वे सभी पोषक तत्व जो पौधों की वृद्धि एवं विकास के लिए सहायक होते है आवश्यक पादप पोषक तत्व (essential plant nutrients in hindi) कहलाते है । Show
आवशयक पोषक तत्वों का पौधों के जीवन में एक महत्त्वपूर्ण स्थान है । आवश्यक पादप पोषक तत्व क्या है? | essential plant nutrients in hindiपौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक पोषक तत्त्व 16 हैं जिन्हें पादप पोषक या आवश्यक पादप पोषक तत्व (essential plant nutrients in hindi) भी कहते हैं । ये कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम, कैलशियम, मैगनीशियम, गंधक, लोहा, जिंक, मैंगनीज, कॉपर, बोरॉन, मोलिब्डीनम तथा क्लोरीन हैं । पौधों को C, H और O तीन पोषक वायु तथा जल से प्राप्त होते हैं परन्तु शेष 13 पोषक तत्व इन्हें मृदा से मिलते हैं । इनके अतिरिक्त पौधे मृदा से सिलिकॉन, ऐलुमिनियम तथा सोडियम की अल्प मात्राएँ भी शोषित कर लेते हैं । पौधों में पोषक तत्व आवश्यक क्यों होते है? why are nutrients essential in plantsकिसी तत्त्व का पौधों के लिए आवश्यक कहलाना निम्न बातों पर निर्भर करता है—
अत: पौधों के पोषण के लिए आवश्यक तत्त्वों में उपरोक्त गुण विद्यमान होते हैं । आवश्यक पादप पोषक तत्वों का वर्गीकरण classification of essential plant nutrients in hindiपादप पोषक तत्वों का वर्गीकरण -1. प्रधान या वृहत् या दीर्घ पोषक ( Major or Macro Nutrients )
पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्वों का वर्गीकरण कीजिए? | classification of essential plant nutrients in hindiपौधों की आवश्यकतानुसार आवश्यक पोषक तत्त्वों का वर्गीकरण निम्न प्रकार कर सकते हैं -1. प्रधान या वृहत् या दीर्घ पोषक ( Major or Macro Nutrients )इनके अन्तर्गत C, H, O, N, P, K, S, Ca तथा Mg आते हैं । इन्हें भी दो वर्गों में वर्गीकृत करते हैं -( i ) प्राथमिक पोषक ( Primary Nutrients ) –NPK की पौधों को अन्य तत्त्वों की अपेक्षा अधिक मात्रा में आवश्यक होती है । अतः इन्हें प्राथमिक या मुख्य पोषक तत्त्व कहते हैं । ( ii ) द्वितीय या गौण पोषक ( Secondary Nutrients ) -Ca, Mg तथा S भी पौधों को पर्याप्त मात्रा में चाहिये परन्तु इनका कार्य मुख्य पोषक तत्वों से कम होता है । अतः इन्हें गौण पोषक तत्त्व कहते हैं । 2. उप-प्रधान, लघु या सूक्ष्म पोषक ( Minor, Micro or Trace Nutrients )मृदा में विद्यमान वह तत्त्व जो पादप वृद्धि के लिए प्रधान तत्त्वों की भाँति आवश्यक होते हैं किन्तु वे पौधों द्वारा अल्प मात्रा में उपयोग में लाए जाते हैं, सूक्ष्म या विरल पोषक तत्त्व कहलाते हैं । ये Fe, Mn, Cu, Zn, B, Mo तथा CI हैं । सूक्ष्म तत्त्वों की अधिक मात्रा पौधों के लिए वैषिक (toxic) हो जाती है । अतः मृदा में इनकी अल्प मात्रा ही पर्याप्त होती है । ये भी पढ़ें :-
