सबसे पहली बार संविधान दिवस कब मनाया गया? - sabase pahalee baar sanvidhaan divas kab manaaya gaya?

एक संविधान किसी देश में शासन के लिए आधार प्रदान करता है, जो यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि सभी के हितों और जरूरतों को ध्‍यान में रखा जाए. 26 नवंबर को देशभर में संविधान दिवस मनाया जाता है. इस मौके पर हम आपके लिए संविधान से जुड़े कुछ सवाल लेकर आए हैं. फटाफट दीजिए इन सवालों के जवाब. 

सवाल: भारतीय संविधान का कौन सा भाग संविधान की आत्मा कहा जाता है?
जवाब: प्रस्तावना को भारतीय संविधान की आत्मा कहा जाता है.

सवाल: भारतीय संविधान के निर्माण में कितना समय लगा?
जवाब:  2 साल 11 महीने और 18 दिन

सवाल: संविधान सभा की पहली बैठक कब हुई थी?
जवाब:  9 दिसंबर 1946 

सवाल: भारतीय संविधान का पहला संशोधन किस साल हुआ?
जवाब:  साल 1951

सवाल: संविधान सभा के अस्थाई अध्यक्ष कौन थे?
जवाब: डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा 

सवाल: किस देश का सबसे बड़ा लिखित संविधान है?
जवाब: भारत    

सवाल: भारतीय संविधान का निर्माता किसे कहा जाता है?
जवाब: डॉ भीमराव अंबेडकर

सवाल: भारतीय संविधान किस साल लागू हुआ?
जवाब: 26 जनवरी 1950

एजुकेशन डेस्क। Constitution Day 2022: आज, 26 नवंबर को संविधान दिवस है, जिसे पूरे देश में मनाया जा रहा है। हमारे भारतीय संविधान को अपनाए जाने की याद में हर साल 26 नवंबर को देश में संविधान दिवस के तौर मनाया जाता है। वर्ष 1949 में संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान को 26 नवंबर को ही अपनाया गया गया था। हालांकि, इसे 26 जनवरी 1950 से पूरे देश में लागू किया गया था। वहीं, केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा 19 नवंबर 2015 को घोषणा की थी कि 26 नवंबर को हर साल संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाएगा। इसके बाद से हर साल संविधान दिवस को इस दिन मनाया जाता है।

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भारतीय संविधान को बनाए जाने में संविधान सभा को 167 दिन लगे जिसके लिए 11 सत्र आयोजित किए गए। अपने मूल रूप में भारतीय संविधान में 395 अनुच्छेद, 22 खण्ड और 8 अनुसूचियां हैं। हमारे संविधान में कुल 1,45,000 शब्द हैं, जो कि पूरे विश्व में सबसे लंबा अपनाया गया संविधान है। हालांकि, इस समय हमारे संविधान में 470 अनुच्छेद, 25 खण्ड और 12 अनुसूचियों के साथ-साथ 5 परिशिष्ट भी हैं।

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हालांकि, संविधान दिवस कोई छुट्टी का दिन नहीं है, बल्कि इस अवसर पर विभिन्न सरकारी विभागों, संगठनों और शिक्षा संस्थानों में तमाम कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। स्कूलों एवं कॉलेजों की बात करें तो संविधान दिवस के अवसर पर विभिन्न भाषणों, संवाद, वाद-विवाद प्रतियोगिता, क्विज, आदि का आयोजन किया जाता है, ताकि छात्र-छात्राओं में हमारे संविधान के प्रति जागरूकता एवं समझ को बढ़ावा मिले।

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Constitution Day 2022: भारतीय संविधान की उद्देशिका

“भारत का संविधान अपनाने के उपलक्ष्य में हमारे देश में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस को मनाया जाता है। भारत की संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को भारत के संविधान को अपनाया था, जो 26 जनवरी 1950 से लागू हुआ।

नागरिकों के बीच संविधान के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए हर साल 26 नवंबरको 'संविधान दिवस' के रूप में मनाने के भारत सरकार के निर्णय को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 19 नवंबर 2015 को अधिसूचित किया।”

