1. डिब्बे में लेखक के प्रवेश करते ही नवाब साहब के आँखों में कैसा भाव दिखा? Show (क) ख़ुशी के (ख) असंतोष के (ग) दुःख के (घ) संतोष के ► (ख) असंतोष के 2. नवाब साहब ने खीरों की फाँक का क्या किया? (क) खिड़की से बाहर फेंक दिया (ख) लेखक को दे दिया (ग) खा गए (घ) बच्चे को दे दिया ► (क) खिड़की से बाहर फेंक दिया 3. नवाब साहब को कनखियों से कौन देख रहा था? (क) बच्चा (ख) लड़की (ग) लेखक (घ) इनमें से कोई नहीं ► (ग) लेखक 4. नवाब साहब ने खीरों को खिड़की से बाहर क्यों फेंक दिया? (क) अमीरी दिखाने के लिए (ख) पेट भरने के कारण (ग) तबीयत खराब होने के कारण (घ) इनमें से कोई नहीं ► (क) अमीरी दिखाने के लिए 5. लेखक ने ट्रेन में सेकंड क्लास का टिकट क्यों लिया था? (क) आराम से यात्रा करने के लिए (ख) अमीरी दिखाने के लिए (ग) नई कहानी के बारे में सोचने के लिए (घ) इनमें से कोई नहीं ► (ग) नई कहानी के बारे में सोचने के लिए 6. लेखक ने नवाब साहब से खीरा न खाने का कारण क्या बताया? (क) उन्हें खीरा पसंद नहीं है (ख) पेट भरा हुआ है (ग) इच्छा नहीं है (घ) इनमें से कोई नहीं ► (ग) इच्छा नहीं है 7. नवाब साहब ने लेखक को क्या खाने का निमंत्रण दिया? (क) बादाम (ख) खीरा (ग) बिस्किट (घ) इनमें से कोई नहीं ► (ख) खीरा 8. अकेले सफ़र का वक्त काटने के लिए नवाब साहब ने क्या खरीदा था? (क) अखबार (ख) पुस्तक (ग) खीरा (घ) पत्रिका ► (ग) खीरा 9. नवाब साहब को क्या गवारा न था? (क) मँझले दर्जे में यात्रा करते दिखना (ख) लेखक से बात करना (ग) खीरा खाना (घ) इनमें से कोई नहीं ► (क) मँझले दर्जे में यात्रा करते दिखना 10. ठाली बैठे, कल्पना करते रहने की पुरानी आदत किसकी थी? (क) नवाब साहब की (ख) यात्री की (ग) लेखक की (घ) कवि की ► (ग) लेखक की 11. वार्तालाप की शुरुआत किसने की? (क) लेखक ने (ख) नवाब साहब ने (ग) दुकानदार ने (घ) इनमें से कोई नहीं ► (ख) नवाब साहब ने 12. लेखक कनखियों से किसकी ओर देख रहे थे? (क) खिड़की की तरफ (ख) घर की तरफ (ग) स्टेशन की तरफ (घ) नवाब साहब की तरफ ► (घ) नवाब साहब की तरफ 13.लखनऊ स्टेशन पर कौन खीरे के इस्तेमाल का तरीका जानते हैं? (क) नवाब साहब (ख) लेखक (ग) खीरा बेचने वाले (घ) इनमें से कोई नहीं ► (ग) खीरा बेचने वाले 14. नवाब साहब ने खीरे की तैयारी के बाद उसका क्या किया? (क) खा गए (ख) खिड़की से बाहर फेंक दिया (ग) नवाब साहब को दे दिया (घ) इनमें से कोई नहीं ► (ख) खिड़की से बाहर फेंक दिया 15. नवाब साहब का सहसा क्या करना लेखक को अच्छा नहीं लगा? (क) बात करना (ख) खीरा खाना (ग) भाव-परिवर्तन करना (घ) जेब से चाकू निकालना ► (ग) भाव-परिवर्तन करना Students can access the CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi with Solutions and marking scheme Course A Set 5 will help students in understanding the difficulty level of the exam. निर्धारित समय : 3
घंटे सामान्य निर्देश: खंड ‘अ’- वस्तुपरक प्रश्न ( अंक 40) अपठित गद्यांश (अंक
5)
प्रश्न 1. “स्वामी जी, इस धरती पर पाप बहुत बढ़ गया है, इसीलिए प्लेग की महामारी के रूप में भगवान लोगों को दंड दे रहे हैं, पर आप ऐसे लोगों को बचाने का यत्न कर रहे हैं। ऐसा करके आप भगवान के कार्यों में बाधा डाल रहे हैं।” मंडली के मुखिया की कील जैसी बातें सुनकर स्वामी जी गंभीरता से बोले, “सबसे पहले तो मैं आप सब विद्वानों का नमस्कार करता हूँ।” इसके बाद स्वामी जी बोले, “आप सब यह तो जानते ही होंगे कि मनुष्य इस जीवन में अपने कर्मों के कारण कष्ट और सुख पाता है। ऐसा
