणेश उत्सव चल रहा है, जो अनंत चतुर्दशी के दिन तक रहता है। इस दौरान गणेशजी के मंदिर में उनकी विशेष पूजा और दर्शन होते हैं। यूं तो मध्यप्रदेश में भगवान गणेश के सैंकड़ों मंदिर हैं लेकिन यहां जानिए कुछ खास प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिरों की सूची।

1. चिंतामण गणेश मंदिर, उज्जैन : मध्यप्रदेश की तीर्थ नगरी उज्जैन में चिंतामन गणेश जी का प्राचीन मंदिर है, जो महाकालेश्वर मंदिर से करीब 6 किलोमीटर दूर ग्राम जवास्या में स्थित है। गर्भगृह में प्रवेश करते ही गौरीसुत गणेश की तीन प्रतिमाएं दिखाई देती हैं। यहां पार्वतीनंदन तीन रूपों में विराजमान हैं। पहला चिंतामण, दूसरा इच्छामन और तीसरा सिद्धिविनायक। उज्जैन में बड़ा गणपति मंदिर भी प्रसिद्ध है।

2. गणेश मंदिर, खजराना, इंदौर : मध्यप्रदेश के इंदौर में खजराना क्षेत्र में बहुत ही प्राचीन गणेश मंदिर स्थित है। यहां वक्रतुंड श्रीगणेश की 3 फुट प्रतिमा चांदी का मुकुट धरे रिद्धी-सिद्धी के साथ विराजमान हैं।

3. सिद्धेश्वर गणेश मंदिर, छिंदवाड़ा : छिंदवाड़ा जिले के मोहखेड़ ब्लाक में ग्राम तुर्कीखापा-अडवार नदी के तट पर प्राचीन सिद्धेश्वर गणेश भगवान की मूर्ति विराजमान हैं।

4. बेहट गणेश मंदिर, ग्वालियर : ग्वालियर के बेहट में स्थित शिवालय और गणेश मंदिर बहुत प्रसिद्ध हैं। यहां पर तानसेन ने बैठकर संगीत साधना की थी।

मध्य प्रदेश में स्थित गणेश मंदिर का नाम क्या है? - madhy pradesh mein sthit ganesh mandir ka naam kya hai?

5. चिंतामण सिद्ध गणेश, सीहोर : भोपाल के पास सीहोर में भी गणेशजी का प्राचीन सिद्ध मंदिर है जिसे चिंतामण सिद्ध गणेश मंदिर कहते हैं। इस मंदिर की स्थापना विक्रमादित्य ने की थी।

6. कल्कि गणेश मंदिर, जबलपुर : मध्यप्रदेश में जबलपुर में एक ऐसा गणेश मंदिर है, जहां भगवान मूषक की नहीं बल्कि घोड़े की सवारी पर विराजमान हैं। इन्हें 'कल्कि गणेश' जहा जाता है। कहते हैं भगवान गणेश कलयुग में प्रकट होकर कल्कि अवतार का साथ देंगे।

8. पोहरी गणेश मंदिर, शिवपुरी : शिवपुरी के पोहरी किले में बना प्राचीन गणेश मंदिर भी बहुत प्रसिद्ध है।

9. महागणपति मंदिर, भोपाल : मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में महागणपति नाम से गणेश मंदिर है। कहते हैं कि देश में इस नाम से मात्र दो ही मंदिर है। एक पुणे में और दूसरा भोपाल में।

10. बड़ा गणपति मंदिर, इंदौर : कहते हैं कि इंदौर में जो मंदिर है उसकी मूर्ति विश्‍व की सबसे ऊंची मूर्ति मानी जाती है। इस मूर्ति को चोला चढ़ाने के लिए सवा मन घी और सिंदूर का प्रयोग होता है। श्रृंगार करने में पूरे आठ दिन का समय लगता है।

गणेश मंदिर: इस मंदिर की दीवार पर उल्टा स्वास्तिक बनाने से होती है हर मन्नत पूरी

भोपालPublished: Sep 21, 2018 06:22:10 pm

गणेश मंदिर: इस मंदिर की दीवार पर उल्टा स्वास्तिक बनाने से होती है हर मन्नत पूरी

मध्य प्रदेश में स्थित गणेश मंदिर का नाम क्या है? - madhy pradesh mein sthit ganesh mandir ka naam kya hai?

मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में भगवान गणेश का प्राचीन मंदिर स्थित है। यह मंदिर महाकालेश्वर मंदिर से 6 किलोमीटर की दूरी पर है। यह प्राचीन मंदिर चिंतामण गणेश के नाम से प्रसिद्ध है। गणेश जी के इस प्रसिद्ध मंदिर के गर्भगृह में तीन प्रतिमाएं स्थापित है। गौरीसुत गणेश की तीन प्रतिमाएं गर्भगृह में प्रवेश करते ही दिखाई देती हैं, यहां पार्वतीनंदन तीन रूपों में विराजमान हैं। पहला चिंतामण, दूसरा इच्छामन और तीसरा सिद्धिविनायक। मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर की स्थापना स्वयं भगवान श्रीराम ने की थी। यहां दर्शन करने वाले व्यक्ति की सभी चिंताएं खत्म हो जाती है और वे चिंता मुक्त हो जाते हैं। बुधवार के दिन यहां श्रृद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है।

श्री चिंतामन सिद्ध गणेश मंदिर सिद्धपुर सीहोर मध्य प्रदेश Shree Chintaman Siddha Ganesh Mandir Sidhpur Sehore Madhya Pradesh

चिंतामन गणेश मंदिर सीहोर जिले का प्रसिद्ध मंदिर है। यह एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर पूरे मध्य प्रदेश में प्रसिद्ध है। यह मंदिर प्राचीन है। मंदिर में गणेश भगवान जी की प्रतिमा विराजमान है। यह प्रतिमा स्वयंभू है। इस प्रतिमा के दर्शन करने के लिए बहुत दूर दूर से लोग आते हैं। कहा जाता है कि मूर्ति के दर्शन करने से मनोकामना पूरी होती है। यह मंदिर राजा विक्रमादित्य के समय स्थापित किया गया था। मराठा शासन के समय इस मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया। यह मंदिर बहुत ही सुंदर लगता है। हम लोग अपनी यात्रा में इस मंदिर में घूमने के लिए गए थे। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। बहुत सारे भक्त यहां पर गणेश जी के दर्शन करने के लिए आते हैं। गणेश चतुर्थी में यहां पर बहुत बड़ा पर्व मनाया जाता है। 

हम लोग अपनी यात्रा में, सीहोर जिला के चिंतामन गणेश मंदिर भी घूमने के लिए गए थे। हम लोग इंदौर से भोपाल की यात्रा कर रहे थे और हम लोग सीहोर जिला पहुंचे। सीहोर जिला के हमने कुंवर चैन सिंह की छतरी और हनुमान फाटक मंदिर घुमा और उसके बाद हम लोग चिंतामन गणेश मंदिर घूमने के लिए गए। हम लोग हनुमान फाटक मंदिर से घूम कर आए और सिवाना नदी पर बने पुल को पार किया और सीधी रोड चलने लगे। रास्ते में हम लोगों को शिव भगवान जी का एक और प्राचीन मंदिर देखने के लिए मिला। यह मंदिर भी प्राकृतिक परिवेश में बना हुआ था। 

यह मंदिर भूतेश्वर महादेव मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है और इस मंदिर में आकर बहुत शांति मिलती है। इस मंदिर में बरगद का पेड़ लगा है, जिसकी जड़ें चारों तरफ फैली हुई हैं। यहां पर आकर भी बहुत अच्छा लगता है। गर्भगृह में शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं और आपके पास ज्यादा समय हो, तो आप सिवाना नदी के किनारे जाकर बैठ सकते हैं और शांति का अनुभव कर सकते हैं। भूतेश्वर मंदिर को देखने के बाद, हम लोग आगे बढ़े और यहां पर हमें सिवाना नदी पर बना हुआ पुल देखने के लिए मिला। मगर यहां पर पुल के नीचे से नहीं पुल के ऊपर से पानी बह रहा था। हम लोग सिवाना नदी के पुल को पार किए। पुल को पार करते ही आगे एक मोड़ था। जिस से थोड़ी दूर जाने पर ही, हम लोगों को चिंतामन गणेश मंदिर मिल गया। 

हम लोग जैसे ही चिंतामन गणेश मंदिर के पास पहुंचे। यहां पर, जो प्रसाद वाले लोग हैं। हम लोगों की गाड़ी रोकने लगे। हम लोगों ने बोला - हम लोगों को प्रसाद नहीं लेना है और हम लोग मंदिर के पास आकर गाड़ी रोक दिए। मेरे साथ, मेरे जो साथी थे। उन्होंने बोला, कि मैं यहीं रुक कर गाड़ी देखता हूं। तुम जाकर दर्शन करके आओ और मैं दर्शन करने के लिए मंदिर में चली गई। श्री सिद्ध चिंतामन गणेश मंदिर पूरे मध्यप्रदेश में प्रसिद्ध है और यहां पर लोग दूर-दूर से आते हैं। यहां पर लोग कार, गाड़ी, ट्रक और ट्रैक्टर में भी चढ़कर आते हैं। जब हम लोग यहां गए थे। तब यहां पर एक समूह आया था, जो ट्रैक्टर में चढ़कर आया था। 

