सू को हिंदी में क्या कहते हैं? - soo ko hindee mein kya kahate hain?

होगा

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होंगे

जमा मुतकल्लिम और जमा ग़ायब के साथ ज़माना-ए-मुस्तक़बिल ज़ाहिर करने के लिए मुस्तामल नीज़ माज़ी एहतिमाली के लिए नीज़ शायद हूँ, हमें क्या (बेदिली या रक़ाबत से कहते हैं)

हेगा

हुएगा

hugger

हुए गो

हैगा

हैगी

हैगा

हैगी

होंगे पूत तो पूजेंगे भूत

कुछ नफ़ा हो तो ख़िदमत भी करें वर्ना क्या ज़रूरत, अपनी ग़रज़ के लिए सब कुछ करना पड़ता है, औलाद की उम्मीद पर भूत प्रेत की प्रसतिश भी मंज़ूर है, औलाद के वास्ते सब जायज़ और नाजायज़ भुगतना पड़ता है

हगे

हगा

अक्सर हगना, हगते रहना

हगो

हग्गी

हग्गो

(बच्चों की भाषा में) पैख़ाना, गूह, हगा

हाँगा

शरीर का बल। बूता। ताकत।

हींगू

बिल्ली, नकटी क्योंकि औरतें रात को ज़च्चा के चिल्ले के अंदर इस का नाम लेना अशुभ समझती हैं इस वजह से ये नाम रखा गया, हींगा की जगह लड़की को हींगू कहती हैं

हैंगे

हैंगी

हैं (ज़माना-ए-हाल के इज़हार के लिए जमा के साथ मुस्तामल)

हौगड़

(बाज़ारी) बेवक़ूफ़, मूर्ख

हुंगा-तुंगी

हगो या रास्ता छोड़ो

(ओ) ऐसे मौके़ पर बोलते हैं जब ये कहना होता है कि इस वक़्त जो तुम्हें तै करना हो तै कर लो वर्ना चले जाओ

क्या होगा

कुछ असर ना होगा, कुछ फ़ायदा नहीं

हगे देना

किसी कम वज़नी चीज़ को उठा के इस तरह चलना कि मालूम हो अब गिरे और अब गिरे

हगे का हलवा खिलाना

हाँगा नहीं है

ताक़त नहीं है

हाँगा छूटना

ताक़त ना रहना, जिस्मानी क़ुव्वत में कमी आ जाना

हगे और आँखें गरेरे

क़सूर करे और उलटा धमकाए

हग्गी लगना

हग्गा लगना

पाख़ाने की हाजत होना

हग्गा कराना

हींगा फेरना

हाँगा करना

किसी के ख़िलाफ़ क़ुव्वत इस्तिमाल करना

हग्गा करा लेना

हगा न घर रखा

ऐसा काम ही ना किया जो तकलीफ़ का बाइस हो , ना कमाया ना जमा किया , नाकारा आदमी के मुताल्लिक़ कहते हैं

कोई होगा

शायद ये कोई हो, यानी कोई नहीं

ये छड़ी होगी और तू होगा

नाराज़ी और ग़ुस्से से कहते हैं, सज़ा की धमकी के तौर पर कहते हैं कि अगर तू ने ऐसा किया तो ये सज़ा होगी

जहाँ मुल्ला न होगा क्या वहाँ सवेरा न होगा

रुक: जहां मुर्ग़ नहीं बोल क्या वहां सुबह नहीं होती

जहाँ मुर्ग़ा न होगा अज़ान न होगी

रुक : जहां मुर्गा नहीं बोलता वहां सुबह नहीं होती

मुल्ला न होगा तो क्या मस्जिद में अज़ाँ न होगी

मुल्ला न होगा तो क्या मस्जिद में अज़ान न होगी

किसी ख़ास आदमी के ना होने से इस से मुताल्लिक़ काम रुका नहीं रहता, दुनिया के काम किसी के होने या ना होने से बंद नहीं होते

गुड़ होगा तो मक्खियाँ बहुत आजाएंगी

दौलत होगी तो हाजतमंद बहुत आजाऐंगे

जहाँ मुर्ग़ा न होगा सुब्ह न होगी

मुर्ग़ा न होगा तो क्या अज़ान न होगी

रुक : मुर्गा बाँग ना देगा तो क्या सुबह ना होगी

जहाँ नशेब होगा वहीं पानी मरेगा

भीत होगी तो लेव बहुतेरे चढ़ रहेंगे

अपने पास रुपया होगा तो ख़ुशामदी बहुत आ रहें गे, हड्डियां रहेंगी तो मास बहुतेरा चढ़ जाएगा, असल होगी तो इस की इस्लाह होसकेगी

सु संस्कृत [पूर्वप्रत्यय] कुछ शब्दों के पहले जुड़कर उत्तम, अच्छा (सुकार्य), सुंदर (सुनयना), सहज (सुकर), शुभ (सुदिन), उचित (सुकर्म), भली प्रकार (सुसंबद्ध), अधिक (सुशिक्षित) आदि अर्थ देने वाला एक प्रत्यय।

