भारत के संविधान के लेखक कौन हैं? - bhaarat ke sanvidhaan ke lekhak kaun hain?

क्या आप जानते हैं “भारत का संविधान” का असली लेखक कौन है?

Know who is the real author of “Constitution of India”

भारत का संविधान।

भारत का संविधान किसने बनाया, इस बात पर जो जवाब आम तौर पर रटा दिया गया है वो ये है कि भारतीय संविधान का निर्माता कौन? जवाब में डॉ आंबेडकर का नाम सबको पता है। यह रटा रटाया जवाब दलित जातिवादी राजनीति की देन है जिसमें जातिवादी चश्मे के अलावा कुछ भी नहीं सूझता। इस चश्मे में किसी के भी मूल्यांकन में यह सबसे पहले देखा जाता है कि फलां की जात क्या है। फिर उसकी नीयत तय कर दी जाती है। खैर।

जरा भारतीय संविधान सभा, उसकी कार्यवाहियों, उसमे महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों पर गौर कीजिए तो आप पाएंगे कि रटे रटाये जवाब केवल जातिगत राजनीति की पूर्ति के लिए बना दिये गए।

भारत के संविधान निर्माण के लिए मूलतः कांग्रेस पार्टी जिम्मेदार है। नेहरू, पटेल, राजेन्द्र प्रसाद, मौलाना आजाद इसके मूल स्तम्भ हैं जिसमें भी नेहरू का योगदान सबसे ऊपर है। कांग्रेस ने इसे सर्वग्राह्य बनाने के लिए बहुत से योग्य व्यक्तियों को, जो अलग-अलग दलों में थे, उन्हें स्थान सम्मान दिया और महत्त्वपूर्ण प्रभार कार्य सौंपे।

डॉ आंबेडकर बहुत ही योग्य संविधानविद थे और तमाम कानूनों के जानकार थे, इसलिए उन्हें ड्राफ्ट कमेटी का चेयरमैन बनाया गया था।

भारत का संविधान कोई ऐसी चीज नहीं जिसे डॉक्टर साहब ने अकेले बैठ के लिख डाला हो। यह सारे देश की उपलब्ध मेधा और राष्ट्रीय आंदोलन के संघर्ष का सामूहिक नतीजा था। यह सब महान कार्य कांग्रेस के नेतृत्व में फलीभूत हुआ था।

भारत का संविधान निर्माण उन लोगों के लिए सबक है जो बस जात जात चिल्ला पाते हैं।

आलोक वाजपेयी

(लेखक इतिहासकार हैं।)

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भारत के संविधान के लेखक कौन हैं? - bhaarat ke sanvidhaan ke lekhak kaun hain?

भारत के संविधान के लेखक कौन हैं? - bhaarat ke sanvidhaan ke lekhak kaun hain?

कैबिनेट मिशन योजना 1946 के अंतर्गत निर्मित संविधान सभा के द्वारा भारतीय संविधान का निर्माण अपनी पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 से लेकर 26 नवंबर 1949 तक के समय मे पूरा कर लिया था, लेकिन आपको एक जानकारी होगी कि संविधान सभा का अस्तित्व 26 नवंबर 1949 तक न होकर अगले वर्ष 24 जनवरी 1950 तक रहा ।

  • तीन प्रतियो के रूप में थे संविधान 

24 जनवरी 1950 के दिन संविधान सभा का अंतिम और 12 वां अधिवेशन हुआ था । इस अधिवेशन में ही संविधान की 3 प्रतियां सभा पटल पर रखी गई थी जो तीन अलग-अलग भाषाओं में थी । इनमें से एक प्रति हस्तलिखित और दो प्रतियां प्रिंटेड / छपी हुई थी।

