नात्सी जर्मन में युवाओं की स्थिति कैसी थी - naatsee jarman mein yuvaon kee sthiti kaisee thee

Solution : नात्सी जर्मनी में बच्चों और युवाओं के प्रति अपनाई गई निति : (i) बच्चों के लिए नात्सी विचारधारा की जानकारी आवश्यक थी। उन्हें कठोर अनुशासन में रख कर इसकी शिक्षा दी जाती थी। (ii) अवांछित बच्चों को स्कूल से निकाल दिया गया। (iii) जो बच्चे नात्सी टेस्ट में पास हो जाते थे उन्हें पाला जाता था और जो अवांछित थे उन्हें अनाथालय में डाल दिया जाता था। (iv) नात्सी शिक्षा के लिए पाठ्यक्रम तैयार किया गया और उन्हें उसी पाठ्यक्रम के अनुसार शिक्षा दी जाती थी। उन्हें यहूदियों से नफ़रत और हिटलर की पूजा करने को कहा जाता था। (v) खेलकूद के जरिए भी युवाओं में हिंसा और आक्रामकता की भावना पैदा की जाति थी । (vi) जर्मन बच्चों और युवाओं को राष्ट्रिय समाजवाद की भावना से लैस करने की जिम्मेदारी युवा संगठनों को सौपी गई थी। इसके बाद उन्हें सेना में काम करना पड़ता था और किसी नात्सी संगठन की सदस्यता लेनी पड़ती थी।

नात्सी जर्मनी में युवाओं की स्थिति क्या थी?

नात्सी जर्मनी में युवाओं की स्थिति... उनके अंदर हिटलर के प्रति वफादारी तथा नाजी राष्ट्रवाद की भावना भरी जाती थी। इस यूथ लीग में 18 वर्ष की आयु तक बच्चे यह सभी बातें सीखते बाद में वे 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद लेबर सर्विस में शामिल हो जाते हैं और उन्हें जर्मन सेना में काम करना पड़ता।

नात्सी लोग यहूदियों से घृणा क्यों करते थे?

जर्मन लोगों द्वारा यहूदियों से घृणा करने की निम्न वजह थी- नात्सी विचारधारा के अनुसार नस्ली श्रेष्ठता के आधार पर यहूदी विश्व की सबसे निम्न स्तरीय नस्ल है तथा जर्मनी की सभी समस्याओं का मूल कारण यहूदी ही हैं। यहूदी लोग जर्मन समाज से बिलकुल अलग बस्तियों में रहते थे जिन्हें घेटो' कहा जाता था।

जर्मनी में नात्सी शिक्षा प्रणाली की क्या विशेषताएं थी?

नात्सी पार्टी और उससे जुड़े संगठनों के अलावा सभी राजनीतिक पार्टियों और ट्रेड यूनियनों पर पाबंदी लगा दी गई | अर्थव्यवस्था, मीडिया, सेना और न्यायपालिका पर राज्य का पूरा नियंत्रण स्थापित हो गया।

नात्सी विचारधारा की प्रमुख विशेषता क्या थी?

नाजीवाद, जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर की विचार धारा थी. यह विचारधारा सरकार और आम जन के बीच एक नये से रिश्ते के पक्ष मे थी. इसके अनुसार सरकार की हर योजना मे पहल हो परंतु फिर वह योजना जनता-समाज की भागिदारी से चले. कट्टर जर्मन राष्ट्रवाद, देशप्रेम, विदेशी विरोधी, आर्य और जर्मन हित इस विचार धारा के मूल अंग हैं.