इसे सुनेंरोकेंतताँरा की तलवार के बारे में लोगों का क्या मत था? उत्तर: हालाँकि वह लकड़ी की तलवार थी, पर लोगों का मानना था कि उसमे अद्भुत शक्ति थी। वे मानते थे कि तताँरा अपने कारनामे उसी तलवार की मदद से करता था। Show
तताँरा की तलवार एक रहस्य क्यों थी? इसे सुनेंरोकेंतताँरा लकड़ी की एक तलवार को हमेशा अपनी कमर में बांधे रखता था। वह तलवार का प्रयोग सबके सामने नहीं करता था। लोगों का मानना था कि उस तलवार में अद्भुत दैवीय शक्ति थी। वह सोचते थे कि तताँराअपने सभी साहसिक कारनामों को उसी तलवार के कारण ही कर पाता है। पढ़ना: अल्ट्रासाउंड में ब्रिज का मतलब क्या होता है? युवती को गीत गाने के लिए कौन कह रहा था *? इसे सुनेंरोकेंQ15- वामीरो की त्यागमयी मृत्यु से क्या परिवर्तन हुआ? Q16- तताँरा और वामीरो की कथा कहाँ सुनाई जाती है? Q17- तताँरा के पासा गांव में किसका आयोजन हुआ? Q18- अंडमान निकोबार द्वीप समूह का अंतिम दक्षिणी द्वीप कौन सा है? वामीरो क्या असम्भव जान पडा?इसे सुनेंरोकेंAnswer: (a) अद्भुत साहसी युवक। वामीरो ने तताँरा को भूल जाना ही श्रेयस्कर क्यों समझा? वहाँ की परंपरा के अनुसार दूसरे गाँव के युवक के साथ उसका विवाह नहीं हो सकता था। Answer: (d) दोनों का एक ही गाँव का न होना। तताँरा की तलवार किसकी बनी थी? इसे सुनेंरोकेंAnswer: तताँरा की तलवार लकड़ी की थी औऱ हर समय तताँरा की कमर पर बँधी रहती थी। .पासा गाँव में पशु पर्व का आयोजन क्यों किया जाता था? इसे सुनेंरोकेंAnswer: पशु-पर्व, कुश्ती, दंगल तथा मेलों का आयोजन किया जाता था। युवकों की शक्ति-परीक्षा के लिए उन्हें पशुओं से भिड़ाया जाता था। पढ़ना: कौन सी बीमारी का भारत से उन्मूलन कर दिया गया है? ततारा वामीरो कथा के आधार पर पशु पर्व का आयोजन क्यो और किस प्रकार किया गया था उस दिन वहा क्या घटना घटी?इसे सुनेंरोकेंपशु पर्व में हटे -कटे पशुओं के दिखावे के अलावा पशुओं से युवकों की शक्ति परखने की प्रतियोगितायें भी होती थी। तताँरा का मन इन में से किसी भी कार्यक्रम में नहीं लग रहा था। उसकी परेशान आँखे तो वामीरों को ढूंढने में व्यस्त थी। जब तताँरा ने वामीरो को देखा तो उसकी आँखें नमी से भरी थी और उसके होंठ डर कर काँप रहे थे। तताँरा का पहनावा क्या था? इसे सुनेंरोकेंउत्तर :- तताँरा की पोशाक पारंपरिक थी और वह अपने कमर के साथ लकड़ी एक तलवार बाँधे रहता था। लकड़ी की इस तलवार के बारे में लोग चर्चा करते थे कि उसमें अद्भुत दैवीय शक्ति थी। वह अपनी तलवार का प्रयोग दूसरों के सामने नहीं करता था तथा सदैव अपने साथ रखता था। 4 निकोबार के लोग तताँरा को क्यों पसंद करते थे? पढ़ना: 15 अगस्त कौन से दिन पड़ेगी? इसे सुनेंरोकेंवह ताकतवर होने के बावजूद बड़ा ही शाँत और सज्जन था। वह दूसरों की सहायता करने के लिए तत्पर रहता था। जहाँ कहीं भी मुसीबत आती वह दौड़ा-दौड़ा चला जाता था। उसके “इन्हीं” आत्मीय गुणों के कारण निकोबार के लोग तताँरा को पसंद करते थे। तताँरा और वामीरो की कथा कहाँ सुनाई जाती है *?