राजस्थान में रीको द्वारा विकसित कितने औद्योगिक क्षेत्र है - raajasthaan mein reeko dvaara vikasit kitane audyogik kshetr hai

28 मार्च 1969 को राजस्थान राज्य खनिज उद्योग विकास निगम की स्थापना की गई लेकिन 1979 में खनिज विकास निगम पृथक से बनाया गया एवं इसका नाम 1980 में राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं विनियोजन निगम कर दिया गया। 


रीको (RIICO) का प्रमुख उद्देश्य आधारभूत सुविधाओं युक्त नए औद्योगिक क्षेत्रों का विकास करना है ताकि इन क्षेत्रों में लघु, मध्यम एवं वृहद श्रेणी के उद्योगों की स्थापना सुगम हो सके। 


रीको (RIICO) उद्यमियों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं, रियायत,  तकनीकी मार्गदर्शन व सावधि ऋण प्रदान करता है। 


राज्य में उद्योग निवेश एवं व्यापार को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों का संपादन रीको (RIICO) द्वारा किया जाता है। 


वर्तमान में रीको (RIICO) द्वारा 348 औद्योगिक क्षेत्र संचालित किए जा रहे हैं। 


रीको द्वारा विकसित विशेष पार्क एवं जोन 

1. नीमराना में जापानी पार्क : राज्य में ऑटोमोबाइल व अन्य सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय तकनीक वह जापानी निवेश हेतु जापान एक्सटर्नल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (जेट्रो) के साथ रीको ने एमओयू कर 52 कंपनियों को भूमि आवंटित की जिनमें से 45 द्वारा कार्य शुरू कर दिया गया है इनमें निसान, डाइकिन, यूनीचार्म, मित्सुई आदि प्रमुख है। भारत में यह अपनी तरह का पहला नवाचार है। घिलोट में रीको द्वारा दूसरा जापानी जोन स्थापित किया गया है।  


2. विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) : राज्य में जेम्स एंड ज्वेलरी आधारित दो विशेष आर्थिक क्षेत्र सरकारी क्षेत्र में जो सीतापुरा जयपुर में स्थित है। दस्तकारी के लिए बोरानाडा, जोधपुर में विशेष आर्थिक क्षेत्र बनाया गया है। महिंद्रा वर्ल्ड सिटी बहु उत्पाद सेज है जो जयपुर में स्थित है।


डाइकिन जापानी इंस्टिट्यूट ऑफ मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस द्वारा नीमराना में कौशल विकास केंद्र स्थापित किया जा रहा है। 


पचपदरा में रिफाइंड ऐसा पेट्रोकेमिकल कांटेक्ट के स्थापना रामनगर (थोब) गांव में की गई है। 


इंडिया स्टोन मार्ट का 11 वां संस्करण फरवरी 2021 में जयपुर में आयोजित किया जाएगा। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी है। 


रीको (RIICO) द्वारा आबू रोड, बीकानेर, भीलवाड़ा, धौलपुर, झालावाड़, पलसाना—सीकर, परबतसर—नागौर, करणी—बीकानेर में ग्रोथ सेंटर विकसित किये गये हैं। 


भारत सरकार की समन्वित आधार ढांचा विकास स्कीम के तहत लघु उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए जोधपुर के सांगरिया, नागौर के गोगेलाव, टोंक के निवाई, उदयपुर के कल्लडवास, पाली, करौली के हिंडौन सिटी, बारां, भरतपुर, खुशखेड़ा—अलवर में 9 लघु विकास केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। 


चार नए समन्वित आधार ढांचा विकास केंद्र जैसलमेर, शिल्पग्राम—जोधपुर, बीछवाल—बीकानेर और पलसाना—सीकर में विकसित किये जा रहे हैं। 


विशेष उद्देश्यों के लिए औद्योगिक पार्क 


चमड़ा : मानपुरा—माचेड़ी जयपुर, चौपांकी—अलवर, भरतपुर, धौलपुर। 


इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर पार्क : कूकस—जयपुर।   


सिरेमिक कांप्लेक्स और पार्क : बीकानेर। 


ऊन कॉन्प्लेक्स : ब्यावर—अजमेर, बीकानेर। 


बायो टेक्नोलॉजी पार्क : सीतापुरा—जयपुर, चौपांकी—अलवर, बोरानाडा—जोधपुर। 


लघु खनिज कॉन्प्लेक्स पार्क : करौली,  धोहिन्डा—राजसमंद, मित्रपुरा—दौसा। 


जेम्स एंड ज्वेलरी : सीतापुरा—जयपुर। 


सूचना एवं प्रौद्योगिकी : सीतापुरा—जयपुर, कोटा, भिवाड़ी—अलवर।  

दस्तकारी : बोरानाडा—जोधपुर। 


निर्यात प्रोत्साहन औद्योगिक पार्क 1. सीतापुरा 2.बोरानाडा—जोधपुर 3.नीमराना—अलवर में स्थापित किये गये हैं। 


रीको (RIICO) द्वारा स्टोंस के विकास के लिए एक केंद्र सीतापुरा में स्थापित किया जा रहा है।  


भारत सरकार ने Assistance to States for development of export infrastructure and allied activities scheme (ASIDE) तैयार की है जिसमें निर्यात आधारभूत ढांचे के विकास के लिए  EPIP, EPZ तथा CIB स्कीमों को इस नई स्कीम में शामिल कर दिया गया है।  