भारत का संविधान (Indian Constitution) विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। प्रत्येक साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। भारत का संविधान भारत रत्न बाबा साहेब डॉ भीम राव आंबेडकर ने लिखा था। डॉ भीम राव आंबेडकर को संविधान निर्माता के रूप में भी जाना जाता है इनका नाम दुनिया के टॉप 10 विद्वानों में लिया जाता है। इन्हे संविधान लिखने में कुल 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन लगे थे। 

सबसे पहली बार संविधान दिवस कब मनाया गया? - sabase pahalee baar sanvidhaan divas kab manaaya gaya?
सबसे पहली बार संविधान दिवस कब मनाया गया? - sabase pahalee baar sanvidhaan divas kab manaaya gaya?

भारतीय संविधान दिवस को राष्ट्रीय कानून दिवस (National Law Day) के रूप में भी मनाया जाता है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से आपको संविधान दिवस से सम्बंधित सारी जानकारी दी जाएगी। संविधान दिवस कब और क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस को 26 नवंबर के दिन ही क्यों मनाया जाता है इसके पीछे का इतिहास के बारे में भी बताया जायेगा। 

Table of Contents

  • संविधान दिवस क्या है? (What is Constitution Day)
  • संविधान दिवस कब मनाया जाता है?
  • संविधान दिवस क्यों मनाया जाता है?
  • संविधान दिवस 2022 (Indian Constitution Day 2022)
  • भारत में संविधान दिवस कैसे मनाया जाता है?
  • भारतीय संविधान की विशेषताएं
    • FAQs –

संविधान दिवस क्या है? (What is Constitution Day)

भारत की स्वतंत्रता के बाद से ही 26 नवंबर के दिन को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है। साल 2015 में संविधान निर्माता डॉ भीम राव आंबेडकर जी के 125 वें जयंती वर्ष के रूप में, उन्हें श्रद्धांजलि देने के प्रतिक के रूप में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा 26 नवंबर 2015 को पहली बार संविधान दिवस मनाया पुरे भारत में मनाया गया।

और तब से प्रत्येक साल 26 नवंबर के दिन पुरे भारत में संविधान दिवस मनाया जाता है। अब चलिए इसके पीछे का इतिहास के बारे में भी जान लेते है भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 ईस्वी को अपनाया गया था एवं इसके ठीक दो महीने बाद 26 जनवरी 1950 ईस्वी को भारत एक पूर्ण गणतंत्र देश बना था।

सबसे पहले 26 जनवरी का इतिहास शुरू होता है। 26 जनवरी 1930 ईस्वी से जब पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस ने ब्रिटिश शासन के  खिलाफ पूर्ण स्वराज के मांग की थी। और 1930 ईस्वी से साल 1947 तक प्रत्येक साल 26 जनवरी को पूर्ण स्वराज दिवस यानि की स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता था। 

संविधान दिवस कब मनाया जाता है?

संविधान दिवस प्रत्येक साल 26 नवंबर के दिन मनाया जाता है। जानकारी के लिया आपको बता दूँ की साल 2015 से पहले इस दिन को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में मनाया जाता था। पर साल 2015 से देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने प्रत्येक साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाने की घोषणा की। 

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संविधान दिवस क्यों मनाया जाता है?

भारत का संविधान निर्माण करने में सबसे बड़ा भूमिका बाबा साहेब डॉ भीम राव आंबेडकर का था इन्होने पूरी दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान लिखा। जिसमे उन्होंने भारत के सभी धर्मो, सभी वर्ग, सभी जातियों साथ में समाज के मुख्य धारा से हासिये पे धकेल दिए गए दलित समाज के लोगो का हक़, अधिकार एवं समाज में उचित सम्मान मिले ये सुनिश्चित किया।

इसके लिए बाबा साहेब ने भारत के संविधान में इनलोगों के हक़ अधिकार की बात की। भारत का संविधान देश के हर एक नागरिक को स्वंतंत्र भारत में रहने, जीवन-जीने एवं समान अधिकार देता है। उनके इस महान कार्य के लिए उनके सम्मान में उन्हें श्रधांजलि भेट करने हेतु प्रत्येक साल 26 नवम्बर को संविधान दिवस मनाया जाता है। 