इसे सुनेंरोकेंप्रश्न 1. तताँरा-वामीरो कहाँ की कथा है? तताँरा-वामीरो की कथा निकोबार द्वीप समूह के प्रमुख दूद्वीप ‘कार-निकोबार’ की है। वामीरो कहाँ की रहने वाली थी? इसे सुनेंरोकेंउत्तर: वामीरो अंदमान निकोबार दूद्वीपसमूह के एक दूसरे गाँव की रहने वाली युवती थी। वह सुंदर और मधुर गाती थी। जब वह समुद्र के किनारे गा रही थी, तो समुद्र की लहरें उसे भिगो गईं, जिससे वह हड़बड़ा गई और अपना गाना भूल गई। पशु पर्व में हटे -कटे पशुओं के दिखावे के अलावा पशुओं से युवकों की शक्ति परखने की प्रतियोगितायें भी होती थी। तताँरा का मन इन में से किसी भी कार्यक्रम में नहीं लग रहा था। उसकी परेशान आँखे तो वामीरों को ढूंढने में व्यस्त थी।जब तताँरा ने वामीरो को देखा तो उसकी आँखें नमी से भरी थी और उसके होंठ डर कर काँप रहे थे। तताँरा को देखते ही वामीरो फुट -फुटकर रोने लगी। तताँरा इस तरह वामीरो को रोता देखकर भावुक हो गया। वामीरो के रोने की आवाज सुनकर वामीरो की माँ वहाँ आ गई और दोनों को एक साथ देख कर गुस्सा हो गई। उसने तताँरा को कई तरह से अपमानित करना शुरू कर दिया। गाँव वाले भी तताँरा के विरोध में बोलने लगे। लोगो की बातों को सुनना अब तताँरा के लिए सहन कर पाना मुश्किल हो रहा था।अचानक उसका हाथ उसकी तलवार पर आकर टिक गया। गुस्से से उसने तलवार निकली। उसने अपने गुस्से को शांत करने के लिए अपनी पूरी शक्ति से तलवार को धरती में गाड़ दिया और अपनी पूरी ताकत से उसे खींचने लगा ।जो लकीर तताँरा ने खींची थी उस लकीर की सीध में धरती फटती जा रही थी।तताँरा द्वीप के एक ओर था और वामीरो दूसरी ओर। तताँरा को जैसे ही होश आया ,उसने देखा कि द्वीप के जिस ओर वह है वो टुकड़ा समुद्र में धँसने लगा है। अब वह तड़पने लगा, वह छलांग लगा कर दूसरी ओर जाना चाहता था परन्तु उसकी पकड़ ढीली पड़ गई और वह निचे की ओर फिसलने लगा।वह उस कटे हुए द्वीप के उस आखरी भू -भाग पर बेहोश पड़ा हुआ था जो संयोगवश उस द्वीप से जुड़ा हुआ था। बहता हुआ तताँरा कहा गया ,उसके बाद उसका क्या हुआ ये कोई नहीं जान सका। इधर वामीरो तताँरा से अलग होने के कारण पागल हो गई। वह हर समय बस तताँरा को ही खोजती रहती और उसी जगह आकर घंटों बैठी रहती जहाँ वो तताँरा से मिलने आया करती थी। उसने खाना -पीना छोड़ दिया था। परिवार से वह कही अलग हो गई। लोगो ने उसे ढूंढ़ने की बहुत कोशिश की परन्तु अब वामीरो का भी कोई सुराग नहीं मिला कि वह कहा गई। Students who are searching for NCERT MCQ Questions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 12 तताँरा-वामीरो कथा with Answers Pdf free download can refer to this page thoroughly. 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Answer: (d) सभी कथन सत्य हैं। Question 5. Answer: (b) लपाती Question 6. Answer: (d) दोनों का एक ही गाँव का न होना। Question 7. Answer: (a) पशु-पर्व। Question 8. Answer: (b) ढूँढ़ने में व्यस्त थी। Question 9. Answer: (a) कार-निकोबार को दो टुकड़ों में विभक्त कर दिया Question 10. Answer: (d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं Question 11. Answer: (c) अंदमान द्वीप समूह का अंतिम दक्षिणी द्वीप है Question 12. Answer: (c) निकोबारी जनजाति। Question 13. Answer: (c) 96 कि.