स्वतंत्र भारत के पहले उद्योग आपूर्ति विभाग के कैबिनेट मंत्री कौन बने - svatantr bhaarat ke pahale udyog aapoorti vibhaag ke kaibinet mantree kaun bane

अंग्रेजों ने 1946 में फैसला कर लिया कि वो अब भारत को आजाद कर देंगे. इसके बाद भारत का नियंत्रण धीरे धीरे देश के नेताओं और अफसरों को देने की प्रक्रिया शुरू हुई. इसी सिलसिले में पहली बार आजादी से पहले 02 सितंबर 1946 को अंतरिम सरकार बनाई गई. इसके मुखिया थे जवाहर लाल नेहरू. ये सरकार नई निर्वाचित संविधान सभा के जरिए बनाई गई. ये सरकार 15 अगस्त 1947 तक कामकाज संभालती रही.

जब नेहरू ने अंतरिम सरकार बनाई तब तक देश का बंटवारा नहीं हुआ था. लिहाजा इस सरकार में कई मुस्लिम लीग के नेता भी शामिल थे. हालांकि जिस समय ये अंतरिम सरकार गठित हो रही थी, उस समय देशभर में कई जगह सांप्रदायिक दंगे फूट पड़े थे. वैसे अब तक ये भी करीब तय हो चुका था कि अंग्रेज देश छोड़कर तो चले जाएंगे लेकिन इसका भारत और बंटवारा करके ही जाएंगे. जिन्ना की निगाह पाकिस्तान पर लगी थी.

नेहरू ने लीग के प्रस्ताव को ठुकराया
जब अंतरिम सरकार का गठन हो रहा था तब जिन्ना ने नेहरू के इस प्रस्ताव को तुरंत अस्वीकार कर दिया कि उनके 14सदस्यीय मंत्रिमंडल में लीग को 05 सीटें मिल जाएंगी. आखिरकार जिन्ना से बात नहीं बन सकी. इसका नतीजा देश को डायरेक्ट एक्शन दिवस के रूप में भी भुगतना पड़ा.

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बाद में यूं लिया मुस्लिम लीग ने टर्न
जो अंतरिम सरकार बनी, उसमें नेहरू, पटेल, राजेंद्र प्रसाद, राजगोपालचारी, आसफ अली, शरत चंद्र बोस, जान मथाई, बलदेव सिंह, शफियत अहमद खान, जगजीवन राम, अली जहीर और सीएच भाभा शामिल थे. शुरू में तो जिन्ना ने मुस्लिग लीग को अंतरिम सरकार में शामिल नहीं होने देने का रुख दिखाया, बाद में वायसराय वेवेल के साथ मिलकर अंतरिम सरकार में अहम पोजिशन में लीग के सदस्यों को बिठाने की कोशिश की.

बाद में लीग से जबरदस्त खटपट
हालांकि इसके बाद भी लीग और कांग्रेस के बीच जबरदस्त अंतर्विरोध बना रहा. जिससे अंतरिम सरकार को चलाना इतना मुश्किल हो गया कि फरवरी 1947 के मध्य में नेहरू का धैर्य खत्म हो गया. उन्होंने मांग की कि लीग के मंत्री त्याग पत्र दे दें. ठीक इसके बाद सरदार पटेल ने धमकी दी कि यदि लीग के सदस्य फौरन मंत्रिमंडल नहीं छोड़ेंगे तो कांग्रेस के सदस्य त्यागपत्र दे देंगे.

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नेहरू अपनी अंतरिम सरकार के सदस्यों के साथ. इसमें सबसे बाएं हैं शरत बोस, जो सुभाष चंद्र बोस के बड़े भाई थे. लेकिन जब एक महीने बाद ही सरकार में बदलाव हुआ तो वो सरकार में नहीं थे.

अंतरिम सरकार तयशुदा तरीके से भंग ही हो जाती, अगर इसी समय एक महत्वपूर्ण घटना नहीं हुई होती. 20 फरवरी को एटली ने लंदन में इस बात की घोषणा की कि ब्रिटेन ने जून 1948 तक भारत छोड़ने का निश्चित फैसला कर लिया है. ये घोषणा भी की गई कि अब वेवेल के स्थान पर लार्ड माउंटबेटन वायसराय नियुक्त कर दिए गए हैं.

कैसे बनी थी संविधान सभा
हालांकि यहां ये बताना जरूरी है कि संविधान सभा के लिए जो चुनाव हुए थे, वो प्रत्यक्ष नहीं थे बल्कि हर प्रांत की संविधान सभा ने उनका चुनाव किया था. इस चुनावों में कांग्रेस को बहुमत मिला. उसे हिंदू इलेक्टोरेट बहुमत वाले इलाकों से कुल मिलाकर 69 सीटें मिलीं. 11 प्रांतों में 08 प्रांतों में कांग्रेस के पास साफतौर पर मेजोरिटी थी. मुस्लिम लीग ने वो सीटें जीतीं, जो मुस्लिम इलेक्टोरेट के लिए तय थीं. T

अंतरिम सरकार बनने के बावजूद सरकार का मुखिया वास्तव में वायसराय ही था. वायसराय की एग्जीक्यूटिव कौंसिल अंतरिम सरकार की एग्जीक्यूटिव कौंसिल बन गई.

