संस्कृत भाषा की लिपि क्या है * 2 points? - sanskrt bhaasha kee lipi kya hai * 2 points?

Devnagri lipi : लिपि के बारे में विस्तार से हम पिछले अध्याय में समझ चुके हैं. इस अध्याय में हम ब्राह्मी लिपि के बारे में विस्तार से समझेंगे तथा उसे उत्पन्न हुई लिपियों जैसे (devnagri lipi in hindi) देवनागरी लिपि की उत्पत्ति और विकास , नामकरण और विशेषताओं के बारे में भी इस अध्याय में पढ़ेंगे .

जैसा कि आप जानते हैं , किसी भी भाषा को लिखने के लिए जिन चिन्हों का प्रयोग किया जाता है उसे लिपि कहते हैं. लिपि किसी भी भाषा के ध्वनि चिन्हो को लिखित रूप में अभिव्यक्त करती है . लिपि की मदद से किसी भी चीजों का संग्रह किया जाता है.

 जैसे हिंदी को लिखने के लिए देवनागरी लिपि का प्रयोग किया जाता है , वही अंग्रेजी को लिखने के लिए रोमन लिपि का प्रयोग किया जाता है .

किसी विचारों को एक लिपि से दूसरे लिपि में बदलने की क्रिया को लिप्यंतरण कहते हैं .

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आइए अब समझते हैं कि ब्राम्ही लिपि क्या है ? और ब्राह्मी लिपि का विकास कब हुआ ?

ब्राह्मी लिपि(brahmi lipi in hindi) 

ब्राह्मी लिपि भारत की प्राचीनतम लिपियों में से एक है . ब्राह्मी लिपि का प्राचीनतम उदाहरण अशोक के अभिलेखों में देखने को मिलता है . इससे पता चलता है कि ब्राह्मी लिपि का विकास 5वीं सदी का है जो बौद्ध कालीन है.

ब्राह्मी लिपि बाएं से दाएं और लिखी जाती है . ब्राह्मी लिपि से ही खरोष्ठी लिपि का विकास हुआ है. ब्रह्मी लिपि को सर्वप्रथम विलियम जोंस ने स्पष्ट किया है और इसे तीन भागों में विभक्त किया है. 

ब्राह्मी लिपि(brahmi lipi) का विकास मौर्य काल में हुआ था. उसके बाद ब्राह्मी लिपि दो भागों में बंट गई – उत्तरी ब्राह्मी और दक्षिणी ब्राह्मी.

दक्षिणी ब्राह्मी – दक्षिणी ब्राह्मी से तेलुगु कन्नड़ लिपि, ग्रंथ लिपि (तमिल नाडु), तमिल लिपि/ कलिंग लिपि, मलयालम लिपि का विकास हुआ .

उत्तरी ब्राह्मी – उत्तरी ब्राह्मणी से नागरी लिपि का विकास हुआ जिसके अंतर्गत कई लिपियां है .जैसे- देवनागरी, गुरुमुखी , राजस्थानी, कैथी. 

यहां पर हम चित्र के सहायता से उत्तरी ब्राह्मी लिपि को विस्तार से पढ़ेंगे जिससे देवनागरी लिपि का विकास हुआ है.

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खरोष्ठी लिपि (kharosthi lipi) –

खरोष्ठी लिपि भारत की प्राचीन लिपियों में से एक है. यह तीसरी से चौथी सदी के बीच में प्रभावी रही. इस लिपि का प्रयोग भी अशोक स्तंभ में देखा जा सकता है .इस लिपि का प्रयोग ज्यादातर अफगानिस्तान व उत्तरी पाकिस्तान में देखा गया है. 

खरोष्ठी लिपि दाएं से बाएं की ओर लिखी जाती है जैसे (फारसी लिपि) . ब्राह्मी लिपि खरोष्ठी लिपि से ज्यादा विकसित थी इसलिए ब्राह्मी लिपि से विभिन्न लिपियां का जन्म हुआ और खरोष्ठी लिपि विलुप्त हो गई .

