निम्नलिखित में से किस शब्द में र का उचित प्रयोग नहीं है? - nimnalikhit mein se kis shabd mein ra ka uchit prayog nahin hai?

'र' के अनेक रूप - हिंदी व्याकरण Class 9th Course -'B'

हिंदी वर्णमाला में 'र' वर्ण का विशेष स्थान है क्योंकि इसका प्रयोग लिखने में कई तरीकों से किया जाता है। हम 'र' वर्ण के अनेकों रूपों के बारे में उदाहरणों द्वार जानेंगे।

संयुक्त रूप से 'र' वर्ण का उच्चारण तीन तरीकों से होता है-

• रेफ (जैसे: पर्व)

• पाई वाले व्यंजनों के साथ (जैसे: क्रम )

• बिना पाई वाले व्यंजनों के साथ (जैसे: राष्ट्र)

रेफ

शब्द के बीच में पड़ते समय जब 'र' वर्ण के साथ कोई स्वर नहीं होता तब उसके ठीक बाद वाले वयंजन के ऊपर रेफ लगाया जाता है। जैसे:

• धर्म - इस शब्द में बिना स्वर वाले 'र' के बाद 'म' व्यंजन है इसलिए रेफ 'म' पर लगा है।

• कार्य - इस शब्द में बिना स्वर वाले 'र' के बाद 'य' व्यंजन है इसलिए रेफ 'य' पर लगा है।

जो अर्ध 'र' या रेफ़ शब्द के ऊपर लगता है, उसका उच्चारण हमेशा उस व्यंजन ध्वनि से पहले होता है।

पाई तथा बिना पाई वाले व्यंजनों के साथ 'र' का प्रयोग

जब 'र' से पहले प्रयुक्त व्यंजन बिना स्वर का होता है यानी अर्ध होता है और इसका उच्चारण प्रयुक्त वर्ण के बाद होता है तो 'र' से पहले पूरा वर्ण लिखा जाता है और 'र' के लिखने का रूप बदल जाता है।

ऐसी स्थिति में पाई तथा बिना पाई वाले व्यंजन के साथ इनका प्रयोग अलग होता है।

पाई वाले व्यंजनों

के बाद प्रयुक्त 'र' पाई के नीचे तिरछा होकर प्रयुक्त होता है। जैसे:

• क् + र = क्र, क्रोध, क्रम

• प् + र = प्र, प्रश्न, प्रधान

बिना पाई वाले व्यंजनों

के बाद प्रयुक्त 'र' व्यंजन के नीचे ( ्र ) के रूप में प्रयुक्त होता है। जैसे:

• ड् + र = ड्र, ड्रम, ड्रेस

• ट् + र = ट्र, ट्रैक, ट्रक

त् और श् के बाद 'र' का प्रयोग 

त् के बाद जब 'र' आता है तो संयुक्ताक्षर 'त्र' बन जाता है। जैसे: त् + र = त्र, त्रिशूल, त्रिनेत्र
श् के बाद जब 'र' आता है तो संयुक्ताक्षर 'श्र' बन जाता है। जैसे: श् + र = श्र, श्रद्धा, श्रम

द् और ह् के बाद 'र' का प्रयोग

द् के बाद जब 'र' आता है तो यह 'द' के नीचे पाई के रूप में प्रयुक्त होता है। जैसे: द्रव्य, दरिद्र,
ह् के बाद जब 'र' आता है तो यह 'ह' में ही पाई के रूप में प्रयुक्त होता है। जैसे: ह्रस्व, ह्रास

र और ऋ की मात्राओं में अंतर

'र' और ऋ की मात्राओं में बहुत अंतर है। लेखन के साथ-साथ उच्चारण में भी इन दोनों की मात्राओं में साफ़ अंतर किन्तु फिर भी इनमें अक्सर गलतियाँ हो जाती हैं। नीचे दिए उदाहरणों से इस अंतर को समझें-