जो व्यक्ति कष्ट से पीड़ित है और तड़प रहा है, यदि दूसरा व्यक्ति उसके घावों पर मरहम लगा देता है तो वह स्वयं ही पुण्य का अधिकारी बन जाता है। आज यदि आपके अनुसार प्लेग से पीड़ित लोग पाप के भागी हैं और हमारे कार्यकर्ता इन लोगों की मदद कर रहे हैं, वे तो पुण्य के भागी बन रहे हैं। बताइए कि इस संदर्भ में आपको क्या कहना है?” उनकी बात सुनकर सभी लोग भौंचक्के रह गए और चुपचाप सिर झुकाकर वहाँ से चले गए। (i) कोलकाता में कौन-सी महामारी फैली थी? (ii) महामारी के विषय में कुछ लोगों की धारणा थी कि (iii) कुछ लोगों की दृष्टि में विवेकानंद जी द्वारा पीड़ितों की सेवा करना था (iv) स्वामी विवेकानंद जी के अनुसार उनके तथा कार्यकर्ताओं द्वारा किया जा रहा कार्य था (v) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक हो सकता है अथवा महाभारत में देश के प्रायः अधिकांश वीर कौरवों के पक्ष में थे। मगर फिर भी जीत पांडवों की हुई, क्योंकि
उन्होंने लाक्षा-गृह की मुसीबत झेली थी, वनवास के जोखिम को पार किया था। साहस की ज़िंदगी सबसे बड़ी जिंदगी होती है। ऐसी जिंदगी की सबसे बड़ी पहचान यह है कि यह बिलकुल निडर, बिल्कुल बेखौफ़ होती है। साहसी मनुष्य की पहली पहचान यह है कि वह इस बात की चिंता नहीं करता कि तमाशा देखने वाले लोग उसके बारे में क्या सोच रहे हैं। जनमत की उपेक्षा करके जीने वाला आदमी दुनिया की असली ताकत होता है और मनुष्यता को प्रकाश भी उसी आदमी से मिलता है। अड़ोस-पड़ोस को देखकर चलना साधारण जीव का काम है। क्रांति करने वाले लोग
अपने उद्देश्य की तुलना न तो पड़ोसी के उद्देश्य से करते हैं और न अपनी चाल को ही पड़ोसी की चाल देखकर मद्धिम बनाते हैं, बल्कि निडर होकर अपने लक्ष्य को पूरा करते हैं। (i) इस गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक होगा (ii) पांडवों की जीत के पीछे क्या कारण बताया गया है? (iii) ‘साहस की जिंदगी सबसे बड़ी जिंदगी होती है।’ यह किस प्रकार का वाक्य है? (iv) साहसी मनुष्य की पहचान क्या है? (v) क्रांतिकारी लोग अपठित पद्यांश (अंक 5) प्रश्न 2. भोर हुई पेड़ों की बीन बोलने लगी, सोने का कलश लिए उषा चली आ रही है, (i) कवि ने किस समय का चित्रण किया है? (ii) दीए किसके हैं? (iii) दूर की पहाड़ी कैसी दिखाई दे रही है? (iv) सोने का कलश क्या है? (v) भोर की बयार के गुनगुनाने का परिणाम क्या हुआ? अथवा हे प्रभु, निधि विनम्रता की तुम हम हो पाएँ एकाकार (i) प्रभु क्या है? (ii) कवि किसमें प्रभु की मदद चाहता है? (iii) वह प्रभु से क्या माँगता है? (iv) वह प्रभु से किसका पुतला बनने की कामना करता है? (v) वह यह सब क्यों माँग रहा है? व्याकरण (अंक 16) प्रश्न 3. (i) जब बारिश हुई तब किसान झूमने लगा। वाक्य है (ii) हम चाहते हैं कि हिंसा बंद हो जाए। रेखांकित उपवाक्य है (iii) सरल वाक्य है (iv) संयुक्त वाक्य है (v) ‘मैं लिख रहा हूँ जो ब्रह्म सत्य है।’ वाक्य में प्रधान उपवाक्य है प्रश्न 4. (i) ‘मुझसे पत्र नहीं लिखा गया।’ वाक्य का कर्तृवाच्य है (ii) कर्मवाच्य है (iii) वाल्मीकि द्वारा रामायण लिखी गई। वाच्य है (iv) भाववाच्य है (v)
अशोक ने विश्व को शांति का संदेश दिया। वाच्य है प्रश्न 5. (ii) मैं खुद पढ़ लूँगी। ‘खुद’ का पद-परिचय है– (iii) मनुष्य का चरित्र उसका उत्तम गुण होता है। वाक्य में
