दिमाग सिकुड़ने से क्या होता है? - dimaag sikudane se kya hota hai?

इसे सुनेंरोकेंमस्तिष्क संकुचन या दिमाग की सिकुड़ना अल्जाइमर रोग से जुड़ा हुआ है। शोधकर्ताओं ने शोध में पाया है कि जो लोग अपने भोजन में ओमेगा 3 वसा अम्ल और विटामिन सी, डी, ई, और बी का सेवन करते है, वे इन पोषक तत्वों का सेवन न करने वाले लोगों की तुलना में मानसिक सोच परीक्षण में ज्यादा बेहतर अंक प्राप्त करने में सफल रहे।

बच्चों को क्या खिलाने से दिमाग तेज होता है?

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  1. मछली बच्चों का दिमाग तेज करने के लिए मछली जरूरी है.
  2. अंडा अंडा भी बच्चों की सेहत के लिए जरूरी है.
  3. साबुत अनाज साबुत अनाज बच्‍चों के दिमाग को निरंतर एनर्जी देता रहता है.
  4. ओट्स
  5. दही
  6. ये सब्जियां

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दिमाग सुन क्यों हो जाता है?

इसे सुनेंरोकेंएकॉस्टिक न्यूरोमा एक गैर-कैंसरकारक ट्यूमर या गाँठ है। यह जैसे-जैसे बढ़ता है वैसे-वैसे यह संतुलन व सुनने की नस को दबाता चला जाता है जिससे चेहरे का सुन्न पड़ जाना, वर्टिगो (सिर घूमना या चक्कर आना), जीभ का स्वाद बदल जाना, भोजन निगलने में परेशानी होना जैसी कई परेशानियाँ होने लगती हैं।

दिमाग की नस सूखने से क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंपहला सिस्मिक स्ट्रोक होता है इसमें दिमाग की नसों में रक्त प्रवाह किसी अवरोध के कारण रुक जाता है। दिमाग की नली में खून का थक्का जम जाने से भी ब्रेन हेमरेज हो जाता है, जबकि दूसरा प्रकार हेमरेजिक स्ट्रोक होता है। इसमें दिमाग की नस से रक्त स्राव होने लगता है। इसमें मरीज को लकवा मार जाता है।

दिमाग काम नहीं करने का कारण क्या है?

इसे सुनेंरोकेंअगर आप ज्यादा बीमार हैं और इसके बावजूद बहुत मेहनत करते हैं या पढ़ाई करते हैं या फिर मस्तिष्क से जुड़ा हुआ कोई काम करते हैं तो इसकी वजह से मस्तिष्क की कार्य क्षमता कम होने लगती है। अगर आप इनमें से किसी भी तरह की दिनचर्या या आदत से घिरे हुए हैं तो आप ऐसा करना तुरंत बंद कर दें। तभी आपका मस्तिष्क स्वस्थ रहेगा।

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सिर में झनझनाहट क्यों होती है?

इसे सुनेंरोकेंमाइग्रेन सिरदर्द का एक प्रकार होता है. इसमें व्यक्ति को हल्का या तेज सिरदर्द होता है. इसमें लोगों को सिर में झनझनाहट भी महसूस होती है. खासतौर पर इसमें सिर के आधे हिस्से में दर्द होती है.

दिमाग की नसों को मजबूत करने के लिए क्या करें?

तो आज आपको कुछ ऐसे उपाय बताते हैं जिनकी मदद से आप अपनी याददाश्त को बढ़ा सकते हैं.

  1. अच्छी नींद लेः
  2. एक्सरसाइज करेः
  3. बादाम खायेः
  4. पालक का सेवन करेः
  5. कॉफी पियेः
  6. डार्क चॉकलेट का करें सेवन:
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मस्तिष्क की कमजोरी कैसे दूर करें?

इसे सुनेंरोकेंपार्किंसन यह न्यूरोडीजेनेरेटिव विकार है जो मस्तिष्क की कुछ नसों को धीरे-धीरे क्षति पहुंचाता है। नसों की कमजोरी से छुटकारा पाने के लिए विटामिन, मैग्नीशियम, ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त चीजों का भरपूर सेवन करें। डॉ. वली के मुताबिक, सेंधा नमक सूजन को कम करता है और मांसपेशियों व नसों के बीच के संतुलन को बेहतर बनाता है।

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दिमाग की नसें कमजोर होने पर क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंनसों की कमजोरी से मानसिक क्षमता पर पड़ता है प्रभाव यानी ये आपकी सोचने की क्षमता को प्रभावित करती है. इसके चलते कई बार ये याददाश्त को भी प्रभावित करता है. इससे व्यक्ति को चीजें याद कर बोलने में भी मुश्किल हो सकती है. इसके अलावा चीजों को बोलने में कंफ्यूजन हो जाना भी दिमाग के नसों की कमजोरी से जुड़ा होता है.

