रंध्र पौधों की शुरुआत होते हैं जोकि पत्तियों की सूक्ष्म सतह पर उपस्थित होते हैं| जिसके माध्यम से उनके (रंध्र) और आसपास के वातावरण के बीच गैस का आदान-प्रदान होता है। पत्तियों के अलावां रंध्र तनों, फलों और पुष्पक्रमों पर भी हो सकते हैं। Show
स्टोमेटा (रंध्र) व्यावहारिक रूप से सभी स्थलीय पौधों के ऊपरी भागों में पाए जाते हैं| स्टोमेटा पत्तियों पर बहुत प्रचुर मात्रा में उपस्थित होते हैं, अधिकतर रंध्र अक्षीय सतह पर (नीचे की तरफ) होते हैं जबकि कुछ वृक्ष प्रजातियों में वे केवल सतह पर पाए जाते हैं। पौधों की प्रजातियों की पहचान करने के लिए रंध्रों की स्थिति का उपयोग किया जाता है। जिन पत्तियों के दोनों किनारों पर रंध्र पाए जाते हैं उन्हें उभयचर (Amphistomatic) कहा जाता है। जिन पत्तियों के निचले किनारों पर रंध्र पाए जाते हैं उन्हें हाइपोस्टोमैटिक (Hypostomatic) कहा जाता है। पत्ती में प्रत्येक रंध्र का खुलना और बंद होना एक ऐसी प्रक्रिया है जो आंतरिक और बाहरी दोनों तरह की विभिन्न उत्तेजनाओं पर निर्भर करती है, और यह पौधे के शरीर में होमोस्टैसिस को बनाए रखने में एक मौलिक भूमिका निभाती है। यह भी जानिए- पादप कोशिका क्या होती है? रंध्र के कार्य और विशेषताएंरंध्र के प्रमुख कार्य और उनकी विशेषताएं निम्नलिखित हैं- गैसों का आदान-प्रदान करने मेरंध्रों का मुख्य कार्य पौधों के ऊतकों की आंतरिक और बाहरी सतहों के बीच ऑक्सीजन (O2), कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) या जल वाष्प (H2O gas) जैसी गैसों को पहुँचाना है, विशेष करके पत्तियों और तनों में। इस तरह हम कह सकते हैं कि रंध्र मनुष्य के नाक और मुंह के "समान" होते हैं, जिनका उपयोग हम सांस लेने के लिए करते हैं, और जिससे हम हवा को फेफड़े की और ले जाते हैं। पानी को हटाने में रंध्र पौधे के ऊतकों में अतिरिक्त पानी को खत्म करने में भी भाग लेते हैं, इस प्रकार हम यह कह सकते हैं की रंध्र का एक प्रमुख कार्य पौधों के जल संतुलन को बनाए रखना होता है। रंध्र के खुलने और बंद होने की प्रक्रिया- रंध्र आम तौर पर दिन में खुले रहते हैं, जिससे प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया के लिए आवश्यक CO2 के प्रवेश की अनुमति मिलती है| रंध्र, कार्बन निर्धारण (carbon fixation) के दौरान पानी और अन्य गैसों के नुकसान को बचाने के लिए रात में बंद हो जाते हैं। जब पानी की आपूर्ति सीमित होती है या तेज धाराएं अथवा बर्फानी तूफान आते हैं, तो रंध्र बंद हो जाते हैं , और इस प्रकार पौधों की शुष्कता या निर्जलीकरण को रोका जाता है। रंध्र की संरचना | Structure of stomata in Hindiएक रंध्र, कैविटी या छिद्रों से बना होता है जिसे ओस्टियोल (Ostiole) कहा जाता है, जो दो लम्बी कोशिकाओं से घिरा होता है, जिन्हें रक्षक कोशिकाएँ कहा जाता है। ये कोशिकाएं एक दूसरे से उनके सिरों पर से जुड़ी होती हैं| अलग-अलग पौधों में इनका आकर भिन्न-भिन्न होता है| उदाहरण के लिए घास में इन कोशिकाओं की संरचना "डम्बल" की तरह होती है, जबकि अधिकांश पौधों में उनकी संरचना गुर्दे की तरह होती है। रंध्र संगठन | Stoma applianceरंध्र, रक्षक कोशिकाओं के अलावा संलग्न या सहायक कोशिकाओं से जुड़े होते हैं| रक्षक कोशिकाओं और संलग्न कोशिकाओं के समूह को रंध्र उपकरण (stomatal apparatus) कहा जाता है। रंध्र तंत्र के चारों ओर सटी हुई एपिडर्मल (epidermal) कोशिकाएं होती हैं। कई प्रजातियों में रंध्रों में