मी.। Question 14. Answer: (a) अद्भुत दैवीय शक्ति से युक्त। Question 15. Answer: (d) समुद्र किनारे। Question 16. Answer: (b) समुद्र पर सूर्य की रंग-बिरंगी किरणों की। Question 17. Answer: (a) मधुर गीत को सुनकर। Question 18. Answer: (b) लहरों के प्रबल वेग के साथ। Question 19. Answer: (c) शृंगार गीत। Question 20. Answer: (b) समुद्र की ऊँची लहर उसे भिगो गई थी गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न (1) सदियों पूर्व, जब लिटिल अंदमान और बार-निकोबार आपस में जुड़े हुए थे तब वहाँ एक सुंदर-सा गाँव था। पास में एक सुंदर और शक्तिशाली युवक रहा करता था। उसका नाम था- तताँरा। निकोबारी उसे बेहद प्रेम करते थे। तताँरा एक नेक और मददगार व्यक्ति था। सदैव दूसरों की सहायता के लिए तत्पर रहता। अपने गाँव वालों को ही नहीं, अपितु समूचे द्वीपवासियों की सेवा करना अपना परम् कर्त्तव्य समझता था। उसके इस त्याग की वजह से वह चर्चित था। सभी उसका आदर करते। वक्त मुसीबत में उसे स्मरण करते और वह भागा-भागा वहाँ पहुँच जाता। दूसरे गाँवों में भी पर्व-त्योहारों के समय उसे विशेष रूप से आमंत्रित किया जाता। उसका व्यक्तित्व तो आकर्षक था ही, साथ ही आत्मीय स्वभाव की वजह से लोग उसके करीब रहना चाहते। पारंपरिक पोशाक के साथ वह अपनी कमर में सदैव एक लकड़ी की तलवार बाँधे रहता। लोगों का मत था, बावजूद लकड़ी की होने पर, ‘! उस तलवार में अद्भुत दैवीय शक्ति थी। तताँरा अपनी तलवार को कभी अलग न होने देता। उसका दूसरों के सामने उपयोग भी न करता। किंतु उसके चर्चित साहसिक कारनामों के कारण लोग-बाग तलवार में अद्भुत शक्ति का होना मानते थे। तताँरा की तलवार एक विलक्षण रहस्य थी। Question 1. Answer: (d) लिटिल अंदमान और कार-निकोबार दोनों की Question 2. Answer: (c) नेक और ईमानदार। Question 3. Answer: (a) अपने त्याग के कारण। Question 4. Answer: (c) लकड़ी की। Question 5. Answer: (b) विलक्षण रहस्यमयी थी। (2) एक शाम तताँरा दिनभर के अथक परिश्रम के बाद समुद्र किनारे टहलने निकल पड़ा। सूरज समुद्र से लगे क्षितिज तले डूबने को था। समुद्र से ठंडी बयारें आ रही थीं। पक्षियों की सायंकालीन चहचहाहटें शनैः शनैः क्षीण होने को थीं। उसका मन शांत था। विचारमग्न तताँरा समुद्री बालू पर बैठकर सूरज की अंतिम रंग-बिरंगी किरणों को समुद्र पर निहारने लगा। तभी कहीं पास से उसे मधुर गीत गूंजता सुनाई दिया। गीत मानो बहता हुआ उसकी तरफ़ आ रहा हो। बीच-बीच में लहरों का संगीत सुनाई देता। गायन इतना प्रभावी था कि वह अपनी सुध-बुध खोने लगा। लहरों के एक प्रबल वेग ने उसकी तंद्रा भंग की। चैतन्य होते ही वह उधर बढ़ने को विवश हो उठा जिधर से अब भी गीत के स्वर बह रहे थे। वह विकल-सा उस तरफ़ बढ़ता गया। अंततः उसकी नज़र एक युवती पर पड़ी जो ढलती हुई शाम के सौंदर्य में बेसुध, एकटक समुद्र की देह पर डूबते आकर्षक रंगों को निहारते हुए गा रही थी। यह एक शृंगार गीत था। उसे ज्ञात ही न हो सका कि अजनबी युवक उसे निःशब्द ताके जा रहा है। एकाएक एक ऊँची लहर उठी और उसे भिगो गई। वह हड़बड़ाहट में गाना भूल गई। इसके पहले कि वह सामान्य हो पाती, उसने अपने कानों में गूंजती गंभीर आकर्षक आवाज़ सुनी। Question 1. 