डिलीवरी के बाद का कैरी हो डाइट, जानें क्या खाएं और क्या नहीं सबसे पहले तो आपके लिए यह समझना जरूरी है कि जितनी कैलोरी आपको प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में चाहिए थी, उतनी ही कैलोरी डिलीवरी के बाद भी चाहिए। डिलीवरी के बाद ये न सोचें कि अब शिशु पैदा हो गया है तो आपको हेल्दी डाइट की जरूरत नहीं है और अब पतला होने पर काम शुरू करना है। डिलीवरी के बाद शिशु के लिए पोषण का आधार मां का दूध ही होता है और आप जो भी खाएंगी उसका सारा पोषण के दूध के जरिए शिशु को मिलेगा। डॉक्टर शीतल सचदेवा ने डाइट से दूध पर पड़ने वाले असर के बारे में बताया है। यह भी पढ़ें : मां बनने
के बाद क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, यहां जानें पूरी डीटेल डिलीवरी के बाद की डाइटडॉक्टर कहती हैं कि हो सकता है कि आपको डिलीवरी के तुरंत बाद दूध न आए, ऐसे में घबराएं नहीं। डिलीवरी के बाद 24 से 48 घंटे के अंदर दूध आना शुरू हो जाएगा। तब तक हेल्दी और संतुलित डाइट लें और कैलोरी भी लें। अपने खाने में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स और हेल्दी फैट्स का सही मात्रा में होना बहुत जरूरी है। खाने में कार्बोहाइड्रेट 50 पर्सेंट, प्रोटीन और हेल्दी फैट्स 20 से 30 पर्सेंट की मात्रा में होने चाहिए। यह भी पढ़ें :
नॉर्मल या सिजेरियन डिलीवरी के बाद सवा महीने इस चीज को खाने से कमजोरी होगी दूर दूध बढ़ाने का नुस्खाइसके अलावा सौंफ, जीरा और अजवायन से ब्रेस्ट में दूध बनने में मदद मिलेगी। डॉक्टर शीतल अपने पेशेंट्स को भी सलाह देती हैं कि वो डिलीवरी के बाद सौंफ, जीरे और अजवाइन को एक समान मात्रा में लेकर हल्का भून लें और गुड़ में मिलाकर इसका पाउडर तैयार कर लें। एक गिलास दूध में इस पाउडर की एक चम्मच डालकर एक बार सुबह और एक बार शाम को पिएं। इससे ब्रेस्ट में नैचुरली मिल्क बनने लगेगा। इस पाउडर को चाय या रोटी में डाल सकती हैं। डिलीवरी के बाद क्या खाना चाहिएडॉक्टर शीतल सचदेवा बताती हैं कि डिलीवरी के बाद महिलाओं को लहसुन, हरी पत्तेदार सब्जियां, दलिया जरूर खाना चाहिए। इससे भी ब्रेस्ट मिल्क ज्यादा बनने में सहायता मिलती है। आप दिन में एक बार हरी पत्तेदार सब्जी और एक बार दलिया खाएं। इसके अलावा गाजर,
ब्राउन राइस, तिल और तुलसी भी लें और हल्का भोजन करें। गरिष्ठ भोजन करने से बचें और दूध, दही और सब्जियां सही मात्रा में लें। यह भी पढ़ें : डिलीवरी के बाद कमजोरी ने लिया है जकड़, तो पहले महीने में इन फूड्स को खाकर पाएं तुरंत
एनर्जी डिलीवरी के बाद क्या नहीं खाना चाहिएडॉक्टर शीतल कहती हैं कि नॉर्मल डिलीवरी होने पर महिलाओं को खानपान में ज्यादा परहेज बरतने की जरूरत नहीं होती है। मसालेदार चीजें कम खाएं और कब्ज एवं खांसी पैदा करने वाले पदार्थों से भी दूर रहें। सी-सेक्शन हुआ है, तो डॉक्टर आपको शुरुआती दिनों में हल्का भोजन करने की सलाह दे सकती हैं। आप इस समय कब्ज और खांसी करने वाली चीजें न खाएं। ऐसा कोई काम न करें जिससे आंखों पर प्रेशर पड़ता हो। अगर आपको सिजेरियन डिलीवरी के बाद कब्ज है या आपको अक्सर कब्ज रहती है, तो पपीता और दूध लें। खट्टी चीजें न खाएं और हेल्दी चीजों को भी सीमित मात्रा में ही खाएं। कोई भी चीज न तो बहुत ज्यादा खाएं और न ही बहुत कम। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें बच्चे को जन्म देने के बाद मां को क्या खाना चाहिए?डिलीवरी के बाद क्या खाना चाहिए
आप दिन में एक बार हरी पत्तेदार सब्जी और एक बार दलिया खाएं। इसके अलावा गाजर, ब्राउन राइस, तिल और तुलसी भी लें और हल्का भोजन करें। गरिष्ठ भोजन करने से बचें और दूध, दही और सब्जियां सही मात्रा में लें।
डिलीवरी के बाद कौन सी सब्जी नहीं खानी चाहिए?2- कच्चे केले, मीट, आलू, बेकरी प्रोडक्ट्स, मैदा, फूल गोभी, पत्तेदार गोभी, ब्रोकली और मूंगफली वगैरह भी गैस बनाती हैं. इनसे परहेज करें. तीखा और मसालेदार खाना न खाएं. शुरुआती दिनों में कच्चे आम या नींबू के सेवन से बचें.
डिलीवरी के बाद कौन कौन से फल खा सकते हैं?नॉर्मल डिलीवरी के बाद जरूर खाएं ये 5 फल. बेर बेर एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। ... . ड्राई फ्रूट्स सूखे मेवों यानी बादाम, काजू, किशमिश, पिस्ता और अखरोट आदि में भरपूर मात्रा में विटामिन ई होता है। ... . खरबूजा खरबूजे में पोटेशियम प्रचुर मात्रा में होता है और यह शरीर से आलस को दूर करने का काम करता है। ... . संतरा ... . पपीता. डिलीवरी के बाद महिलाओं को क्या खाना चाहिए?डिलीवरी के बाद महिला के शरीर को कैल्शियम की जरूरत होती है। सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद अपने आहार में दूध, दही, पनीर और सोया मिल्क जरूर शामिल करें। ये सभी कैल्शियम के बेहतरीन स्रोत होते हैं। इससे शरीर को पोषण मिलता है और हड्डियाँ मजबूत होती हैं।
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