गणेश मंदिर में बहुत ज्यादा भीड़ लगती है और यहां पर भीड़ को संभालने के लिए बहुत अच्छी तरह से मैनेजमेंट किया गया है। मैं जब गणेश मंदिर के प्रवेश द्वार के पास पहुंची, तो यहां पर प्रवेश द्वार में एक कुत्ता बैठा हुआ था और वह शांत तरीके से प्रवेश द्वार में बैठा था और वह कुत्ता किसी को भी भौंक नहीं रहा था। मंदिर के आसपास कुत्ते और गाय देखने के लिए मिलते हैं। लोग कुत्ते और गाय को प्रसाद खिलाते हैं। इसलिए यहां पर गाय और कुत्ते घूमते रहते हैं। मंदिर परिसर के आस पास बहुत सारे कुत्ते बैठे रहते हैं। 

हम श्री सिद्ध चिंतामन गणेश मंदिर के अंदर प्रवेश किए। यहां पर बहुत भीड़ थी, तो लाइन लगाकर भगवान गणेश के दर्शन किए जा रहे थे। हम भी लाइन में खड़े हो गए और अपनी पारी का इंतजार करने लगे हैं। यहां पर गणेश भगवान जी का, जो गर्भगृह है। वह बहुत ही सुंदर है। गर्भग्रह के ऊपरी सिरे गुंबद नुमा बनी हुई है। यहां पर कांच का बहुत सुंदर काम देखने के लिए मिलता है। ऊपरी सिरा पूरी तरह कांच से बना हुआ है और कांच का बहुत अच्छा डिजाइन यहां पर देखने के लिए मिलता है। यहां पर रंग-बिरंगे कांच लगे हुए हैं। यहां पर फूल पत्ती का डिजाइन भी बना हुआ है। यहां पर कांच से भगवान शंकर के बहुत सारे शिवलिंग बनाए गए हैं और ओम की आकृति भी बनाई गई है, जो बहुत ही आकर्षक लगती है। 

गर्भगृह में भगवान गणेश जी स्थापित है और उनके साथ रिद्धि सिद्धि गणेश जी के आजू-बाजू विराजमान है। भगवान गणेश जी ने चांदी का मुकुट धारण किया है। गणेश जी यहां पर स्वयंभू है, अर्थात गणेश जी यहां पर स्वयं उत्पन्न हुए हैं। उन्हें विराजमान नहीं किया गया है। हम लोगों ने गणेश भगवान जी के दर्शन किए और हम लोगों को बहुत अच्छा लगा, बहुत शांति मिली।  उसके बाद हम लोग बाहर आए। मुख्य गणेश मंदिर के बाहर और भी बहुत सारे मंदिर बने हुए हैं। 

हम लोग गणेश मंदिर के बाहर आए, तो बाहर हम लोग को एक बरगद का बड़ा सा पेड़ देखने के लिए मिला। बरगद के पेड़ के नीचे श्री बटुकेश्वर श्री धन कुबेर मंदिर बना हुआ था। यहां पर हनुमान जी और श्री काल भैरव जी की प्रतिमा भी विराजमान थी। इस मंदिर को पूरी तरह लोहे की जालियां से कवर कर दिया गया है। हम लोगों ने श्री कुबेर, हनुमान जी और काल भैरव के दर्शन किए। उसके बाद हम लोग मंदिर के पीछे की तरफ आए। मंदिर के पीछे की तरफ दीवार में स्वास्तिक बनाया जाता है। यहां पर पूरी दीवार में स्वास्तिक बनाया गया था। 

यहां पर लोग का विश्वास है, कि स्वास्तिक बनाने से लोगों की इच्छाएं पूरी होती हैं और यहां पर जब लोग आते हैं, तो उल्टा स्वास्तिक बनाते हैं। जब लोगों की इच्छाएं पूरी होती है। तब वह दोबारा गणेश जी के दर्शन करने के लिए आते हैं और फिर स्वास्तिक को सीधा बनाते हैं। लोग यहां पर स्वास्तिक बना रहे थे और मंदिर परिसर में लिखा गया था, कि आप स्वास्तिक बना रहे हैं, तो सिंदूर को दीवार में ना पोछें । क्योंकि बहुत सारे लोग दीवार में सिंदूर पोछें देते हैं और दीवार को गंदा कर देते हैं। हम लोगों ने स्वास्तिक नहीं बनाया था। हम लोगों की भगवान ने ऐसे ही इच्छा पूरी कर देते हैं। गणेश मंदिर के ठीक पीछे ही शीतला माता का मंदिर भी बना हुआ है। हम लोगों ने शीतला माता के दर्शन किए हैं। 

