शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने से क्या होता है? - shareer mein glookoj kee maatra badhane se kya hota hai?

हमारे यहां ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ना बहुत सामान्य बात बन गई है। क्योंकि हमारा खान-पान और रहन-सहन ऐसा हो चुका है कि बच्चों में भी शुगर की समस्या देखने को मिल रही है। खास बात है कि अब वे टीनेजर्स या कम उम्र के युवा भी शुगर की चपेट में आ रहे हैं, जिनके परिवार की कोई डायबिटीज से संबंधित हिस्ट्री नहीं है। यानी सीधे तौर पर बात करें तो उन्हें टाइप-2 डायटबिटीज ने कम उम्र में ही अपना शिकार बना लिया है। यहां जानें, जब हमारे खून में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है तब हमारा शरीर कैसे रिऐक्ट करता है और जब यह मात्रा अपने स्तर से कम हो जाती है तब हमारा शरीर कैसे रिऐक्ट करता है...

जब रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है
-जब खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है और यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है तो व्यक्ति का वजन घटने लगता है। हालांकि उसे भूख अधिक लगने लगती और वह खाना भी पहले की तुलना में अधिक खाता है लेकिन उसका वजन घट रहा होता है।

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-ब्लड में शुगर बढ़ जाने पर व्यक्ति को बार-बार प्यास लगती है। उसका गला सूखा-सूखा महसूस होता रहता है। और जितनी अधिक मात्रा में व्यक्ति पानी पीता है, उतनी ही अधिक बार उसे यूरिन भी जाना होता है।

शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने से क्या होता है? - shareer mein glookoj kee maatra badhane se kya hota hai?

ब्लड शुगर हाई होने पर क्या करें


-पानी ना पीने पर भी यूरिन की मात्रा कम हो सकती है लेकिन बाथरूम जाने के नंबर्स नहीं। ऐसे में पानी पीते रहना ही सही होता है ताकि शरीर में पानी की कमी ना हो। शुगर पेशंट्स को आमतौर पर रात के समय बार-बार यूरिन के लिए जाना पड़ता है।

-ब्लड में शुगर अधिक होने पर अक्सर हाथ या पैर में सुन्नता आती है या चीटी चलने जैसा अनुभव होता है। कई बार ऐसा लगता है जैसे कुछ सुनाई ही नहीं दे रहा है, एकदम सन्नाटा छा जाने जैसा अनुभव होता है।

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-ब्लड में शुगर बढ़ी होने पर व्यक्ति को बहुत जल्दी थकान हो जाती है। जबकि कुछ लोग हर समय शरीर में कमजोरी अनुभव होने की शिकायत करते हैं। जबकि उनके अनुसार वे ठीक डायट ले रहे होते हैं। अब सवाल यह उठता है कि इस स्थिति से निबटने के लिए आखिर क्या करना चाहिए?

शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने से क्या होता है? - shareer mein glookoj kee maatra badhane se kya hota hai?

ब्लड शुगर बढ़ने के लक्षण


इस स्थिति में करना चाहिए डॉक्टर से संपर्क
-लंबे समय तक ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़े रहने से हार्ट पर भी बुरा असर पड़ता है। साथ ही किडनी और लिवर पर भी अधिक दबाव रहता है। बार-बार प्यास लगने पर आप पानी पीते हैं और किडनी को उतना ही अधिक मात्रा में इसे फिल्टर करना पड़ता है।

-अगर आपको सिर्फ कमजोरी महसूस हो रही है, तब भी आप डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। अगर हाथ पैर में सुन्नता आना या बार-बार चीटी चलना और यूरिन से जुड़ी समस्या दोनों हो रही हों तब भी आपको डॉक्टर से तुरंत मिलना चाहिए।

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-क्योंकि अगर इस स्थिति में लापरवाही बरतेंगे ते बाद में चक्कर आना, हार्ट से संबंधित समस्या होना या किडनी से संबंधित समस्या होने की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए जरूरी होता है कि आप समय रहते डॉक्टर की सलाह ले लें।

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इसे सुनेंरोकेंType 2 diabetes symptoms: ब्लड शुगर जब बढ़ जाता है तो नींद ठीक से नहीं आती है, बहुत प्यास लगती है, धुंधला दिखाई देता है और बार-बार पेशाब लगती है. वहीं ब्लड शुगर कम हो जाने पर कांपना, भूख लगना, पसीना आना, बेचैनी और चिड़चिड़ापन महसूस होता है.