‘उत्तम’ का पद-परिचय है (iv) हम सभी भारतीयों का अभिवादन करते हैं। ‘भारतीयों’ का पद-परिचय होगा (v) वह लड़का घर जाता है । ‘वह’ का पद-परिचय है प्रश्न 6. (i) ऐ मेरे वतन के लोगों ज़रा आँख में भर लो पानी। जो शहीद हुए हैं उनकी ज़रा यार करो कुर्बानी। इन पंक्तियों में कौन-सा रस है? (ii) “ऊधो, मोहिं ब्रज बिसरत नाहीं। हंससुता की सुंदर कगरी और द्रुमन की छाँहीं।।” इन पंक्तियों में किस रस का स्थायी भाव है? (iii) किलक अरे मैं नेह निहारूँ। इन दाँतों पर मोती वारूँ।। इन पंक्तियों में कौन-सा रस है? (iv) उत्साह किस रस का स्थायी भाव है? (v) हास्य रस का उदाहरण है पाठ्यपुस्तक (अंक 14) प्रश्न 7. (i) लेखक
की पुरानी आदत क्या थी? (ii) लेखक किसकी असुविधा और संकोच के कारण का अनुमान करने लगे? (iii) लेखक ने क्या-क्या अनुमान लगाया? (iv) नवाब साहब खीरे क्यों नहीं खा रहे थे? (v) डिब्बे में चढ़ते समय लेखक का क्या अनुमान था? प्रश्न 8. (ii) भगत जी की बहू उन्हें छोड़कर क्यों नहीं जाना चाहती थी? प्रश्न 9. (ii) गोपियों का धैर्य क्यों टूटने लगा? (iii) गोपियों के पास उद्धव किसका संदेश लेकर आए थे? (iv) किस मर्यादा के उल्लंघन की बात गोपियाँ उद्धव से कह रही हैं? (v) ‘बिरहिनि’ का अर्थ है प्रश्न 10. (ii) लड़की होना पर लड़की जैसा मत दिखना’ का क्या आशय है? का खंड ‘ब’- वर्णनात्मक प्रश्न (अंक 40) पाठ्यपुस्तक एवं पूरक पाठ्यपुस्तक (अंक 20) प्रश्न 11. (क) बालगोबिन भगत की मृत्यु उन्हीं के अनुरूप
हुई? प्रश्न 12. प्रश्न 13. लेखन (अंक 20) प्रश्न 14.
(ख) बदलती दुनिया में पीछे छूटते जीवन-मूल्य
(ग) सत्संगति का प्रभाव
प्रश्न 15. प्रश्न 16. प्रश्न 17. नवाब साहब ने खीरे को क्यों नहीं खाया?नवाब साहब को झूठी शान दिखाने की आदत रही होगी। वे खीरे को गरीबों का फल मानते होंगे और इसलिए किसी के सामने खीरे को खाने से बचना चाहते होंगे। वह यह भी दिखाना चाहते होंगे कि नफासत के मामले में उनका कोई सानी नहीं है। इसलिए उन्होंने खीरे को बड़े यत्न से काटा, नमक-मिर्च बुरका और फिर खिड़की से बाहर फेंक दिया।
नवाब साहब ने खीरे के गुण अवगुण में कौन सी बात कही *?Answer: नवाब साहब ने बहुत ही यत्न से खीरा काटा,नमक-मिर्च बुरका,अंततः सूँघकर खिड़की से बाहर फेंक दिया। उनका यह बर्ताव स्वयं को खास दिखाने और लेखक पर अपनी अमीरी का रौब झाड़ने के लिए था। उनका ऐसा करना दंभ,मिथ्या-आडंबर,प्रदर्शन-प्रियता एवं उनके व्यवहारिक खोखलेपन की ओर संकेत करता है।
नवाब साहब ने खीरा खाने का क्या कारण बताया था?नवाब साहब ने खीरा नहीं खाने का यह कारण बताया कि खीरा होता तो स्वादिष्ट है परंतु आसानी से पचता नहीं है। इसके सेवन से आमाशय पर बोझ पड़ता है इसलिए वे खीरा नहीं खाते हैं। लेखक जिस डिब्बे में चढ़ा वहाँ पहले से ही एक सज्जन पालथी लगाए बैठे थे। उनके सामने दो खीरे रखे थे।
लेखक ने खीरा क्यों नहीं खाया?Expert-Verified Answer. ➲ 'लखनवी अंदाज' पाठ में लेखक ने खीरा खाने से इसलिये मना कर दिया था क्योंकि लेखक के साथ नवाब साहब ने इससे पहले रूख व्यवहार किया था। नवाब द्वारा खीरा खाने के पूछने पर लेखक को नवाब द्वारा किया रूखा व्यवहार याद आ गया और लेखक को अपने आत्मसम्मान की परवाह हुई। इसीलिये लेखक ने खीरा खाने से मना कर दिया।
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