आज हम जानेंगे की यदि पौधों में प्रकाश संश्लेषण नहीं हो तो क्या होगा? यह जानने से पूर्व चलिए जानते हैं कि प्रकाश संश्लेषण होता क्या है, प्रकाश संश्लेषण में सजीव कोशिकाओं द्वारा प्रकाशीय ऊर्जा रसायनिक ऊर्जा में परिवर्तित की जाती है। जिसे सूर्य के प्रकाश, वायु से कार्बनडाइऑक्साइड व भूमि से जल की उपस्थिति में पौधों द्वारा किया जाता है। जिससे वे खाद्य पदार्थो का निर्माण
करते हैं और ऑक्सीजन को पानी से लेकर वायुमंडल में मुक्त कर देते हैं। प्रकाश संश्लेषण से पेड़-पौधे अपने भोजन का निर्माण करते हैं और उनके द्वारा बनाये भोजन को तनों द्वारा पूरे पेड़ में भेजा जाता है। प्रकाश संश्लेषण की क्रिया पेड़ के पत्तो में की जाती है और अगर पत्ते भोजन नहीं बना पाएंगे और उनमे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया नहीं होगी तो पेड़ मर जाएगा। जिस क्रिया से पत्ते पानी छोड़ते हैं उस सुनेंरोकेंइस क्रिया को ‘संवहन’ (ट्रांसपाइरेशन) कहा
जाता है। यह सभी स्वपोषी हरे पौधों में क्लोरोप्लास्ट में पाया जाता है। सूर्य की प्रकाशीय ऊर्जा को क्लोरोफिल के अणु अवशोषित कर रासायनिक ऊर्जा में रूपांतरित कर देते हैं। प्रकाश की उपस्थिति में विघटित होने वाला पदार्थ कौन सा है? AgCl को प्रकाश की उपस्थिति में विघटित किया जा सकता है। AgCl अंधेरे में स्थिर होता है पर वह प्रकाश की उपस्थिति में उत्प्रेरित हो जाता है। प्रकाश ऊर्जा के संपर्क में आने से
अतिरिक्त इलेक्ट्रान बाहर आ जाता है जो की क्लोरीन आयन से निकला होता है और अंत में यह सिल्वर आयन द्वारा ग्रहण क्र लिए जाता है। प्रकाशीय अभिक्रिया किसे कहते हैं ? जब जल अपघटित होकर हाइड्रोजन आयन और इलेक्ट्रॉन बनता है और अंत में ऊर्जा अणु बनाता है तो इस क्रिया को प्रकाशीय अभिक्रिया कहा जाता है। C4 पौधे क्या है ? वह पौधे जिनमें Co2 स्थिरीकरण का प्रथम उत्पाद 4-कार्बन यौगिक और ऑक्सैलो-ऐसीटिक अम्ल होते हैं जो की प्रकाश संश्लेषण में अधिक सक्षम होते है उन्हें C4 पौधे कहा जाता है। वनस्पति शास्त में पेड़ की जड़ों से पत्तों तक पानी पहुंचाने की क्रिया को क्या कहते हैं?वनस्पति शास्त में पेड़ की जड़ों से पत्तों तक पानी पहुंचाने की क्रिया को कोशिका क्रिया कहा जाता है। पेड़ के तने में जाइलम और फ्लोयम नामक विशेष कोशिकाएँ होती हैं जिससे जड़ों से अवशोषित पानी पत्तियों तक पहुंचाया जाता है। कुछ और महत्वपूर्ण लेख –
प्रकाश संश्लेषण सिर्फ हरे पौधों एवं कुछ जीवाणुओं में घटित होने वाली वह क्रिया है जिसमें पौधे के हरे भाग सौर ऊर्जा (solar Energy) को ग्रहण कर वायुमण्डल से ली गई कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) तथा भूमि से अवशोषित जल (H2O) के द्वारा कार्बोहाइड्रेट का निर्माण करते हैं। इस प्रक्रिया में ऑक्सीजन एवं जल सहायक उत्पाद (By-product) के रूप में निष्कासित होते हैं। पौधों में होने वाली यह क्रिया हरित लवक या पर्णहरित (Chlorophyll) की उपस्थिति
में सम्पन्न होती है। 6 СО2 + 12H2O -(सूर्य का प्रकाश + पर्णहरित)→ C6H12O6 + 6H2O + 6O2 प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक कच्चा पदार्थ:
[latex]{ H }_{ 2 }O\rightarrow 2{ H }^{ + }+\frac { 1 }{ 2 } { O }_{ 2 }+2{ e }^{ – }[/latex]
प्रकाश संश्लेषण की क्रिया: प्रकाश संश्लेषण की क्रिया एक उपचयन-अपचयन (Oxidation-Reduction) क्रिया है। इसमें जल का उपचयन (Oxidation) ऑक्सीजन के बनने में तथा कार्बन डाइऑक्साइड का अपचयन (Reduction) शर्करा के निर्माण में होता है। प्रकाश संश्लेषण क्रिया की अवस्थाएँ: प्रकाश संश्लेषण क्रिया की दो अवस्थाएँ होती हैं-
प्रकाश रासायनिक क्रिया (Photo chemical reaction): यह क्रिया पर्णहरित के ग्रेना में सम्पन्न होती है। इसे हिल क्रिया (Hill Reaction) भी कहते हैं। इस प्रक्रिया में जल का अपघटन होकर हाइड्रोजन आयन तथा इलेक्ट्रॉन बनता है। जल के अपचयन के लिए ऊर्जा प्रकाश द्वारा मिलती है। इस प्रक्रिया के अन्त में ऊर्जा के रूप में ATP तथा NADPH निकलता है जो अंधकार क्रिया (Dark reaction) में क्रिया संचालित करने में मदद करते हैं। 4H2O → 4H+ + 4OH‑ 4H+ + 2NADP → 2NADPH2 4OH– → 2H2O + 2O2↑ +2e–
प्रकाश संश्लेषण की सम्पूर्ण क्रिया को संक्षेप में अति सरल तरीके से इस प्रकार प्रदर्शित किया जा सकता है- 6CO2 + 12 ATP + 12 NADPH → C6H12O6 + 12 ATP + 12 NADP प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को प्रभावित करने वाले कारक (Factors governing photo synthesis): प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को प्रभावित करनेवाले कारक निम्नलिखित हैं-
प्रकाश संश्लेषण में पौधे क्या बनाते हैं?प्रकाश-संश्लेषण में ग्लूकोज (C6H12O6) नामक कार्बोहाइड्रेट का निर्माण होता है। इसमें कार्बन (C) तथा ऑक्सीजन (C) तत्व के परमाणु कार्बनडाइऑक्साइड (CO2) से ही प्राप्त होते हैं। क्लोरोफिल क्लोरोफिल एक प्रोटीनयुक्त जटिल रासायनिक यौगिक है। यह प्रकाश-संश्लेषण का मुख्य वर्णक है।
पौधे प्रकाश संश्लेषण क्यों होते हैं?Solution : पौधे जंतुओं की तरह एक स्थान से दूसरे स्थान पर भोजन की तलाश में नहीं घूमते, बल्कि एक ही स्थान पर खड़े रहते हैं और जड़ों के द्वारा भूमि से खनिज और लवण अवशोषित कर पत्तों में एकत्रित करते हैं। पत्तों में ही प्रकाश-संश्लेषण क्रिया द्वारा खनिज, जल, कार्बनडाइऑक्साइड को सौर ऊर्जा की सहायता से मंड में बदला जाता है।
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