मनुष्य के शरीर में ग्लूकोज की मात्रा कितनी होनी चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंखाने से पहले 90-130 mg/dl शुगर लेवल होना चाहिए। वहीं, खाने के 2 घंटे बाद सामान्य रक्त शर्करा का स्तर 140mg/dl होना चाहिए। इसके अलावा, बेडटाइम में ब्लड शुगर का स्तर 90-150 mg/dl होना चाहिए।

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क्या डॉ मोरपेन ग्लूकोमीटर सटीक है?

इसे सुनेंरोकेंMorepen Glucometer Combo : यह काफी ज्यादा फास्ट और एक्यूरेट ब्लड ग्लूकोज लेवल बताने वाला ऑटो कोड मॉनिटर है। यह 0.5uL के ब्लड सैंपल से मात्र 5 सेकंड में आपका ब्लड ग्लूकोज लेवल बता देता है।

कौन सा हार्मोन रक्त में शर्करा के स्तर को बढ़ाता है?

इसे सुनेंरोकेंग्लूकैगॉन एक पेप्टाइड हार्मोन है, और सामान्य रक्त ग्लूकोज के स्तर को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ग्लुकागोन मुख्य रूप से यकृत कोशिकाओं । (यकृताणुओं) पर कार्य करता है और ग्लाइकोजेन अपघटन को उत्तेजित करता है जिसके परिणामस्वरूप रक्त शर्करा (रक्तशर्काधिकता) बढ़ जाती है।

सबसे अच्छा ग्लूकोमीटर कौन सा है?

इसे सुनेंरोकेंAccu-Chek Instant S Glucometer भारत में सबसे लोकप्रिय और सबसे ज्यादा बिकने वाले ग्लूकोमीटर में से एक है। यह Glucometer केवल 4 सेकंड में ही सटीक परिणाम (Result) देता है। यह ग्लूकोमीटर जर्मन टेक्नोलॉजी पर आधारित (Based) है।

ग्लूकोमीटर कितने का है?

इसे सुनेंरोकेंग्लूकोमीटर कीमत हम इस डिवाइस की प्राइस की बात करते है तो ये 2000-2200 में ऑनलाइन मार्किट में मिल जाता है। और आम तोर पर 1000 – 3000 के बिच में गकतर मिल जाते है।

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इंसुलिन रक्त में शर्करा का नियमन करता है क्या?

इसे सुनेंरोकेंइंसुलिन एक ग्लूकोज को रक्त के माध्यम से शरीर की कोशिकाओं में प्रवेश देता है। इसकी अनुपस्थिति में मधुमेह रोग हो जाता है। इसके इंजेक्शन से रक्त शर्करा की मात्रा घट जाती है। अतएव इंसुलिन की आवश्यकता शरीर को ऊर्जा प्राप्त करने हेतु ग्लूकोज का प्रयोग करने के लिए होती है।

ब्लड ग्लूकोज बहुत ज्यादा होने पर कौन सी बीमारी होती है?

जब शरीर के पैन्क्रियाज में इन्सुलिन की कमी हो जाती है, मतलब कम मात्रा में इन्सुलिन पहुंचता है, तो खून में ग्लूकोज की मात्रा भी ज्यादा हो जाती है। इसी स्थिति को डायबिटीज कहते हैं। इन्सुलिन की बात करें, तो यह एक तरह का हार्मोन होता है।

शरीर में ग्लूकोज क्यों बढ़ता है?

मांसपेशियों और फैट सेल्स ग्लूकोज को अवशोषित करना बंद कर देते हैं। साथ ही इंसुलिन के प्रति शरीर की संवेदनशीलता को कम कर देते हैं, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है।

हमारे शरीर में ग्लूकोज कैसे कम करें?

सुबह उठकर खाली पेट दो से तीन तुलसी की पत्ती चबाएं,या फिर आप चाहें तो तुलसी का रस भी पी सकते हैं । इससे आपका ब्लड शुगर नियंत्रण में आ जाएगा । तुलसी के सेवन के साथ में यदि आप शुगर को कम करने वाली दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो ध्यान रखें और डॉक्टर्स से परामर्श जरूर लें । क्योंकि शुगर को तेजी से कम करने का काम करती है ।