शिव शंभू की दो गाय की कहानी के माध्यम से लेख क्या कहना चाहता है? - shiv shambhoo kee do gaay kee kahaanee ke maadhyam se lekh kya kahana chaahata hai?

विद्यार्थियों


आज हम आरोह पुस्तिका का अध्याय 4 गद्य भाग- विदाई संभाषण
(बालमुकुंद गुप्त) करेंगे |

प्रश्न - लार्ड कर्जन को इस्तीफा क्यों देना पड़ गया?

उत्तर -

लॉर्ड कर्जन भारत में अंग्रेजी साम्राज्य के वायसराय बन कर आया | उसमें भारत में अंग्रेजी

साम्राज्य की जड़े मजबूत करने और उनका वर्चस्व स्थापित करने का हर संभव प्रयास किया |

भारत के लोगों पर भी उसने अनेक दमनकारी नीतियां बनाकर अधिकार जमा लिया था | लार्ड

कर्जन के इस्तीफे के दो कारण थे |

1. बंग भंग की योजना को मनमाने ढंग से लागू करने के कारण सारे भारतवासी उसके विरुद्ध

उठ खड़े हुए | इस से कर्जन की जड़े हिल गई | वह इंग्लैंड वापस जाने के बहाने ढूंढने लगा |

2. कर्जन ने फौजी अफसर को अपनी इच्छा से  नियुक्त करना चाहा | दबाव बनाने के लिए

उसने इस्तीफा देने की बात कही  उसने सोचा नहीं था कि उनके रुतबे को देखते हुए अंग्रेजी

सरकार उनकी बात मान लेगी | लेकिन ऐसा नहीं हुआ इसके विपरीत अंग्रेजी सरकार ने उनका

इस्तीफा ही मंजूर कर दिया और इंग्लैंड वापिस जाना पड़ा |

प्रश्न - शिव शंभू की दो गायों के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है?

उत्तर -

शिव शंभू की दो गायों  के माध्यम से लेखक यह कहना चाहता है कि भारत के पशु हो या

मनुष्य अपने संगी-साथियों के साथ गहरा लगाव रखते हैं | चाहे वह आपस में लड़ते झगड़ते

भी हो तो भी उनका परस्पर प्रेम अटूट होता है | एक दूसरे से विदा होते समय वह दुख का

अनुभव करते हैं | लेखक यह बताना चाहता कि भारत देश में भावनाएं प्रदान है | इसी प्रकार

लॉर्ड कर्जन ने भारत में रहते हुए भारत वासियों को बहुत दुख पहुंचाया है | भारत वासियों को

पतन की ओर धकेला है | फिर भी भारतवासियों को उसकी विदाई पर गहरा दुख अनुभव हो रहा है |

प्रश्न - नादिरशाह से भी बढ़कर जिद्दी है लॉर्ड कर्जन के संदर्भ में क्या आपको यह बात सही

लगती है पक्ष और विपक्ष में तर्क दीजिए ?

उत्तर -  

जी हां, कर्जन के संदर्भ में ही हमें यह बात सही लगती है | क्योंकि नादिरशाह एक बड़ा ही क्रूर

राजा था | उसने दिल्ली में कत्लेआम करवाया था | परंतु आसिफजहा ने तलवार गले में डाल

कर उसके आगे समर्पण कर के कत्लेआम रोकने की प्रार्थना की तो तुरंत नादिरशाह ने कत्लेआम

रोक दिया गया | परंतु जब लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया 8 करोड़ भारत वासियों

की ओर से विनती बार-बार हो रही थी | परंतु उसने अपनी जिद नहीं छोड़ी इस संदर्भ में कर्जन

की जिद्द नादिरशाह से भी बड़ी है लॉर्ड कर्जन नादिरशाह से भीअधिक क्रूर था | उसने जनहित

की अपेक्षा की है |

प्रश्न - 8 करोड़ प्रजा के गिड़गिड़ाकर विच्छेद ना करने की प्रार्थना पर आपने जरा भी ध्यान

नहीं दिया यह किस ऐतिहासिक घटना की ओर संकेत किया गया है?

