संतान रेखा कौन सी होती है? - santaan rekha kaun see hotee hai?

वह रेखाऐं जो विवाह रेखा के ऊपर बुध पर्वत पर तथा अंगूठे के नीचे पाई जाने वाली रेखाएं संतान से संबंधित रेखाएं होती हैं। परन्तु इस रेखा के साथ अन्य रेखाओं का एवं हाथ की विशेषताओं का अध्ययन करके ही संतान संबंधित भविष्यवाणी की जा सकती है।

यदि शुक्र पर्वत पूर्ण विकसित और जीवन रेखा घुमावदार हो तो यह संतान प्राप्ति के शुभ संकेत को दर्शाती है। एक महत्वपूर्ण बात यह कि व्यक्ति को कितनी संतानें होंगी, वह उसे कितना सुख देगी, संतान स्वस्थ होगी या अस्वस्थ, पुत्र होगा या पुत्री, यह सब बातें रेखा की मजबूत स्थिति और विभिन्न प्रकार के पर्वतों पर इस रेखा के स्पर्श एवं इसकी स्थिति द्वारा ज्ञात हो सकती हैं।

रेखा के विभिन्न प्रकार के आकार और स्थिति के अनुसार संतान के विषय मे संकेत नीचे दिये जा रहे है-

  • हस्त संजीवन पुस्तक के अनुसार मणिबंध से लेकर जीवन रेखा तक रेखाओं की गणना द्वारा संतान की संख्या को प्राप्त किया जा सकता है।
  • यदि मणिबंध की गणना सम संख्या मे आये तो प्रथम संतान कन्या होगी और विषम संख्या मे आये तो प्रथम संतान पुत्र होगा।
  • विवाह रेखा के ऊपर और हथेली के बाहर की ओर पहली रेखा प्रथम संतान को और दूसरी रेखा द्वितीय संतान को दर्शाती है, यह क्रम इसी प्रकार चलता जाता है।
  • यदि सीधी रेखा हो तो पुत्र संतान और मुडी़ या झुकी हुई रेखा हो तो कन्या संतान होने को दर्शाती है।
  • यदि प्रथम मणिबंध रेखा अधिक झुकाव के साथ हथेली की ओर प्रविष्ठ हो रही हो तो व्यक्ति को संतान संबंधी दुख प्राप्त कर सकता है.
  • संतान रेखाएं पुरुषों के हाथों से ज्यादा महिलाओं के हाथ में अधिक स्पष्ट होती हैं।
  • यदि संतान रेखाएं स्पष्ट हों तो संतान निरोग और स्वस्थ होगी परन्तु इसके विपरीत यदि रेखाएं धुंधली और लहराती हुई हों तो कमजोर संतान प्राप्त होती है।
  • संतान रेखा के पहले हिस्से मे द्वीप हो तो प्रारंभिक अवस्था मे संतान का स्वास्थ्य नाज़ुक होगा और यदि द्वीप के आगे की रेखा साफ और स्पष्ट हो तो आगे चलकर संतान का स्वास्थ्य मजबूत होगा।
  • संतान रेखाओं मे से यदि कोई एक रेखा अधिक लंबी और स्पष्ट हो तो माता पिता के लिये सभी संतनों की तुलना में कोई एक संतान अधिक महत्वपूर्ण होगी।
  • यदि संतान रेखाओं मे क्रास बना हुआ हो या रेखाएं टूटी हुई हों तो गर्भपात या संतान की मृत्यु हो सकती है।
  • यदि जीवन रेखा का घेरा शुक्र पर्वत को छोटा करे तो ऐसे व्यक्ति कि संतान के लिये यह अशुभ संकेत है।
  • यदि संतान रेखाएं पुरुष के हाथ मे साफ और स्पष्ट हो तो ऐसे व्यक्ति को संतान से अधिक मोह और आसक्ति होगी।
  • विशेष :

    संतान से संबंधित विषय में विस्तार पूर्वक अध्ययन करने हेतु हथेली की मूलभूत बातों को समझना भी अत्यंत आवश्यक होता है. संतान कैसी होगी. संतान होने पर सुख मिल पाएगा या नहीं. संतान माता-पिता की सुनने वाली होगी या उससे विरोध भाव रखेगी. संतान का स्वास्थ्य कैसा होगा इत्यादि बातें संतान रेखा की स्थिति से समझा जा सकता है. अंगूठे की जड़ जा स्थान अच्छी स्थिति में होना और यहां पर स्थिति रेखा का गहरी एवं स्पष्ट होना एक उत्तम संतान प्राप्ति को दर्शाती है.

    मित्रों, किसी भी हथेली में यहां होती है संतान रेखा। इस रेखा से आप जान सकते हैं, कि आपके कितने बच्चे होंगे। आपके बच्चे होंगे कैसे। साथ ही कैसा होगा उनका आनेवाला भविष्य। हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार हथेली की रेखाओं से संतान के बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है। संतान रेखा ठीक विवाह रेखा के ऊपर होती हैं। यह संतान रेखा बताती है, कि बेटी होगी या बेटा। जुड़वां बच्‍चे होने और गर्भपात का भी पता इस रेखा से चल जाता है। संतान रेखा का कमजोर होना बच्‍चे की कमजोर सेहत का संकेत होता है।।

    संतान रेखा कौन सी होती है? - santaan rekha kaun see hotee hai?

