टाटा कंपनी कौन कौन सी कार बनाती है? - taata kampanee kaun kaun see kaar banaatee hai?

Tata Motors ने अपनी सीएनजी कारें बुधवार को लॉन्च कर दी. कंपनी ने अपने Tiago और Tigor मॉडल को iCNG टेक्नोलॉजी के साथ पेश किया है. इसी के साथ अब सीएनजी सेगमेंट में मारुति और हुंडई की कारों को Tata CNG Cars कड़ी चुनौती पेश करेंगी.

सबसे ज्यादा पॉवर वाली सीएनजी कारें
Tata Motors का दावा है कि उसकी सीएनजी कारें सेगमेंट में सबसे ज्यादा पॉवर जेनरेट करने वाली कार हैं, क्योंकि अधिकतर सीएनजी कारें कम पॉवर के पेट्रोल इंजन पर बेस्ड हैं. लेकिन कंपनी ने अपनी iCNG टेक्नोलॉजी को 1.2 लीटर रेवोट्रॉन 3-सिलिंडर इंजन पर डेवलप किया है. ये 73.4 PS की मैक्स पॉवर और 95Nm का पीक टॉर्क जेनरेट करता है. दोनों ही गाड़ियां 5-स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन के साथ आती हैं.

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ऐसी दिखती है Tigor iCNG

ग्राउंड क्लियरेंस भी शानदार
कंपनी का कहना है कि भले उसने बूट स्पेस में सीएनजी किट को फिट किया है. लेकिन उसकी दोनों कार की ग्राउंड क्लियरेंस शानदार है. Tiago iCNG में ये 168mm और Tigor iCNG की 165mm है. ये गाड़ी पर बेहतर कंट्रोल देती है. वहीं पश्चिमी घाट जैसे पहाड़ी और टेढ़े-मेढ़े रास्तों पर भी अच्छा परफॉर्मेंस देती है.

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ऐसी दिखती है Tiago iCNG

पकड़ लेती है गैस लीक
टाटा मोटर्स ने अपनी सीएनजी कारों में एक्स्ट्रा सेफ्टी फीचर दिया है. अगर किसी भी सूरत में गाड़ी में सीएनजी का लीकेज होता है, तो इसमें लगी लीक डिटेक्शन टेक्नोलॉजी गाड़ी को खुद-ब-खुद सीएनजी से पेट्रोल मोड पर शिफ्ट कर देती है. ये टेक्नोलॉजी ड्राइवर को गैस लीक के बारे में अलर्ट भी करती है. गाड़ी को तत्काल बंद करने के अलग से एक माइक्रो स्विच दिया गया है.

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Tigor iCNG का डैशबोर्ड

आसान है पेट्रोल-सीएनजी पर स्विच
इसके अलावा फ्यूल लिड खुला रहने की स्थिति में ये गाड़ी स्टार्ट नहीं होती है. इतना ही नहीं इसमें स्पेशल नोजल दिया है, जिससे गाड़ी में ईंधन भरवाना आसान और तेज होता है. इतना ही नहीं कंपनी की iCNG टेक्नोलॉजी सीएनजी और पेट्रोल के बीच स्विचिंग को आसान बनाती है. इतना ही नहीं ये सीएनजी कम होने पर खुदबखुद पेट्रोल पर शिफ्ट हो जाती है, इससे ड्राइवर को लंबी दूरी की यात्रा करने में मदद मिलती है. इसकी एक और खास बात ये है कि ये गाड़ियां सीधे सीएनजी पर स्टार्ट हो जाती हैं.

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Tiago iCNG का इंटीरियर

थर्मल इंसीडेंट होने सीएनजी सप्लाई बंद
इतना ही नहीं अगर कार में थर्मल इंसीडेंट की कोई घटना होती है तो सिलेंडर फटने से बचने के लिए ये सीएनजी सप्लाई को बंद कर देती है. वहीं ट्यूब में बची गैस हवा में रिलीज हो जाती है. कार में 35 लीटर का पेट्रोल टैंक और 60 लीटर पानी की कैपिसिटी वाला सीएनजी सिलेंडर दिया गया है. 

प्रीमियम फीचर्स से लैस
मार्केट में सीएनजी कारों को इकोनॉमी कारों के तौर पर देखा जाता है. इसलिए इनमें कई सारे फीचर्स की कमी होती है या ये बेस मॉडल में ही मिलते हैं. Tata ने इस सेगमेंट में अपनी गाड़ियों में कई प्रीमियम फीचर्स दिए हैं. इनमें एलईडी डीआरएल लाइट्स, प्रोजेक्टर हेडलैंप्स, क्रोम फिनिश, हरमन टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम शामिल हैं. इसके अलावा डुअल एयरबैग, पाकिंग सेंसर्स जैसे सेफ्टी फीचर्स भी शामिल हैं.

