थोडी धरती कविता में कवि बाग बगीचा क्यों लगाना चाहता है *? - thodee dharatee kavita mein kavi baag bageecha kyon lagaana chaahata hai *?

हो सकता है पास, तुम्हारे अपनी कुछ धरती हो
फूल-फलों से लदे बगीचे और अपनी धरती हो।
हो सकता है छोटी सी क्यारी हो, महक रही हो
छोटी-सी खेती हो जो फसलों में दहक रही हो।
हो सकता है कहीं शांत चौपाए घूम रहे हों
हो सकता है कहीं सहन में पक्षी झूम रहे हों।
तो विनती है यही, कभी मत उस दुनिया को खोना
पेड़ों को मत कटने देना, मत चिड़ियों को रोना।

कवि कहता है कि हो सकता है पाठकों में से किसी के पास धरती का अपना टुकड़ा हो और उसपर फूल और फलों से लदा बगीचा हो। हो सकता है किसी के पास छोटी मोटी खेती भी हो जिसमें पकी हुई फसल दम दम दमक रही हो। हो सकता किसी के खेत में कुछ जानवर शांति से विचरण कर रहे हों या फिर किसी के बागान में पक्षी झूम रहे हों।

कवि कहता है कि यदि ऐसा है तो फिर उस दुनिया को खोने से बचाना होगा। पेड़ों को कटने से और चिड़ियों को रोने से बचाना होगा।

एक-एक पत्ती पर हम सब के सपने सोते हैं
शाखें कटने पर वे भोले, शिशुओं सा रोते हैं।
पेड़ों के संग बढ़ना सीखो पेड़ों के संग खिलना
पेड़ों के संग-संग इतराना, पेड़ों के संग हिलना।
बच्चे और पेड़ दुनिया को हरा-भरा रखते हैं
नहीं समझते जो, दुष्कर्मों का वे फल चखते हैं।

एक एक पत्ती पर हम सबके सपने सोते हैं। जब पेड़ काट दिये जाते हैं तो हमारे सपने छोटे बच्चों की तरह रोने लगते हैं। इसलिए हमें पेड़ों की तरह पनपना और खेलना कूदना सीखना होगा। कवि का कहना है कि बच्चे और पेड़ दुनिया को हरा-भरा रखते हैं। जिस तरह से बच्चे निस्वार्थ भाव से सबमें खुशियाँ बाँटते हैं उसी तरह से पेड़ भी बिना राग-द्वेष के सबको अपना फल और अपनी छाया देता है। जो इस बात को नहीं समझ पाते उन्हें अपने किये की सजा मिलती है।

आज सभ्यता वहशी बन, पेड़ों को काट रही है
जहर फेफड़ों में भरकर हम सबको बाँट रही है।

आज हमारी सभ्यता वहशी हो चुकी है। अपने लोभ को पूरा करने के चक्कर में हम पेड़ों को काट रहे हैं। जंगल के कटने से वातावरण प्रदूषित हो चुका जिसका जहर हम सबके फेंफड़ों को बरबाद कर रहा है।


थोडी धरती कविता में कवि बाग बगीचा क्यों लगाना चाहता है *? - thodee dharatee kavita mein kavi baag bageecha kyon lagaana chaahata hai *?

NCERT Solutions Class 7 Hindi (Durva) Chapter 5 थोड़ी धरती पाऊँ– Here are all the NCERT solutions for Class 7 Hindi Chapter 5. This solution contains questions, answers, images, explanations of the complete chapter 5 titled थोड़ी धरती पाऊँ of Hindi taught in class 7. If you are a student of class 7 who is using NCERT Textbook to study Hindi, then you must come across chapter 5 थोड़ी धरती पाऊँ After you have studied lesson, you must be looking for answers of its questions. Here you can get complete NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 5 थोड़ी धरती पाऊँ in one place.