    आपके हाथ कि रेखाओं में बुध पर्वत अर्थात छोटी अंगुली के ठीक नीचे के भाग में विवाह रेखा होती है। यहीं मौजूद और खड़ी रेखाएं संतान रेखा कहलाती हैं। संतान प्राप्ति के योगों को कई अन्य रेखाएं भी प्रभावित करती हैं। जैसे मणिबंध रेखा, अंगूठे के नीचे पाई जाने वाली छोटी रेखा। परन्तु यदि संतान रेखा स्पष्ट हो तो इसका अर्थ है संतान अच्छी और माता-पिता का सम्मान करने वाली होगी। अगर अस्पष्ट और टूटी संतान रेखाएं हों तो यह बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं।।

    इसके अलावा व्‍यक्‍ति के संतान योग को मणिबंध रेखाएं भी प्रभावित करती हैं। यदि पहली मणिबंध रेखा का झुकाव कलाई की तरफ हो और वह हथेली में प्रविष्ट होती दिखे तो इसका अर्थ है जातक को संतान प्राप्ति में बहुत ही कष्टों का सामना करना पड़ेगा। हाथ में विवाह रेखा के ऊपर अगर कोई सीधी खड़ी रेखा बनती हो तो इसका मतलब होता है, कि होने वाली संतान पुत्र होगा। वहीं अगर विवाह रेखा के ऊपर तिरछी कमजोर रेखा बनती है तो इसका अर्थ होता हैं होने वाली संतान पुत्री होगी।।

    संतान रेखा कौन सी होती है? - santaan rekha kaun see hotee hai?

    अगर किसी के हाथ में संतान रेखा साफ साफ स्पष्ट दिख रही हो तो ऐसा व्यक्ति अपने बच्चों को बहुत प्यार करने वाला होता है। ऐसा व्यक्ति स्वभाव से बहुत ही केयरिंग और स्नेही होता है। अगर किसी के हाथ में विवाह रेखा के पास पतले हिस्से में अगर कोई द्वीप बन रहा हो जो आगे चल कर स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगे तो संतान जन्म के समय थोडी कमजोर होती है लेकिन बाद में स्वस्थ्य हो जाती है।।

    विशिष्ट :: अगर किसी के हाथ में संतान रेखा के आखिरी में कोई द्वीप का निशान बन रहा हो तो ऐसे में पैदा हुए बच्चे का जीवित रहना मुश्किल होता है।।

    हस्तरेखा विज्ञान (Palmistry) जिंदगी से जुड़ी कई बातें बताता है। इसमें भाग्‍य, धन-संपत्ति, आयु, विवाह, करियर के अलावा संतान योग भी शामिल है। यहां तक कि इससे यह भी पता चलता है, कि व्‍यक्ति को कितनी संतान होंगी? और उसे बेटा (Son) होगा या बेटी (Daughter)। इन बातों का भी पता हाथ के रेखाओं में से संतान रेखा (Santan Rekha) से चल जाता है।।

    हथेली में कहां होती है संतान रेखायेँ।। Santan Rekhayen Kaha Hoti Hai.

    संतान रेखा कौन सी होती है? - santaan rekha kaun see hotee hai?

    विवाह रेखा (Vivah Rekha) के अंत में और उसके ऊपरी भाग में ऊपर की ओर जाने वाली रेखाएं संतान रेखाएं होती हैं। यह सबसे छोटी उंगली के नीचे होती हैं। कभी-कभी संतान रेखा इतनी सूक्ष्म होती है, कि इसके परीक्षण के लिए लैंस की मदद लेनी पड़ती है। हालांकि संतान के सम्बन्ध में भविष्‍यवाणी करते समय हाथ के कुछ अन्य भागों का परीक्षण भी करना होता है।।

    ऐसे पता चलता है बेटा होगा या बेटी।। Aise Pata Chalata hai Beta Ya Beti Hoga.

