पृष्ठ तनाव को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से हैं? - prshth tanaav ko prabhaavit karane vaale kaarak kaun kaun se hain?

एक ही प्रकार के पदार्थ के अणुओं के मध्य लगने वाला आकर्षण बल ,ससंजक बल कहलाता है । ठोसों की निश्चित आकृति उनके अणुओं के मध्य लगने वाले प्रबल ससंजक बलों के कारण ही होती है ।

द्रवों में ससंजक बल ठोसों की तुलना में कम होता है इसलिए द्रवों का आयतन सुनिश्चित लेकिन आकार अनिश्चित होता है । गैसों में ससंजक बल नगण्य होता है इसलिए इसका आयतन व आकार दोनों अनिश्चित होता है ।

आसंजक बल ( Adhesive Force in Hindi)

दो भिन्न पदार्थों के अणुओं के बीच लगने वाला आकर्षण बल , आसंजक बल कहलाता है । जिस दूरी तक यह बल प्रभावी रहता है उसे आण्विक परास कहते हैं । आसंजक बल के कारण ही पानी काँच की प्लेट को गीला कर देता है ।

नोट :- दो अणुओं के बीच की उस अधिकतम दूरी को जिस पर उनके बीच अन्तराण्विक आकर्षण बल कार्य करता है ,आण्विकक परास कहलाता है । इसे ‘C’ से प्रदर्शित करते हैं । इसका मान C=10⁻⁹ m होता है ।

पृष्ठ तनाव ( Surface Tension in Hindi)

पृष्ठ तनाव स्थिर द्रव का वह गुण है जिसके कारण द्रव का पृष्ठ अपना क्षेत्रफल न्यूनतम करने का प्रयास करता है और एक तनी हुई झिल्ली की भांति व्यवहार करता है ।

यदि किसी द्रव की सतह पर काल्पनिक रेखा खींची जाए तो इस रेखा के किसी एक और इकाई लंबाई पर लगने वाला अभिलंबवत् बल पृष्ठ तनाव कहलाता है । इसे T से प्रदर्शित करते हैं ।

यदि रेखा की L लंबाई पर F बल कार्य करता है तो पृष्ठ तनाव T ,

T = F/l

पृष्ठ तनाव का SI मात्रक न्यूटन /मीटर होता है ।

पृष्ठ ऊर्जा ( Surface Energy) :-

पृष्ठ के इकाई क्षेत्रफल में स्थित अणुओं की स्थितिज ऊर्जा को ही पृष्ठ ऊर्जा कहते हैं । पृष्ठ तनाव संख्यात्मक रूप से द्रव की पृष्ठ ऊर्जा के तुल्य होता है ।

पृष्ठ ऊर्जा = किया गया कार्य/ क्षेत्रफल

E = W/A

पृष्ठ तनाव पर ताप एवं अशुद्धियों का प्रभाव –

ताप का प्रभाव – ताप बढ़ने से द्रव का पृष्ठ तनाव घट जाता है । किसी द्रव का पृष्ठ तनाव उस द्रव के क्रांतिक ताप पर शून्य हो जाता है ।

अशुद्धियों का प्रभाव – जल में अधिक घुलनशील पदार्थ जैसे – NaCl, ZnSO₄ आदि मिला दिया जाये तो पानी का पृष्ठ तनाव बढ़ जाता है । इसके विपरीत यदि जल में सामान्य घुलनशील पदार्थ जैसे – फिनॉल, एल्कोहॉल, साबुन, तेल आदि मिला दिया जाए तो पानी का पृष्ठ तनाव कम हो जाता है ।

पृष्ठ तनाव के उदाहरण :-

🔹पतली सुई पृष्ठ तनाव के कारण ही पानी पर तैराई जा सकती है ।

🔹साबुन, डिटर्जेंट्स आदि जल का पृष्ठ तनाव कम कर देते हैं, अतः वे मैल में गहराई तक चले जाते हैं जिससे कपड़ा ज्यादा साफ होता है ।