इसके अलावा आज के युवा पीढ़ी को भारतीय संविधान के आदर्श, मूल्यों, एवं उसमे कही गई बाते पर अमल करना उसपे चलना, एवं संविधान महत्व को समझ सके उसे अपने जीवन में उतार सके। साथ में संविधान दिवस मनाने के पीछे ये भी कारण है।

की वर्तमान परस्तिथि ये है की हमारी युवा पीढ़ी मोबाइल पर, इंस्टाग्राम, फेसबुक जैसे सोशल साइट्स में अपनी जवानी बर्बाद कर रही है और दिन पर दिन जनतंत्र को भूलती जा रही है। इसलिए हम, आप भारत के नागरिक होने के नाते ये परम कर्तव्य है की युवा पीढ़ियाँ एवं आने वाले पीढ़ियाँ तक ये मैसेज पहुँचा सके।

की भारत को आजाद कराने वाले स्वतंत्रता सेनानियों व संविधान निर्माताओं ने भारत को अंग्रेजो से आजाद कराने लिए कितने कुर्बानिया दी और बड़ी मशक्कत के बाद भारत को आजादी मिली। और संविधान में निहित मौलिक अधिकार, मौलिक कर्तव्य इत्यादि ये सभी चीजे को समझने, समझाने और संविधान, देश को उचित और सर्वोपरि सम्मान देने के लिए प्रत्येक साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। 

संविधान दिवस 2022 (Indian Constitution Day 2022)

वर्ष 2022 में भारत में संविधान दिवस 26 नवंबर, शनिवार के दिन मनाया जायेगा। 

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भारत में संविधान दिवस कैसे मनाया जाता है?

इस दिन देश प्रधान मंत्री, कैबिनेट मंत्री एवं सभी राजनितिक पार्टी के नेताओं के द्वारा डॉ भीम राव आंबेडकर को भारत का संविधान निर्माण करने के लिए अवसर पर इनके स्मारक स्थलों पर फूलो से सजावट की जाती है एवं श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर श्रद्धांजलि दिया जाता है। और देश के प्रधानमंत्री देश के नागरिकों को भाषण के जरिये संविधान को पढ़ने उसका सम्मान करने एवं उसे जीवन में उतारने के लिए प्रेरित करते है। 

इसके अलावा संविधान दिवस के अवसर पर स्कूलो, कॉलेज, यूनिवर्सिटी एवं समस्त शिक्षण संस्थानों में डॉ भीम राव आंबेडकर को श्रद्धांजली दिया जाता है। इसके अलावा कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते है जैसे की भाषण, वाद-विवाद प्रतियोगिता, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं, सेमिनारों एवं संविधान पर व्याख्यान दिए जाते है। साथ में भारतीय संविधान के प्रस्तावना में निहित शब्दो का अर्थ छात्रों को बहुत ही आसान भाषा में समझाया जाता है। 

भारतीय संविधान की विशेषताएं

  • भारत का संविधान दुनिया का सबसे लम्बा लिखित संविधान है। 
  • डॉ भीम राव आंबेडकर को संविधान निर्माता के रूप में जाना जाता है। 
  • भारत के संविधान को 26 नवंबर 1949 ईस्वी को अपनाया गया था। 
  • 24 नवंबर 1949 ईस्वी को संविधान सभा के बैठक हुई जिसमे सभी सदस्यों ने संविधान पर हस्ताक्षर कर उसे मान्यता दी। 
  • भारत के संविधान को 26 जनवरी 1950 ईस्वी को इसे लागु किया गया था। 
  • भारत का संविधान बनाने में कुल 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन लगे थे। 
  • भारत का संविधान बनाने में कुल 63,96,729 रुपये का खर्चा आया था। 
  • संविधान सभा के सदस्य भारत के सभी राज्यों, प्रांतो के इलेक्टेड  मेंबर के द्वारा चुने गए थे। 
  • संविधान सभा के मुख्य सदस्य के रूप में डॉ राव आंबेडकर, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार बल्लव भाई पटेल, डॉ राजेंद्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद, श्यामा प्रसाद मुखर्जी इत्यादि प्रमुख सदस्य थे। 
  • संविधान सभा में कुल 389 सदस्य थे, जो बटवारें के बाद 299 हो गए थे। 
  • संविधान सभा के ड्राफ्टिंग कमिटी के चेयरमैन डॉ भीम राव आंबेडकर थे। 
  • डॉ राजेंद्र प्रसाद को 11 दिसंबर 1946 ईस्वी को संविधान सभा का स्थाई अध्यक्ष चुना गया था। 
  • भारत के मूल संविधान में कुल 395 अनुच्छेद, 22 भाग, और 8 अनुसूचियां शामिल थीं, जो वर्तमान समय में बढ़कर 465 अनुच्छेद, 25 भाग और 12 अनुसूचियाँ हो गयी है। 
  • संवैधानिक सलाहकार बी एन राव थे। 