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Class 7
Subject Hindi
Book दूर्वा
Chapter Number 5
Chapter Name

थोड़ी धरती पाऊँ

NCERT Solutions Class 7 Hindi chapter 5 थोड़ी धरती पाऊँ

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थोड़ी धरती पाऊँ

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Question & Answer

Q.1: कविता सम्बन्धी प्रश्न
(क) कवि बाग-बगीचा क्यों लगाना चाहता है?
(ख) कविता में कवि की क्या विनती है?
(ग) कवि क्यों कह रहा है कि
‘आज सभ्यता वहशी बन,
पेड़ों को काट रही है?’
इस पर अपने विचार लिखो।
(घ) कविता की इस पंक्ति पर ध्यान दो-
“बच्चे और पेड़ दुनिया को हरा-भरा रखते हैं।”
अब तुम यह बताओ कि पेड़ों और बच्चों में क्या कुछ समानता है? उसे अपने ढंग से लिखो।

Ans : (क) कवि धरती को हरा-भरा करने के लिए बाग-बगीचा लगाना चाहता है। जिससे फल-फूल खिलें, चिडि़या चहचहाए और ताजी हवा जलाशय से आकर बहे। (ख) कवि कविता में पेड़ों की कटाई रोकने की विनती कर रहा है। (ग) कवि मानव सभ्यता को वहशी इसलिए कह रहा है क्योंकि लोग अपने स्वार्थवश दिन-रात पेड़ की कटाई में लगा हुआ है। वह न तो आने वाले कल के विषय में सोच रहा है और न ही आने वाली पीढ़ी के विषय में। (घ) जिस प्रकार पेड़ धरती को हरा-भरा (समृद्ध) रखते है उसी प्रकार बच्चों से घर हरा-भरा (समृद्ध) होता है।

Q.2: कैसी लगी कविता 
कविता पढ़ो और जवाब दो-
(क) कविता की कौन-सी पंक्तियाँ सबसे अच्छी लगीं? 
(ख) वे पंक्तियाँ क्यों अच्छी लगीं?

Ans : (क) कविता की निम्न पंक्तियाँ सबसे अच्छी लगीं - बच्चे और पेड़ दुनिया को हरा-भरा रखते हैं नहीं समझते जो, दुष्कर्मों का वे फल चखते हैं | (ख) इन पंक्तियों में बच्चों और पेड़ों में तुलना की गयी हैं। जहाँ पेड़ रहते हैं, उस स्थान का सौंदर्य अलग ही होता है। बच्चे भी जहाँ रहते हैं वहाँ रौनक रहती है।

Q.3: बातचीत 
नीचे एक लकड़हारे और एक बच्ची की बातचीत दी गई है। इसे अपनी समझ से पूरा करो।
बच्ची - ओ भैया! आप इस पेड़ को क्यों काट रहे हो?
लकड़हारा- यह तो मेरा काम है।
बच्ची – पर यह तो गलत है।
लकड़हारा- यह कैसे गलत है? इसी से तो मेरे परिवार का भरण-पोषण होता है।


बच्ची………………………………………………………………………………………………………………………
लकड़हारा ………………………………………………………………………………………………………………..
……………………………………………………………………………………………………………………………..
……………………………………………………………………………………………………………………………..
……………………………………………………………………………………………………………………………..
……………………………………………………………………………………………………………………………..
……………………………………………………………………………………………………………………………..
……………………………………………………………………………………………………………………………

Ans : बच्ची- काका यह पेड़ काटना हमारे वातावरण के लिए बहुत नुकसानदेह है। इसके स्थान पर और भी तो काम कर सकते हो। आप नहीं जानते आपके इस व्यवसाय के कारण पृथ्वी तथा पूरी मानव जाति को कितने नुकसान उठाने पड़ रहे हैं। लकड़हारा- मेरे पेड़ काटने से किसे और क्या नुकसान पहुँच रहा है? बच्ची- जब आप पेड़ काटते हैं, तो हमारे वातावरण को नुकसान पहुँचता है। पेड़ इस धरती के लिए बहुत फायदेमंद हैं।पेड़ मिट्टी को बांधे रखते हैं। पेड़ हवा को शुद्ध करते हैं। वे कार्बनडाइ ऑक्साइड लेते हैं और ऑक्सीजन देते हैं तथा प्रकृति का संतुलन बना रहता है। लकड़हारा- मुझे तो यह सब पता ही नहीं था बेटा। अब मैं पेड़ नहीं काटूँगा और उनकी रक्षा के लिए सदैव सजग रहूँगा। बच्ची- धन्यवाद! यदि सभी आपके जैसे सोचने लगें, तो हमारी पृथ्वी हरियाली से भरी रहेगी ।

Q.4: बाग-बगीचा 
(क) तुम पेड़ों को बचाने के लिए क्या कुछ कर सकते हो? बताओ।
(ख) कविता में कवि ने बगीचे के बारे में बहुत कुछ बताया है। बताओ, नीचे लिखी चीज़ों में से कौन-सी चीज़ें बगीचे में होंगी?


