जिस तरह हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, उसी तरह हर घटना, इंसान, काम और जीवन के दो पहलू होते हैं। हमें अपने आपको इस बात का प्रशिक्षण देना है कि कैसे हम सकारात्मक पहलू को पहले देखें। सकारात्मक... Show
एजेंसीFri, 29 Oct 2010 09:52 AM हमें फॉलो करें ऐप पर पढ़ें जिस तरह हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, उसी तरह हर घटना, इंसान, काम और जीवन के दो पहलू होते हैं। हमें अपने आपको इस बात का प्रशिक्षण देना है कि कैसे हम सकारात्मक पहलू को पहले देखें। सकारात्मक दृष्टिकोण लाते ही नकारात्मक पहलू कमजोर दिखाई देता है और हम बड़े-बड़े साहस के कार्य कर गुजरते हैं। नकारात्मक दृष्टिकोण लाते ही सकारात्मक पहलू हमें कमजोर दिखाई देता है और हम छोटे-छोटे कार्य भी समय पर ठीक से नहीं कर पाते। अगर हमारे दृष्टिकोण का इतना बड़ा असर हमारे जीवन पर होता है तो विश्व के किसी भी इंसान को नकारात्मक दृष्टिकोण नहीं अपनाना चाहिए। हमारा दृष्टिकोण यह बात तय करता है कि हम असफलता को किस तरह लेते हैं। सकारात्मक दृष्टिकोण रखनेवाले लोगों के लिए असफलता, सफलता की एक सीढ़ी है, इसलिए वे हारकर भी जीतने की कला जानते हैं और उनका स्वागत दुनिया के हर क्षेत्र में होता है। ऐसे लोग ही समाज में भाईचारा, उत्पादकता, तनाव रहित जीवन व कपट मुक्त रिश्तों को बढ़ावा देते हैं। वे लगातार ज्ञान व तेज ज्ञान हासिल करने की कोशिश में लगे रहते हैं। वे बुरी आदतों जैसे सिगरेट, गुटखा, शराब, गाली-गलौज, दूसरों की बुराई इत्यादि से कोसों दूर रहते हैं। हमारे आसपास के वातावरण में कुछ सकारात्मक और कुछ नकारात्मक विचारों के लोग हैं। अगर हमारे संपर्क में नकारात्मक विचारों वाले लोग आते हैं तो हमें अपना दृष्टिकोण उनके प्रति बदलना है। जैसे सोने की खान में खुदाई करते हुए उसमें से पहले मिट्टी ज्यादा निकलती है, बाद में सोना निकलता है और खुदाई करनेवाले का ध्यान सोने की तरफ ज्यादा होता है तथा मिट्टी की तरफ कम होता है। वैसे ही जब हम नकारात्मक लोगों को सकारात्मक दृष्टिकोण से, गहराई से जानेंगे तो उनमें भी कोई न कोई बात हमें सकारात्मक नजर आएगी। हम सबको ऐसा दृष्टिकोण मिले कि हमारी नजर हमेशा पहले सकारात्मक पहलू पर जाए यानी हमारी नजर सोने (सत्य) पर हो, न कि मिट्टी या धूल (असत्य) पर। जैसे कोई इंसान बंद घड़ी को भी देखकर कह पाए कि 'यह घड़ी दिन में कम से कम दो बार तो सही समय दर्शाती ही है (रुकी हुई घड़ी भी 24 घंटों में दो बार सही समय बता सकती है)।' इस तरह उस इंसान ने नकारात्मक चीज (बंद घड़ी) से भी सकारात्मक बात ढूंढ़ निकाली। ऐसा ही दृष्टिकोण हमें भी प्राप्त हो, ताकि हमारे संपर्क में आए हुए लोगों, कार्यो और घटनाओं में से हम सकारात्मक बातें ढूंढ़ पाएं, जिससे हम नकारात्मक विचारों, घटनाओं, क्रियाओं से सदा दूर रह सकें। आत्मविश्वास का खंभा और विचारों के तार : हर इंसान विश्व में एक ऐसा खंभा (पोल) है, जो विचारों को प्रसारित तथा विचारों को ग्रहण करता है। आप जानते हैं बाहर के सभी खंभों में तार जुड़े होते हैं। जब आप रास्ते पर जाएंगे तो हर एक इंसान को एक खंभा समझें और यह समझें कि हर इंसान एक दूसरे से विचारों के तार से जुड़ा हुआ है। विश्व में जितने भी खंभे हैं, सभी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। इस पोल (इंसान) में अगर नकारात्मक विचार आए तो क्या होगा? हम ऐसा मानकर चलेंगे कि विश्व में आधे लोग नकारात्मक विचारक हैं और बाकी लोग सकारात्मक विचारक हैं। जैसे ही आप नकारात्मक विचारक हुए तो सभी नकारात्मक लोगों की शक्ति आपकी तरफ आनी शुरू हो जाती है। निराशा के विचार से विश्व की सारी नकारात्मक चीजें आपकी तरफ आनी शुरू हो जाती हैं। यह अलग बात है कि वे चीजें आप तक पहुंची या नहीं पहुंची, लेकिन नकारात्मक चीजें आनी तो शुरू हो ही गईं। यदि इंसान सालों-साल नकारात्मक सोचता रहे तो विश्व के हर कोने से उसके पास नकारात्मक चीजें पहुंचती हैं और उसे बर्बाद कर देती हैं। जो इंसान सकारात्मक सोचता है, उसके पास सकारात्मक लोगों की शक्ति पहुंचती है, जिससे वह स्वस्थ और समृद्ध बनता है। इंसान जिस रास्ते से नकारात्मक चीजें दे रहा है, उसी रास्ते से वह नकारात्मक शक्ति ले रहा है। जिस पाइप (विचारों के तार) से विश्वास बाहर जाता है, उसी पाइप से विश्वास अंदर भी आता है। सभी के बीच में तो एक ही तार है। इस उदाहरण से आपने समझा कि जब आप नकारात्मक सोच रखते हैं तब असल में आपके जीवन में क्या अदृश्य हो रहा होता है? यह दिख नहीं रहा है, इसलिए हम बीच-बीच में नकारात्मक विचार करते रहते हैं। अगर आपको यह सब समझ में आ गया तो आप नकारात्मक विचार नहीं लाएंगे और यदि कुछ नकारात्मक विचार आ ही गए तो आप 'लेकिन' शब्द जोड़कर तुरंत उसे सकारात्मक विचार बना देंगे। 