FAQs –

Q. भारत के संविधान का पिता कौन है?

Ans – भारत रत्न डॉ भीम राव आंबेडकर।

Q. भारत का संविधान कब बनकर तैयार हुआ?

Ans – भारत का संविधान 26 जनवरी 1949 ईस्वी को बनकर तैयार हुआ था।

Q. संविधान सभा ने भारतीय संविधान को कब अपनाया था?

Ans – 26 जनवरी 1949 ईस्वी को

Q. 26 नवंबर को कौन सा दिवस मनाया जाता है

Ans – संविधान दिवस

Q. संविधान बनाने में कितने लोग थे?

Ans – संविधान सभा में कुल 389 सदस्य थे, जो बटवारें के बाद 299 हो गए थे।

Q. भारतीय संविधान सभा का प्रथम अधिवेशन कब हुआ?

Ans – 9 दिसंबर 1946 ईस्वी को

Q. संविधान लिखने वाला कौन था?

Ans – भारत रत्न डॉ भीम राव आंबेडकर

Q. पहला संविधान दिवस कब मनाया गया

Ans – 26 नवंबर 2015 को

Q. संविधान दिवस कब से मनाया जा रहा है?

Ans – संविधान दिवस साल 2015 से मनाया जा रहा है।

Q. भारत का संविधान कितने दिन में बना

Ans – भारत का संविधान बनने में कुल समय 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन का लगा था।

Q. भारत के संविधान में कुल कितने पेज है?

Ans – 251 पन्ने

आशा करता हूँ आज का ये आर्टिकल संविधान दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? आपको ज्ञानवर्धक लगा होगा, आज आप इस आर्टिकल के माध्यम से अच्छे से जान पाएंगे होंगे भारत के संविधान के बारे, इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर जरूर करे, किसी भी प्रकार का सवाल, सुझाव आप कमेंट के माध्यम से पूछ सकते है धन्यवाद !

संविधान दिवस सबसे पहले कब मनाया गया?

26 नवंबर 1949 को, संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया, जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ. सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 19 नवंबर 2015 को सूचित किया था, कि भारत सरकार ने नागरिकों के बीच संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए 26 नवंबर को प्रतिवर्ष 'संविधान दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया है.

पहली बार संविधान कब लागू हुआ?

भारतीय संविधान लिखने वाली सभा में 299 सदस्य थे जिसके अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद थे। संविधान सभा ने 26 नवम्बर 1949 में अपना काम पूरा कर लिया और 26 जनवरी 1950 को यह संविधान लागू हुआ। इसी दिन कि याद में हम हर वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।

संविधान दिवस कब घोषित किया गया?

वर्ष 1949 में संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान को 26 नवंबर को ही अपनाया गया गया था। हालांकि, इसे 26 जनवरी 1950 से पूरे देश में लागू किया गया था। वहीं, केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा 19 नवंबर 2015 को घोषणा की थी कि 26 नवंबर को हर साल संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाएगा।

भारत के संविधान का पिता कौन है?

भीम राव अंबेडकर को भारतीय संविधान का जनक माना जाता है। वह भारत के संविधान के मुख्य वास्तुकार थे। उन्हें 1947 में संविधान मसौदा समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वह स्वतंत्र भारत के पहले कानून और न्याय मंत्री थे।