सिटी स्टेट शब्द की परिभाषा क्या होती है ? सिटी स्टेट किसे कहते है | सिटी स्टेट का अंग्रेजी में मतलब या अर्थ क्या होता है सिटी स्टेट in english . सिटी स्टेट को अंग्रेजी में ‘city state’ कहते है और यह एक प्रकार की Noun होती है | city state का हिंदी में अर्थ = सिटी स्टेट होता है और यह city state अर्थात सिटी स्टेट एक प्रकार की Noun होती है जिसका प्रयोग वाक्य बनाने के लिए करते है | city state meaning in hindi = सिटी स्टेट type of city state in english sentences = Noun सिटी स्टेट meaning in english = city state so if we talk about meaning of city state in hindi grammar or hindi language is सिटी स्टेट and this is type of Noun , it means it will work as Noun in sentence . प्रश्न : सिटी स्टेट किसे कहते है ? उत्तर : अंग्रेजी में city state को सिटी स्टेट कहा जाता है और यह एक प्रकार की Noun होती है अर्थात वाक्य में यह एक Noun की तरह कार्य करता है | प्रश्न : city state को हिंदी में क्या कहते है ? उत्तर : city state को हिन्दी भाषा में सिटी स्टेट कहा जाता है | प्रश्न : city state का हिंदी में मीनिंग क्या होता है ? उत्तर : city state का हिन्दी भाषा में मीनिंग सिटी स्टेट होता है यह एक Noun की तरह कार्य करती है | प्रश्न : सिटी स्टेट को इंग्लिश में मीनिंग या मतलब या अर्थ बताइए ? उत्तर : सिटी स्टेट इंग्लिश अर्थात अंग्रेजी भाषा में अर्थ या मीनिंग या मतलब city state होता है | प्रश्न : सिटी स्टेट का इंग्लिश मीनिंग , अर्थ इन इंग्लिश अर्थ किसे कहते है ? उत्तर : सिटी स्टेट इन इंग्लिश = city state होता है | सब्सक्राइब करे youtube चैनल what is state in hindi meaning definition ? राज्य किसे कहते हैं | राज्य की परिभाषा क्या है अर्थ या मतलब बताइए ? राज्य की अवधारणा (The Concept of State) कामटे और स्पेंसर ने राज्य के उदय को समाजों के बढ़ते आकार और जटिलता का परिणाम माना है। मानवविज्ञानियों और समाजशास्त्रियों ने साधारणतया समाजों का जो अध्ययन किया उससे समाज की जटिलता और आकार तथा व्यवस्थित राजनीतिक प्राधिकरण या सत्ता के बीच कुछ सह संबंध की बात प्रकाश में आई है। प्रारंभिक समुदायों के बारे में लिखते हुए आर.एच.लोई. ने कहा है कि वे अवश्य ही छोटे-छोटे और समतावादी और ‘‘सगोत्र समूह‘‘ के समान रहें होंगे। इस तरह सगोत्रता ने एकता को बनाए रखने में अत्यंत प्रभावी भूमिका निभाई। समाज न्यूनाधिक कम भेदित (भेदभाव वाला) था, इसलिए धार्मिक संस्थाओं और राजनीतिक संस्थाओं के बीच कोई बहुत बड़ा भेद नहीं किया जाता था। समुदाय का मुखिया धार्मिक प्रमुख भी होता था और राजनीतिक प्रमुख भी। समाज की बढ़ती जटिलता के साथ, धार्मिक और अधार्मिक क्षेत्रों को अलग करने की आवश्यकता महसूस की गई जिससे सत्ता के क्षेत्र को लोकतांत्रिक किया जा सके। यूरोप और विशेषकर इंगलैंड में चर्च और राजा के अधिकार या सत्ता के क्षेत्रों को वैधानिक रूप से अलग-अलग करने की दिशा में राजनीति ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। धर्म निरपेक्षीकरण की प्रक्रिया से संबंधित अपने अगले अनुभाग में हम विचार करेंगे कि पृथक्करण की यह प्रक्रिया किस प्रकार हुई। लेकिन इस प्रक्रिया को समझने से पहले, आइए हम धर्म निरपेक्षीकरण के अर्थ को जानें।
