शनिदेव का प्रसाद कौन सा है? - shanidev ka prasaad kaun sa hai?

कुंडली में शनि दोष को कम करने के लिए लगाएं इन चीजों का भोग, बन जाएंगे बिगड़े काम

शनिदेव को काली वस्तुएं पसंद होती हैं. इस दिन काले रंग के कपड़ा पहनना शुभ होता है. शनिदेव की पूजा के दौरान तांबे के बर्तनों का प्रयोग करने से बचना चाहिए. क्योंकि तांबे के बर्तन से भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है.

शनिदेव का प्रसाद कौन सा है? - shanidev ka prasaad kaun sa hai?

इन उपायों से शनिदेव को किया जा सकता है प्रसन्न

शनिदेव का प्रसाद कौन सा है? - shanidev ka prasaad kaun sa hai?

TV9 Hindi | Edited By:

Updated on: Feb 06, 2021 | 8:21 AM

शनि भगवान को न्याय का देवता कहा जाता है. वे सभी के अच्छे और बुरे कर्मों का हिसाब रखते हैं. इस दिन भक्त शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए विधि- विधान से पूजा करते हैं. मान्यता है कि शनि देव अगर किसी से प्रसन्न हो जाएं तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. रंक को राजा बना देते है. आइए जानते हैं शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए किन चीजों का भोग लगना और चाहिएं. शनिदेव की पूजा करते समय इन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए नहीं तो शनिदेव नाराज हो सकते हैं.

शनिदेव को काली वस्तुएं पसंद होती हैं. इस दिन काले रंग के कपड़ा पहनना शुभ होता है. शनिदेव की पूजा के दौरान तांबे के बर्तनों का प्रयोग करने से बचना चाहिए. क्योंकि तांबे के बर्तन से भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. शनिदेव की पूजा में हमेशा लोहे के बर्तनों का इस्तेमाल करना चाहिए.

शनिवार को भगवान शनि को प्रसन्न करने के लिए प्रसाद में इन चीजों का भोग लगाया जाता हैं.

काले तिल

उदड़ की दाल

काले चने

मीठी पूड़ी

काले दाल से बनी खिचड़ी

इन सभी चीजों में शनिदेव को मीठी पूड़ी और काले उदड़ दाल की खिचड़ी का भोग सबसे ज्यादा पसंद है. ध्यान रहे कि उसमें चावल नहीं बल्कि दलिया मिलाकर ही खिचड़ी बनाएं. ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और आपकी सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं. ज्योतिषों के अनुसार आप शनिवार के दिन सुबह 10 बजे से लेकर शाम 6 से 7 बजे के बीच इन चीजों का भोग लगा सकते हैं. ऐसे करने से कुंडली में शनिदोष, साढे़साती, ढैया और महादशा का असर कम होता है.

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शनि पूजन में इन बातों का रखेंगे ध्‍यान, तो दंड नहीं मिलेगा वरदान

शनिवार को शनिदेव का दिन कहा जाता है। इस दिन उन्हें प्रसन्न करने के लिए व्रत और पूजन किया जाता है। ऐसे में इन बातों का खास ख्‍याल रखें।

व्रत करना नहीं अनिवार्य

सबसे पहले तो जान लें कि शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए जरुरी नहीं है की व्रत ही किया जाए, यदि व्रत करने की सामर्थ्य ना हो तो केवल पूजन से भी उन्‍हें प्रसन्‍न कर सकते है। साल के किसी भी शनिवार से आप उनके व्रत पूजन की शुरुआत कर सकते हैं। हां ये जरूरी है कि उनकी पूजा में कुछ खास बातों का ख्‍याल करना जरूरी है। ऐसा करने पर शनि की दशा और उनका कोप का प्रभाव कम हो जाता है। यदि नीचे लिखी बातों को ध्‍यान में रख कर पूजा करेंगे तो शनि आपके मित्र बन जायेंगे, और दुःखों का जीवन में कोई स्थान नहीं रह जायेगा क्योकि शनिदेव से सुख और शांति का वरदान मिल जायेगा। 