पटेल दूसरे ताकतवर शख्स थे
अंतरिम सरकार में वल्लभभाई पटेल के पास गृह महकमा था और वो दूसरी ताकतवर स्थिति में थे. सिख नेता बलदेव सिंह को रक्षा और राजगोपालाचारी को शिक्षा विभाग मिला. कांग्रेस की मुस्लिम नेता आसफ अली रेलवे और परिवहन मंत्री बनीं. अनुसूचित जाति के नेता जगजीवन राम श्रम मंत्री बनाए गए तो राजेंद्र प्रसाद के पास खाद्य और कृषि मंत्रालय था. जान मथाई को उद्योग और आपूर्ति मंत्रालय दिया गया.

स्वतंत्र भारत के पहले उद्योग आपूर्ति विभाग के कैबिनेट मंत्री कौन बने - svatantr bhaarat ke pahale udyog aapoorti vibhaag ke kaibinet mantree kaun bane

अंतरिम सरकार की बैठक में शामिल इसके सदस्य.

मुस्लिम लीग के लियाकत अली वित्त मंत्री बने. अब्दुर राब निश्तार को डाक और वायु मंत्री बनाया गया तो इब्राहिम इस्माइल चुंदरीगर कामर्स मिनिस्टर बने. मुस्लिम लीग ने नामांकित अनुसूचित जाती के हिंदू नेता जोगेंद्र नाथ मंडल को कानून मंत्रालय मिला.

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पहली अंतरिम सरकार 
पहली अंतरिम सरकार इस तरह थी
विस्काउंट वावेल – वायसराय और गवर्नर जनरल इंडिया
सर क्लाउड ओचिंलेक – कमांडर इन चीफ
जवाहर लाल नेहरू – प्रधानमंत्री और एग्जीक्यूटिव कौंसिल के उप राष्ट्रपति, विदेश मामले और कामनवेल्थ रिलेशन
वल्लभ भाई पटेल – गृह मंत्रालय, सूचना और प्रसारण
राजेंद्र प्रसाद – खाद्य और कृषि
शाफत अहमद खान – कला, शिक्षा और स्वास्थ्य
सीएच भाभा – कामर्स
बलदेव सिंह – रक्षा
वित्त – जान मथाई
सी राजगोपालाचारी – उद्योग और आपूर्ति मंत्री
जगजीवन राम – श्रम
कानून – सैयर अली जहीर
आसफ अली – रेलवे औऱ परिवहन, डाक और वायु R
शरत बोस – खान और ऊर्जा

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फिर सरकार में हुआ बदलाव 
इसके बाद मु्स्लिम लीग के सरकार में शामिल होने के बाद 15 अक्टूबर 1946 को फिर अंतरिम सरकार का गठन फिर हुआ
बदलाव के बाद नई अंतरिम सरकार
विस्काउंट वावेल – वायसराय और गवर्नर जनरल इंडिया
सर क्लाउड ओचिंलेक – कमांडर इन चीफ
जवाहर लाल नेहरू – प्रधानमंत्री और एग्जीक्यूटिव कौंसिल के उप राष्ट्रपति, विदेश मामले और कामनवेल्थ रिलेशन
वल्लभ भाई पटेल – गृह मंत्रालय, सूचना और प्रसारण
राजेंद्र प्रसाद – खाद्य और कृषि
इब्राहिम इस्माइल चुंदरीगर (मुस्लिम लीग) – कामर्स
बलदेव सिंह – रक्षा
लियाकत अली खान (मुस्लिम लीग) – वित्त
जान मथाई -उद्योग और आपूर्ति
सी राजगोपालाचारी – शिक्षा
गजनफर अली खान (मुस्लिम लीग) – स्वास्थ्य
जगजीवन राम – श्रम
जोगेंद्र नाथ मंडल (मुस्लिम लीग) – कानून
अब्दुलर राब निश्तार (मुस्लिम लीग) – रेलवे और संचार, पोस्ट और वायु
खनिज और ऊर्जा – सीएच भाभा

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Tags: British Raj, Central government, Jawaharlal Nehru, Sardar Vallabhbhai Patel

FIRST PUBLISHED : September 02, 2021, 11:49 IST

स्वतंत्र भारत के पहले उद्योग मंत्री कौन थे?

श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्वतंत्र भारत के पहले वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री (1947 से 1950) थे

आजाद भारत की पहली महिला कैबिनेट मंत्री कौन थी?

सही उत्तर विकल्प 3 है, अर्थात राजकुमारी अमृत कौर। 15 अगस्त, 1947 को गठित जवाहरलाल नेहरू के पहले मंत्रिमंडल में राजकुमारी अमृत कौर एकमात्र महिला कैबिनेट मंत्री थीं। राजकुमारी अमृत कौर ने स्वास्थ्य मंत्री का पद संभाला और स्वतंत्र भारत के पहले और दूसरे मंत्रिमंडल में 10 वर्षों तक सेवा की।

स्वतंत्र भारत के पहले मंत्रिमंडल के स्वास्थ्य मंत्री कौन थे?

थे। मौलाना अब्दुल कलाम आजादसरदार वल्लभभाई पटेल विजयलक्ष्मी पंडितराजकुमारी अमृत कौर. Solution : राजकुमारी बीबोजी अमृत कौर भारत की पहली स्वास्थ्य मंत्री थीं और वे दस साल तक इस पद पर रहीं।

भारत के नए उद्योग मंत्री कौन है?

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय श्री पीयूष गोयल (54) भारत सरकार में रेलवे मंत्री तथा वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री हैं ।