कुटिल लिपि –

कुटिल लिपि सिद्ध मातृका लिपि का विकसित रूप है, इसे न्यूनकोण लिपि भी कहा जाता है. यह लिपि गुप्त लिपि का परिवर्तित रूप है. इस लिपि का प्रचलन 6वीं शताब्दी से 9वी शताब्दी के बीच रहा . इस लिपि में अक्षरों के शीर्ष कहीं कहीं टेढ़े मेढ़े , ठोस त्रिकोण जैसे होते हैं .

चलिए समझते हैं की देवनागरी लिपि क्या है?

नागरी लिपि –

नागरी लिपि का प्रयोग 8वीं- 9वी सदी से आरंभ हुआ तथा 10वीं से 12 वीं सदी के बीच नागरी लिपि से उत्तर भारत के अधिकांश आधुनिक लिपियों का विकास हुआ. इसकी दो शाखाएं पाई जाती हैं – पश्चिमी शाखा और पूर्वी शाखा. पश्चिमी शाखा की सबसे प्रचलित लिपि देवनागरी लिपि है .

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क्या आप जानते हैं कि देवनागरी लिपि किसे कहते हैं ?  यहां पर हम जानेंगे कि देवनागरी लिपि क्या है ? (devnagri lipi kya hai) और इसे विस्तार से समझेंगे.


देवनागरी लिपि (devnagri lipi)-

देवनागरी लिपि भारत की सबसे प्रचलित लिपियों में से एक है. इसमें कई भाषाएं लिखी जाती हैं जैसे हिंदी, संस्कृत, मराठी, पाली, राजस्थानी, नेपाली, गुजराती, भोजपुरी आदि .

devnagri lipi ka vikas kis lipi se hua hai ?

देवनागरी लिपि का विकास ब्राह्मी लिपि से हुआ है . इस लिपि का प्रयोग सर्वप्रथम गुजरात नरेश जयभट्ट के शिलालेख में मिलता है .

अधिकांशत लिपियों की तरह देवनागरी लिपि भी बाएं से दाएं और लिखी जाती है. इसके प्रत्येक शब्द के ऊपर एक क्षैतिज रेखा होती है जिसे शिरोरेखा भी कहा जाता है. यह अक्षरात्मक लिपि (syllabic script) है .

देवनागरी लिपि के उदाहरण- संस्कृत, हिंदी, नेपाली, और मराठी 

देवनागरी लिपि का नामकरण (devnagri lipi in hindi)-

देवनागरी लिपि को लोक नागरी एवं हिंदी लिपि भी कहा जाता है. नामकरण के संबंध में विद्वानों में मतभेद है. अधिकतर विद्वानों का मानना है कि देवनागरी लिपि सर्वप्रथम गुजरात में प्रचलित हुई थी. इसलिए वहां के नागर ब्राह्मणों के नाम पर इसे नागरी कहा गया और इस लिपि ने  देव भाषा संस्कृत को लिपिबद्ध किया है इसलिए नागरी में देव शब्द जुड़ गया और देवनागरी बन गया. 

देवनागरी लिपि की विशेषतायें

इस लिपि की विशेषताएं निम्नलिखित हैं –

  • देवनागरी लिपि के ध्वनिक्रम पूर्णतया वैज्ञानिक 
  • इस लिपि के उच्चारण और प्रयोग में समानता है 
  • यूपी के स्वर हस्व एवं दीर्घ में बटे हुए हैं 
  • इसमें प्रत्येक वर्ग में अघोष फिर सघोष वर्ण हैं
  • इस लिपि के वर्णों की अंतिम ध्वनियाँ नासिक्य है 
  • इसमें निश्चित मात्राएं हैं 
  • प्रत्येक के लिए अलग लिपि चिन्ह है 
  • यह लिखाई और छपाई दोनों में समान है
  • के एक वर्ण में दूसरे वर्ण का भ्रम नहीं है 