🔹साबुन के घोल के बुलबुले बड़े इसलिए बनते हैं कि जल में साबुन घोलने पर उसका पृष्ठ तनाव कम हो जाता है ।

🔹स्थिर जल की सतह पर मच्छरों का लार्वा तैरते रहते हैं , परंतु जल में मिट्टी का तेल छिड़क देने पर उसका पृष्ठ तनाव कम हो जाता है , जिससे लार्वा पानी में डूब कर मर जाते हैं ।

🔹गरम सूप स्वादिष्ट लगता है क्योंकि गरम सूप का पृष्ठ तनाव कम होता है , अत: वह जीभ के ऊपर सभी भागों में अच्छी तरह फैल जाता है ।

🔹पृष्ठ तनाव के कारण ही पानी से बाहर निकालने पर शेविंग ब्रश के बाल आपस में चिपक जाते हैं ।

🔹समुंदर की लहरों को शांत करने के लिए उन पर तेल डाल दिया जाता है ।

पृष्ठ तनाव को प्रभावित करने वाले कारक :-

🔹जब द्रव में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तब द्रव का पृष्ठ तनाव घटता है ।

🔹तेल,ग्रीस आदी पृष्ठ तनाव घटाते हैं ।

🔹तापमान बढ़ने से पृष्ठ तनाव घटता है ।

FAQ

Q. पृष्ठ तनाव किसे कहते हैं ?

Ans:- यदि किसी द्रव की सतह पर काल्पनिक रेखा खींची जाए तो इस रेखा के किसी एक और इकाई लंबाई पर लगने वाला अभिलंबवत् बल पृष्ठ तनाव कहलाता है ।

द्रव के पृष्ठ में स्थित अणु अपनी स्थिति के कारण अपनी ऊर्जा के अतिरिक्त कुछ ऊर्जा ओर रखते हैं अर्थात द्रव के मुक्त पृष्ठ के प्रति एकांक क्षेत्रफल की इस अतिरिक्त ऊर्जा को पृष्ठ ऊर्जा (surface energy in Hindi) कहते हैं।

पृष्ठ तनाव एवं पृष्ठ ऊर्जा में संबंध

माना एक मुड़े हुए तार पर एक झिल्ली बनी है जिसकी दो परतें हैं। यह झिल्ली पृष्ठ तनाव के कारण सिकुड़ने का प्रयास करती है।

पृष्ठ तनाव को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से हैं? - prshth tanaav ko prabhaavit karane vaale kaarak kaun kaun se hain?
पृष्ठ तनाव एवं पृष्ठ ऊर्जा में संबंध

प्रयोगों द्वारा ज्ञात होता है कि बल F का मान तार PQ के संपर्क में झिल्ली की लंबाई l के अनुक्रमानुपाती होता है। तो
F ∝ 2l
F = T2l
जहां T एक नियतांक है जिसे द्रव का पृष्ठ तनाव कहते हैं।
माना तार PQ को ∆x दूरी खिसकाकर P’Q’ में लाया जाता है। अतः बल द्वारा क्षेत्रफल वृद्धि करने में किया गया कार्य
W = बल × लम्बवत दूरी
W = F × ∆x
W = T2l × ∆x
W = T × ∆A     (चूंकि A = 2l∆x)
अतः \footnotesize \boxed { T = \frac{W}{∆A} }

यही कार्य, स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाता है अर्थात
∆U = T∆A
नियत ताप पर द्रव पृष्ठ के प्रति एकांक क्षेत्रफल की स्थितिज ऊर्जा को ही द्रव की पृष्ठ ऊर्जा कहते हैं।
पृष्ठ ऊर्जा = \frac{पृष्ठ\,क्षेत्रफल\,बढ़ाने\,में\,किया\,गया\,कार्य}{पृष्ठ\,क्षेत्रफल\,में\,वृद्धि}
पृष्ठ ऊर्जा = \frac{T(2l∆x)}{(2l∆x}
पृष्ठ ऊर्जा = T
\footnotesize \boxed { पृष्ठ\,ऊर्जा = पृष्ठ\,तनाव }
यही पृष्ठ ऊर्जा और पृष्ठ तनाव के बीच संबंध है।

