Show
यदि दिमाग में चढ़ी गर्मी तो होना पड़ेगा पानी-पानीमनीष शर्मा| हमें फॉलो करें धौंस में आकर चुप हुआ पक्ष शांत ज्वालामुखी बन जाता है जिसके दिमाग में नफरत का लावा धधकता रहता है और मौका मिलते ही सामने वाले पर बरसने लगता है। इसलिए बेहतर है कि गुस्से पर काबू पाया जाए, काबू किया जाए। सबसे अच्छा तो यह है कि हम खुद ही इस पर पानी डालें, क्योंकि सामने वाला कब तक आपकी गर्मी को सहन करेगा।
हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें सम्बंधित जानकारी
और भी पढ़ें :
सेहत की बात: हीट स्ट्रोक के कारण दिमाग पर भी हो सकता है असर, ऐसे लक्षणों को लेकर बरतें सावधानीहेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Sat, 30 Apr 2022 06:11 PM IST देश के कई राज्यों में पिछले दिनों तापमान में बढ़ोतरी के साथ तेज गर्म हवाओं ने गर्मी बढ़ा दी है। यूं गर्मी के मौसम में ये कोई नई बात नही। देश के कई हिस्सों में अभी तापमान 40 डिग्री या इससे भी अधिक है। मौसम में यह गर्माहट हम इंसानों द्वारा पर्यावरण को पहुंचाए गए नुकसान और बढ़ते प्रदूषण का भी नतीजा है। बहरहाल, मौसम चाहे कैसा भी हो, तापमान चाहे कितना भी ज्यादा जो। नियमित दफ्तर जाने या काम के लिए घर से निकलने वालों के पास घर में बन्द रहने का विकल्प नहीं होता और बाहर निकलते ही तेज गर्मी कई तरह से शिकार बनाने को तैयार रहती है। लू लगना या हीट स्ट्रोक इसी तरह की आम समस्या है, जिसे लेकर खास सावधानी रखने की जरूरत होती है। ध्यान न देने पर यह समस्या जानलेवा भी हो सकती है। हीट स्ट्रोक का खतरा हीट स्ट्रोक का मतलब है शरीर का जरूरत से ज्यादा गर्म हो जाना। अधिकांशतः यह उन लोगों के साथ होता है जो लम्बे समय तक तेज धूप और बढ़े हुए तापमान के सीधे संपर्क में रहते हैं। इसके कारण शरीर का तापमान 104 डिग्री फेरेनहाइट या इससे भी ऊपर तक पहुंच सकता है। यह स्थिति कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है, जिसको लेकर लोगों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। दिमाग तक भी होता है असर बढ़े हुए तापमान का बुरा असर शरीर के बाकी हिस्सों के साथ दिमाग तक भी पहुंच सकता है। इसकी वजह से दिमाग की स्थिति और व्यवहार में भी असंतुलन पैदा हो सकता है। बोलते समय लड़खड़ाना, चिड़चिड़ाहट, भ्रम, बैचेनी जैसे लक्षण इसमें काफी सामान्य हैं। इन स्थितियों में त्वरित बचाव के उपाय करना आवश्यक हो जाता है। मानसिक स्थिति पर नजर रखने के साथ ही अन्य लक्षणों को भी ध्यान में रखें। जैसे शरीर के तापमान का अधिक बढ़ना, शरीर की नमी का कम होना और त्वचा का रूखा होना, पसीने के कम होना, जी घबराना और उल्टी आना, त्वचा का लाल पड़ना, सांसों का तेज चलना और धड़कनों का बढ़ जाना तथा सिरदर्द की समस्या पर इन दिनों विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। हीट स्ट्रोक की स्थिति में क्या करें? हीट स्ट्रोक के लक्षण दिखते ही तुरन्त डॉक्टर से संपर्क करें। इलाज मिलने तक मरीज को घर के अंदर या किसी छांव वाली जगह पर रखें। शरीर के तापमान को कम करने का प्रयास करें। उसे पानी भरे टब में या शॉवर के नीचे खड़ा कर दें। गीले तौलिए, आइस पैक्स आदि मरीज के माथे, गर्दन, बगल में रखें। इन उपायों से शरीर के तापमान को कंट्रोल किया जा सकता है। इन बातों का भी रखें ख्याल: गर्मी का शरीर पर कई तरह से साइड-इफेक्ट हो सकता है इससे लगातार बचाव करते रहना आवश्यक होता है।
---------------- अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें। दिमाग में गर्मी पड़ जाए तो क्या करें?Heat Headache: सिर की गर्मी को करना है दूर?. Download ABP Live App and Check-Out latest picture galleries Open APP. ... . सिर में गर्मी जैसा महसूस होने पर सबसे पहले 1 गिलास ठंडा पानी पिएं. ... . सिर की गर्मी महसूस होने पर बाल धोएं. ... . ठंडा जूस पीने से सिर की गर्मी से शांति मिलेगी. (. दिमाग में गर्मी क्यों आती है?जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती है, दिमाग के तापमान को नियंत्रित करने वाला हार्मोन सीरोटोनिन (Serotonin) सक्रिय हो जाता है. लेकिन ज्यादा गर्मी होने पर यह ढंग से काम नहीं कर पाता. इसलिए दुनियाभर के लोगों की जिम्मेदारी बनती है कि ग्लोबल वॉर्मिंग कम करने के लिए जलवायु परिवर्तन को रोकें.
दिमाग की कमजोरी के लक्षण क्या है?नसों की कमजोरी के लक्षण-Brain weakness symptoms in hindi. मांसपेशियों की कमजोरी मांसपेशियों की कमजोरी नसों की कमजोरी का ही एक लक्षण है। ... . अचानक सिरदर्द अचानक से सिरदर्द या लगातार सिरदर्द होना दिमाग की नसों की कमजोरी के लक्षण हो सकते हैं। ... . झुनझुनी महसूस करना ... . पीठ दर्द ... . झटके या दौरे होना. अपने दिमाग को ठंडा कैसे करें?दिमाग को ठंडा रखने में मदद कर सकते हैं।. जिन व्यक्तियों के मस्तिष्क और स्नायु दुर्बल हो गये हों, याददाश्त कमजोर हो। ... . दिमाग को स्वस्थ व तेज बनाए रखने के लिए रोजाना सुबह के समय आंवले का मुरब्बा खाना चाहिए।. लगातार दो महीने गाजर का हलवा खाने से दिमाग तेज हो जाता है।. |