देवनागरी लिपि के दोष (devnagri lipi ke dosh)-

इस लिपि के दोष निम्नलिखित हैं –

  • इसमें अनावश्यक वर्ण हैं जैसे (ऋ, ॠ, लृ, ॡ, ष)
  • दो दो प्रकार से लिखे जा सकने वाले द्विरूपवर्ण(अ, ज्ञ, क्ष, त्र, छ, झ, ण, श)
  • शिरोरेखा का प्रयोग आवश्यक माना जाता है
  •  403 टाइप होने के कारण मुद्रण में कठिनाई होती है
  • स्वरूप वर्ण का होना (ख में र+व का, घ में ध का, म में भ का भ्रम होना)
  • वर्णों के  संयुक्तिकरण में र  के प्रयोग को लेकर भ्रम की स्थिति
  •  वर्णों के संयुक्त करने की कोई निश्चित व्यवस्था नहीं होती
  •  ई की मात्रा (ि) का लेखन वर्ण के पहले पर उच्चारण वर्ण के बाद 
  •  लिखते समय हाथ को बार-बार उठाना पड़ता है

देवनागरी लिपि में गिनती (devnagri mein ginti)-

देवनागरी लिपि में गिनती निम्नलिखित है-

devanagari numbers 1-10

Devnagri lipi numbersदेवनागरी 
शून्य
एक 
दो 
तीन
चार
पांच
छः
सात
आठ
नौ
ऊपर दिए हुए hindi mein ginti, देवनागरी लिपि के हैं

देवनागरी लिपि में सुधार(devnagri lipi me sudhar) –

देवनागरी लिपि में किए गए सुधार निम्नलिखित-

  • सावरकर बंधुओं का ‘अ  की बाराखडी’
  •  बाल गंगाधर का ‘ तिलक फंट’
  •  काशी नगरी प्रचारिणी सभा द्वारा अ की बाराखडी और श्रीनिवास के सुझाव को और स्वीट(1945)
  • गोरख प्रसाद का मात्राओं को व्यंजन के बाद दाहिने तरफ अलग रखने का सुझाव
  • हिंदी साहित्य सम्मेलन का इंदौर अधिवेशन और काका कालेलकर  के संयोजककत्व में नागरी लिपि सुधार समिति का गठन(1935) और उसकी सिफारिश है
  •  शिक्षा मंत्रालय के देवनागरी लिपि संबंधी प्रकाशन- ‘ मानक देवनागरी वर्णमाला’(1966),  ‘हिंदी वर्तनी का  मानकीकरण’ (1967), ‘ तथा हिंदी वर्तनी का मानकीकरण’ (1983)

देवनागरी लिपि का मानकीकरण –

केंद्रीय हिंदी निदेशालय ने लिपि के मानकीकरण पर अधिक ध्यान देते हुए 1983 ई. में देवनागरी लिपि तथा हिंदी वर्तनी का मानकीकरण का प्रकाशन किया .

इस प्रकार हम लोगो ने देवनागरी लिपि से जुड़ी जानकारियों को एक एक करके विस्तार से जाना , चलिए कुछ अन्य महत्वपूर्ण लिपियों को भी समझते हैं.

गुरुमुखी लिपि (gurumukhi lipi)-

क्या आप जानते हैं की पंजाबी भाषा की लिपि क्या है (punjabi bhasha ki lipi kya hai)?

पंजाबी भाषा की लिपि गुरुमुखी लिपि है जिसमें 3 स्वर और 32 व्यंजन के साथ कुल 35 वर्ण होते हैं . इसकी रचना अंगद देव जी ने किया था. गुरुमुखी का अर्थ होता है गुरु के मुख से निकली हुई लिपि .

रोमन लिपि (roman lipi)-

अंग्रेजी भाषा की लिपि क्या है (angreji bhasha ki lipi kya hai)?