सु पु 4 - अव्य० [संस्कृत सह] तृतीया, पंचमी और षष्ठी विभक्ति का चिह्न ।

सु 3 - संज्ञा पुलिंग
1. उत्कर्ष । उन्नति ।
2. सुंदरता । खूबसूरती । हर्ष । आनंद । प्रसन्नता ।
4. पूजा ।
5. समृद्धि ।
6. अनुमति । आज्ञा ।
8. कष्ट । तकलीफ ।

सु 1 - उपसर्ग [संस्कृत] एक उपसर्ग जो संज्ञा के साथ लगकर विशेषण का काम देता है । जिस शब्द के साथ यह उपसर्ग लगता है, उसमें (1) अच्छा, बढ़िया, भला, श्रेष्ठ, जैसे, सुगंधित ; (2) सुंदर मनोहर, जैसे ; सुकेशी, सुमध्यमा ; (3) खुब, सर्वथा, पूरी तरह, ठीक प्रकार से ; जैसे, सुजीर्ण ; (4) आसानी से, सुभीते से, तुरंत, जैसे, - सुकर, सुलभ ; (5) अत्यधिक, बहुत अधिक, जैसे, सुदारुण सुदीर्घ आदि का भाव आ जाता है । जैसे - सुनाम, सुपंथ, सुशील, सुवास आदि ।

सु 5 - सर्व० [संस्कृत सः] सो । वह ।

सु 2 - विशेषण
1. सुंदर । अच्छा ।
2. उत्तम । श्रेष्ठ । संमानयोग्य ।
3. शुभ । भला ।

सु 2 - संज्ञा स्त्रीलिंग
1. उत्पत्ति । पैदाइश । प्रसव । जन्म ।
2. माता । जननी [को कहते हैं] ।

सु Meaning in Hindi - सु का मतलब हिंदी में

सु संस्कृत [पूर्वप्रत्यय] कुछ शब्दों के पहले जुड़कर उत्तम, अच्छा (सुकार्य), सुंदर (सुनयना), सहज (सुकर), शुभ (सुदिन), उचित (सुकर्म), भली प्रकार (सुसंबद्ध), अधिक (सुशिक्षित) आदि अर्थ देने वाला एक प्रत्यय।

सु पु 4 - अव्य० [संस्कृत सह] तृतीया, पंचमी और षष्ठी विभक्ति का चिह्न ।

सु 3 - संज्ञा पुलिंग 1. उत्कर्ष । उन्नति । 2. सुंदरता । खूबसूरती । हर्ष । आनंद । प्रसन्नता । 4. पूजा । 5. समृद्धि । 6. अनुमति । आज्ञा । 8. कष्ट । तकलीफ ।

सु 1 - उपसर्ग [संस्कृत] एक उपसर्ग जो संज्ञा के साथ लगकर विशेषण का काम देता है । जिस शब्द के साथ यह उपसर्ग लगता है, उसमें (1) अच्छा, बढ़िया, भला, श्रेष्ठ, जैसे, सुगंधित ; (2) सुंदर मनोहर, जैसे ; सुकेशी, सुमध्यमा ; (3) खुब, सर्वथा, पूरी तरह, ठीक प्रकार से ; जैसे, सुजीर्ण ; (4) आसानी से, सुभीते से, तुरंत, जैसे, - सुकर, सुलभ ; (5) अत्यधिक, बहुत अधिक, जैसे, सुदारुण सुदीर्घ आदि का भाव आ जाता है । जैसे - सुनाम, सुपंथ, सुशील, सुवास आदि ।

सु 5 - सर्व० [संस्कृत सः] सो । वह ।

सु 2 - विशेषण 1. सुंदर । अच्छा । 2. उत्तम । श्रेष्ठ । संमानयोग्य । 3. शुभ । भला ।

सु 2 - संज्ञा स्त्रीलिंग 1. उत्पत्ति । पैदाइश । प्रसव । जन्म । 2. माता । जननी [को कहते हैं] ।

सू का अर्थ क्या होता है?

यथा सम्भव प्रत्येक खण्ड के उत्तर क्रमशः दीजिए।

संस्कृत शब्द में सु क्या है?

रचयत- उपसर्गा:― आ, वि, प्र, सु, सम्।

साइना को हिंदी में क्या बोलते हैं?

बेटी का नाम क्या है साइना नाम का मतलब होता है राजकुमारी, साईं का प्रतिबिंब और आकर्षक राजकुमारी।

Sur क्या है?

संगीत में वह शब्द जिसका कोई निश्चित रूप हो और जिसकी कोमलता या तीव्रता अथवा उतार-चढ़ाव आदि का, सुनते ही, सहज में अनुमान हो सके, स्वर कहलाता है। भारतीय संगीत में सात स्वर (notes of the scale) हैं, जिनके नाम हैं - षड्ज, ऋषभ, गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत व निषाद।