सार्वजनिक उपक्रम समिति में कितने सदस्य हैं? - saarvajanik upakram samiti mein kitane sadasy hain?

Table of Contents

  • 1 सार्वजनिक उपक्रम समिति ( Public Undertaking Committee )
    • 1.1 सार्वजनिक उपक्रम समिति की विशेषताएँ
    • 1.2 सार्वजनिक उपक्रम समिति का कार्य
    • 1.3 समिति की कार्य प्रणाली
  • 2 Share this:

सार्वजनिक उपक्रम समिति ( Public Undertaking Committee )

प्राक्कलन समिति और लोक लेखा समिति की ही भाँति सार्वजनिक उपक्रम समिति भी एक स्थायी एवं वित्तीय समिति हैं |समिति भारत सरकार के मंत्रालयों के अधीन विभिन्न विभागों के सरकारी उपक्रमो के प्रतिवेदन एवं लेखों की जांचा करना हैं | साथ ही यह सरकारी उपक्रम के सम्बन्ध में नियंत्रक तथा महालेखा परीक्षक के लेखो की भी जाँच करता हैं , यदि एसा कोई लेख उपस्थित हो |

also read : संसदीय समितियाँ

also read : भारत के विश्व विरासत स्थल – द्वितीय भाग ( World Heritage Sites of India – Second Part )

सार्वजनिक उपक्रम समिति में कितने सदस्य हैं? - saarvajanik upakram samiti mein kitane sadasy hain?

सार्वजनिक उपक्रम समिति की विशेषताएँ

सार्वजनिक उपक्रम समिति की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –

  • यह एक स्थायी समिति हैं |
  • इस समिति की कुल सदस्य संख्या 22 हैं , जिसमें से 15 सदस्य लोक सभा से तथा 7 सदस्य राज्य सभा से चुने जाते हैं |
  • सदस्यों का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के एकल संक्रमणीय मत प्रणाली द्वारा होता हैं |
  • समिति का सभापति लोक सभा से चुना जाता हैं |
  • किसी भी मंत्री को समिति का सदस्य नहीं चुना जाता हैं |यदि किसी सदस्य को मंत्री चुन लिया जाता हैं , तो उस सदस्य के मंत्री का पदभार को ग्रहण करने की तिथि से समिति में उसका पद रिक्त मान लिया जाता हैं |
  • समिति का कार्यकाल एक वर्ष का होता हैं |

also read : भारत का संविधान – 8 A ( भाग – 5 , संघ – राष्ट्रपति , अनुच्छेद 56 – 62 )

also read : प्रवाल भित्तियाँ ( Coral Reefs )

सार्वजनिक उपक्रम समिति का कार्य

सार्वजनिक उपक्रम समिति के निम्नलिखित कार्य हैं –

  • समिति सरकारी उपक्रमों के प्रतिवेदनों और लेखाओं तथा उन पर नियंत्रक महालेखा परीक्षक के प्रतिवेदन की जाँच करता हैं |
  • समिति सरकारी उपक्रमों के कार्य व्यवहार , व्यापारिक सिद्धांतो और विवेकपूर्ण वाणिज्यिक प्रथाओं तथा उनके व्यय की जाँच करती हैं , जिससे सार्वजनिक उपक्रमों की कार्य कुशलता व् स्वायतत्ता बनी रहे |
  • समिति ऐसे विषयों की भी जाँच करती हैं , जिनके सदन या सदन के अध्यक्ष द्वारा प्रस्तुत किया जाए |

also read : तारे ( Stars ) : उत्पत्ति और विनाश व् कृष्ण छिद्र ( Black Holes ) तथा विभिन्न क्रियाएँ

also read : मेंण्डलवाद से विचलन या नवमेंण्डलवाद

समिति की कार्य प्रणाली

समिति निम्नलिखित चरणों के अनुसार कार्य करती हैं –

  1. सर्वप्रथम समिति ऐसे सरकारी उपक्रम या विषयों का चुनाव करती हैं , जो उपयुक्त प्रतीत हो तथा सम्बन्ध शर्तों का अनुसरण करती हो |
  2. इसके बाद समिति सम्बन्धित मंत्रालय / उपक्रमों से आवश्यक सामग्री समिति के सदस्यों के उपलब्ध कराने के लिए कहती हैं |
  3. समिति विभिन्न विषयों की विस्तृत जाँच के लिए आवश्यक एक या अधिक अध्ययन दलों का गठन का करती हैं |
  4. यदि समिति को यह प्रतीत होता हैं कि सम्बन्धित विषय की जाँच के लिए उपक्रम / परियोजना का दौरा करना आवश्यक हैं , तो समिति अध्यक्ष के विशिष्ट अनुमोदन के साथ उपक्रम / परियोजना का दौरा करती हैं |
  5. समिति सम्बन्धित मंत्रालय / उपक्रम से दौरा किए जाने वाले उपक्रम / परियोजना से संबंधित टिप्पणी/सिफारिश पहले ही मगवाँ लेती हैं और समिति के सदस्यों को परिचालित कर दिया जाता हैं |
  6. समिति दौरे के स्थान पर केवल अनौपचारिक बैठके करती हैं , जिसका कोई ना ही कोई साक्ष्य रिकार्ड किया जाता हैं और ना ही कोई निर्णय लिया जाता हैं |
  7. दौरे के स्थान पर समिति विभिन्न सम्बन्धित सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनो के के प्रतिनिधियों के साथ अनौपचारिक रूप से मिलाती हैं | बाद में आवश्यकता पड़ने पर उनके संसद में साक्षी के रूप में प्रस्तुत होने के लिए कहा जाता हैं |
  8. समिति के द्वारा विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों , मंत्रालयों / विभागों तथा मजदूर संगठन के हुई बैठको की वार्ता को गुप्त माना जाता हैं तथा इसमें लिए गए निर्णयों की जानकारी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मीडिया या किसी अनाधिकृत व्यक्ति को नहीं देने चाहिए |
  9. समिति अपनी बैठको को पूर्ण करने के उपरान्त अपने टिप्पणीयों / सिफारिशों सहित अपना प्रतिवेदन संसद के समक्ष प्रस्तुत करती हैं |
  10. सभा के समक्ष प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के उपरान्त मंत्रालय / उपक्रम को समिति की सिफारिशों के निष्कर्षों को लागू करना अपेक्षित होता हैं |

also read : जीवों में जनन की विधियाँ – भाग 01 (अलैंगिक जनन)

also read : हिन्दी साहित्य के विभिन्न रचनाएँ एवं उनके लेखकों के नाम

Read more articles