अंग्रेजी भाषा की लिपि रोमन लिपि है. इस लिपि में 26 वर्ण होते हैं, जिसमे 5 स्वर  तथा 21 व्यंजन होते हैं. यह लिपि भी देवनागरी लिपि की तरह बाएं से दायें ओर लिखी जाती है. जिस लिपि में अंग्रेजी, फ्रेंच, स्पेनिश तथा अन्य यूरोपीय भाषाएं लिखी जाती हैं उसे रोमन लिपि कहते हैं 

अरबी लिपि –

अरबी में कई तरह की भाषाओं का समावेश होता है जैसे अरबी, उर्दू ,फारसी. यह लिपि दाएं से बाएं और लिखी जाती है.

गुजराती लिपि-

गुजराती लिपि नागरी लिपि से उत्पन्न हुई है. इसे देवनागरी लिपि को परिवर्तित करके बनाया गया है. इस लिपि में शिरोरेखा का प्रयोग नही होता है. जैन धर्म ने अपने धार्मिक ग्रंथों के लिए इसी लिपि को बढ़ावा दिया . 

देवनागरी लिपि से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर (FAQs)

हिंदी भाषा की लिपि क्या है?

हिंदी भाषा की लिपि देवनागरी है.

devnagri lipi  ka vikas kis lipi se hua ?

देवनागरी लिपि का विकास ब्रह्मी लिपि से हुआ है .

urdu ki lipi kya hai?

उर्दू भाषा की लिपि  नस्तालीक़ लिपि(फारसी-अरबी) है.

hindi bhasha ki lipi kaun si hai?

हिंदी भाषा की लिपि देवनागरी लिपि है .

angreji bhasha ki lipi kya hai?

अंग्रेजी भाषा की लिपि रोमन है.

sanskrit bhasha ki lipi kya hai?

संस्कृत भाषा की लिपि(sanskrit bhasha ki lipi) देवनागरी है. 

gujarati bhasha ki lipi kya hai?

गुजराती भाषा की लिपि गुजराती है.

hindi bhasha kis lipi mein likhi jati hai?

हिंदी भाषा देवनागरी लिपि में लिखी जाती है.

nepali bhasha ki lipi?

नेपाली भाषा की लिपि देवनागरी है. 

bengali bhasha ki lipi kya hai?

बंगाली भाषा की लिपि पूर्वी नागरी लिपि (बंगाली लिपि)  है.

angreji ki lipi kya hai?

अंग्रेजी की लिपि रोमन है .

french ki lipi kya hai?

फ्रेंच भाषा की लिपि रोमन है .

tamil ki lipi kya hai?

तमिल की लिपि तमिल लिपि है जो दक्षिणी ब्राह्मी से उत्पन्न हुई है .

german ki lipi kya hai?

जर्मन भाषा की लिपि रोमन लिपि है .

kaun si lipi dai se bai likhi jati hai?

अरबी-फारसी लिपि दाएं से बाएं की ओर लिखी जाती है .

keral mein kaun si bhasha boli jati hai?

केरल में मलयालम भाषा बोली जाती है .

उर्दू भाषा की लिपि क्या है?

नस्तालीक़ लिपि.

karnatak mein kaun si bhasha boli jati hai?

कर्नाटक में कन्नड़ भाषा बोली जाती है जो कर्नाटक की राजभाषा है.

hindi bhasha kis lipi mein likhi jati hai?

हिंदी भाषा देवनागरी लिपि में लिखी जाती है.

odisha mein kaun si bhasha boli jati hai?

उड़ीसा में उड़िया भाषा बोली जाती है जो उड़ीसा की राजभाषा है .

goa mein kaun si bhasha boli jati hai?

गोवा में कोंकणी भाषा बोली जाती है जो वहां की राजभाषा है.

malayalam bhasha kaha boli jati hai?

मलयालम भाषा केरल में बोली जाती है .