क् + ऋ = कृ, कृपा, कृष्ण
क् + र = क्र, क्रमांक, क्रिया

व्याकरण सूची में वापस जाएँ

Contents

  • 1 ‘र’ के विभिन्न रूप – हिन्दी मात्राएँ 
    • 1.1 रेफ (र्) वाले शब्द 
    • 1.2 पदेन (र) वाले  शब्द 
    • 1.3 ‘रु’ और ‘रू’ वाले सामान्य शब्द
    • 1.4 अन्य हिन्दी मात्राएँ 

‘र’ के विभिन्न रूप – हिन्दी मात्राएँ 

रेफ (र्) वाले शब्द 

स्वर रहित ‘र्’ को व्याकरण की भाषा में रेफ कहते हैं। रेफ का प्रयोग कभी भी किसी भी शब्द के पहले अक्षर में नहीं किया जाता। शब्दों में इसका प्रयोग होते समय इसके उच्चारण के बाद आने वाले वर्ण की अंतिम मात्रा के ऊपर लग जाता है।

हमें यहाँ ‘र’ और ‘ऋ’ का अंतर जानना भी बहुत ज़रूरी है, इन दोनों का अंतर इस प्रकार है :-

  • ‘र’ व्यंजन वर्ण है
  • ‘ऋ’ स्वर वर्ण है
  • ‘ऋ’ की मात्रा ‘ृ’ है, जैसे – वृक्ष, मृग, अमृत
  • ‘र’ का रूप  र्म, र्क, र्य  है जैसे सूर्य, गर्व, अर्क, अधर्म
  • ‘ऋ’ का प्रयोग जिस किसी भी शब्द के साथ होता है, वह तत्सम (संस्कृत का शब्द) शब्द ही होता है।

ग + र् + म  = गर्म

ब + र् + फ = बर्फ

क + र् + म  = कर्म

शर्म अर्थ तर्क
कर्म नर्म सर्प
पार्क फर्क दर्द
शर्त मूर्ख सर्दी
मिर्च पूर्व मिर्ची
गर्मी अर्पण वर्ग
कार्य गर्म धर्म
चर्चा मार्ग तर्क
खर्च हर्ष नर्स
सूर्य पर्व फर्श
वर्षा पर्स आर्या
पर्चा कुर्ता मर्ज़ी
अर्जुन कर्ज़ मर्ज़
कर्ता दर्ज़ी फ़र्ज़ी
भार्या धैर्य तीर्थ
चर्म वर्ण धूर्त
चर्च आर्य पर्ण
चर्खा खर्चा प्रार्थना
विद्यार्थी गर्जन दुर्जन
निर्मल गर्दन पर्वत
आचार्य निर्धन अर्जित
निर्झर जुर्माना हर्षित
दर्शक स्वार्थी अर्चना
दर्पण व्यर्थ उत्तीर्ण
स्वार्थ दर्शन खर्चीला
घर्षण मूर्खता बर्तन
परमार्थ आकर्षक आकर्षण
धनुर्धर कर्त्तव्य आशीर्वाद

पदेन (र) वाले  शब्द 

‘^’ यह ‘र’ का नीचे पदेन वाला रूप है। ‘र’का यह रूप स्वर रहित है। यह ‘र’ का रूप अपने से पूर्व आए व्यंजन वर्ण में लगता है। पाई वाले व्यंजनों के बाद प्रयुक्त ‘र’ का यह रूप तिरछा होकर लगता है, जैसे- द्र, प्र, म्र, क्र इत्यादि। पाई रहित व्यंजनों में नीचे पदेन का रूप ‘^’  इस तरह का होता है, जैसे – द्रव्य, क्रम , पेट्रोल, ड्राइवर

  • ‘द’ और ‘ह’ में जब नीचे पदेन का प्रयोग होता है तो ‘द् + र = द्र’ और ‘ह् + र = ह्र’ हो जाता है, जैसे- दरिद्र, रुद्र, ह्रद, ह्रास इत्यादि।
  • ‘त’ और ‘श’ में जब नीचे पदेन का प्रयोग होता है तो

‘त् + र = त्र’ और ‘श् + र = श्र’ हो जाता है, जैसे – नेत्र, त्रिशूल, अश्रु, श्रमिक इत्यादि।