- शरीर में झुनझुनी - शरीर में लगातार झुनझुनी होना दिमाग की नसों की कमजोरी के लक्षण हैं। जब दिमाग की नसों में ब्‍लड सही से नहींपहुंचता है इससे शरीर के अलग-अलग अंगों में झुनझुनी होती है।

- अचानक सिरदर्द - आप एकदम स्‍वस्‍थ रहते हैं लेकिन अचानक से दिमाग में सिरदर्द होने लगता है। वह दिमाग की कमजोरी के लक्षण है। जब
दिमाग में कमजोरी होती है तो कोशिकाओं को सही तरह से ऑक्‍सीजन नहीं मिल पाता है। जिससे दिमाग की नसों में खून जम जाने की वजह सेभी सिरदर्द तेज होने लगता है।

- चलने में दिक्‍कत होना - दिमाग आपकी पूरी बॉडी को संचालित करता है। लेकिन जब दिमाग की नसों में कमजोरी होती है तो इसका असर
आपकी चलने में भी पड़ता है। कई बार पैरों में सूजन भी आ जाती है।

- स्‍ट्रोक - आज के वक्‍त में हर कोई इस बीमारी की चपेट में आ जाता है। जब दिमाग की कोशिकाएं हद से अधिक प्रभावित होती है तो वह
स्‍ट्रोक का शिकार हो जाते हैं। स्‍ट्रोक के बाद शरीर में भिन्‍न-भिन्‍न लक्षण नजर आते हैं।

- तालमेल में कमी - जी हां, शरीर में तालमेल बैठाना बहुत मुश्किल होता है। दरअसल, शरीर आपके पूरे दिमाग को डायरेक्‍ट करता है। दिमागऔर शरीर के अंगों में गड़बड़ी होने पर तालमेल बिगड़ जाता है। इसके लक्षण इस प्रकार नजर आते हैं- मांसपेशियों की कठोरता, पीठ दर्द,
झटके लगना। इन लक्षणों को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। समय रहते इसका इलाज जरूरी है।

उपरोक्‍त जानकारी शिक्षित करने के उद्देश्‍य से हैं।

अगर विटामिन बी लेने वाला कोई बुज़ुर्ग हो जिसमें अलज़ाइमर्स की बीमारी होने के संकेत दिख रहे हों तो उसका दिमाग़ पहले के मुक़ाबले आधा ही सिकुड़ेगा.

मस्तिष्क का सिकुड़ना एक ऐसा लक्षण है जिससे डिमेंशिया और अलज़ाइमर्स जैसी बीमारी हो सकती है.

शोधकर्ता कहते हैं कि अलज़ाइमर्स को रोकने के लिए उपाय ढूंढने की दिशा में ये पहला क़दम हो सकता है.

विशेषज्ञों ने इस शोध को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि अभी इस शोध पर और काम करने की ज़रूरत है.

ये शोध 'पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ़ साइंस वन' पत्रिका में प्रकाशित हुआ है. इसमें 168 उम्रदराज़ लोगों पर शोध किया गया है जिनके मस्तिष्क की ताकत कम होने लगी थी.

ऐसी स्थिति में याद्दाशत कमज़ोर होने लगती है और बोलने में दिक्क़त आती है. ये लक्षण अलज़ाइमर्स और डिमेंशिया होने से पहले दिखते हैं.

जिन लोगों पर शोध किया गया उनमें से आधे लोगों को रोज़ विटामिन बी फ़ोलेट, बी-6 और बी-12 की गोलियां दी गईं. बाक़ी बचे आधे लोगों को प्लैसेबो दिया गया था.

प्लैसेबो एक झूठी गोली होती है जिसका कोई असर नहीं होता है. लेकिन इसके बारे में मरीज़ को मालूम नहीं होता. मरीज़ को लगता है कि उस दवाई से वो ठीक हो जाएगा. यह एक तरह का इलाज ही है.

शोध का ये सिलसिला दो साल तक चला. दो साल बाद सभी के मस्तिष्क की सिकुड़न को मापा गया.

आम तौर पर 60 साल की उम्र के बाद एक सामान्य दिमाग़ 0.5 प्रतिशत की दर से सिकुड़ता है, लेकिन अलज़ाइमर्स के मरीज़ों का दिमाग़ हर साल 2.5 प्रतिशत की दर से सिकुड़ता है.

