टूटा पहिया कविता का रचयिता कौन है? - toota pahiya kavita ka rachayita kaun hai?

‘रथ का टूटा पहिया’ ( Rath Ka Tuta Pahiya ) डॉ धर्मवीर भारती की एक महत्वपूर्ण कविता है | यह कविता उनके कविता संग्रह ‘सात गीत वर्ष’ में संकलित है | इस कविता में कवि ने महाभारत के ‘चक्रव्यूह भेदन’ प्रसंग को आधार बनाकर एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है |

इस कविता में ‘टूटा पहिया’ समाज के उपेक्षित तथा हीन समझे जाने वाले वर्ग का प्रतीक है | टूटा पहिया व्यर्थ समझे जाने वाली वस्तुओं का प्रतीक भी हो सकता है | इसे पारंपरिक मूल्यों का प्रतीक भी माना जा सकता है जिन्हें अति आधुनिकता के कारण हम निरर्थक और सार-हीन समझने लगते हैं |

महाभारत के युद्ध में जब अभिमन्यु अपने सभी अस्त्र-शस्त्र खो बैठता है तो ऐसी स्थिति में वह रथ के टूटे पहिए से आत्म-रक्षा करने का प्रयास करता है | इस प्रकार पूर्ण रूप से बेकार मानी जाने वाली वस्तु भी महत्वपूर्ण होती है | समाज में उपेक्षित समझे जाने वाली वस्तु एवं व्यक्ति भी मानव जीवन के उत्थान में सहायक सिद्ध हो सकते हैं | यही बात परंपरागत मूल्यों एवं परंपराओं के संदर्भ में भी कही जा सकती है | जब आधुनिक परिवेश में निराशा, कुंठा व संघर्ष व्याप्त होने लगे तब ऐसी अवस्था में परंपरागत मूल्य जीवनदायी सिद्ध हो सकते हैं |

‘रथ का टूटा पहिया’ कविता का मूल भाव यही है कि प्रत्येक वस्तु का महत्व समझा जाना चाहिए | किसी भी वस्तु को निरर्थक और किसी भी व्यक्ति को उपेक्षित नहीं समझना चाहिए | उसका भी उतना ही महत्व है जितना किसी उपयोगी वस्तु का या श्रेष्ठ व्यक्ति का |

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टूटा पहिया कविता के कवि धर्मवीर भारती हैं

tuta pahiya kavita ke kavi dharmveer bharati hain

टूटा पहिया कविता के कवि धर्मवीर भारती हैं

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टूटा पहिया कविता का रचयिता कौन है? - toota pahiya kavita ka rachayita kaun hai?
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टूटा पहिया कविता का रचयिता कौन है? - toota pahiya kavita ka rachayita kaun hai?

टूटा पहिया कविता का रचयिता कौन है? - toota pahiya kavita ka rachayita kaun hai?

टूटा पहिया कविता का रचयिता कौन है? - toota pahiya kavita ka rachayita kaun hai?

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इसमें ‘मैं’ सर्वनाम का प्रयोग है। टूटा पहिया कहता है कि मैं टूटा हुआ हूँ। लेकिन मुझे मत फेंको। कौन जाने कि इस दुरूह चक्रव्यूह में अभिमन्यु जैसे कोई साहसी वी घिर जाए और बड़ेबड़े महारथी उस साहसी वीर की निहत्थी आवाज़ को कुचल देना चाहे।

जब सारा संसार उस साहसी मनुष्य की अकेली आवाज़ को दबाना चाहेगा, तब मैं रथ का टूटा हुआ पहिया उसके हाथों में लगकर शत्रुओं के ब्रह्मास्त्रों से लोहा ले सकता हूँ। मुझे टूटा हुआ मानकर फेंको मत। क्योंकि इतिहास की सामूहिक गति जब झूठी पड़ जाएगी तो शायद टूटा पहिया ही अकेले का आश्रय बनेगा।

‘टूटा पहिया’ एक प्रतीकात्मक रचना है। इस प्रतीक को कवि ने महाभारत के कथानक से लिया है। अभिमन्यु ने चक्रव्यूह में अकेले ही प्रवेश किया। कौरवसेना के महारथियों ने उसे घेर कर उसके सब शस्त्रास्त्र नष्ट कर डाले। उसने रथ के टूटे पहिए को अस्त्र बनाकर शत्रुओं का सामना किया। कवि ने इसी घटना के आधार पर यह प्रतीकर ग्रहण किया है।

समाज जब न्याय और सत्य के रास्ते से हटकर असत्य के मार्ग पर बढ़ना चाहेगा, तब उसका विरोध करनेवाला व्यक्ति अभिमन्यु के समान अपने को चक्रव्यूह में घिरा पाएगा। उस समय उसके लिए लघु और निस्सार समझे जानेवाला कोई आदमी सहायक बनेगा। टूटा पहिया जैसा लघु मानव की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए, यही इस कविता का संदेश है।

टूटा पहिया Orakkum Questions and Answers

गतिविधि – 1

Tuta Pahiya In Hindi Tippani Kerala Syllabus 10th Standard प्रश्ना 1.
सूचनाः संबंध पहचानें और मिलान करें।