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Tiago iCNG का डैशबोर्ड

मिलेगी इन रंगों में
Tata ने अपनी सीएनजी कारों को कई रंगों में पेश किया है. इसमें Tiago iCNG 5 रंगों में मिलेगी. ये रंग Midnight Plum, Arizona Blue, Opal White, Flame Red और  Daytona Grey हैं. जबकि Tigor iCNG भी 5 रंग में आएगी जो Magnetic Red, Arizona Blue, Opal White, Daytona Grey और Deep Red हैं.

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Tigor iCNG का इंटीरियर

इतनी है कीमत
कंपनी ने Tiago iCNG को 4 ट्रिम में उतारा है. इसकी कीमत 6.09 लाख रुपये से शुरू होकर 7.52 लाख रुपये तक जाती है. इसमें XE की कीमत 6,09,900 रुपये, XM की कीमत 6,39,900 रुपये, XT की कीमत 6,69,900 रुपये और XZ+ की कीमत 7,52,900 रुपये है. वहीं Tigor iCNG को दो ट्रिम्स XZ और XZ+ में पेश किया गया है. इसकी कीमत 7.69 लाख रुपये और 8.29 लाख रुपये है.

अभी इंडियन मार्केट में फैक्टरी फिटेड सीएनजी कार में Maruti Suzuki और Hyundai Motors का दबदबा है. अब टाटा की सीएनजी कारें इनको कड़ी चुनौती देंगी. मारुति S-Presso, Celerio, WagonR, Eeco, Alto और Ertiga में फैक्टरी फिट सीएनजी किट देती है. जबकि हुंडई की Hyundai Grand i10 और Hyundai Aura ऑप्शन के साथ आती है.

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Tata ये नाम घर की रसोई से लेकर आसमान में सफर तक, हर जगह दिख जाएगा. नमक-मसाले हों या फिर पानी-चाय-कॉफी, घड़ी-ज्वैलरी या लग्जरी कार, बस, ट्रक और हवाई जहाज का सफर टाटा ग्रुप (Tata Group) का कारोबार हर क्षेत्र में फैला है. देश में इस 157 साल पुराने ग्रुप की 17 कंपनियां शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्टेड हैं. 

ट्रेडिंग फर्म से हुई थी कारोबार की शुरुआत
आजादी से बहुत पहले साल 1868 में एक ट्रेडिंग फर्म से शुरू हुआ टाटा समूह देश के कुल जीडीपी में भी करीब दो फीसदी का भागीदार है. वित्त वर्ष 22 में टाटा समूह का कुल मार्केट कैप (Tata Group Market Cap) करीब 240 अरब डॉलर या करीब 21 ट्रिलियन रुपये है. रेवेन्यू की बात करें तो FY 2022 में यह करीब 128 अरब डॉलर है. जमशेतजी टाटा (Jamsetji Tata) के द्वारा खड़े किए गए इस विशाल कारोबारी सम्राज्य में करीब 9,35,000 कर्मचारी काम कर रहे हैं. 

लंबे समय तक रतन टाटा के हाथ कमान
1991 में टाटा ग्रुप की कमान संभालने के बाद लंबे समय तक अपनी काबिलियत की दम पर रतन टाटा (Ratan Tata) ने कारोबार में उल्लेखनीय वृद्धि की. रतन टाटा ने टाटा संस का चेयरमैन रहते हुए हर कंपनी को मुनाफे की कंपनी बनाने का काम किया. हालांकि, टाटा संस के अध्यक्ष पद से उन्होंने 2012 में ही इस्तीफा दे दिया था और अपने साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) के हाथों में कमान आ गई थी, लेकिन विभिन्न मुद्दों के चलते बोर्ड ने मिस्त्री को 2016 में पद से हटाने का मन बना लिया और उनके हटने के बाद रतन टाटा ने फिर से ग्रुप की जिम्मेदारी अपने हाथों में ले ली. 

टाटा संस ग्रुप का मुख्य प्रमोटर
जनवरी 2017 में रतन टाटा ने रिटायरमेंट ले लिया और जब नटराजन चंद्रशेखरन (N Chandrashekaran) को टाटा समूह का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. बात करें टाटा ग्रुप और इसकी कंपनियों की देख-रेख के बारे में तो, टाटा संस इस समूह का मुख्य प्रमोटर और प्रिंसिपल इन्वेस्टर है. टाटा सन्स में 66 फीसदी हिस्सेदारी टाटा ट्रस्ट की है, जो एजुकेशन, हेल्थ, आर्ट, कल्चर जैसे क्षेत्रों में काम कर रहा है. रतन टाटा के इस्तीफा देने के बाद से ही चेयरमैन के रूप में एन चंद्रशेखरन ही ग्रुप की कंपनियों का संचालन देख रहे हैं. 

