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स्थानीय शासकीय निकायों के काम और जिम्मेदारी कौन कौन सी है?इसे सुनेंरोकेंसन् 1989 में पी के थुगन समिति ने स्थानीय शासन के निकायों को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने की सिफ़ारिश की। समिति की सिफ़ारिश थी कि स्थानीय शासन की संस्थाओं के चुनाव समय-समय पर कराने, उनके समुचित कार्यों की सूची तय करने तथा ऐसी संस्थाओं को धन प्रदान करने के लिए संविधान में संशोधन किया जाय। प्रतिनिधि लोकतंत्र से क्या तात्पर्य है?इसे सुनेंरोकेंप्रतिनिधिक लोकतंत्र (Representative democracy) वह लोकतन्त्र है जिसके पदाधिकारी जनता के किसी समूह द्वारा चुने जाते हैं। यह प्रणाली, ‘प्रत्यक्ष लोकतंत्र’ (direct democracy) के विपरीत है और इसी लिए इसे अप्रत्यक्ष लोकतन्त्र (indirect democracy) और प्रतिनिधिक सरकार (representative government) भी कहते हैं। स्थानीय स्वशासन के कार्य क्या है? इसे सुनेंरोकेंस्थानीय स्वशासन में लोगों के हितों की रक्षा होती है तथा स्थानीय लोगों की सहभागिता से आर्थिक विकास व सामाजिक न्याय की योजनाएं बनायी व लागू की जाती हैं। ग्रामीण विकास हेतु किये जाने वाले किसी भी कार्य में स्थानीय एवं वाºय संसाधनों का लोगों द्वारा बेहतर उपयोग किया जाता है। स्थानीय शासकीय निकाय का महत्व क्या है? इसे सुनेंरोकेंस्थानीय शासन की मान्यता है कि स्थानीय ज्ञान और स्थानीय हित लोकतांत्रिक फ़ैसला लेने के अनिवार्य घटक हैं। कारगर और जन-हितकारी प्रशासन के लिए भी यह ज़रूरी है। स्थानीय शासन का फायदा यह है कि यह लोगों के सबसे नजदीक होता है और इस कारण उनकी समस्याओं का समाधान बहुत तेज़ी से तथा कम खर्चे में हो जाता है। लोकतंत्र में चुने प्रतिनिधि कौन होते हैं?इसे सुनेंरोकेंप्रतिनिधि किसी जिले या संसदीय क्षेत्र से चुने जाते हैं या कई समानुपातिक व्यवस्थाओं में सभी मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। कुछ देशों में मिश्रित व्यवस्था प्रयुक्त होती है। यद्यपि इस तरह के लोकतन्त्र में प्रतिनिधि जनता द्वारा निर्वाचित होते हैं, लेकिन जनता के हित में कार्य करने की नीतियाँ प्रतिनिधि स्वयं तय करते हैं। इसे सुनेंरोकेंशासकीय अनुदानों में राज्य वित्त आयोग तथा केन्द्रीय वित्त आयोग की अनुशंसा पर राज्य शासन तथा केन्द्र सरकार द्वारा जारी कोष तथा विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये राज्य शासन एवं भारत सरकार का अंशदान सम्मिलित हैं । शहरी स्थानीय निकाय शहरी विकास से सम्बन्धित विभिन्न योजनाओं को लागू करने के लिये ऋण भी प्राप्त करते हैं। इसे सुनेंरोकेंस्थानीय स्वशासन भारतीय अवधारणा/नवाचार है। स्थानीय स्वशासन का अर्थ स्थानीय स्तर की उन संस्थाओं से है जो जनता द्वारा चुनी जाती है तथा जिन्हें राष्ट्रीय या प्रान्तीय शासन के नियंत्रण में रहते हुए नागरिकों की स्थानीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अधिकार और दायित्व प्राप्त होते हैं। स्थानीय सरकारी किसका आधार है?इसे सुनेंरोकेंस्थानीय सरकार (local government) जन प्रशासन का एक रूप है जो अधिकांश जगहों पर किसी राज्य या राष्ट्र की सबसे निचली श्रेणी की प्रशासनिक ईकाई होती है। इसके ऊपर ज़िले, प्रान्त, राज्य या राष्ट्र का प्रशासन होता है जिसे राजकीय सरकार, राष्ट्रीय सरकार, संघीय सरकार, इत्यादि नामों से जाना जाता है। निम्न में से कौन शासक अपने स्थानीय स्व शासन व्यवस्था के लिए प्रसिद्ध हैं? इसे सुनेंरोकेंसही उत्तर चोल है। चोल वंश व्यापक रूप से स्थानीय स्वशासन के लिए जाना जाता था। राजा राज्य का सर्वोच्च अधिकारी होता था। स्थानीय शासन