रीको द्वारा 'उद्योग श्री' स्कीम चालू की गई है जिसका उद्देश्य पेशेवर उद्यमियों को आकर्षित करना है।   

राजस्थान वित्त निगम 

राजस्थान वित्त निगम की स्थापना 1955 में हुई। 


वित्त निगम की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य राज्य में नवीन उद्योगों की स्थापना, विद्यमान उद्योगों के विस्तार एवं नवीनीकरण के लिए ₹20 करोड़ तक की वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाना है। 


सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों को वित्तीय सहायता प्रदान करके यह निगम राज्य के औद्योगिकरण की गति को तीव्र करने में सहायता प्रदान करता है। 


विभिन्न ऋण एवं अनुदान योजनाओं में वित्त निगम राज्य सरकार के एजेंट के रूप में भी काम करता है। 


निगम की अधिकृत पूंजी 500 करोड़ रुपए है। 


भूतपूर्व सैनिकों के स्वरोजगार हेतु SENFEX योजना चलाता है।  


राजस्थान लघु उद्योग निगम लिमिटेड— राजसीको 


राजसीको  की स्थापना राज्य की  लघु औद्योगिक इकाइयों एवं हस्तशिल्पियों को सहायता एवं प्रोत्साहन देने और उनके द्वारा उत्पादित वस्तुओं की बिक्री के सुविधा प्रदान करने की दृष्टि से 1961 में की गई थी। 


लघु उद्योग इकाइयों एवं हस्तशिल्पियों के लिए आवश्यकतानुसार कच्चा माल उपलब्ध करवाने एवं राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार में तैयार माल की बिक्री के लिए प्रचार-प्रसार तथा बिक्री में सहायता प्रदान करने का काम भी राजसीको करता है। 


निगम द्वारा हस्तशिल्पियों द्वारा तैयार माल की बिक्री के लिए जयपुर, दिल्ली, गरियाहाट—कोलकाता और उदयपुर में राजस्थली केंद्रों का संचालन किया जाता है।  


राज्य में निर्यातोन्मुखी गतिविधि को सुदृढ़ आधारभूत संरचना उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एयरकार्गो काम्पलेक्स और इनलैंड कंटेनर डिपो की स्थापना में निगम की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।  


एयर कार्गो कंपलेक्स की स्थापना जयपुर में और इनलैंड कंटेनर डिपो की स्थापना जयपुर, जोधपुर, भिवाड़ी—अलवर और भीलवाड़ा में की गई है। 


राजस्थान हस्तशिल्प दस्तकार कल्याण कोष योजना के अंतर्गत राज्य सरकार रीको वित्त निगम एवं राजसीको द्वारा एक करोड़ रुपए का संयुक्त कोष बनाया गया है, जिसका उद्देश्य गंभीर बीमारियों में दस्तकारों की सहायता करना है।  


निगम टोंक में मयूर बीड़ी उद्योग का संचालन करता है और तेंदू पत्तियों का संग्रह करवाता है।  


राज्य उपक्रम लिमिटेड 

राज्य में संचालित सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के कामकाज की समीक्षा करने के लिए राज्य उपक्रम निगम लिमिटेड की स्थापना की गई है।  इस उपक्रम द्वारा नियमित समीक्षा का कार्य किया जाता है।

राजस्थान में कितने औद्योगिक क्षेत्र है?

राज्य में 36 जिला उद्योग केंद्र एवं 8 उपकेंद्र हैं । वर्तमान में राज्य में सर्वाधिक वृहद एवं मध्यम उद्योग इकाइयां भिवाड़ी (अलवर) व जयपुर में है । राज्य में सर्वाधिक पंजीकृत फैक्ट्रियाँ क्रमश: जयपुर व जोधपुर जिले में है । फैक्ट्रियाँ न्यूनतम संख्या जैसलमेर व बाराँ में है ।

राजस्थान में रीको द्वारा संचालित औद्योगिक क्षेत्र कितने हैं?

रीको के चेयरमेन कुलदीप रांका ने कहा कि प्रदेश में छोटे एवं मंझले उद्यमियों को निवेश के अनुकुल माहौल प्रदान करने के लिए पॉलिसी फ्रेमवर्क तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 349 औद्योगिक क्षेत्र हैं, 23 नए औद्योगिक क्षेत्रों के आज जुड़ने के साथ अब इनकी संख्या 372 हो जाएगी।

राजस्थान में रीको द्वारा विकसित कितने औद्योगिक क्षेत्र है 150 से अधिक 200 से अधिक 250 से अधिक 350 से अधिक?

राजस्थान में रीको द्वारा विकसित औद्योगिक क्षेत्रों में 42300 से अधिक उद्योग उत्पादन में हैं।

राजस्थान में सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र कौन सा है?

भारत की औद्योगिक नगरी – कानपुर.
राजस्थान में औद्योगिक नगरी – कोटा.
सर्वाधिक औद्योगिक इकाईयों वाले जिले – जयपुर अलवर.
सबसे कम औद्योगिक इकाईयों वाला जिला – हनुमानगढ़.
राजस्थान में मध्यम एवम् वृहत औद्योगिक इकाईयों की दृष्टि से बड़ा जिला – अलवर व भीलवाड़ा.