योग का सच्चा सार हमारी जीवन शक्ति को ऊपर उठाने के आसपास घूमता हैं या फिर रीढ़ की हड्डी के पास स्थित ‘कुंडलिनी’ को जागृत करने में। इसे शारीरिक और मानसिक अभ्यासों की श्रृंखला के माध्यम से प्राप्त करना होता हैं। शारीरिक स्तर पर इस पद्धति में विभिन्न योग मुद्राएं या ‘आसन’ शामिल हैं, जिनका प्रमुख उद्देश्य शरीर को स्वस्थ रखना हैं। मानसिक तकनीक में मन को अनुशासित करने के लिए श्वसन व्यायाम या ‘प्राणायाम’ और मैडिटेशन या ‘ध्यान’ शामिल हैं। Show “योग लेता हैं। योग देता हैं।” - अप्रैल वैल्लई योग का अंतिम लक्ष्य व्यक्ति को स्वयं से ऊंचे उठा कर ज्ञानोदय की उच्चतम अवस्था प्राप्त करने में मदद करना हैं। जैसा कि भगवद् गीता में कहा गया है कि, “व्यक्ति स्वयं से संयोग कर के, मन को पूरी तरह से अनुशासित कर सभी इच्छाओं से स्वतंत्र हो कर, जब केवल स्वयं में लीन हो जाता हैं, तभी उसे योगी माना जाता हैं।” योग का महत्वयोग कोई धर्म नहीं है, यह जीने की एक कला हैं जिसका लक्ष्य हैं- स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन । मनुष्य का अस्तित्व शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक हैं, योग इन तीनों के संतुलित विकास में मदद करता हैं। शारीरिक व्यायाम के अन्य रूप, जैसे एरोबिक्स, केवल शारीरिक तंदरूस्ती को ही सुनिश्चित करते हैं। उनमें आध्यात्मिक या सूक्ष्म शरीर के विकास के लिये कुछ नहीं हैं। योगिक अभ्यास शरीर में दुबारा से ब्रह्माण्डीय ऊर्जा भर देते हैं और निम्न सुसाध्य करते हैं-
योग साधक फिर से युवा और उत्साहित महसूस करते हैं। इस प्रकार, योग प्रत्येक साधक को शरीर और मन को नियंत्रित करने के लिए शक्ति प्रदान करता हैं। योग के लाभयोग के अभ्यास की कला व्यक्ति के मन, शरीर और आत्मा को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। यह भौतिक और मानसिक संतुलन कर के शान्त शरीर और मन प्राप्त करवाता हैं। तनाव और चिंता का प्रबंधन करके आपको राहत देता हैं। यह शरीर में लचीलापन, मांसपेशियों को मजबूत करने और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ाने में भी मदद करता हैं। यह श्वसन, ऊर्जा और जीवन शक्ति में सुधार लाता हैं। योग का अभ्यास करने से ऐसा लगता हैं कि जैसे यह मात्र शरीर को खींचने या तानने तक ही सीमित हैं, लेकिन आप जैसा देखते हैं, महसूस और गतिविधि करते हैं, उससे कहीं अधिक यह आपके शरीर को करने में सक्षम करता हैं। योग आसन शक्ति, लचीलापन और आत्मविश्वास का निर्माण करते हैं। योग का नियमित अभ्यास करने से वज़न में कमी, तनाव से राहत, प्रतिरक्षा में सुधार और एक स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखने में मदद प्राप्त हो सकती हैं। 2014 में, भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र को 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का सुझाव दिया हैं क्योंकि गर्मियों में सूर्य उत्तरी बिंदु पर स्थित होता हैं, उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन होता हैं। “योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है। यह 5000 साल पुरानी परंपरा है। यह मन और शरीर की एकता, विचार और कार्य, संयम और पूर्ति, मनुष्य और प्रकृति के बीच सद्भाव, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण हैं। यह सिर्फ व्यायाम के बारे में नहीं है बल्कि अपने आप, दुनिया और प्रकृति के साथ एक होना हैं। हमारी जीवन शैली में बदल कर और चेतना विकसित कर, यह तंदरूस्ती प्रदान करने में मदद कर सकता हैं। आइए हम एक अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस अपनाने की दिशा में काम करते हैं।“ - नरेंद्र मोदी, संयुक्त राष्ट्र महासभा, सितंबर 2014।
