Registry में नाम गलत है कैसे सही होगा? - raigistry mein naam galat hai kaise sahee hoga?

हमारे पास आधार कार्ड, पैन कार्ड, राशन कार्ड, किसी ज़मीन की रजिस्ट्री या किसी प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट जैसे बहुत से दस्तावेज होते हैं। इस वजह से कभी-कभी इन दस्तावेजों बनवाते समय कुछ त्रुटियां हो जाती हैं। इन त्रुटियों को दूर कराने के लिए सरकारी ऑफिसों के चक्कर काटने पड़ते हैं। और कभी कभी तो इनमें सुधार कराना बेहद मुश्किल हो जाता है। जमीन की रजिस्ट्री (Land Registry) प्रॉपर्टी के किसी दस्तावेज पर व्यक्ति का नाम गलत लिख जाये तो उसे भी बदलना काफी मुश्किल हो जाता है।

जमीन सबसे मूल्यवान प्रॉपर्टी मानी जाती है। इसलिए, जमीन या किसी प्रॉपर्टी के मालिक का नाम अगर दस्तावेज में गलत लिख जाता है, तो इससे आगे विवाद होने का खतरा रहता है। जमीन की रजिस्ट्री (Land Registry) में अपने नाम को सही करा लेने से प्रॉपर्टी के मालिक को जमीन से जुड़े विवादों और कानूनी परेशानी से बचने में मदद मिलती है।

तो चलिए सबसे पहले समझते हैं कि प्रॉपर्टी के दस्तावेज क्या होते हैं और बाद देखते हैं कि जमीन की रजिस्ट्री (Land Registry) में नाम बदलने की प्रक्रिया क्या होती है।

जमीन की रजिस्ट्री (Land Registry) / प्रॉपर्टी पंजीकरण दस्तावेज क्या है?

जमीन या प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री मालिकाना हक में बदलाव तथा अचल प्रॉपर्टी से जुड़े लेनदेन को दस्तावेजित करने की एक प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया प्लॉट/अचल प्रॉपर्टी के नए मालिक को प्रॉपर्टी का कानूनी स्वामित्व देने की गारंटी देती है।

जमीन या प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री आमतौर पर भूमि पंजीयक के स्थानीय कार्यालय में भूमि पंजीकरण दस्तावेज (जमीन की रजिस्ट्री) के रूप में की जाती है। इस कानूनी दस्तावेज में मालिक का विवरण, पंजीकरण का प्रमाण और विभिन्न अन्य कानूनी घटक होते हैं।

भूलेखों (प्रॉपर्टी के कागजात) में नाम कैसे बदलें 

प्रॉपर्टी के मालिक के आधिकारिक नाम में बदलाव के मामले में, नाम में यह बदलाव भूमि पंजीकरण दस्तावेजों में भी किया होना चाहिए। हालांकि नाम बदलने की कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही यह प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।

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जमीन की रजिस्ट्री (Land Registry) में नाम बदलने की प्रक्रिया

  • हलफ़नामा प्रस्तुत करना : एक नोटरी से नाम में बदलाव के लिए हलफ़नामा बनवाएं, जिसमें वर्तमान नाम, नया नाम, वर्तमान पता तथा नाम में परिवर्तन का कारण (विवाह, ज्योतिष, आदि हो सकता है) का उल्लेख हो। हलफनामे पर गजट अधिकारी रैंक के दो व्यक्तियों (स्टाम्प के साथ) का हस्ताक्षर होना अनिवार्य है।
  • विज्ञापन का प्रकाशन : किसी स्थानीय प्रमुख दैनिक समाचार पत्र (जैसे नवभारत टाइम्स, टाइम्स ऑफ इंडिया, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर या अन्य में यदि व्यक्ति हिंदी भाषी राज्य से है; या उसके क्षेत्र के आधार पर ईनाडु, मलयाला मनोरमा या लोकमत जैसे अन्य स्थानीय भाषा के दैनिक समाचार पत्र) में नाम में परिवर्तन का विज्ञापन दें। विज्ञापन में घर का पता के साथ पुराना नाम, नया नाम, जन्म तिथि, पिता का नाम या पति का नाम होना चाहिए।
  • राजपत्र अधिसूचना : भारत में प्रकाशन विभाग (शहरी विकास मंत्रालय के तहत) को विज्ञापन और अन्य आवश्यक दस्तावेजों की एक प्रति भेजकर नाम में परिवर्तन के संबंध में भारत के राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना प्राप्त करें।

नाम में आधिकारिक तथा कानूनी परिवर्तन के बाद, प्रॉपर्टी के मालिक को पंजी-कार्यालय जाना होगा तथा कार्यालय में अपने नए नाम के संबंध में एक मामूली शुल्क देकर स्व-सत्यापित प्रमाण प्रस्तुत करना होगा। सभी प्रमाणों के सत्यापन के बाद पंजी-कार्यालय का लाइसेंस विभाग नाम में परिवर्तन के प्रस्ताव की जांच करता है। ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि नाम में यह परिवर्तन किसी तरह की धोखाधड़ी के लिए नहीं किया जा रहा है।