ऐसे संभाली जाती हैं ग्रुप की कंपनियां 
टाटा ग्रुप की कंपनियों के काम-काज को संभालने की बात करें तो समूह की कंपनी या उद्यम अपने स्वयं के निदेशक मंडल के मार्गदर्शन और पर्यवेक्षण के तहत स्वतंत्र रूप से संचालित होता है. भले ही उम्र के इस पड़ाव पर आने के उन्होंने कारोबार में सक्रिय रूप से भागीदारी से किनारा कर लिया है. लेकिन टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन पद की जिम्मेदारी अभी भी रतन टाटा के पास है.

वहीं ट्रस्ट में विजय सिंह और मेहली मिस्त्री समेत अन्य ट्रस्टी शामिल हैं. टाटा ग्रुप में हाल ही में नई पीढ़ी की भी एंट्री हुई है. बीते दिनों टाटा ग्रुप की सब्सिडियरी टाटा मेडिकल सेंटर ट्रस्ट (Tata Medical Centre Trust) के बोर्ड ने रतन टाटा के भाई नोएल टाटा के तीनों बच्चों को शामिल किया गया है. इनमें लिया (Leah Tata), माया (Maya Tata) और नेविल (Neville Tata) के नाम शामिल हैं. 

पहला लग्जरी होटल-पहली एयरलाइंस दी
लिस्टेड कंपनियों के अलावा टाटा ग्रुप करीब 10 सेक्टर की 60 अनलिस्टेड कंपनियों समेत 100 सब्सिडियरी फर्मों को संचालित या उनसे जुड़कर काम कर रहा है. टाटा का साम्राज्य कितना बड़ा है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि टाटा समूह 6 महाद्वीपों के करीब 100 से अधिक देशों में सक्रिय है. देश को पहला लग्जरी होटल, पहली एयरलाइंस या फिर पहली देसी कंज्यूमर गुड्स कंपनी टाटा ग्रुप की दी हुई है. 

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टाटा ग्रुप का है ताज पैलेस होटल

ग्रुप की ये कंपनियां बाजार में लिस्टेड
Tata Group की जो 17 कंपनियां शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्टेड हैं, उनमें से सबसे बड़ी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) है, जो मार्केट वैल्यू के हिसाब से रिलायंस के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है. इसके बाद टाटा स्टील (Tata Steel), टाटा मोटर्स (Tata Motors), टाइटन कंपनी लिमिटेड (Titan Limited), टाटा केमिकल, टाटा पावर (Tata Power), दि इंडियन होटल्स कंपनी, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, टाटा कम्युनिकेशन, वोल्टास, ट्रेंट लिमिटेड, टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स, टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन, टाटा मेटालाइक्स, टाटा एलक्सी लिमिटेड, नेल्को लिमिटेड और टाटा कॉफी लिमिटेड का नाम आता है. 

Tata की प्रमुख कंपनियों के काम और उत्पाद

कंज्यूमर एंड रिटेल 
टाटा ग्रुप की कंपनियां कंज्यूमर ड्यूरेबल्स से चाय-पानी तक बेचती हैं. इस सेक्टर में टाटा केमिकल्स, टाटा कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स, वोल्टास, टाइटन, इन्फिनिटी रिटेल का क्रोमा ब्रांड, ट्रेंट लिमिटेड सक्रिय हैं. टाटा टी, टाटा नमक, टाटा संपन्न ब्रांड मासले, टाइटन घड़ी, तनिष्क ज्वैलरी, स्टारबक्स कॉफी समेत तमाम चीजें इसके तहत आती हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो आप रेगिस्तान में हो या फिर आसमान में सफर कर रहे हों, टाटा की कोई न कोई चीज आपके काम आ ही जाएगी. 

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नमक से लेकर चाय-पानी तक बेचती है टाटा

​आईटी सेक्टर में दिग्गज
आईटी सेक्टर में देश की सबसे बड़ी कंपनी है टाटा समूह ग्रुप की टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS). टाटा ग्रुप में जो लाखों लोग काम कर रहे हैं, उनमें से सबसे बड़ा हिस्सा इसी कंपनी का है और इसका ऑपरेशन पूरी दुनिया में है. इसके अलावा टाटा Elxsi डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी सर्विसेज में दुनिया की दिग्गज सर्विस प्रोवाइडर्स है.