'लेकिन' शब्द के साथ आपको यह कहना है कि यह संभव है। जब आप नकारात्मक विचार करते हैं तो शरीर की हालत कैसे हो जाती है? कोई नकारात्मक खबर भी आपने सुनी तो कैसे आपके पेट में मरोड़ें पड़ने लगती हैं, आपका शरीर सिकुड़ने लगता है। ऐसा आपने कई बार महसूस किया होगा। परंतु 'लेकिन' शब्द जोड़ने के बाद आप देखेंगे कि आपने वे तकलीफें रोक दीं और नकारात्मक विचारों का असर खत्म कर दिया। आपका विचार आपके जीवन को आकार देता है। वे आपके कार्यों, निर्णयों, प्रतिक्रियाओं, रिश्तों और व्यवहार को प्रभावित करते हैं। बदले में आपके विचार विभिन्न इच्छाओं, भावनाओं, विश्वासों और अनुभव द्वारा नियंत्रित होते हैं। आप पूरी तरह से हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए सकारात्मक सोच पर निर्भर नहीं हो सकते। आपको शायद अपनी समस्याओं और स्थितियों से निपटने के लिए यथार्थवादी, संतुलित और व्यावहारिक होने के लिए अपनी सोच और दृष्टिकोण में एक मौलिक बदलाव की आवश्यकता हो सकती है। कई बार आपको अप्रत्याशित या छिपे हुए खतरों से जोखिम और व्यक्तिगत नुकसान से बचने के लिए नकारात्मक रवैये की भी आवश्यकता हो सकती है। हालाँकि, आप कुछ विचारों, व्यवहार, कार्यों और प्रतिक्रियाओं को सुदृढ़ करने के लिए सकारात्मक विचारों और पुष्टि का उपयोग कर सकते हैं जो आपकी कमजोरियों या सफलता और खुशी की बाधाओं को दूर करने में आपकी मदद कर सकते हैं। निम्नलिखित निबंध आपको सकारात्मक मानसिक दृष्टिकोण की खेती करने में मदद करते हैं और उन गुणों और व्यवहार को सुदृढ़ करते हैं जिन्हें आप अपने व्यक्तित्व में एकीकृत करना चाहते हैं। सकारात्मक सोच पर निबंध#1. Essay in 100 words
#2. Essay in 300 words
#3. Essay in 400 words
#4. Essay in 500 wordsसकारात्मक सोच क्या है?
इससे खाड़ी में तनाव बना रहता है
आप एक खुश और स्वस्थ जीवन जीते हैं
आप अच्छे निर्णय ले सकते हैं
यह आपको सफलता की ओर ले जाता है
दिन की शुरुआत में सकारात्मकता को प्रोत्साहित करें
असफलताओं से सीखो
सफलता की कल्पना करें और खुद को माफ़ करें
इस पोस्ट में हम आपको very short essay on positive thinking, is necessary in our life, for class 7, class 8, for class 3, my positivity essay, articles on positive thinking, आदि की जानकारी देंगे| मन में सकारात्मक सोच कैसे लाएं?मन के अंदर बुरे विचार आना, दूसरे के बारे में गलत विचार ना , यह सारी शैतानी शक्ति होती है।. हमेशा अच्छा सोचें।. देखने का नजरिया बदलो।. शिकायत मत करो।. परेशानी के ऊपर फोकस मत करो।. हमेशा हंसते रहो।. एक्सरसाइज करो।. ध्यान करो।. दूसरों को प्रोत्साहित करो।. नेगेटिव सोच को पॉजिटिव कैसे बनाएं?आपके अंदर जितने ज्यादा समय तक नकारात्मक विचार हावी रहे हैं, उससे बाहर निकलने में उतनी ही मुश्किल आती है। वर्तमान में रहने का प्रयास करें। अपना दिमाग आज या अभी जो कुछ हो रहा है, उसी पर केंद्रित रखें। अतीत को पीछे छोड़ दें और भविष्य का इंतजार करना बंद करें, तभी आप खुशहाल रह सकते हैं।
पॉजिटिव रहने के लिए क्या करें?हमेशा पॉजिटिव रहने के लिए इन 4 आदतों को ज़िंदगी में करें शामिल और.... मेडिटेशन है अल्टीमेट उपाय मेडिटेशन का हमारे जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जितनी बात की जाए, कम ही है। ... . ग्रेटफुल बनें ... . लाफ्टर योगा, क्योंकि हंसने से बेहतर कुछ नहीं ... . खुद को दें प्रेप टॉक. सकारात्मक इंसान कैसे बने?sakaratmak kaise bane;सकारात्मक बनने के लिए आपको हर चीज़ में अच्छाई को ढूंढना होगा। सकारात्मक बनने के लिए आपको अपने जीवन में अच्छे विचारों को अपनाना होगा। सकारात्मक बनने के लिए आपको अच्छा सोचना और अच्छा बोलना होगा। हर एक इंसान का आदर करना होगा।
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