नाम में परिवर्तन के सफल सत्यापन के बाद, नाम को जमीन की रजिस्ट्री (Land Registry) रिकॉर्ड में भी अद्यतन किया जाता है। जमीन की रजिस्ट्री (Land Registry) पर नाम में बदलाव संबंधी दस्तावेजों को मालिक के पते पर भेजा जाता है।

जमीन की रजिस्ट्री (Land Registry) में वर्तनी की गलती को कैसे सुधारें

यदि टाइपिंंग संबंधी त्रुटि के कारण नाम में बदलाव करने की आवश्यकता है, तो जमीन के मालिक अपने सही नाम के प्रमाण के साथ रजिस्ट्रार कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं तथा इसे ठीक करवा सकते हैं।

यदि वहां ऐसा नहीं हो पाता है, तो बिक्री विलेख सहित किसी भी विलेख में नाम की त्रुटियों को सुधारने हेतु सुधार का पंजीकृत विलेख निष्पादित किया जा सकता है। इसके अलावा, जमीन का मालिक प्रॉपर्टी रिकॉर्ड में नाम परिवर्तन हेतु हलफनामे के साथ राजस्व अधिकारी से भी संपर्क कर सकता है।

इसका एक अन्य विकल्प 'ग्राम अधिकारी' या तहसीलदार से एक प्रमाण पत्र होगा जिसमें कहा गया हो कि दोनों नाम (या कई नाम) एक ही हैं। इस प्रमाणपत्र का इस्तेमाल विभिन्न आवश्यकताओं के लिए किया जा सकता है।

प्रॉपर्टी दस्तावेज़ में नाम बदलने की अन्य प्रक्रिया

चूंकि जमीन की रजिस्ट्री (Land Registry) में नाम बदलने की प्रक्रिया आसान लेकिन थकाऊ है, इसलिए प्रॉपर्टी के बिक्री विलेख में सुधार द्वारा भी प्रॉपर्टी के दस्तावेजों में नाम बदलवाया जा सकता है। हालांकि, पिछले बिक्री विलेख का यह सुधार एकतरफा नहीं किया जा सकता है तथा नए मालिक को इसके लिए पिछले मालिक (अंतिम विक्रेता) की अनुमति की आवश्यकता होती है।

यहां तक कि ऐसे मामले में जहां जमीन की रजिस्ट्री (Land Registry) में नाम नहीं बदला गया है, प्रॉपर्टी की आगे की बिक्री हेतु किसी भी बिक्री विलेख में नाम परिवर्तन की घोषणा करने वाली राजपत्र अधिसूचना की प्रति के साथ मालिक के 'नए' नाम का उल्लेख करना होगा।

रजिस्ट्री में नाम गलत हो गया है तो उसे कैसे सुधारें?

रजिस्ट्री में हुई गलती के सुधार को बैनामे की प्रक्रिया फिर से की जाती है। स्टांप पेपर (stamp paper) पर फिर से वही बातें लिखी जाएंगी, जो पूर्व के बैनामे में लिखी गईं थीं। जिस गलती का पता चला है, उसका सुधार कर नया बैनामा बनाया जाएगा।

रजिस्ट्री ऑनलाइन कैसे चेक करें?

ऑनलाइन रजिस्ट्री कैसे चेक करें ?.
स्टेप-1 igrsup.gov.in वेबसाइट को ओपन करें.
स्टेप-2 सम्पत्ति विवरण विकल्प को चुनें.
स्टेप-3 ग्रामीण एवं शहरी सेलेक्ट करें.
स्टेप-4 जिला, तहसील, गांव एवं खसरा चुनें.
स्टेप-5 खाता विवरण को सेलेक्ट करें.
स्टेप-6 ऑनलाइन रजिस्ट्री चेक करें.

जमीन नाम कैसे होती है?

जमीन की रजिस्ट्री (Land Registry) में अपने नाम को सही करा लेने से प्रॉपर्टी के मालिक को जमीन से जुड़े विवादों और कानूनी परेशानी से बचने में मदद मिलती है। तो चलिए सबसे पहले समझते हैं कि प्रॉपर्टी के दस्तावेज क्या होते हैं और बाद देखते हैं कि जमीन की रजिस्ट्री (Land Registry) में नाम बदलने की प्रक्रिया क्या होती है।

क्या मकान का दाखिल खारिज होता है?

प्रापर्टी से जुड़े नियमों के तहत किसी जमीन की सिर्फ अपने नाम से रजिस्ट्री करा लेने ही उसका मालिकाना हक नहीं मिल जाता. इसके लिए दाखिल खारिज यानी म्यूटेशन कराना जरूरी होता है. जब वह जमीन अथवा उसका कोई हिस्सा जो आपने खरीदा है जब तक खसरा-खतौनी में आपके नाम पर नहीं चढ़ जाता है तक आप उसके मालिक नहीं हैं.