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Published in JournalYear: Aug, 2021 Article Details
संंक्षिप्त परिचय ये आरंभ में शिक्षक थे। 1945 में राजस्व निरीक्षक के पद पर आये। इन्होंने हिन्दी एवं छत्तीसगढ़ी दोनों भाषाओं में रचना की। छत्तीसगढ़ी रचनाओं में श्री रामकथा (महाकाव्य), अब तो जागौ रे, डहर के कांटा (कहानी संग्रह), श्री कृष्ण कथा, सीता की अग्निपरीक्षा, डहर के फूल, अंधियारी रात (एकांकी), गजरा (काव्य संग्रह), नवा बिहान (एकांकी) आदि हैं। हिन्दी रचनाओं में वैदेही विछोह, युद्ध आमंत्रण, आह्वान (खण्डकाव्य), न्याय (नाटक), स्वतंत्रता के अमर सेनानी (खण्डकाव्य) इत्यादि हैं। इन्हें श्री राम कथा पर मध्य प्रदेश शासन का ईसुरी पुरस्कार मिला। विस्तृत परिचय 7 मार्च सन् 1909 को छत्तीसगढ के जांजगीर जिले के अकलतरा रेलवे स्टेशन के पास एक छोटे से गांव पौना में कपिलनाथ कश्यप जी का जन्म हुआ. इनके पिता श्री शोभानाथ कश्यप साधारण किसान थे. माता श्रीमती चंद्रावती बाई भी अपने पति के साथ खेतों में कार्य करती थी. बालक कपिलनाथ के जन्म के तीन वर्ष के अंतराल में ही इनके पिता स्वर्गवासी हो गए एवं पांच साल के होते होते
इनकी माता भी स्वर्ग सिधार गई. कपिलनाथ कश्यप जी मेधावी थे. इनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव में और माध्यमिक शिक्षा बिलासपुर में हुई. आगे की पढाई करते हुए किशोर कपिलनाथ को गांधी जी के असहयोग आंदोलन ने प्रभावित किया. और उन्होने अपने साथियों के साथ सरकारी स्कूल का बहिस्कार कर दिया. बाद मे इस स्कूल को अंग्रेजो ने बन्द कर दिया. कपिलनाथ कश्यप जी आगे पढना चाहते थे किन्तु उनकी परिस्थिति ऐसी नहीं थी कि उच्चतर अध्ययन के लिए बाहर जा सकें. सौभाग्यवश उनके गांव के जमीदार का पुत्र कलकत्ता से पढाई बीच में ही छोडकर भाग
आया था. उसके जमीदार मां बाप उसे आगे पढाना चाहते थे पर वह अकेले नहीं जाना चाहता था. फलतः कपिलनाथ कश्यप जी को अवसर मिल गया और वे उसके साथ इलाहाबाद चले गए. क्रिश्चन कालेज से सन् 1927 में उन्होंनें इंटरमीडियेट किया और सन् 1931 में प्रयाग विश्वविद्यालय से स्नातक परीक्षा पास की. श्री कृष्ण कथा का रचयिता कौन है?ऐसी मान्यता है की यह महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित है हालांकि, इसमें कोई प्रमाण नहीं है लेकिन भगवद गीता एक पुस्तक है जो अर्जुन और उनके सारथी श्री कृष्ण के बीच वार्तालाप पर आधारित है।
कृष्ण गीतावली के रचयिता का नाम क्या है?हनुमान बाहुकश्रीकृष्ण-गीतावली / लेखकnull
कृष्ण भगवान का असली नाम क्या है?दरअसल, पहले कृष्ण तो थे विष्णु जी के अवतार और दूसरे कृष्ण का नाम है महार्षि वेदव्यास जिन्होंने महाभारत की रचना की थी। इनका असली नाम श्रीकृष्ण द्वैपायन था। इसके पीछे एक कथा भी प्रचलित है। कथा के अनुसार, वेदव्यास का रंग सांवला था और उनका जन्म एक द्वीप पर हुआ था, इसीलिए उनका नाम श्रीकृष्ण द्वैपायन पड़ गया।
श्री कृष्ण के कुल गुरु का क्या नाम था?भगवान श्रीकृष्ण और बलराम के गुरु महर्षि सांदीपनि थे। सांदीपनि ने ही श्रीकृष्ण को 64 कलाओं की शिक्षा दी थी। मध्य प्रदेश के उज्जैन में गुरु सांदीपनि का आश्रम है। शिक्षा पूरी होने के बाद जब गुरु दक्षिणा की बात आई तो ऋषि सांदीपनि ने कहा कि शंखासुर नाम का एक दैत्य मेरे पुत्र को उठाकर ले गया है।
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