सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 pdf - sivil seva (aacharan) niyam 1965 pdf

सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 pdf - sivil seva (aacharan) niyam 1965 pdf

शासकीय कर्मचारियों के बारे में अक्सर शिकायत आती है कि वह आम जनता से ठीक प्रकार से व्यवहार नहीं करते। कई बार आम नागरिकों को धमकाते हैं और अभद्र भाषा में बात करते हैं। कभी-कभी द्विअर्थी शब्दों का भी उपयोग करते हैं। ज्यादातर आम नागरिकों को यह पता नहीं होता कि उनके खिलाफ शिकायत कहां और किस नियम के तहत करनी है। अज्ञानता के कारण लोग ठीक प्रकार से शिकायत नहीं कर पाते और इसीलिए कार्रवाई नहीं होती। हम आपको बताते हैं कि इस प्रकार के कर्मचारियों के खिलाफ किस नियम के तहत शिकायत करेंगे ताकि कर्मचारी को पर्याप्त दंड प्राप्त हो। (यहां कर्मचारी से तात्पर्य मध्य प्रदेश शासन के सभी कर्मचारी)

मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965-नियम 3 की परिभाषा

शासकीय सेवक की निम्न कर्तव्य करने की अपेक्षा करती है।:-

1. पूर्ण रूप से कर्तव्यनिष्ठ रहे।

2.अपने कर्तव्यों का पालन करे।

3.ऐसा कोई कार्य नहीं करे जो उसके लिए अशोभनीय (शोभा या मान सम्मान के अनुरूप) हो।

मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965-नियम 3 क की परिभाषा:-

उपर्युक्त धारा के अनुसार शासकीय सेवक से तत्परता एवं शिष्टाचार व्यवहार करने की अपेक्षा करती है निम्न नियमो से:-

1. अपने पद के अनुसार कार्य करे एवं किसी से अव्यवहारिक तरीके से बात न करे।

2. जनता द्वारा दिये गए कार्य या शिकायत को समय पर पूरा करे किसी भी प्रकार से अपने पद का दुरूपयोग न करे। न ही जा जानबूझकर किसी जनता के काम में देरी करे।

3. शासकीय सेवक ऐसा कोई भी कार्य न करे जिससे कि उसकी अनुशासनहीनता भांग हो।

4. शासकीय सेवक को अगले कोई आवास दिया गया है वह इसे किराये पर नहीं दे सकता है न ही पट्टे भी नहीं देगा। न ही किसी अन्य अधिभोग या उपभोग के लिए इजाजत देगा। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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