राज्य और धर्मनिरपेक्षीकरण (State and Secularisation) राजनीति में धर्म (Religion in Politics) धार्मिक समूह और
समाज के अन्य विभाजन (Religious Groups and other Divisions in Society) धर्म/धर्मों की प्रकृति (Nature of Religion(s)) धर्म की प्रकृति में ये भिन्नताएँ आंशिक रूप से धर्म में ही अंतर्निहित होती हैं। लेकिन ये भिन्नताएँ धर्म को आकार देने वाली विभिन्न ऐतिहासिक शक्तियों से
आती हैं। .. धर्म और राजनीतिध्राज्य रू एक सामान्य समीक्षा बॉक्स 11.02 सत्ता केवल बाहुबल, शस्त्र विद्या या पुलिस बल को आवश्यक नहीं बनाती। वैधता के चक्कर में, उसे जनता का समर्थन भी लेना होता है। जैसा कि हम जानते हैं, लोगों को अगर यह लगता है कि किसी राजनीतिक तंत्र या राज्य विशेष से उनके हितों या जीवन दृष्टि को खतरा है तो वे हर स्थिति में शक्ति का प्रतिरोध, विरोध और अवहेलना करेंगे। इतिहास ऐसे उदाहरणों से भरा पड़ा है जिनमें जनता का समर्थन नहीं प्राप्त होने से या अवैध राज्यों/शासनों को जनता ने अपने हाथ में ले लिया, और उनका तख्ता पलट दिया या फिर उनके खिलाफ एक प्रतिबल खड़ा कर देने के प्रयास हुए हैं। समाजविज्ञानी और विद्वान इस बात पर सहमत होंगे कि सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक मूल्य और वंश, जनजाति, जाति, धर्म और भाषा आदि के प्रति जुड़ाव जैसी आदिम निष्ठाएँ राजनीति को प्रभावित और परिसीमित करती हैं। बहुधा ही, इन विचारों में आस्था रखने वाले लोग इन्हें पवित्र और महत्वपूर्ण मानते हैं। जब कभी इन विचारों या मूल्यों के अस्तिव को खतरा होता है, राज्य की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं, कभी-कभी तो इसका प्रतिरोध होता है और अक्सर पुनर्गठन की मांग उठती है। यह स्पष्ट है कि राजनीति केवल राजनीतिक मूल्यों से नहीं बनती, इस पर गैर-राजनीतिक विचारों और मूल्यों का भी अच्छा खासा प्रभाव पड़ता है अंतिम विश्लेषण में इन सभी मूल्यों का स्रोत ‘जनता‘ होती है। यही कारण है कि राज्य के अपने आप को धर्मनिरपेक्ष घोषित करने के बावजूद हम राजनीति की दैनिक गतिविधियों में नेतृत्व या प्राधिकरण से धार्मिक समस्याओं यां मामलों के व्यावहारिक समाधान के लिए सामंजस्य करते है ताकि उसे उद्योगपति, किसान, मजदूर और अध्यापक के साथ-साथ पुरोहित वर्ग का भी समर्थन मिले। राजनीति की प्रकृति पर हमने अनुभाग 11.5 में लोकतांत्रिक राजनीति की प्रकृति का विवेचन किया है जिस में सभी के लिए समानता और सभी के साथ समान व्यवहार का सिद्धांत समाहित होता है। यह आदर्श ऐसा है जिसे आसानी से प्राप्त नहीं किया जा सकता क्योंकि समाज में परस्पर विरोधी हितों वाले प्रतिद्वंद्वी समूह हमेशा ही रहते हैं। राजनीतिक सरमाएदार अपनी ओर से इन हितों को समायोजित करने का प्रयास करते है। धर्म उन महत्वपूर्ण कारकों में है जिसे केंद्र मान कर समूह अपनी पहचान करते हैं और अपने हितों को लाभबंद करते हैं। धर्म और राजनीति/ राज्य के बीच अपरिहार्य संबंध का यही कारण है। स्टेट को हिंदी में क्या बोलते हैं?से संबंधित शेष कार्य ।
स्टेट में क्या आता है?उपयोगकर्ता बिहार सरकार के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। राज्य की रूपरेखा, शासन, योजनाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई गई है। पर्यटन, वित्त, पर्यावरण और वन, वित्त जैसे विभिन्न विभागों की जानकारी प्राप्त करने के लिए लिंक प्रदान किये गए हैं।
|