हम लोग चिंतामन सिद्ध गणेश मंदिर के दर्शन करने के बाद बाहर आए और बाहर यहां पर दुकान बनी हुई है, जहां पर प्रसाद चाय, नाश्ता मिलता है। हम लोगों ने यहां पर दुकान में आकर चाय पिया। यहां पर मोदक के लड्डू मिलते हैं, जो गणेश जी को चढ़ाए जाते हैं और बहुत सारी दुकान है, जहां पर मोदक के लड्डू मिलते हैं। हम लोगों ने यहां पर चाय पी कर। अपनी भोपाल जाने की यात्रा में आगे बढ़े। हम लोगों को यहां पर आकर बहुत अच्छा लगा और गणेश जी के दर्शन करके अच्छा अनुभव मिला। 

चिंतामन गणेश मंदिर कहां पर स्थित है - Where is Chintaman Ganesh Temple

चिंतामन गणेश मंदिर सीहोर जिले का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। चिंतामन गणेश मंदिर सीहोर जिले में गोपालपुर गांव में स्थित है। इस मंदिर तक गाड़ी और कार से आराम से पहुंचा जा सकता है। मंदिर तक जाने के लिए पक्की सड़क है। मंदिर के पास पार्किंग के लिए बहुत बड़ा ही जगह है। यहां पर निशुल्क पार्किंग की जा सकती है। यहां पर आकर घुमा जा सकता है। 

चिंतामन गणेश मंदिर सीहोर की फोटो - Chintaman Ganesh Mandir Sehore image

मध्य प्रदेश में स्थित गणेश मंदिर का नाम क्या है? - madhy pradesh mein sthit ganesh mandir ka naam kya hai?
चिंतामन गणेश मंदिर 

मध्य प्रदेश में स्थित गणेश मंदिर का नाम क्या है? - madhy pradesh mein sthit ganesh mandir ka naam kya hai?
श्री धन कुबेर मंदिर 

मध्य प्रदेश में स्थित गणेश मंदिर का नाम क्या है? - madhy pradesh mein sthit ganesh mandir ka naam kya hai?
शीतला माता मंदिर 

मध्य प्रदेश में स्थित गणेश मंदिर का नाम क्या है? - madhy pradesh mein sthit ganesh mandir ka naam kya hai?
चिंतामन गणेश मंदिर के पीछे स्वास्तिक वाली दीवार

हनुमान फाटक सीहोर

मीठा तालाब देवास

देवास की टेकरी

कैला देवी मंदिर देवास

गणेश जी का सबसे बड़ा मंदिर कौन सा है?

विश्व की सबसे ऊँची और विशाल गणेश प्रतिमा के बतौर बड़े गणपति की ख्याति है। शहर के पश्चिम क्षेत्र में मल्हारगंज के आखिरी छोर पर ये गणेश विराजमान हैं। इन्हें उज्जैन के चिंतामण गणेश की प्रेरणा से नारायण दाधीच ने 120 वर्ष पूर्व बनवाया था।

गणेश जी का गांव कौन सा है?

1. उत्तरकाशी जिले के डोडीताल को गणेशजी का जन्म स्थान माना जाता है। 2. यहां पर माता अन्नपूर्णा का प्राचीन मंदिर हैं जहां गणेशजी अपनी माता के साथ विराजमान हैं।

विश्व प्रसिद्ध गणेश मंदिर कौन सा है?

1. सिद्धि विनायक गणेश मंदिर मुंबई : इस मंदिर का निर्माण 19 नवंबर सन 1801 में गुरूवार के दिन पूर्ण हुआ था।

नाचना गणेश जी का मंदिर कहाँ है?

यह मंदिर भारत के राजस्थान प्रांत में सवाई माधोपुर जिले में स्थित है, जो कि विश्व धरोहर में शामिल रणथंभोर दुर्ग के भीतर बना हुआ है। अरावली और विन्ध्याचल पहाड़ियों के बीच स्थित रणथम्भौर दुर्ग में विराजे रणतभंवर के लाड़ले त्रिनेत्र गणेश के मेले की बात ही कुछ निराली है। यह मंदिर प्रकृति व आस्था का अनूठा संगम है।