ऑटोमोटिव सेक्टर 
टाटा मोटर्स (Tata Motors) का नाम दुनिया भर में मशहूर है. कभी रतन टाटा ने इस कंपनी के मोटर डिवीजन को बेचने का मन बनाया था, लेकिन फोर्ड मोटर्स से मिले अपमान के बाद उन्होंने अपना फैसला बदला और टाटा मोटर्स को इस मुकाम पर पहुंचा दिया कि इसके आगे अन्य ऑटोमोटिव कंपनियां छोटी नजर आने लगीं. सस्ती नैनो कार से लेकर जैगुआर और लैंड रोवर तक टाटा ग्रुप की इस कंपनी के तहत आते हैं. हाल ही में टाटा मोटर्स ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स सेगमेंट में भी जोरदार एंट्री मारी है. भारत में टाटा की कारों की बात करें तो टाटा नेक्सॉन, टाटा नेक्सॉन ईवी, टियागो ईवी, टाटा सफारी, अल्ट्रोज शामिल हैं.

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नैनो से लेकर जैगुआर-लैंड रोवर तक टाटा के ब्रांड

​स्टील और इंफ्रास्ट्रक्चर
स्टील सेक्टर में टाटा स्टील का दबदबा है. भारत में टाटा स्टील- ऑटोमोटिव स्टील, एग्रीकल्चरल स्टील, कंस्ट्रक्शन स्टील, हैंड टूल्स, स्टील पाइप्स, रॉ मैटेरियल्स, फेरो अलॉयज, बियरिंग्स, प्रिसीजन ट्यूब्स बनाती है. जबकि, इंफ्रास्ट्रक्चर, एनर्जी और रियल्टी सेक्टर में टाटा एक बड़ा नाम है. इन सेक्टर्स में टाटा पावर, टाटा प्रोजेक्ट्स, टाटा हाउसिंग, टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स, टाटा रियल्टी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर काम कर रही हैं. 

​टूरिज्म एंड ट्रैवल
टाटा समूह साल 1903 में ताज महल होटल की स्थापना से ही ट्रैवल, हॉस्पिटैलिटी और टूरिज्म इंडस्ट्री में है. टाटा ग्रुप इस सेक्टर में इंडियन होटल्स कंपनी के जरिए परिचालन कर रहा है. इसके अलवा एयर इंडिया (Air India) भी फिर से टाटा ग्रुप की झोली में आ चुकी है, इस एयरलाइन कंपनी को टाटा एयरलाइंस के नाम से शुरू किया गया था. 1956 में एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण हो गया था और ये सरकार के पास चली गई थी. 

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एअर इंडिया से हवाई सफर कराती है टाटा

​इन सेक्टर्स में भी टाटा की धमक
टाटा ग्रुप, टेलीकाॉम और मीडिया के क्षेत्र में भी अच्छा खासा दखल रखता है. टाटा कम्युनिकेशंस, टाटा स्काई और टाटा टेलिसर्विसेज के जरिए परिचालन किया जाता है. ​ट्रेडिंग एंड इन्वेस्टमेंट्स की बात करें तो इस सेगमेंट में टाटा इंटरनेशनल, टाटा इंडस्ट्रीज और एनबीएफसी टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन सक्रिय हैं. इंश्योरेंस सेक्टर में टाटा एआईए और एआईजी के साथ जॉइंट वेंचर में है, जिनके नाम टाटा एआईए लाइफ और टाटा एआईजी हैं. इसके अलावा टाटा ग्रुप शिक्षा के क्षेत्र में भी अहम भूमिका निभा रहा है. 

टाटा में कौन कौन सी गाड़ी आती है?

टाटा गाड़ियों की तुलना.
टाटा नेक्सन ₹ 7.69 लाख महिंद्रा xuv300. ... .
टाटा पंच ₹ 6.00 लाख सिट्रोएन सी3. ... .
टाटा अल्ट्रोज ₹ 6.34 लाख हुंडई i20. ... .
टाटा हैरियर ₹ 14.79 लाख टाटा सफारी ... .
टाटा सफारी ₹ 15.45 लाख महिंद्रा xuv700. ... .
टाटा टिगोर ₹ 6.09 लाख हुंडई ऑरा ... .
टाटा टियागो ईवी ₹ 8.49 लाख टाटा टिगोर ईवी ... .
टाटा टिगोर ईवी ₹ 12.49 लाख.

टाटा कंपनी की सबसे अच्छी कार कौन सी है?

टाटा मोटर्स की Tiago चौथे और Tigor पांचवें नंबर पर कंपनी की सबसे ज्यादा बिकने वाली कारों की लिस्ट में शामिल हैं. जून 2022 में Tiago की 5,310 यूनिट्स और Tigor की 4,931 इकाइयां बेची गई हैं. टाटा टियागो की बिक्री में सालाना 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि टिगोर की सेल्स में 358 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है.