प् + र + े + म = प्रेम

उ + म् + र​  = उम्र

प् + र + े + त = प्रेत

विशेष टिप्पणी

  • कुछ शब्द ऐसे हैं जिनमें दो नीचे पदेन का प्रयोग एक ही शब्द में हो सकता है, जैसे – प्रक्रम इत्यादि।
  • कुछ शब्द ऐसे हैं जिनमें नीचे पदेन और रेफ का प्रयोग शब्द के एक ही वर्ण में हो सकता है, जैसे – आर्द्र, प्रकार्य इत्यादि।
रुद्र शूद्र ट्रक
प्रेम प्रेत आम्र
ट्राम ताम्र ड्रामा
ह्रद क्रम श्रम
छात्र चित्र उम्र
भ्रम प्रण ग्राम
ग्रहण द्रव्य भ्रमण
राष्ट्र प्रणाम प्रमाण

‘रु’ और ‘रू’ वाले सामान्य शब्द

  • ‘र’ के सामान्य रूप का प्रयोग में ‘र’ शब्द के आरंभ में, मध्य में और अंत में आ सकता है।
  • ‘र’ में सभी मात्राएँ लग सकती है सिवाय ‘ऋ’ और हलंत (्) के, जैसे –
    र, रा, रि, री, रु, रू, रे, रै, रो, रौ

र्+उ+च्+इ = रुचि

र्+ऊ+प्+अ = रूप

अ+म्+र्+ऊ+द्+अ = अमरूद

र्+उ+द्+र्+अ = रुद्र

रूचि रुद्र रुक
रूखा रूई रूट
रूस रूप रूढ़
गुरु डमरू रुपया
रुझान रूठना रूँधना
अमरूद पुरुष रूपक

अन्य हिन्दी मात्राएँ 

आ की मात्रा के शब्द बिना मात्रा के शब्द
छोटी इ की मात्रा के शब्द बड़ी ई की मात्रा के शब्द
उ की मात्रा के शब्द ऊ की मात्रा के शब्द
ए की मात्रा के शब्द ऐ की मात्रा के शब्द
ओ की मात्रा के शब्द औ की मात्रा के शब्द
बिना मात्रा के शब्द ऋ की मात्रा के शब्द
बिंदु या अनुस्वार की मात्रा के शब्द चंद्रबिंदु या अनुनासिक मात्रा के शब्द

Mrs. Shilpi Nagpal is a post-graduate in Chemistry and an experienced tutor who has been teaching students since 2007. She specialises in tutoring science subjects for students in grades 6-12. Mrs. Nagpal has a proven track record of success, and her students have consistently achieved better grades and improved test scores. She is articulate, knowledgeable and her passion for teaching shines through in her work with students.

Reader Interactions

निम्नलिखित में से रेफ र वाला शब्द कौन सा है?

रेफ का प्रयोग कभी भी किसी शब्द के पहले अक्षर में नहीं लग सकता है। के ऊपर भी रेफ का प्रयोग किया जाता है, जैसे- खर्र-खर्र, टर्र-टर्र आदि।

र का प्रयोग करने के क्या नियम है?

पाई तथा बिना पाई वाले व्यंजनों के साथ 'र' का प्रयोग जब '' से पहले प्रयुक्त व्यंजन बिना स्वर का होता है यानी अर्ध होता है और इसका उच्चारण प्रयुक्त वर्ण के बाद होता है तो '' से पहले पूरा वर्ण लिखा जाता है और '' के लिखने का रूप बदल जाता है। ऐसी स्थिति में पाई तथा बिना पाई वाले व्यंजन के साथ इनका प्रयोग अलग होता है।

र का प्रयोग कितने रूपों में होता है?

हिन्दी भाषा में '' के चार रूप होते हैं – रेफ़, पदेन, रडार, लुण्ठित।

र के तीन रूप कौन कौन से हैं?

'र' के विभिन्न रूप.
1.1 रेफ (र्) वाले शब्द.
1.2 पदेन (र) वाले शब्द.
1.3 'रु' और 'रू' वाले सामान्य शब्द.
1.4 अन्य हिन्दी मात्राएँ.