आवश्यक पोषक तत्वों को पौधों किस रूप में ग्रहण करते है?पोषक तत्त्वों के रूप जिनमें पौधे उन्हें ग्रहण करते हैं - पौधे पोषक तत्त्वों को मृदा घोल या मृदा कोलॉइड जटिल की सतह से प्राय: आयनिक रूप में ग्रहण करते हैं । इसके अतिरिक्त C, H तथा O को पौधे मुख्यत: वायु तथा पानी से लेते हैं । आवश्यक पोषक तत्त्वों को पौधे निम्न रूपों में ग्रहण करते हैं -पोषक तत्त्व - पौधों द्वारा शोषित प्राप्य अवस्थाएँ -
निम्नलिखित पोषक तत्वों के पौधों में कार्य, कमी के लक्षण एवं महत्व लिखिए?पादप ऊतकों की प्रोटीन संरचना में लिप्त तीन सहायक संरचनात्मक पोषक तत्वों के नाम कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस तथा गन्धक ऐसे तत्त्व हैं जो पहले प्रोटीन और फिर जीवद्रव्य की संरचना में भाग लेते हैं । अतः ये पादप ऊतकों की प्रोटीन संरचना में सहायक संरचनात्म पोषक तत्त्व होते हैं । C, H तथा O के पादप वृद्धि में महत्त्व का वर्णन निम्न प्रकार कर सकते हैं -1. कार्बन के पौधों में कार्य एवं महत्व -यह पौधों का विशेष अंग है और यह पौधों में स्थित तत्त्वों में सबसे अधिक मात्रा में होता है । प्रायः पौधे कार्बन वायुमण्डलीय CO2 से प्राप्त करते हैं । मृदा में यह कार्बोनेट के रूप में पौधों को प्राप्त होता है । हरे पौधे सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) प्रक्रम द्वारा CO2 तथा जल के संयोग से ग्लूकोस तथा फ्रुक्टोस आदि सरल शर्कराएँ तथा अन्य कार्बोहाइड्रेट्स बनाते हैं । इस प्रकार कार्बन से शर्करा का निर्माण होता है । 6CO2 + 6H2O + 677Cal. ---> C6H12O6(ग्लूकोस व फ्रुक्टोस) + 602 सरल शर्कराओं (पेन्टोसेस, C5H10O5 तथा हैक्सोसेस, C6H12O6) के बहुलीकरण (polymerisation) द्वारा वसा पदार्थ तथा तेलों का संश्लेषण होता है । 2. हाइड्रोजन के पौधों में कार्य एवं महत्व -यह तत्त्व पौधों के लिए अत्यन्त आवश्यक है । पौधों की वृद्धि लिए आवश्यक हाइड्रोजन जल से प्राप्त होती है । पौधों द्वारा शोषित सम्पूर्ण जल की केवल अतिसूक्ष्म मात्रा इसके बढ़वार प्रक्रमों में काम आती है । जल की इस सूक्ष्म मात्रा से भोज्य पदार्थों के निर्माण में आवश्यक हाइड्रोजन की पूर्ति हो जाती है । हाइड्रोजन CO2 के साथ संयोग कर विभिन्न रासायनिक क्रियाओं द्वारा शर्करा का निर्माण करती है । 3. ऑक्सीजन के पौधों में कार्य एवं महत्व -पौधों को ऑक्सीजन जल तथा CO2 से प्राप्त होती है । प्रकाश संश्लेषण प्रक्रम में उत्पन्न स्वतन्त्र ऑक्सीजन को पौधे अपनी श्वसन क्रिया में उपयोग में लाते हैं । पौधे रात को श्वसन (respiration) में ऑक्सीजन ग्रहण कर CO2 छोड़ते हैं और दिन में CO2 ग्रहण कर O2 बाहर निकालते हैं । इस प्रकार ऑक्सीजन पौधों में श्वसन और प्रकाश संश्लेषण क्रियाओं में महत्त्वपूर्ण कार्य करती है । ये भी पढ़ें :-
पौधों में नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम (NPK) इत्यादि पोषक तत्वों के कार्य, कमी के लक्षण एवं महत्व लिखिए?1. पौधों में नाइट्रोजन के कार्य, कमी के लक्षण एवं महत्व लिखिए?पौधों में नाइट्रोजन के दैहिक कार्य निम्नलिखित हैं -