बोडो भाषा की लिपि क्या है?

बोलो भाषा की लिपि देवनागरी है जो भारत के उत्तर पूर्व, नेपाल और तिब्बत क्षेत्र में बोली जाती है. यह असम राज्य की आधिकारिक भाषा है.

तेलुगु भाषा की लिपि क्या है?

तेलुगु भाषा की लिपि तेलुगु बीपी है जोगबनी भाषा से उत्पन्न हुई है .

 u.p gov 1947 me gathit devnagri lipi sudhar samiti ke adyaksh ?

आचार्य नरेंद्र देव ,देवनागरी लिपि सुधार समिति 1947 के अध्यक्ष थे.

इस अध्याय में हम ब्राह्मी लिपि (brahmi lipi) तथा उससे जुड़ी लिपियों के बारे में विस्तार से पढ़ें. इसके अलावा हमने देवनागरी लिपि और देवनागरी लिपि के विकास (devnagri lipi ka vikas) के बारे में जाना.

मुझे उम्मीद है आप इस लेख में समझाये गए टॉपिक देवनागरी लिपि क्या है (devnagri lipi kya hai), देवनागरी लिपि का विकास , देवनागरी लिपि की विशेषताएं, देवनागरी लिपि के दोष (devnagri lipi ke dosh), देवनागरी लिपि में सुधार तथा देवनागरी लिपि का मानकीकरण इत्यादि अच्छे से कंठस्थ कर लिए होंगे .

इसके अलावा हमने अंग्रेजी की लिपि क्या है, उर्दू की लिपि (urdu ki lipi) , पंजाबी भाषा की लिपि क्या है, गुरुमुखी लिपि (gurmukhi  lipi) , हिंदी की लिपियों के बारे में पढ़ा तथा देवनागरी लिपि में गिनती (devnagri mein ginti) को सिखा.

अगले अध्याय में हम हिंदी के व्याकरण तथा उसे अंगों के बारे में सीखेंगे .

उम्मीद है कि उपर्युक्त  दिए हुए  महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर से आपके डाउट समाप्त हो चुके हैं. यदि फिर भी आपको कोई प्रश्न हो तो आप नीचे comment करके बता सकते हैं. हम आपकी मदद करने की पूरी कोशिश करेंगे .

संस्कृत की क्या लिपि है?

संस्कृत भारत की कई लिपियों में लिखी जाती रही है, लेकिन आधुनिक युग में देवनागरी लिपि के साथ इसका विशेष संबंध है। देवनागरी लिपि वास्तव में संस्कृत के लिए ही बनी है, इसलिए इसमें हर एक चिह्न के लिए एक और केवल एक ही ध्वनि है। देवनागरी में १३ स्वर और ३३ व्यंजन हैं।

* लिपि क्या है * in Hindi?

'लिपि ' या लेखन प्रणाली का अर्थ होता है किसी भी भाषा की लिखावट या लिखने का ढंग। ध्वनियों को लिखने के लिए जिन चिह्नों का प्रयोग किया जाता है, वही लिपि कहलाती है। लिपि और भाषा दो अलग अलग चीज़ें होती हैं। भाषा वो चीज़ होती है जो बोली जाती है, लिखने को तो उसे किसी भी लिपि में लिख सकते हैं।

भाषा की लिपि क्या है?

हिंदी भाषा की लिपि देवनागरी लिपि हैं। हिन्दी भाषा देवनागरी लिपि में लिखी जाती है। देवनागरी लिपि में हिन्दी के अलावा संस्कृत, पालि, मराठी, कोंकणी, सिन्धी भोजपुरी, मगही, कश्मीरी, अंगिका, नेपाली, गढ़वाली, बोडो, संथाली, मैथिली आदि भाषाएँ भी लिखी जाती हैं।

संस्कृत भाषा का दूसरा नाम क्या है?

संस्कृत भाषा का दूसरा नाम देववाणी है।