दशरथ का अर्थ होता है दस रथ। दस रथों का स्वामी। अयोध्या के राजा दशरथ की रामायण के अलावा पुराणों में भी बहुत चर्चा होती है। आओ जानते हैं उनके संबंध में 10 ऐसी बातें तो शायद ही आप जानते होंगे। Show
1.दशरथ का राज्य : राजा दशरथ के राज्य कौशल की राजधानी अयोध्या थी। वाल्मीकि रामायण के 5वें सर्ग में अयोध्या पुरी का वर्णन विस्तार से किया गया है। सरयू नदी के तट पर बसे इस नगर की रामायण अनुसार विवस्वान (सूर्य) के पुत्र वैवस्वत मनु महाराज द्वारा स्थापना की गई थी। 2.दशरथ के वंशज : दशरथ वैवस्वत मनु के पुत्र इक्ष्वाकु के कुल में उत्पन्न हुए थे। रामायण के अनुसार नहुष के पुत्र ययाति और ययाति के पुत्र नाभाग हुए। नाभाग के पुत्र का नाम अज था। अज के पुत्र दशरथ हुए। इनकी माता का नाम इन्दुमती था। 3.दशरथ की पत्नियां : राजा दशरथ की तीन रानियां थीं- कौशल्या, सुमित्रा और कैकेयी। कोशल नरेश सुकौशल माहराज की पुत्री कौशल्या, कैकय नरेश अश्वपति सम्राट की पुत्री कैकयी और काशी नरेश की पुत्री सुमित्रा यह तीन रानियां दशरथ की भार्याएं थी। 4. दशरथ की पुत्रियां : राजा दशरथ की दो पुत्रियां थीं। शांता और कुकबी। कुकबी के बारे में ज्यादा उल्लेख नहीं मिलता लेकिन शांता राजा दशरथ और कौशल्या की पुत्री थीं, लेकिन पैदा होने के कुछ वर्षों बाद कुछ कारणों से राजा दशरथ ने शांता को अंगदेश के राजा रोमपद को दे दिया था। भगवान राम की बड़ी बहन का पालन-पोषण राजा रोमपद और उनकी पत्नी वर्षिणी ने किया, जो महारानी कौशल्या की बहन अर्थात राम की मौसी थीं। 5. दशरथ के पुत्र : दशरथ के चार पुत्र हुए राम, भरत, लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न हैं। राम की माता का नाम कौशल्या, लक्ष्मण और शत्रुघ्न की माता का नाम सुमित्रा और भरत की माता का नाम कैकेयी था। लक्ष्मण की पत्नी का नाम उर्मिला, शत्रुध्न की पत्नी का नाम श्रुतकीर्ति और भरत की पत्नी का नाम मांडवी था। सीता और उर्मिला राजा जनक की पुत्रियां थी और मांडवी और श्रुतकीर्ति कुशध्वज की पुत्रियां थीं। 6. पुत्रेष्टि यज्ञ से जन्मे थे चार पुत्र : वशिष्ठ के कहने पर राजा दशरथ ने पुत्रेष्टि यज्ञ के बारे में सोचा। दशरथ के मंत्री सुमंत की सलाह पर पुत्रकामेष्ठि यज्ञ में महान ऋषियों को बुलाया गया। इस यज्ञ में दशरथ ने ऋंग ऋषि को भी बुलाया। ऋंग ऋषि एक पुण्य आत्मा थे तथा जहां वे पांव रखते थे वहां यश होता था। सुमंत ने ऋंग को मुख्य ऋत्विक बनने के लिए कहा। दशरथ ने आयोजन करने का आदेश दिया। पहले तो ऋंग ऋषि ने यज्ञ करने से इंकार किया लेकिन बाद में शांता के कहने पर ही ऋंग ऋषि राजा दशरथ के लिए पुत्रेष्ठि यज्ञ करने के लिए तैयार हुए थे। शांता दशरथ की पुत्री थीं, जिसे दशरथ ने छोड़ दिया था। 7. देवासुर संग्राम : एक बार राजा दशरथ ने देवासुर संग्राम में इंद्र के कहने पर भाग लिया था। इस युद्ध में उनकी पत्नी कैकयी ने उनका साथ दिया था। युद्ध में दशरथ अचेत हो गए थे। राजा के अचेत होने पर कैकेयी उन्हें रणक्षेत्र से बाहर ले आयी थी, अत: प्रसन्न होकर दशरथ ने दो वरदान देने का वादा किया था। तब कैकेयी ने कहा था कि वक्त आने पर मांगूगी। बाद में मंथरा के कान भरने पर कैकयी ने राम का वनवास और भरत के लिए राज्य मांग लिया था। 8. दशरथकृत शनि स्तोत्र : कहते हैं कि राजा दशरथ ने शनि स्त्रोत को रचा था। जो भी जातक शनि ग्रह, शनि साढ़ेसाती, शनि ढैया या शनि की महादशा से पीड़ित हैं उन्हें दशरथकृत शनि स्तोत्र का नियमित पाठ करना चाहिए। इस पाठ को नियमित करने से भगवान शनि प्रसन्न होते हैं तथा जीवन की समस्त परेशानियों से मुक्ति दिलाकर जीवन को मंगलमय बनाते हैं। 