थोडी धरती कविता में कवि बाग बगीचा क्यों लगाना चाहता है *? - thodee dharatee kavita mein kavi baag bageecha kyon lagaana chaahata hai *?

Ans : (क)पेड़ों को बचाना सभी का कर्त्तव्य है। इसके लिए हम कुछ प्रयत्न कर सकते हैं जैसे कि हमें खाली स्थानों पर पेड़ लगाने चाहिए। जो लोग पेड़ो के फायदे के बारे में नहीं जानते उन लोगों को इस विषय में जागरूक कर सकते हैं। हम अपने सम्बन्धियों तथा मित्रों को उनके जन्मदिवस पर पौधे उपहार में दे सकते हैं। (ख) बगीचे में निम्नलिखित चीज़ें होगीं- फूल क्यारियाँ चिड़ियाँ फल पेड़ टहनी पत्ता

Q.5: यह भी करो
(क) तुम्हारे घर के पास कौन-कौन से पेड़-पौधे, पशु-पक्षी आमतौर पर नज़र आते हैं? उनकी सूची बनाओ।
(ख)अपने आस-पास पता करके ऐसे किसी व्यक्ति से बात करो जिसने कोई पेड़ या पौधा लगाया है। उससे पूछकर निम्नलिखित जानकारी प्राप्त करो-
1. पेड/पौधे का नाम
2. कब लगाया था?
3. देखभाल की या नहीं?
4. क्या वह पेड़/ पौधा अब भी मौजूद है?

Ans : (क)मेरे घर के आस-पास कई तरह के पेड़-पौधे और पशु-पक्षी पाए जाते हैं। जैसे- पेड़ – आम, केला, नीम , बरगद, पीपल पौधे – गेंदा, मोगरा, तुलसी, नींबू, गुलाब पशु – गाय, भैंस, कुत्ता, बिल्ली, पक्षी – मोर, कबूतर, कोयल, तोता, कौआ (ख) मेरे घर के पास में एक अंकल ने पेड़ लगाया है। मैंने उनसे बात करके निम्न जानकारी प्राप्त की- 1 - पेड़ –आम 2 - उन्होंने अपने घर के बाहर 3 महीने पहले इसे लगाया था। 3 - अंकल उसकी बहुत देखभाल करते हैं उसमें खाद-पानी डालते हैं ।

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कवि बाग बगीचा क्यों लगाना चाहते हैं?

पेड़ों को काट रही है?' इस पर अपने विचार लिखो। (घ) कविता की इस पंक्ति पर ध्यान दो- "बच्चे और पेड़ दुनिया को हरा-भरा रखते हैं।"

थोड़ी धरती पाऊँ कविता का भावार्थ क्या है?

कवि ने इस कविता में पर्यावरण के लिए जंगल के महत्व के बारे में लिखा है। कवि चाहता है कि उसके पास जमीन का एक छोटा टुकड़ा हो जिसपर वह बगीचा लगा सके। उसकी इच्छा है कि उस बगीचे में फूल खिलें, फल लगें और प्यारी खुशबू व्याप्त रहे। कवि चाहता है कि बगीचे के जलाशय में चिड़ियाँ आकर स्नान करें और फिर अपना मधुर संगीत फैलाएँ।

बहुत दिनों से सोच रहा था थोड़ी सी धरती पाऊं से कवि का क्या आशय है?

बहुत दिनों से सोच रहा था, थोड़ी-सी धरती पाऊँ” से कवि का क्या आशय है ? “बहुत दिनों से सोच रहा था, थोड़ी-सी धरती पाऊँ” से कवि का आशय यह है कि वे काफी समय से इस प्रयास में लगे हुए हैं कि बाग-बगीचा लगाने के लिए थोड़ी-सी ज़मीन कहीं खरीदें।

3 आज की सभ्यता हम सब को क्या बाँट रही है?

उत्तर - आज की सभ्यता वहशी बनकर ,पेड़ो को काट रही है। ज़हर फेफड़ो में भर कर ,हम सब को बाँट रही है।