पढ़ें… 11वीं भौतिक नोट्स | 11th class physics notes in Hindi

स्पर्श (संपर्क) कोण

द्रव व ठोस के स्पर्श बिंदु से द्रव के तल पर खींची गई स्पर्श रेखा तथा ठोस के तल पर द्रव के अंदर की ओर खींची गई स्पर्श रेखाओं के बीच बने कोण को द्रव एवं ठोस के लिए स्पर्श कोण या संपर्क कोण कहते हैं।
यह प्रस्तुत चित्र में द्रव, जल तथा ठोस, कांच है चित्र से ही यह परिभाषा बन सकती है।

जो द्रव ठोस को भिगो देते हैं उनका स्पर्श कोण न्यूनतम तथा जो द्रव ठोस को नहीं भिगोते हैं उनका स्पर्श कोण अधिकतम होता है। अर्थात जो द्रव ठोस को गीला कर देते हैं उनके लिए स्पर्श कोण का मान कम होता है।

पृष्ठ तनाव को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से हैं? - prshth tanaav ko prabhaavit karane vaale kaarak kaun kaun se hain?

यहां जल व पारे में कांच की छड़ को डुबोया गया है। कांच की छड़ को जल भिगो देता है। इसलिए जल तथा कांच का स्पर्श कोण 8° ( यानि न्यूनतम) होता है। एवं पारा कांच की छड़ (ठोस) को नहीं भिगोता है इसलिए पारे तथा कांच का स्पर्श कोण 135° (यानि अधिकतम) होता है। चित्र में स्पर्श को θ से दर्शाया गया है।

तनाव को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से हैं?

कोई व्यक्ति वित्तीय मुद्दों, किसी की बीमारी, किसी की सेवानिवृत्ति या भावनात्मक रूप से विनाशकारी घटना जैसे कई कारणों से तनाव का अनुभव कर सकता है, जैसे जीवनसाथी की मृत्यु या काम से निकाल दिया जाना। हालांकि, हमारा अधिकांश तनाव रोजमर्रा की छोटी छोटी जिम्मेदारियों से आता है।

पृष्ठ तनाव क्या है पृष्ठ तनाव को प्रभावित करने वाले कारक लिखिए?

पृष्ठ तनाव को प्रभावित करने वाले कारक तापमान बढ़ाने से पृष्ठ तनाव घटता है। तेल, ग्रीस, आदि पृष्ठ तनाव घटाते हैं। जब द्रव में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तब द्रव का पृष्ठ तनाव घटता है।

पृष्ठ तनाव का कारण क्या हो सकता है?

पृष्ठ तनाव वह गुण है जिसके कारण तरल टायर अपने मुक्त पृष्ठ क्षेत्र को कम कर देते हैं। गोलाकार आकार में, पृष्ठ का क्षेत्रफल न्यूनतम होता है और इस कारण वर्षा की बूंदें गोलाकार होती हैं। पृष्ठ तनाव को तरल पृष्ठ पर खींची गई एक काल्पनिक रेखा के प्रति इकाई लंबाई बल के रूप में मापा जाता है

पृष्ठ तनाव का ताप पर क्या प्रभाव पड़ता है?

Solution : (1) ताप का प्रभाव-द्रव का ताप बढ़ाने पर उसका पृष्ठ तनाव घट जाता है। क्योंकि ताप बढ़ने पर द्रव के अणुओं के बीच की दूरी बढ़ जाती है, जिससे उनके बीच संसजक बल कम हो जाता है।