रेलवे की प्रमुख समस्या क्या है? - relave kee pramukh samasya kya hai?

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  • प्रश्न :

    हालिया रेल दुर्घटनाएं भारतीय रेल के प्रबंधन व संचालन पर प्रश्नवाचक चिह्न लगाती हैं । इन दुर्घटनाओं के मूल कारणों का उल्लेख करते हुए भारत में रेल यात्रा को सुरक्षित बनाने हेतु उपाय सुझाएँ।

    23 Aug, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था

    उत्तर :

    भारत का रेल नेटवर्क विश्व के सबसे बड़े रेल-नेटवर्कों में से एक है। 66000 किलोमीटर के नेटवर्क पर देश में रोज़ाना लगभग 19000 ट्रेनों का संचालन किया जाता है। लगभग सवा करोड़ यात्री प्रतिदिन भारतीय रेल द्वारा यात्रा करते हैं। यात्रा के दौरान इन यात्रियों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी भारतीय रेल की है। सुरक्षित यात्रा को लेकर किये गए कई दावों के बावजूद लगातार हो रही रेल दुर्घटनाओं में जान-माल की क्षति अब भी ज़ारी है। इन रेल दुर्घटनाओं के पीछे रेलवे की अवसंरचनात्मक स्थिति और संचालन शैली के अवलोकन से निम्नलिखित तथ्य सामने आते हैं-

    • रेल नियमावली के अनुसार, भारत में रेलवे ट्रैक की क्षमता 4800-5000 टन भार वाली मालगाड़ियों के संचालन की है, परंतु इन पर 5500 टन तक भार वाली मालगाड़ियों का संचालन जारी है। इससे ट्रैक पर अनावश्यक बोझ बढ़ गया है और वे कमज़ोर हो रहे हैं। कैग ने भी अपनी रिपोर्ट में ओवरलोडेड मालगाड़ियों के संचालन पर आपत्ति ज़ाहिर की है ।
    • रेलवे में श्रम-बल की कमी भी एक समस्या है। 1 अप्रैल 2017 के अनुसार सेफ्टी-स्टाफ में 1 लाख से अधिक पद खाली हैं । 
    • कार्मिक प्रशिक्षण के मामलों में भी कमी देखने को मिली है। लोको पायलट का प्रशिक्षण अब मात्र 16 हफ्तों का कर दिया गया है, जो कि 1986 में 75 हफ्तों का हुआ करता था। तकनीकी उन्नयन व कम्प्यूटरीकरण ने निश्चित तौर पर प्रशिक्षण का समय घटाया है, लेकिन कार्य-निष्पादन में गुणवत्ता की कमी अब भी पाई जाती है। 
    • अब भी ज़्यादातर यात्री-रेलगाड़ियों में इंडियन कोच फैक्ट्री के भारी और पुराने कोच संचालन में हैं, जो दुर्घटना के दौरान एक दूसरे के ऊपर चढ़ जाते हैं, जिससे हताहतों की संख्या बहुत ज़्यादाद हो जाती है। हालाँकि 2020 तक इन कोचों की जगह नए लिंक हाफमैन बुश (LHB) कोच लगाए जाने का लक्ष्य रखा गया है परंतु इस कार्य की गति अभी बहुत धीमी है।  
    • ट्रैक के रखरखाव, निगरानी व जाँच में लापरवाही के मामले लगातार सामने आते रहते हैं। 

    रेल यात्रा सुरक्षित बनाने के उपाय

    • रेल ट्रैफिक को कम करने तथा ट्रैक पर से दबाव हटाने के लिये सिंगल लाइनों को डबल या फोरलेन में बदलने के काम को गति देनी चाहिये, विशेषकर उन रेलखंडों में जहाँ यात्रियों और माल आवाजाही का अत्यधिक दबाव है।  
    • मानवीय चूक को कम करने के लिये प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ-साथ तकनीक का भी इस्तेमाल बढ़ाना होगा। साथ ही लापरवाही के मामलों में कठोर विभागात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करनी होगी।
    • रेलवे ट्रैक की मरम्मत और निगरानी हेतु विशेष तंत्र की आवश्यकता है, मौजूदा प्रणाली उतनी कारगर सिद्ध नहीं हो पा रही है। 
    • नए LHB कोच लगाने के काम को गति देनी होगी तभी 2020 तक सभी ट्रेनों में यह काम पूरा हो पाएगा।
    • रेल प्रबंधन को श्रम-बल में वृद्धि और उपकरणों के आधुनिकीकरण हेतु वित्त की व्यवस्था के लिये किराए में वृद्धि के अलावा भी और दूसरे उपाय खोजने होंगे।
    • रेल सुरक्षा व चेतावनी प्रणाली (TPWS) व टक्कर रोकने हेतु Train Collision Avoidance System, पूरे रेल नेटवर्क में स्थापित करने होंगे। 

    रेलवे बोर्ड के पूर्व-चेयरमैन अरुणेन्द्र कुमार के अनुसार भारतीय रेल की वास्तविक समस्या सुरक्षा मानकों की कमी नहीं, बल्कि मौजूदा मानकों के अमल में लापरवाही की है। भारतीय रेल न केवल आवाजाही, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था के लिये भी बहुत महत्त्वपूर्ण साधन है। यदि भारतीय रेल की सुरक्षा में यही कमियाँ बनी रहीं तो भविष्य में प्रस्तावित हाई-स्पीड और बुलेट ट्रेनों का संचालन किस प्रकार हो पाएगा? वर्तमान स्थिति को देखा जाए तो रेलवे की प्राथमिकता मौजूदा नेटवर्क के रखरखाव और सुधार की होनी चाहिये, ताकि ट्रेनों में सफर करने वाले यात्री सुरक्षित अपने गंतव्य तक पहुँच सके।

    93 साल के इतिहास में आज पहली बार रेल बजट देश के आम बजट के साथ पेश किया जाना है. 1924 से रेलवे बजट को अलग से पेश किया जाता था. बजट वित्त मंत्री अरुण जेटली संसद में बजट पेश करेंगे. भरतीय रेलवे के हालात आज काफी बुरे है. इस बजट में उम्मीद जताई जा रही है की वित्त मंत्री अरुण जेटली भारतीय रेलवे की सभी महत्वपूर्ण समस्याओ का समाधान करेंगे.