पौधों में नत्रजन की कमी के लक्षण -
पौधों में नाइट्रोजन का महत्व -
पौधों में नत्रजन के आधिक्य के लक्षण (toxic effects) -
2. पौधों में फॉस्फोरस के कार्य, कमी के लक्षण एवं महत्व लिखिए?पौधों में फॉस्फोरस के दैहिक कार्य निम्नलिखित हैं -
पौधों में फॉस्फोरस की कमी के लक्षण -
पौधों में फॉस्फोरस का महत्व -
3. पौधों में पोटेशियम के कार्य, कमी के लक्षण एवं महत्व लिखिए?पौधों में पोटेशियम के दैहिक कार्य निम्नलिखित हैं -
पौधों में पोटेशियम की कमी के लक्षण -
पौधों में पोटेशियम का महत्व -
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आवश्यक पोषक तत्वों के पौधों में कार्य, कमी के लक्षण एवं महत्व लिखिए?पौधों में कैल्सियम के कार्य, कमी के लक्षण एवं महत्व लिखिए?पौधों में कैल्सियम के दैहिक कार्य निम्नलिखित हैं -
पौधों में कैल्सियम की कमी के प्रमुख लक्षण -
पौधों में कैल्सियम का महत्व -
पौधों में मैगनीशियम के कार्य, महत्व एवं कमी के लक्षण लिखिए?पौधों में मैगनीशियम के दैहिक कार्य निम्नलिखित हैं -
पौधों में मैगनीशियम की कमी के प्रमुख लक्षण -
पौधों में गन्धक (सल्फर) के कार्य, महत्व एवं कमी के लक्षण लिखिए?पौधे मृदा से गन्धक सल्फेट के रूप में ग्रहण करते हैं । सल्फेट के पानी में घुलनशील होने के कारण अधिक वर्षा वाले प्रदेशों की मृदा में गन्धक की कमी रहती है । पौधे के आवश्यक पोषक तत्व क्या है?मुख्य पोषक तत्व- नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश। गौण पोषक तत्व- कैलशियम, मैग्नीशियम एवं गन्धक। सूक्ष्म पोषक तत्व- लोहा, जिंक, कापर, मैग्नीज, मालिब्डेनम, बोरान एवं क्लोरीन। पौधों में आवश्यक पोषक तत्व एवं उनके कार्य 👉🏻 पौधों के सामान्य विकास एवं वृद्धि हेतु कुल 16 पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है।
पौधों के लिए कितने पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है?पौधों के विकास के लिए आवश्यक 17 आवश्यक पोषक तत्व निम्नलिखित हैं:. हाइड्रोजन (H). कार्बन (C). नाइट्रोजन (N). फॉस्फोरस (P). पोटेशियम (K). सल्फर (S). कैल्शियम (Ca). मैग्नीशियम (Mg). मुख्य पोषक तत्व कौन कौन से हैं?भोजन में मुख्य पोषक तत्व हैं - कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन तथा खनिज लवण | इसके अलावा हमारे भोजन में आहारी रेशे ( रुक्षांश) और जल भी शामिल हैं ।
पोषक तत्व किसे कहते हैं कितने प्रकार के होते हैं?पोषक तत्व की परिभाषा –. पोषक तत्व की परिभाषा – ऐसे पदार्थ या तत्व जिनकी आवश्यकता जीवो की अनेक प्रकार की दैहिक जैविक कार्यों के संचालन के लिए होते हैं, पोषक तत्व कहलाते हैं। ... . एक व्यस्क व्यक्ति में 20 से 30 % ऊर्जा वसा से ही प्राप्त होती है। ... . यह कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का बना होता है।. |