    हस्‍तरेखा शास्‍त्र के अनुसार यदि संतान रेखा खड़ी, सीधी और स्‍पष्‍ट हो तो यह स्वस्थ पुत्र प्राप्ति का संकेत होता है। यदि यह रेखा टेढ़ी-मेढ़ी और कमजोर हो तो यह पुत्री होने का संकेत देती है। यदि संतान रेखा बहुत छोटी हो, बाधित हो या बीच में कट रही हो तो यह गर्भपात का संकेत देती है। यदि पुरुष की हथेली में संतान रेखा अधिक हो तो यह स्वस्थ बच्चों के होने का इशारा करती है।।

    यदि संतान रेखाएं कम हों तो संतान कमजोर हो सकती है। संतान रेखा के अंत में कई बारीक रेखाएं निकली हों तो यह जुड़वा बच्चों के जन्म का योग बताती हैं। वहीं संतान रेखा की शुरुआत में पर्वत हो तो कमजोर संतान होने की संभावना रहती है। इन लोगों के बच्‍चे अक्सर बीमार रहते हैं। संतान रेखा का घुमावदार होना या असमान होना बच्चे के खराब स्वास्थ्य का संकेत देता है।।

    ज्योतिष के सभी पहलू पर विस्तृत समझाकर बताया गया बहुत सा हमारा विडियो हमारे YouTube के चैनल पर देखें । इस लिंक पर क्लिक करके हमारे सभी विडियोज को देख सकते हैं – Watch YouTube Video’s.

    इस तरह की अन्य बहुत सारी जानकारियों, ज्योतिष के बहुत से लेख, टिप्स & ट्रिक्स पढने के लिये हमारे ब्लॉग एवं वेबसाइट पर जायें तथा हमारे फेसबुक पेज को अवश्य लाइक करें, प्लीज – My facebook Page.

    वास्तु विजिटिंग के लिये तथा अपनी कुण्डली दिखाकर उचित सलाह लेने एवं अपनी कुण्डली बनवाने अथवा किसी विशिष्ट मनोकामना की पूर्ति के लिए संपर्क करें।।

    किसी भी तरह के पूजा-पाठ, विधी-विधान, ग्रह दोष शान्ति आदि के लिए तथा बड़े से बड़े अनुष्ठान हेतु योग्य एवं विद्वान् ब्राह्मण हमारे यहाँ उपलब्ध हैं।।

    सिलवासा ऑफिस:- बालाजी ज्योतिष केन्द्र, गायत्री मंदिर के सामने, मेन रोड़, मन्दिर फलिया, आमली, सिलवासा।।

    सिलवासा ऑफिस में प्रतिदिन मिलने का समय:-
    10:30 AM to 01:30 PM And 05:30 PM to 08:30 PM.

    WhatsAap & Call: +91 – 8690 522 111.
    E-Mail :: [email protected]

    Facebook

    Twitter

    Pinterest

    Linkedin

    Tumblr

    ReddIt

    WhatsApp

    Previous articleचतुर्थस्थ राहु बुद्धिमान एवं श्रीमंत बनाता है।।

    Next articleउन्नति के मार्ग प्रशस्त करनेवाले गुरु दत्त।।

    Balaji Jyotish Kendra

    http://www.astroclasses.com/

    आपके सभी समस्याओं का समाधान आपकी जन्मकुण्डली एवं आपके हाथ की रेखाओं में ही है। वापी ऑफिस:- शॉप नं.- 101/B, गोविन्दा कोम्प्लेक्स, मेन रोड़, सिलवासा-वापी मेन रोड़, चार रास्ता, वापी। सिलवासा ऑफिस:- बालाजी ज्योतिष केन्द्र, गायत्री मंदिर के बाजु में, मेन रोड़, मन्दिर फलिया, आमली, सिलवासा। Call: +91 - 8690 522 111.

    संतान रेखा कैसे देखें?

    हथेली में कहां होती है संतान रेखा सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार हथेली में कनिष्ठिका अंगुली के मूल में बुध पर्वत पर ऊपर की ओर स्थित रेखा को संतान रेखा कहा जाता है। यह रेखा स्पष्ट होनी चाहिए। आपके हाथ में जिनती संतान रेखा होंगी, भविष्य में आपके उतने ही बच्चे होंगे।

    पुत्र रेखा कौन सी होती है?

    संतान रेखा वे होती हैं जो विवाह रेखा के अन्त में उसके उपरी भाग में ऊपर की ओर जाती हैं। विवाह रेखा पर खड़ी और सीधी रेखा स्वस्थ पुत्र और टेढ़ी-मेढ़ी कमजोर रेखा पुत्री का संकेत देती है।

    कैसे पता करें कि कितने बच्चे होंगे?

    समुद्रशास्त्र के अनुसार हथेली में सबसे छोटी उंगली के नीचे बुध पर्वत होता है। बुध पर्वत के पास दिखने वाली खड़ी रेखाएं और अंगूठे के नीचे यानी शुक्र पर्वत के पास जितनी भी छोटी रेखाएं होती हैं वह संतान रेखा के रूप में जानी जाती है इन रेखाओं से संतान सुख का विचार किया जाता है।

    संतान सुख कब मिलेगा?

    यदि स्वराशि के बृहस्पति अथवा शुभ अंशों के बृहस्पति नवम भाव में बैठकर पंचम भाव को दृष्टि देते हो और पंचम भाव का स्वामी अच्छी अवस्था में हो तो संतान सुख की प्राप्ति की संभावना अधिक होती है। यदि कुंडली का लग्न और पंचम भाव गुरु और शुक्र के वर्गों में स्थित हो और शुक्र और चंद्रमा से युक्त हो तो अच्छी संतान का सुख मिलता है।