(1) अंग्रेजी भाषा मे हस्तलिखित प्रति –भारतीय संविधान की मूल प्रति अंग्रेजी भाषा मे हस्तलिखित प्रति  है जिस पर नंदलाल बॉस के नेतृत्व में कलाकारों की एक टीम ने सविधान के हर पृष्ठ पर कलाकृतियां अंकित की गई थी।(2)अंग्रेजी भाषा में छपी हुई प्रति –सविधान की मूल प्रति हस्तलिखित होने के अतिरिक्त इसकी एक दूसरी प्रति भी अंग्रेजी भाषा में है लेकिन यह प्रति हस्तलिखित ना होकर छपी हुई प्रति थी ।(3) हिंदी भाषा में हस्तलिखित प्रति –संविधान की तीसरी प्रति हिंदी भाषा में है और यह प्रति भी हस्तलिखित प्रति है । संविधान सभा के सदस्यों ने इन तीनों ही प्रतियो पर हस्ताक्षर किए थे । 

  • इन्होंने अपने हाथों से लिखा था संविधान

हाथ से बने पेपर पर हाथ से लिखा गये इस मूल संविधान के लेखक जाने-माने कैलीग्राफर प्रेम बिहारी नारायण रायजादा थे । जिन्होंने 6 माह के अथक प्रयासों के बाद अपने हाथों से संविधान को लिखा था। ज्ञात हो कि संविधान की मूल प्रति के प्रत्येक पृष्ठ पर उसके लेखक प्रेम बिहारी नारायण रायजादा का नाम लिखा हुआ है और अंतिम पृष्ठ पर प्रेम बिहारी नारायण रायजादा और उनके दादा का नाम  अंकित है।क्योंकि इसी शर्त पर उन्होंने संविधान को लिखे जाने की जिम्मेदारी ली थी और उसके बदले में उन्होंने मेहनताने के रूप में ₹1 भी नहीं लिया। सविधान की यह मूल प्रति आज भी संसद भवन के पुस्तकालय में बने एक चेंबर में वैज्ञानिक तरीके से सुरक्षित रखी हुई है।

  • तीनों प्रतियो पर किए थे हस्ताक्षर 

संविधान प्रस्ताव सर करने वाले सदस्यों की कुल संख्या 284 थी। हस्ताक्षर करने वालों में पंडित जवाहरलाल नेहरू सबसे पहले व्यक्ति थे और अंतिम व्यक्ति संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद ने हस्ताक्षर किये थे ।आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि दशरथ मुहानी भले ही एक व्यक्ति है जिन्होंने  संविधान निर्माण की प्रक्रिया में पूरा भाग लिया हो लेकिन उन्होंने हस्ताक्षर नही किये ।उन्होंने अंतिम रूप से यह कहकर मना कर दिया कि “मैंऐसे संविधान को नहीं मानता ।”

ध्यातव्य- जानकारों की माने तो बताया जाता है कि डॉ राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में संविधान को अंग्रेज़ी से हिन्दी में अनुवाद किया गया था और इसके अनुवादक डॉ. रघुवीरा थे।  जिनका नाम आज इतिहास के पन्नों में कहीं गुम हो गया ।

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भारत के संविधान लेखक कौन थे?

भारतीय संविधान लिखने वाली सभा में 299 सदस्य थे जिसके अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद थेसंविधान सभा ने 26 नवम्बर 1949 में अपना काम पूरा कर लिया और 26 जनवरी 1950 को यह संविधान लागू हुआ। इसी दिन कि याद में हम हर वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।

संविधान के पिता कौन?

भीम राव अंबेडकर को भारतीय संविधान का जनक माना जाता है। वह भारत के संविधान के मुख्य वास्तुकार थे। उन्हें 1947 में संविधान मसौदा समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वह स्वतंत्र भारत के पहले कानून और न्याय मंत्री थे।

भारत के संविधान में कितने पेज है?

संविधान की पांडुलिपि में 251 पन्ने हैं, जिसका वजन 3. 75 किग्रा है।

संविधान लिखने वाले कितने सदस्य थे?

Constitution Day 2021 भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था। विश्व के सबसे बड़े लिखित संविधान के निर्माण के लिए देश भर से 389 सदस्य चुने गए थे। बरेली के लिए यह गर्व की बात है कि जिले के भी दो सदस्यों ने सहयोग किया।