अतिरिक्त "सुरक्षात्मक" संरचनाएं होती हैं, जबकि अन्य में रोम छिद्र आंशिक रूप से मोम द्वारा बंद होते हैं, जो रोमछिद्रों से गैस के रिसाव को रोकते हैं। रक्षक और सहायक कोशिकाएँ | Guard cells and accessory cellsरक्षक कोशिकाओं में माइक्रोफाइब्रिल्स से बनी एक कोशिका की दीवार होती है, जो इस तरह से व्यवस्थित होती है कि आंतरिक दीवार, ओस्टियोल के करीब, बाहरी दीवार की तुलना में अनुदैर्ध्य दिशा में कम लोचदार होती है। प्रकाश-संश्लेषण की दृष्टि से ये सक्रिय कोशिकाएँ होती हैं, अतः इनके अन्दर बड़ी संख्या में क्लोरोप्लास्ट होते हैं। दूसरी ओर, सहायक कोशिकाएं भी प्रकाश संश्लेषक होती हैं और रंध्र तंत्र के चारों ओर रक्षक कोशिकाओं और एपिडर्मल कोशिकाओं के बीच एक प्रकार के "अवरोध" के रूप में कार्य करती हैं। इसका कार्य एपिडर्मल कोशिकाओं को रक्षक कोशिकाओं के विस्तार से बचाना है। यह भी जानिए- परागण किसे कहते हैं? रंध्र कैसे काम करते हैं?जब गार्ड कोशिकाओं द्वारा स्फीति दाब का अनुभव किया जाता है तो उसी के अनुसार रंध्र खुले या बंद होते हैं, इसलिए हम यह कह सकते हैं की रंध्र वाल्व की तरह काम करते हैं। यदि रक्षक कोशिकाएं फैली होती हैं, तो रंध्र खुल जाते हैं, इसके विपरीत जब रक्षक कोशिकाएं संकुचित होती हैं तो वे बंद हो जाते हैं। के बारे में अगर आप अच्छे से जानकारी पाना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं। इस पोस्ट में हम आपको रंध्र क्या है (Stomata And Guard Cells) और इसकी संरचना और इसके कार्यों के बारे में अच्छे से बताने वाले हैं।Also Read This Post
Table of Contents रंध्र क्या हैपादप की पत्तियां तथा अन्य कोमल बायवीय भागों की बाह्य त्वचा मे छोटे-छोटे चित्र पाए जाते हैं जिन्हें रंध्र या स्टोमेटा कहते हैं। इस क्षेत्र के चारों और सेम के बीज के आकार की दो द्वार कोशिकाएं पाई जाती हैं। द्वार कोशिकाओं के चारों तरफ सहायक कोशिकाएं पाई जाती हैं। इतवार कोशिकाओं के बाहरी भिति पतली एवं अन्य भिति मोटी होती हैं। रंध्र के कार्य लिखिए? | What is the function of Stomataरंध्र प्रकाश संश्लेषण के समय पौधों और वातावरण के बीच गैसों का आदान प्रदान करता है रंध्र का प्राथमिक कार्य पौधों के आंतरिक उत्तकों तथा पर्यावरण में गैसों का आदान-प्रदान करता है। रंध्र का वर्गीकरणकवक शैवाल मोनोटे्पा (आवृत्तबीजी पादप) रिक्सिया मार्केसिया में रंध्र नहीं पाए जाते हैं। रिक्सिया मार्केसिया में पाए जाने वाले वायु कोष्ठ (Air Pore) उच्च स्तरीय पादपों में पाए जाने वाले रंध्र के समान होते हैं। युद्धमकोभ्दित पादप में रंध्र सदैव अनुपस्थित रहता है। रंध्र की संरचनाआइए अब पादप में रंध्र की सरचना के बारे मे जान लेते हैं। द्वि बीज पत्ती पादप में रंध्र, सेम के बीज या किडनी के आकार की होती है। एक बीज पत्री पादप में रंध्र bone shaped या dumbbell shaped के आकार की होती है। रंध्र की स्थिति
हमें उम्मीद है कि आपने रंध्र क्या है रंध्र के कार्य क्या है (function of stomata)और इसी के साथ इसकी संरचना और स्थिति के बारे में अच्छे से जान लिया होगा। अगर आप रंध्र से जुड़ी हुई और जानकारी पाना चाहते हैं तो आप हमें नीचे कमेंट करके जरूर बता सकते हैं हम अवश्य आपके लिए एक नया पोस्ट लिखने का प्रयास करेंगे और अगर आपको हमारा यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो नीचे कमेंट करके जरूर बताइएगा इससे हमें नए-नए पोस्ट लिखने के लिए मोटिवेशन मिलता है। |