ये ध्‍यान हैं रखने वाली बातें

शनि के व्रत और पूजा को करने के लिए मनुष्य का पवित्र होना अनिवार्य है। इसके लिए सबसे पहले प्रातः ब्रह्म मुहूर्त ने स्नान करके शनिदेव की प्रतिमा की विधिपूर्वक पूजा करें। उनको लाजवंती का फूल, तिल, तेल, गुड़ आदि अर्पण करें। शनिवार के दिन शनि देव के नाम का तेल का दीपक जलायें और भूल वश किए पापकर्म और जाने अनजाने में किये गए अपराधों के लिए क्षमा मांगे। शनि देव की पूजा करने के बाद राहु-केतु की भी पूजा करनी चाहिए। शनिवार के दिन मंदिर में जाकर पीपल के पेड़ का दिया जलाना चाहिए और उसमे जल देने के बाद सूत्र बांधकर सात बार उसकी परिक्रमा भी करनी चाहिए। संध्या काल में भी शनि देव की दीप जलाकर पूजा करनी चाहिए। भोग लगाने के लिए उडद की दाल की खिचड़ी बनाकर उसका मंदिर में भोग लगाएं और प्रसाद के रूप में ग्रहण भी करें। इस दिन काली चीटियों को गुड़ व आटा डाले। काले रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए। शनि के प्रकोप को झेल रहे लोगों को शनिवार के दिन 108 तुलसी के पत्तो पर श्री राम चंद्र जी का नाम लिखकर माला बनाये और उसे विष्णु जी को पहनायें। 

शनिदेव का प्रसाद कौन सा है? - shanidev ka prasaad kaun sa hai?

दान भी जरूरी 

शनिदेव की पूजा में दान करना भी जरुरी माना जाता है। शनि के प्रकोप को कम करने के लिए शास्त्रो में बताई गयी शनि की वस्तुओ का दान करने से लाभ होता है। शास्त्रो के मुताबिक, उड़द, तेल, तिल, नीलम रत्न, काली गाय, भैंस, काला कम्बल या कपडा, लोहा या इससे बनी वस्तुओ का दान और दक्षिणा किसी योग्‍य व्‍यक्‍ति को देने से शनि देव प्रसन्‍न होते हैं। शनि की पूजा में शुद्ध और पवित्र विचार होना भी अनिवार्य है। व्रत के बाद आहार में दूध, लस्सी, फलों और उनके रस का सेवन करना चाहिए। 

Edited By: Molly Seth

शनि देव को कौन सी मिठाई पसंद है?

- शनिदेव को नीले फूल, काला कपड़ा, काली उड़द और काले तिल चढ़ाएं। साथ ही मीठी पुरी का भोग भी लगाएं। - इसके बाद काली तुलसी की माला से ऊँ शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप 108 बार करें। जय-जय श्रीशनिदेव भक्तन हितकारी।

शनि देव को कौन सा प्रसाद चढ़ाया जाता है?

भगवान शनि देव को उड़द की दाल के पुडे प्रिय हैं उनका भोग लगाएं आपका सब मंगल होगा। उड़द की दाल का अर्पण भी उनको प्रिय है, आप इसका दान भी कर सकते हैं। कौन सा मंदिर है जहाँ पर भगवान शिव को केकढ़ा चढ़ाया जाता है?

शनिवार के दिन क्या खाना चाहिए?

शनिवार के व्रत में एक समय के भोजन का विधान है. उड़द की दाल की खिचड़ी अथवा दाल खाई जाती है. शनि की पूजा में काले तिल, काले वस्त्र, तेल, उड़द आदि का उपयोग किया जाता है क्योंकि ये सभी शनि महाराज की वस्तुएँ मानी जाती है.

शनिवार को शनिदेव को क्या क्या चढ़ाना चाहिए?

ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर शनिदेव की मूर्ति के पास तेल चढ़ाएं या फिर उस तेल को गरीबों में दान करें. तेल चढ़ाने के दौरान इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें, कि तेल इधर-उधर न गिरे. वहीं शनिवार को काले तिल और गुड़ चींटी को खिलाएं.