9. राजा दशरथ और श्रवण कुमार : श्रवण के माता-पिता अंधे थे। एक दिन श्रवण के माता-पिता ने कहा- 'हमारी उमर हो गई अब हम भगवान के भजन के लिए तीर्थ यात्रा पर जाना चाहते हैं बेटा। शायद भगवान के चरणों में हमें शांति मिले।' श्रवण सोच में पड़ गया। फिर श्रवण ने दो बड़ी-बड़ी टोकरियां लीं। उसमें माता पिता को बिठाकर वो तीर्थ यात्रा कराने चल पड़ा। एक दोपहर श्रवण और उसके माता-पिता अयोध्या के पास एक जंगल में विश्राम कर रहे थे। मां को प्यास लगी। श्रवण कमंडल लेकर पानी लाने चला गया। अयोध्या के राजा दशरथ जंगल में शिकार खेलने आए हुए थे। श्रवण ने जल भरने के लिए कमंडल को पानी में डुबोया। बर्तन में पानी भरने की अवाज सुनकर राजा दशरथ को लगा कोई जानवर पानी पानी पीने आया है। राजा दशरथ ने आवाज के आधार पर तीर मारा। तीर सीधा श्रवण के सीने में जा लगा। श्रवण के मुंह से ‘आह’ निकल गई। माता पिता को जब पता चला तो वे 'हां श्रवण, हाय मेरा बेटा' मां चीत्कार कर उठी। बेटे का नाम रो-रोकर लेते हुए, दोनों ने प्राण त्याग दिए। पानी को उन्होंने हाथ भी नहीं लगाया। प्यासे ही उन्होंने इस संसार से विदा ले ली। कहा जाता है कि राजा दशरथ ने बूढ़े मां बाप से उनके बेटे को छीना था। इसीलिए राजा दशरथ को भी पुत्र वियोग सहना पड़ा रामचंद्रजी चौदह साल के लिए वनवास को गए। राजा दशरथ यह वियोग नहीं सह पाए। इसीलिए उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए। 10.राजा दशरथ की मत्यु : श्रवणकुमार की मृत्यु के बाद राजा दशरथ भी रामजी के वियोग में स्वर्ग को प्राप्त हुए। राम को यह समाचार उनके चित्रकुट निवास के दौरान मिला। राजा भरत उन्हें लेने को गए लेकिन राम ने यह कहकर आने से इनकार कर दिया कि पिता को दिया वचन मेरे लिए महत्वपूर्ण है। राजा दशरथ के पिता का क्या नाम था राजा दशरथ के पिता का नाम क्या है?...पिताराजाराजनीति Manvendra Singh RathoreTeacher0:12 चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। नमस्कार अब उसने राजा दशरथ के पिता का नाम के हैं तो देखी राजा दशरथ राजा थे उनके पिता का नाम महाराजा महाराजा पिता का नाम था Romanized Version 85 1605 2 जवाब ऐसे और सवाल राजा दशरथ कौन थे और उनके पिता का क्या नाम था?...आपका प्रशन है राजा दशरथ कौन थे और उनके पिता का क्या नाम था तोऔर पढ़ें V D MeenaAdhyapan राजा दशरथ के पिता का नाम क्या था...नमस्कार आप अपनी राजा दशरथ के पिता का नाम क्या था राजा दशरथ के पिताऔर पढ़ें Manvendra Singh RathoreTeacher राजा दशरथ के पिता का क्या नाम था?...नमस्कार दोस्तों आपका प्रश्न है राजा दशरथ के पिता का नाम क्या था तू राजाऔर पढ़ें Raj KumarTeacher राजा दशरथ के पिता कौन थे?...राजा दशरथ के पिता कौन था राजा दशरथ के पिता का नाम था आजाऔर पढ़ें KETAN kumarTeacher
राजा दशरथ के पिता का नाम बताइये?...देखिए आप का सवाल है कि राजा दशरथ के पिता का नाम तो मैं आपकोऔर पढ़ें SunilTeacher रामायण में राजा दशरथ का पिता का नाम क्या था?...राजा दशरथ के पिता पिता का नाम था राजा आजा जो कि उनके 38 डिसेंडेंटऔर पढ़ें Pradeep SolankiCorporate Yoga Consultant राजा दशरथ के माता पिता का क्या नाम था?...और पढ़ें AnkitFarmer राजा दशरथ किसके पिता थे?...राजा दशरथ राम लक्ष्मण के पिता थेऔर पढ़ें NaazEngineer & Teacher दशरथ के पिता का क्या नाम है?...दशरथ के पिता का नाम राजा दशरथ के पिता का नामऔर पढ़ें Rahul GuptaAccountant This Question Also Answers:
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दशरथ का दामाद कौन था?दशरथ ने अपने दामाद ऋंगी से कराया था पुत्रेष्ठि यज्ञः दशरथ पुत्री शांता की प्रचलित कथा व्रत त्यौहार सम्बंधित जानकारियों एवं लेटेस्ट कथाओं के लिए प्रभु शरणम् ऐप्प डाउनलोड करें. राजा दशरथ ने राजकुमारी कौशल्या से विवाह किया और उनकी एक पुत्री हुई शांता.
राजा दशरथ के बेटे का नाम क्या था?शांता के बाद राजा दशरथ की कोई संतान नहीं थी, वो एक पुत्र चाहते थे जो उनके राजवंश को आगे बढ़ाए. उन्होंने ऋषि श्रृंग को पुत्रकामेष्टि यज्ञ करने के लिए बुलाया जिसके परिणामस्वरूप राम, भरत और जुड़वां लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म हुआ.
राजा दशरथ का जन्म कैसे हुआ था?महाराज दशरथ का जन्म त्रेतायुग मे इक्ष्वाकु वंश के यशस्वी और पराकर्मी राजा अज के यहाँ रानी इन्दुमती के गर्भ से हुआ था। उस समय उस स्थान को कौशल प्रदेश के नाम से जाना जाता था जिसकी स्थापना वैवस्वत मनु ने की थी, और वो स्थान पवित्र सरयू नदी के तट पर स्थित था जिसे आज हम अयोध्या नगरी के नाम से जानते है।
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