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(3) वामीरो घर पहुँचकर भीतर ही भीतर कुछ बेचैनी महसूस करने लगी। उसके भीतर तताँरा से मुक्त होने की एक झूठी छटपटाहट थी। एक झल्लाहट से उसने दरवाजा बंद किया और मन को किसी और दिशा में ले जाने का प्रयास किया। बार-बार तताँरा का याचना भरा चेहरा उसकी आँखों में तैर जाता। उसने तताँरा के बारे में कई कहानियाँ सुन रखी थीं। उसकी कल्पना में वह एक अद्भुत साहसी युवक था। किंतु वही तताँरा उसके सम्मुख एक अलग रूप में आया। सुंदर, बलिष्ठ किंतु बेहद शांत, सभ्य और भोला। उसका व्यक्तित्व कदाचित वैसा ही था; जैसा वह अपने जीवन-साथी के बारे में सोचती रही थी। किंतु एक-दूसरे गाँव के युवक के साथ यह संबंध परंपरा के विरुद्ध था। अतएव उसने उसे भूल जाना ही श्रेयस्कर समझा। किंतु यह असंभव जान पड़ा। तताँरा बार-बार उसकी आँखों के सामने था। निर्निमेष याचक की तरह प्रतीक्षा में डूबा हुआ। Question 1. Answer:
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(4) किसी तरह आँचरहित एक ठंडा और उबाऊ दिन गुंजरने लगा। शाम की प्रतीक्षा थी। तताँरा के लिए मानो पूरे जीवन की अकेली प्रतीक्षा थी। उसके गंभीर और शांत जीवन में ऐसा पहली बार हुआ था। वह अचंभित था, साथ ही रोमांचित भी। दिन ढलने के काफी पहले वह लपाती की उस समुद्री चट्टान पर पहुँच गया। वामीरो की प्रतीक्षा में एक-एक पल पहाड़ की तरह भारी था। उसके भीतर एक आशंका भी दौड़ रही थी। अगर वामीरो न आई तो? वह कुछ निर्णय नहीं कर पा रहा था। सिर्फ प्रतीक्षारत था। बस आस की एक किरण थी जो समुद्र की देह. पर डूबती किरणों की तरह कभी, भी डूब सकती थी। वह बार-बार लपाती के रास्ते पर नज़रें दौड़ाता। सहसा नारियल के झुरमुटों में उसे एक आकृति कुछ साफ़ हुई… कुछ और… कुछ और। उसकी खुशी का ठिकाना न रहा। सचमुच वह वामीरो थी। लगा जैसे वह घबराहट में थी। वह अपने को छुपाते हुए बढ़ रही थी। बीच-बीच में इधर-उधर दृष्टि दौड़ाना न भूलती। फिर तेज़ कदमों से चलती हुई तताँरा के सामने आकर ठिठक गई। दोनों शब्दहीन थे। कुछ था जो दोनों के भीतर बह रहा था। एकटक निहारते हुए वे जाने कब तक खड़े रहे। सूरज समुद्र की लहरों में कहीं खो गया था। अँधेरा बढ़ रहा था। अचानक वामीरो कुछ सचेत हुई और घर की तरफ़ दौड़ पड़ी। Question 1. Answer:
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(5) कुछ समय बाद पासा गाँव में ‘पशु-पर्व’ का आयोजन हुआ। पशु-पर्व में हष्ट-पुष्ट पशुओं के प्रदर्शन के अतिरिक्त पशुओं से युवकों की शक्ति परीक्षा प्रतियोगिता भी होती है। वर्ष में एक बार सभी गाँव के लोग हिस्सा लेते हैं। बाद में नृत्य-संगीत और भोजन का भी आयोजन होता है। शाम से सभी लोग पासा में एकत्रित होने लगे। धीरे-धीरे विभिन्न कार्यक्रम शुरू हुए। तताँरा का मन इन कार्यक्रमों में तनिक न था। उसकी व्याकुल आँखें वामीरो को ढूँढने में व्यस्त थीं। नारियल के झुंड के एक पेड़ के पीछे से उसे जैसे कोई झाँकता दिखा। उसने थोड़ा और करीब जाकर पहचानने की चेष्टा की। वह वामीरो थी जो भयवश सामने आने से झिझक रही थी। उसकी आँखें तरल थीं। होंठ काँप रहे थे। तताँरा को देखते ही फूटकर रोने लगी। तताँरा विह्वल हुआ। उससे कुछ बोलते ही नहीं बन रहा था। रोने की आवाज़ लगातार ऊँची होती जा रही थी। तताँरा किंकर्तव्यविमूढ़ था। वामीरो के रुदन स्वरों को सुनकर उसकी माँ वहीं पहुँची और दोनों को देखकर आग-बबूला हो उठी। सारे गाँव वालों की उपस्थिति में यह दृश्य उसे अपमानजनक लगा। इस बीच गाँव के कुछ लोग भी वहाँ पहुँच गए। वामीरो की माँ क्रोध में उफन उठी। उसने तताँरा को तरह-तरह से अपमानित किया। Question 1. Answer:
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(6) गाँव के लोग भी तताँरा के विरोध में आवाजें उठाने लगे। यह तताँरा के लिए असहनीय था। वामीरो अब भी रोए जा रही थी। तताँरा भी गुस्से से भर उठा। उसे जहाँ विवाह की निषेध परंपरा पर क्षोभ था, वहीं अपनी असहायता पर खीझ। वामीरो का दुख उसे और गहरा कर रहा था। उसे मालूम न था कि क्या कदम उठाना चाहिए? अनायास उसका हाथ तलवार की मूठ पर जा टिका। क्रोध में उसने तलवार निकाली और कुछ विचार करता रहा। क्रोध लगातार अग्नि की तरह बढ़ रहा था। लोग सहम उठे। एक सन्नाटा-सा खिंच गया। जब कोई राह न सूझी तो क्रोध का शमन करने के लिए उसमें शक्ति भर उसे धरती में घोंप दिया और ताकत से उसे खींचने लगा। वह पसीने से नहा उठा। सब घबराए हुए थे। वह तलवार को अपनी तरफ़ खींचते-खींचते दूर तक पहुँच गया। वह हाँफ रहा था। अचानक जहाँ तक लकीर खिंच गई थी, वहाँ एक दरार होने लगी। मानो धरती दो टुकड़ों में बँटने लगी हो। एक गड़गड़ाहट-सी गूंजने लगी और लकीर की सीध में धरती फटती ही जा रही थी। द्वीप के अंतिम सिरे एक तताँरा धरती को मानो क्रोध में काटता जा रहा था। सभी भयाकुल हो उठे। लोगों ने ऐसे दृश्य की कल्पना न की थी, वे सिहर उठे। उधर वामीरो फटती हुई धरती के किनारे चीखती हुई दौड़ रही थी-तताँरा… तताँरा… तताँरा उसकी करुण चीख मानो गड़गड़ाहट में डूब गई। Question 1. Answer:
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विषय-बोध पर आधारित प्रश्न Question 1. Answer:
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तताँरा के क्रोध का कारण क्या था?उत्तर: तताँरा बहुत गुस्से में था क्योंकि उसे लगने लगा था कि गाँव वाले उसकी और वामीरो की शादी नहीं होने देंगे। उसकी समझ में कुछ नहीं आ रहा था। उसने अपने गुस्से पर काबू पाने के लिए अपनी तलवार को पूरी ताकत से जमीन में घोंप दिया। यह उस समय का दृश्य है जब तताँरा के क्रोध से द्वीप के दो टुकड़े हो जाते हैं।
वामीरो बेचैनी क्यों महसूस कर रही थी?Explanation: जब वामीरो अपने घर पहुँची तो अपने अंदर कुछ बैचेनी का अनुभव करने लगी। उसके अंदर तताँरा से पीछा छुड़ाने की जो ख़ुशी थी वह झूठी थी। बौखलाहट में उसने दरवाजा बंद किया और अपने मन को तताँरा की ओर जाने से रोकने के लिए किसी और दिशा में ले जाने की कोशिश की।
तताँरा अपनी तलवार को कभी अपने से अलग नहीं होने देता था क्योंकि?तताँरा अपनी तलवार को कभी अलग न होने देता। उसका दूसरों के सामने उपयोग भी न करता। किंतु उसके चर्चित साहसिक कारनामों के कारण लोग-बाग तलवार में अद्भुत शक्ति का होना मानते थे। तताँरा की तलवार एक विलक्षण रहस्य थी।
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