योग शारीरिक स्वास्थ्य के लिए जितना फायदेमंद है उतना ही मानसिक रूप से मजबूती देता है: त्रिपाठीयोग न सिर्फ हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है, बल्कि वह हमें मानसिक रूप से भी मजबूत बनाता है। मन के नियंत्रण से ही योग मार्ग में आगे बढ़ा जा सकता है, इससे हमारी मानसिक बुराइयां दूर होती हैं। इसी संदेश के साथ विश्व योग दिवस पर केंद्रीय विद्यालय चिरमिरी के 700 छात्र-छात्राओं ने प्राचार्य व्हीके त्रिपाठी, योग अध्यापक चंपा यादव, पीईटी टीचर अब्दुला खान के निर्देशन में योगासन किया। योग अध्यापक ने प्रार्थना और ओम का तीन बार जाप करा ताड़ासन, वृक्षासन, हस्तासन, अर्ध चक्रासन, त्रिकोण आसन, रिलेक्स आसन, वृजा आसन, अर्द्ध अस्ट्रासन, मकरासन, भुजंग आसन, सेतू बंद आसन, सहित प्राणायाम में कपाल भाती, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, ध्यान मुद्रा, शांति जाप कराते हुए जीवन में योगासन, प्राणायाम का महत्व बताया। साथ ही रोज योग करने संकल्प दिलाया। प्राचार्य व्हीके त्रिपाठी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ऋषि मुनियों द्वारा दी गई योग विद्या को पूरे विश्व में पहचान ही नहीं दिलाई, बल्कि उनके प्रयास से 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में 200 देशों ने इस योग विद्या को अपनाया। पटना| गर्ल्स हायर सेकेंड्री स्कूल में सार्वजनिक योग शिविर में छात्राओं के साथ स्टाफ, नगरवासी, पंचायत प्रतिनिधि, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, प्रेरक, मितानिन व विभिन्न विभाग के कर्मचारी शामिल हुए। ननकू राम गुप्ता ने नियमित योग करने से होने वाले लाभ बताए। साथ ही विभिन्न योग आसन से दूर होने वाले शरीर के विकार की भी जानकारी दी। डीएव्ही पब्लिक स्कूल में प्राचार्या पी मिश्रा, मुकेश शास्त्री, सत्य प्रकाश सिंह, यशोदा नंदन ने योग कराया। मा. शाला ड़कईपारा में सामूहिक योग शिविर में भी सैकड़ों लोग शामिल हुए। योग आसन से शरीर के विकार
दूर करने की दी गई जानकारी रोज सुबह योग कर स्वस्थ रहने के तरीके भी बताए राज्यस्तरीय योग प्रतियोगिता के विजेता सम्मानित हुए राजनगर| पतांजलि योग समिति द्वारा खेल ग्राम परिसर में योग शिविर लगा। एस दास महापात्रा, एएन पाण्डेय व शिवंेद्र ठाकुर ने योग अभ्यास कराया। साथ ही योग के लाभ भी बताए। योगाभ्यास के बाद राज्य स्तरीय योग स्पर्धा में श्रेष्ठ प्रदर्शन पर मयंक कुमार, शिवमूरत को पतांजली योग समिति द्वारा सम्मानित किया गया। शाउमा विद्यालय मे भी योगा प्राणायाम किया गया।हाईस्कूल
मैदान में सैकड़ों लोगों ने किया योग रोज योग करने से मानसिक बुराइयां भी दूर
होती है, साथ ही इसके माध्यम से निरोग भी रहा जा सकता है शारीरिक स्वास्थ्य के लिए योग का क्या महत्व है?शरीर, मन और आत्मा को नियंत्रित करने में योग मदद करता है। शरीर और मन को शांत करने के लिए यह शारीरिक और मानसिक अनुशासन का एक संतुलन बनाता है। यह तनाव और चिंता का प्रबंधन करने में भी सहायता करता है और आपको आराम से रहने में मदद करता है। योग आसन शक्ति, शरीर में लचीलेपन और आत्मविश्वास विकसित करने के लिए जाना जाता है।
योग के शारीरिक और मानसिक लाभ क्या है?योग ध्यान और श्वास को जोड़ता है, जो दोनों के मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। योग अभ्यास शारीरिक जागरूकता में सुधार करता है, पुराने तनाव को कम करता है, मन को शांत करता है, ध्यान केंद्रित करता है और एकाग्रता में सुधार करता है।
शारीरिक शिक्षा में योग का क्या महत्व है?योग , जो एक शांत शरीर और मन को प्राप्त करने के लिए शारीरिक और मानसिक विषयों को जोड़ता है , तनाव प्रबंधन और विश्राम में सहायता करता है। यह लचीलेपन , मांसपेशियों की ताकत और समग्र शरीर की टोन के विकास में भी सहायता करता है। यह आपकी ऊर्जा , जीवन शक्ति और श्वसन को बढ़ाता है।
मानसिक स्वास्थ्य पर योग का क्या प्रभाव पड़ता है?योग हमारे मस्तिष्क को तनावमुक्त और शांतचित्त रखने में मदद करता है। योग से हाई ब्लड प्रेशर को सामान्य रखने में मदद मिलती है, तनाव कम होता है और मोटापा नियंत्रित होता है। इसके साथ ही व्यक्ति का रक्तसंचार सुचारु रूप से संचालित होता है, जिसका प्रभाव तन ही नहीं बल्कि मन पर भी पड़ता है।
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