उत्तर -

लेखक बाबू बालमुकुंद जी यहां बंगाल के विभाजन की ऐतिहासिक घटना की ओर संकेत करते

हैं | लार्ड कर्जन दो बार भारत का वायसराय बनकर आया |उसने भारत पर अंग्रेजी का प्रभुत्व

स्थाई करने के लिए अनेक काम किए | भारत में राष्ट्रवादी भावनाओं को कुचलने के लिए

उन्होंने बंगाल का विभाजन की योजना बनाई | देश की जनता कर्जन की ओर इस चाल को

समझ गई | उन्होंने इस योजना का विरोध भी किया | परंतु भारतीय लोग पूरी तरह असहाय

और लाचार थे | भारत के लोग बंगाल का विभाजन नहीं चाहते थे | किंतु उसने अपनी मनमानी

करते हुए बंगाल को दो टुकड़ों में बांट दिया | पूर्वी बंगाल और पश्चिमी बंगाल लेकिन भारत

से जाते-जाते उन्होंने बंगाल का विभाजन कर दिया | यद्यपि उनका भारत में वायसराय बनने का

कार्यकाल भी समाप्त हो चुका था |

प्रश्न -  क्या  शान आप की देश में थी अब क्या हो गई कितने ऊंचे   होकर आप कितने

नीचे गिरे पाठ के आधार पर आशय स्पष्ट कीजिए  ?

उत्तर -

लॉर्ड कर्जन को संबोधित करते हुए लेखक कहते हैं कि कुछ समय पहले तक भारत और

ब्रिटिश साम्राज्य में आपकी जड़े बहुत मजबूत थी | लेकिन अब आप ने अपना मान सम्मान

खो दिया | भारत में आपका बड़ा रुतबा था | दिल्ली दरबार में उनका वैभव चरम सीमा पर था |

पति-पत्नी की कुर्सी सोने की थी | उनका हाथी सबसे ऊंचा और सबसे आगे रहता था | सम्राट

के भाई का स्थान भी उनसे कम था | उनके  इशारे पर प्रशासक ,राजा, धनीआदमी नाचते थे |

उनके संकेत पर बड़े-बड़े राजाओं को मिट्टी में मिला दिया गया और बहुत से निकम्मों को बड़े

पदों पर रखा गया | परंतु बाद में यह स्थिति थी कि एक फौजी अफसर को भी आपके कहने

के अनुसार ब्रिटिश सरकार ने नहीं रखा | इससे भारत और ब्रिटिश साम्राज्य दोनों जगह पर

आप का अपमान हुआ | आप बहुत ऊंचे उठकर भी बहुत नीचे गिर गए |

शुभकामनाएं सहित !

नीलम

शिव शंभू की दो गाय की कहानी के माध्यम से लेकर क्या कहना चाहता है?

शिवशंभु की दो गायों की कहानी के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है? उत्तर: लेखक ने शिवशंभु की दो गायों की कहानी के माध्यम से बताया है कि भारत में मनुष्य तो मनुष्य, पशुओं में भी अपने साथ रहने वालों के प्रति लगाव होता है। वे स्वयं को दुख पहुँचाने वाले व्यक्ति के बिछुड़ने पर भी दुखी होते हैं।

शिव शंभू की दो भाइयों की कहानी के माध्यम से लेखक क्या करना चाहता है?

प्रतिपाद्य शिवशम्भू के चिट्ठे बनाम लार्ड कर्ज़न बालमुकुन्द गुप्त का प्रसिद्ध निबन्ध है ।

शिव शंभू की दो लड़कियों की कहानी के माध्यम से लेख क्या कहना चाहता है?

शिवशंभु की दो गायों की कहानी के माध्यम से लेखक यह कहना चाहता है कि भारत के लोग अत्यंत दयालु एवं भावुक हैं। वे स्वयं को दुख पहुँचाने वाले व्यक्ति के बिछुड़ने पर भी खुश होने के स्थान पर दुखी होते हैं। यहाँ तक कि इस देश के पशुओं में भी यही भावना पाई जाती है

शिव शंभू के चिट्ठे के लेखक कौन हैं?

शिव शंभू के चिट्ठे एक निबन्ध संग्रह है। इसकी रचना बाबू बालमुकुंद गुप्त ने की थी।