शोध में लगी टीम ने पाया कि जिन लोगों ने विटामिन की गोलियां ली थीं उनके दिमाग़ सिकुड़ने की रफ़्तार अमूमन 30 प्रतिशत धीमी हो गई थी.

कुछ के दिमाग़ की सिकुड़ने की रफ़्तार 50 प्रतिशत तक धीमी हो गई थी. ऐसी स्थिति में उनके दिमाग़ और एक सामान्य व्यक्ति के दिमाग़ में ज़्यादा फ़र्क नहीं था.

इमेज कैप्शन,

मस्तिष्क के सिकुड़ने से भी अलज़ाइमर्स जैसी बीमारी होती है.

विटामिन बी- फ़ोलिक एसिड, विटामिन बी-6 और विटामिन बी-12 ख़ून में मौजूद होमोसिस्टीन के स्तर को क़ाबू में करते हैं. ख़ून में होमोसिस्टीन की बढ़ी हुई मात्रा दिमाग़ को तेज़ी से सिकोड़ती है जिससे अलज़ाइमर्स बीमारी हो सकती है.

शोधकर्ताओं का मानना है कि भारी मात्रा में दी गई विटामिन बी की गोलियों के प्रभाव से होमोसिस्टीन का स्तर बराबर हो गया. नतीजतन दिमाग़ धीमी रफ़्तार से सिकुड़ने लगा.

शोधकर्ता प्रोफ़ेसर डेविड स्मिथ ने कहा कि इस शोध के नतीजों में उन्हें उम्मीद से बेहतर परिणाम मिले हैं.

उन्होंने कहा, "ये विटामिन दिमाग़ के अंदर कुछ तो कर रहे हैं. ये दिमाग़ की सुरक्षा कर रहे हैं और ये बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि अलज़ाइमर्स से बचाव के लिए मस्तिष्क की सुरक्षा ज़रूरी है."

लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि अब इस शोध में ये देखने की ज़रूरत है कि भारी मात्रा में विटामिन बी देने से क्या वाक़ई अलज़ाइमर्स होने से रोका जा सकता है?

वहीं मेडिकल रिसर्च काउंसिल के 'न्यूरोसाइंस एंड मेंटल हेल्थ बोर्ड' के अध्यक्ष क्रिस केन्नार्ड ने चेताया है कि विटामिन बी जैसे सप्लीमेंट की सलाह किसी को देने से पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि भारी मात्रा में इन दवाईयों को लेने से स्वास्थ्य को हानि भी हो सकती है.

दिमाग क्यों सिकुड़ता है?

कम नींद लेना- नींद पूरी ना होने के कारण भी ब्रेन श्रिंकेज की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा, जिन लोगों को नींद ना आने की समस्या रहती है, समय के साथ-साथ उनका दिमाग सिकुड़ने लगता है. रिसर्चर्स के अनुसार, अधिक उम्र के लोग जो कम नींद लेते हैं, उनमें दिमाग सिकुड़ने की यह समस्या काफी तेजी से बढ़ती है.

दिमाग कमजोर होने के क्या लक्षण है?

अचानक सिरदर्द अचानक से सिरदर्द या लगातार सिरदर्द होना दिमाग की नसों की कमजोरी के लक्षण हो सकते हैं। दरअसल, दिमाग में कमजोरी होने पर ब्लड सर्कुलेशन और ऑक्सीजन का सर्कुलेशन सही तमाम कोशिकाओं में ऑक्सीजन सही से नहीं पहुंच पाता है। इससे अचानक से तेज सिर दर्द होने लगता है।

दिमाग की नसों को कैसे मजबूत करें?

आप अपनी दिमाग की नसों को स्वस्थ रखने के लिए फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन से भरपूर आहार लें. अगर आप मासाहारी हैं तो मांस, मछली, अंडे, कम वसा वाले डेयरी खाद्य पदार्थ खाएं. इसके अलावा विटामिन बी-12 की कमी से बचें. अगर आप शाकाहारी हैं, तो फाइबर वाले फूड्स का सेवन करें साथ ही नियमित रूप से व्यायाम करें.

दिमाग काम नहीं करने का कारण क्या है?

ब्रेन फॉग के कारण वैसे तो बैंकॉक होने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन सबसे आम कारणों में डिप्रेशन, क्रॉनिक फॉटिग सिंड्रोम, या फिर किसी विटामिन की कमी हो सकती है. लिवर किडनी में प्रॉब्लम होना भी इसकी एक वजह हो सकती है. इसके अलावा, थाइरोइड या शुगर में बैलेंस होने की वजह से भी ऐसा देखने को मिल सकता है.