से क्या अभिप्राय है तथा इसका नागरिकों के रोजमर्रा के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है? इसे सुनेंरोकेंसंविधान का 74वाँ संशोधन शहरी स्थानीय शासन (नगरपालिका) से जुड़ा है। सन् 1993 में 73वाँ और 74वाँ संशोधन लागू हुए। संविधान के 73वें संशोधन में इस बात का भी प्रावधान है कि ग्राम सभा अनिवार्य रूप से बनाई जानी चाहिए। पंचायती हलके में मतदाता के रूप में दर्ज हर वयस्क व्यक्ति ग्राम सभा का सदस्य होता है। स्थानीय शासन के समक्ष क्या क्या चुनौतियां होती है बताइए?इसे सुनेंरोकेंAnswer. Answer: स्थानीय अधिकारों को अधिक अधिकार संपन्न बनाना, संघ की सभी इकाइयों के लिए संघ के सिद्धांतों को व्यावहारिक स्तर पर लागू करना, महिलाओं और अल्पसंख्यक समूहों की उचित भागीदारी सुनिश्चित करना आदि ऐसी ही चुनौतियाँ हैं। इसका यह भी मतलब है कि कम-से-कम चीजें ही लोकतांत्रिक नियंत्रण के बाहर रहनी चाहिए। स्थानीय स्वशासन का क्या अर्थ है?इसे सुनेंरोकेंस्थानीय स्वशासन का अर्थ है नागरिकों का अपने ऊपर स्वयं का शासन अर्थात लोगों की अपनी शासन व्यवस्था। प्राचीन काल में स्थानीय स्वशासन विद्यमान था तथा ग्रामीण शासन प्रबन्ध न के लिए लोगों के अपने, कायदे कानून होते थे। इन नियमों के पालन में प्रत्येक व्यक्ति स्वैच्छिक भूमिका निभाता था। निम्नलिखित में से कौन स्थानीय स्वशासन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है? इसे सुनेंरोकें”शहरों में नगर निगम या नगर पालिका एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत, पंचायत समिति एवं जिला परिषद, यदि अपने क्षेत्र में तत्परता से कार्य करें तो केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार से अधिक उपयोगी होंगी । वर्तमान में वे सभी कार्य जिनका संचालन किसी भी स्थानीय संस्था द्वारा होता है स्थानीय स्वशासन के अन्तर्गत आते हैं। स्थानीय स्वशासन के जनक कौन है? इसे सुनेंरोकेंलॉर्ड रिपन को भारत में स्थानीय स्वशासन का जनक माना जाता है। माना जाता है कि उन्होंने 1882 में स्थानीय स्वशासन की स्थापना करके भारतीयों को स्वतंत्रता का पहला स्वाद दिया था। शहरी स्थानीय निकायों के प्रमुख कार्य क्या है?इसे सुनेंरोकेंशहरी स्थानीय निकाय भारतीय सरकार और राज्य सरकार द्वारा दिए गए कार्यों की एक लम्बी-चौड़ी लिस्ट को रखता है सार्वजानिक कार्यों और विकासात्मक की गणना रखता है जिसे की शहरी स्थानीय निकाय कहा जाता है, और इस निकाय के प्रमुख दो कार्यों में पहला है सड़कों से जुडी सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करना है और दूसरा सार्वजनिक … स्थानीय शासन से क्या अभिप्राय है?इसे सुनेंरोकेंस्थानीय लोगों द्वारा मिल-जुल कर अपनी समस्याओं के निदान एवं विकास हेतु बनाई गई ऐसी व्यवस्था जो संविधान और राज्य सरकारों द्वारा बनाए गये नियमों एवं कानूनों के अनुरूप हो। स्थानीय शासन से हमारा अभिप्राय यह है कि स्थानीय क्षेत्रों का प्रशासन वहाँ के निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा चलाया जाए। स्थानीय स्वशासन शिक्षा के क्षेत्र में क्या क्या कार्य करती है? इसे सुनेंरोकेंअतः स्थानीय स्व-शासन का तात्पर्य है- स्थानीय लोगों की भागीदारी द्वारा स्थानीय शासन की व्यवस्था सुचारू रूप से करना और उस व्यवस्था को लोकतांत्रिक बनाना, जिससे समस्या का निदान भी हो और लोकतांत्रिक स्वरूप की निचले स्तर तक स्वस्थ व्यवस्था भी स्थापित हो। शहरी स्थानीय निकाय कितने प्रकार के होते हैं? भारत में निम्नलिखित आठ प्रकार के स्थानीय निकाय नगर क्षेत्रों के प्रकाशन के लिए सृजित किए गए हैं:
शहरी निकाय क्या होता है?इसे सुनेंरोकेंभारत में, एक नगरपालिका, नगर परिषद या नगर पालिका परिषद एक शहरी स्थानीय निकाय है जो 100,000 या उससे अधिक पर 10 लाख से कम आबादी वाले शहर का प्रशासन करती है। स्थानीय सरकार कितने प्रकार की होती है?इसे सुनेंरोकेंपंचायती राज व्यवस्था, जिसे स्थानीय स्वशासन भी कहा जाता है। इसके तीन स्तर है ग्राम पंचायत, पंचायत समिति एवं जिला परिषद्। स्थानीय सरकार के क्या लाभ है? इसे सुनेंरोकेंस्थानीय सरकार की प्रणाली को अपनाने का सबसे प्रमुख उद्देश्य यही है कि इसके माध्यम से देश के सभी नागरिक अपने लोकतांत्रिक अधिकारों को प्राप्त कर सकते हैं। विदित है कि लोकतंत्र की सफलता सत्ता के विकेंद्रीकरण पर निर्भर करती है और स्थानीय स्वशासन के माध्यम से ही शक्तियों का सही विकेंद्रीकरण संभव हो पाता है। स्थानीय शासन की कौन कौन सी विषय है? इसे सुनेंरोकेंगाँव और जिला स्तर के शासन को स्थानीय शासन कहते हैं। स्थानीय शासन आम आदमी के सबसे नजदीक का शासन है। स्थानीय शासन का विषय है आम नागरिक की समस्याएँ और उसकी रोजमर्रा की जिंदगी। स्थानीय प्रशासन का क्या अर्थ है?इसे सुनेंरोकेंस्थानीय स्वशासन का अर्थ है नागरिकों का अपने ऊपर स्वयं का शासन अर्थात लोगों की अपनी शासन व्यवस्था। प्राचीन काल में स्थानीय स्वशासन विद्यमान था तथा ग्रामीण शासन प्रबन्ध न के लिए लोगों के अपने कायदे कानून होते थे। इन नियमों के पालन में प्रत्येक व्यक्ति स्वैच्छिक भूमिका निभाता था। स्थानीय सरकार से क्या समझते हैं?स्थानीय शासन की आवश्यकता क्यों होती है उत्तर? इसे सुनेंरोकेंपहला उद्देश्य वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति का प्रशासनिक उद्देश्य है। और वही दूसरा उद्देश्य विशिष्ट स्थानीय सार्वजनिक जरूरतों को निर्धारित करने में नागरिकों का प्रतिनिधित्व करना और उन्हें शामिल करना है और इन स्थानीय जरूरतों को कैसे पूरा किया जा सकता है। स्थानीय सरकार का अन्य नाम क्या है? स्थानीय शासन के समक्ष क्या क्या चुनौतियां होती?Answer: स्थानीय अधिकारों को अधिक अधिकार संपन्न बनाना, संघ की सभी इकाइयों के लिए संघ के सिद्धांतों को व्यावहारिक स्तर पर लागू करना, महिलाओं और अल्पसंख्यक समूहों की उचित भागीदारी सुनिश्चित करना आदि ऐसी ही चुनौतियाँ हैं। इसका यह भी मतलब है कि कम-से-कम चीजें ही लोकतांत्रिक नियंत्रण के बाहर रहनी चाहिए।
स्थानीय शासन का मुख्य कार्य क्या है?स्थानीय शासन जनता को सुविधाएं पहुँचाने का एक साधन है। स्थानीय शासन सफाई, सडकों, स्वास्थ्य, जल, बिजली आदि की समस्याएं हल करके जनता को सुविधाएं पहुँचाता है। जनता के लिए भी यह अधिक सुविधाजनक होता है कि उसकी समस्याएं केन्द्रीय शासन के प्रतिनिधि द्वारा हल न करके स्थानीय शासन द्वारा हल की जाए।
स्थानीय शासन की कौन कौन सी विशेषताएं?स्थानीय शासन की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं: प्रथम उसका रूप सांविधिक होता है अर्थात संविधि (अधिनियम) द्वारा उसकी रचना की जाती है, द्वितीय, उसे अपने क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत बसने वालों पर कर लगाकर वित्त एकत्र करने का अधिकार होता है; तीसरे, स्थानीय समुदायों की कुछ विशिष्ट विषयों के सम्बन्ध में निर्णय करने में तथा उनके ...
स्थानीय स्वशासन क्या है वर्णन कीजिए?स्थानीय स्वशासन का अर्थ है नागरिकों का अपने ऊपर स्वयं का शासन अर्थात लोगों की अपनी शासन व्यवस्था। प्राचीन काल में स्थानीय स्वशासन विद्यमान था तथा ग्रामीण शासन प्रबन्ध न के लिए लोगों के अपने कायदे कानून होते थे। इन नियमों के पालन में प्रत्येक व्यक्ति स्वैच्छिक भूमिका निभाता था।
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