    इसी सिलसिले में आईये जानते है की रेलवे की 5 सबसे बड़ी समस्याए क्या है? जिन का समाधान तुरंत किया जाना अनिवार्य है.

    वेटिंग टिकट: देश भले ही डिजिटल युग में प्रवेश कर चूका हो. लेकिन अब भी रेलवे टिकेट बुक करने पर कन्फर्म टिकेट मिलना बड़े सौभाग्य की बात है. हालाँकि रेलवे ने इस और लोगो को राहत देने के लिए 'डायनमिक फेयर' और तत्तकाल टिकट जैसी सुविधा३ए शुरू की है. लेकिन तत्काल टिकट हासिल करने में भी खासी मुश्किलो का सामना करना पड़ता है. वही डायनमिक फेयर प्रणाली आम आदमी की पहुच से दूर है. ऐसे में ये उम्मीद की जा सकती है की अरुण जेटली इस समस्या का कोई बेहतर समाधान निकालेंगे.

    भीड़: रोजाना करीब 2.5 करोड़ लोग भारतीय रेलवे में सफर करते है. इस भीड़ का असर टिकट काउंटर पर, वेटिंग रूम में, ट्रेन में सवार होने के लिए (खासकर जनरल डिब्बे), फूड स्टॉल पर साफ़ देखने को मिलता है. उम्मीद करते है अरुण जेटली इस समस्या में सुधार कर लोगो को बेहतर सुविधाए मुहैया करवाएंगे.

    ट्रेन की अंदरुनी व्यवस्था: ज्यादातर भारतीय ट्रेनों की हालात दयनीय है. जिसका कारण मेंटेनेंस की कमी. भारतीय ट्रेनों के पुराने डिब्बे, सीटों के नीचे गंदगी और गंदे टॉयलेट आपके सफर को 'सफर' में तब्दील कर सकते है. बता दे की भारतीय ट्रेनों में 1909 में पहली बार टॉयलेट का इस्तेमाल किया गया था.

    स्टेशन: कुछ भारतीय रेलवे स्टेशनो को छोड़ दिया जाये तो इनका हाल भी भारतीय ट्रेनों की तरह दयनीय है. इन्क्वायरी काउंटर की अव्यवस्था, खस्ताहाल वेटिंग रूम, रख-रखाव जैसी कई समस्याए भारतीय स्टेशनों के स्तर को नीचे गिरा दिया है. उम्मीद है अरुण जेटली इस और कोई प्रभावी प्रयास करेंगे.

    सुरक्षित रेल यात्रा: पिछले दिनों बढ़ते रेल हादसों में कई लोगो ने अपनी जान गंवाई है. इसी वजह से 'सुरक्षित रेल यात्रा' इस समय रेलवे के लिए एक अहम् मुद्दा है. देखना होगा की अरुण जेटली भारतीय ट्रैन यात्रियों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाते है.

    भारतीय रेलवे की प्रमुख समस्या क्या है?

    पटरी की चौड़ाई में भिन्नता- भारत में तीन गेजों अर्थात् तीन विभिन्न चौड़ाई की पटरियाँ बिछायी गई हैं। जिनके कारण निरन्तर यात्रा एवं माल ढुलाई में कठिनाई होती है क्योंकि विभिन्न गेजों वाले रेल स्टेशनों में माल एवं यात्रियों को गाड़ी बदलने की आवश्यकता होती है अत: समय की बर्बादी होती है।

    रेलवे के सामने कौन सी प्रमुख समस्याएं हैं?

    Solution : रेल परिवहन की अपनी कई समस्याएँ हैं। अभी भी कई यात्री बिना टिकट यात्रा करते हैंरेल संपत्ति को नुकसान और चोरी एक गंभीर समस्या है। कई लोग बिना कारण के जंजीर खींचकर ट्रेन को रोक देते हैं

    भारतीय रेलवे की क्या विशेषता है?

    भारतीय रेलवे रोजाना २३१ लाख यात्रियों और ३३ लाख टन माल ढोती हैभारतीय रेलवे के स्वामित्व में, भारतीय रेलवे में १२,१४७ लोकोमोटिव, ७४,००३ यात्री कोच और २८९,१८५ वैगन हैं और ८,७०२ यात्री ट्रेनों के साथ प्रतिदिन कुल १३,५२३ ट्रेनें चलती हैं। भारतीय रेलवे में ३०० रेलवे यार्ड, २,३०० माल ढुलाई और ७०० मरम्मत केंद्र हैं।

    रेलवे के क्या फायदे हैं?

    यह भारत का सबसे सस्ता परिवहन है।.
    रेल परिवहन सड़क परिवहन की तुलना में काफी किफायती है । सड़क परिवहन की तुलना में इसमें 6 गुना कम ऊर्जा खर्च होती है और चार गुना अधिक किफायती है ।.
    पर्यावरण के प्रदूषण में भी रेलवे का योगदान कम होता है । रेलों के निर्माण की लागत भी अन्य यातायात से लगभग 6 गुना कम बैठती है ।.