टूटा पहिया समस्याएँचक्रव्यूहअधर्म का विरोधीअभिमन्युमहाशक्तिब्रह्मास्त्रलघुमानव

उत्तर:

टूटा पहिया लघुमानवचक्रव्यूहसमस्याएँअभिमन्युअधर्म का विरोधीब्रह्मास्त्रमहाशक्ति

टूटा पहिया कविता का सारांश Kerala Syllabus 10th Standard प्रश्ना 2.
यहाँ मैं का प्रयोग किस केलिए किया गया है?
उत्तर:
उपेक्षित मानव या लघुमानव

Toota Pahiya Tippani Kerala Syllabus 10th Standard प्रश्ना 3.
अभिमन्यु किसका प्रतीक है?
उत्तर:
अधर्म का विरोधी।

टूटा पहिया कविता का आशय Kerala Syllabus 10th Standard प्रश्ना 4.
अभिमन्यु को क्यों दुस्साहसी कहा गया है?
उत्तर:
अभिमन्यु समस्या को अच्छी तरह न समझकर साहसी बन जाता है।

Toota Pahiya Summary In Hindi Kerala Syllabus 10th Standard प्रश्ना 5.
लघुमानव का दुस्साहस क्या हो सकता है?
उत्तर:
लघुमानव भविष्य के बारे में न समझकर अधर्म का विरोध करते हैं।

Tuta Pahiya Tippani Kerala Syllabus 10th Standard प्रश्ना 6.
वर्तमान प्रसंग में महारथी किसका प्रतीक हो सकता है?
उत्तर:
असत्य या अधर्म का प्रतीक है।

Toota Pahiya Tippani In Hindi Kerala Syllabus 10th Standard प्रश्ना 7.
अकेली निहत्थी आवाज़ किसकी हैं?
उत्तर:
लघुमानव के

Sslc Hindi Toota Pahiya Tippani Kerala Syllabus 10th Standard प्रश्ना 8.
कुयल देने का मतलब क्या है?
उत्तर:
असहाय को सर्वनाश करना।

Toota Pahiya Aashay Kerala Syllabus 10th Standard प्रश्ना 9.
‘लोहा लेना’ से आपने क्या समझा?
उत्तर:
लड़ाई करना।

टूटा पहिया कविता का टिप्पणी Kerala Syllabus 10th Standard प्रश्ना 10.
“अपने पक्ष को असत्य जानते हुए भी बड़े-बड़े महारधी कर्ण, द्रोण, भीष्म, आदि निशस्त्र अभिमन्यु को अपने महाशक्ति से सर्वनाश करना चाहते हैं। आज के समाज में भी इन जैसे लोगों का काम चलते हैं। हमारे समाज अधर्म की और जाए तो सत्य का पक्ष टूटे हुए पहिए का सहारा लेते हैं। टूटा पहिया उपेक्षित मानव का प्रतीक हैं। यह तो सार्थक हैं। तुच्छ सी लगनेवाली वस्तु भी सांत्वना देने में समर्थ हो सकती हैं। यहाँ कवि ने महाभारत के अभिमन्यु की कहानी को प्रतीकात्मक बनाकर वर्तमान युग की जटिलता का चित्रण किया है।

टूटा पहिया के रचयिता कौन है?

Toota Pahiya Summary in Hindi प्रश्ना 1. धर्मवीर भारती हिंदी की प्रयोगवादी काव्य धारा के नए कवियों में अग्रणी थे। 'टूटा पहिया' भारती जी की एक छोटी कविता है। यह रचना भारती जी के 'सात गीत वर्ष' से चुनी गई है। टूटा पहिया लघु और उपेक्षित मानव का प्रतीक है, जिसे बेकार समझकर फेंक दिया गया है।

रथ का टूटा पहिया कविता का मूल भाव क्या है?

समाज जब न्याय और सत्य के रास्ते से हटकर असत्य के मार्ग पर बढ़ना चाहेगा, तब उसका विरोध करनेवाला व्यक्ति अभिमन्यु के समान अपने को चक्रव्यूह में घिरा पाएगा। उस समय उसके लिए लघु और निस्सार समझे जानेवाला कोई आदमी सहायक बनेगा। टूटा पहिया जैसा लघु मानव की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए, यही इस कविता का संदेश है।

कौन ब्रह्मास्त्रों से लोहा ले सकता है?

(ख) किसी दुःसाहसी अभिमन्यु के हाथों में आकर ब्रह्मास्त्र से लोहा ले सकता है । (ग) इतिहासों को सामूहिक गति झुठी पर जाने पर सच्चाई टूटे हुए पहियों का आश्रय ले सकता है ।

मैं रथ का टूटा हुआ पहिया हूँ लेकिन मुझे फेंको मत टूटा पहिया ऐसा क्यों कहता है?

कवि अपने को टूटा पहिया मानते हुए कहते हैं कि मैं भले ही रथ का टूटा हुआ पहिया हूँ, किंतु मुझे बेकार समझकर मत फेंको। क्योंकि इस दुरूह चक्रव्यूह में अक्षौहिणी सेनाओं को चुनौती देता हुआ कोई दुस्साहसी अभिमन्यु आकर घिर जाएगा । तब मैं ही उसका सहारा बन सकता हूँ ।