These NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant & Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers Summary in Hindi Chapter 6 भीम are prepared by our highly skilled subject experts. Bal
Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers in Hindi Chapter 6 पाठाधारित प्रश्न लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. Bal Mahabharat Katha Class 7 Summary in Hindi Chapter 6 पाँचों पांडव और धृतराष्ट्र के सौ पुत्र साथ-साथ रहते थे। वे आपस में खेलते व हँसी मज़ाक करते रहते थे। इन सभी भाइयों में भीम सबसे शक्तिशाली थे। खेलों में वह दुर्योधन व उसके भाइयों को बचपन के जोश में आकर खूब तंग करता था। इस कारण दुर्योधन तथा उसके भाई भीम से द्वेष करने लगे, यद्यपि भीम अपने मन में किसी से वेष एवं वैर भाव नहीं रखते थे। फिर भी दुर्योधन तथा उसके भाइयों के मन में भीम के प्रति वैर बढ़ने लगा। इधर कौरव और पांडव कृपाचार्य से और बाद में द्रोणाचार्य से शिक्षा प्राप्त करने लगे। विद्या में निपुणता प्राप्त करने के बाद उस कौशल को प्रदर्शित करने के लिए एक समारोह का आयोजन हुआ। तरहतरह के अभ्यासों में सभी राजकुमारों ने अपनी दक्षता का प्रदर्शन किया। तीर चलाने की विद्या में अर्जुन सर्वश्रेष्ठ रहा। उसकी दक्षता देखकर सभी दर्शक अत्यधिक प्रभावित हुए किंतु दुर्योधन उनकी सफलता को देखकर ईर्ष्या से जलने लगे। दुर्योधन हमेशा पांडवों को नीचा दिखाने का प्रयास करने लगे। विद्याध्ययन में भी पांडव कौरवों से आगे थे, जिससे कौरव-पांडवों के बीच ईर्ष्या की भावना और बढ़ने लगी। दुर्योधन सदैव पांडवों को नीचा दिखाने में लगा रहता था। भीम और दुर्योधन के बीच आपस में कभी नहीं बनती थी। एक बार कौरवों ने भीम को गंगा में डूबोकर मार डालने की योजना बनाई। एक दिन दुर्योधन ने जल क्रीड़ा करने के लिए पाँचों पांडवों को न्योता दिया। बहुत देर खेलने व तैरने के बाद डटकर भोजन के बाद सब अपने अपने डेरों में सो गए। दुर्योधन ने चुपके से भीम के भोजन में पहले से ही विष मिला दिया था। सब लोग सो रहे थे। भीम विष के नशे में गंगा के किनारे रेत में ही गिर गया। दुर्योधन ने लताओं से भीम के हाथ पैर बाँधकर गंगा में बहा दिया। दुर्योधन अंदर-अंदर. काफ़ी खुश था कि भीम तो मर गया। जब युधिष्ठिर और उनके भाइयों की नींद खुली तब उन्होंने अपने बीच भीम को नहीं पाया। तब चारों भाइयों ने जंगल तथा गंगा तट पर भीम की तलाश की, पर भीम का कहीं पता न चला। वे सब निराश होकर अपनी-अपनी जगह पर वापस आ गए। इतने में भीम झूमता-झूमता वापस आ गया। भीम को देखकर कुंती तथा पांडवों को बहुत खुशी हुई। उन्होंने भीम को गले लगा लिए। माता कुंती को यह सब जानकर काफ़ी दुख हुआ। उसने विदुर को बुलवाया और अकेले में कहा कि- “दुष्ट दुर्योधन राज्य के लालच में भीम को जान से मार डालने की कोशिश कर रहा है।” मुझे इसकी चिंता हो रही है। विदुर कुशल राजनीतिज्ञ थे और उन्होंने कुंती को समझाते हुए कहा कि तुम्हारा कहना सही है, लेकिन भलाई इसी में है कि इस बात को गुप्त रखा जाय। प्रत्यक्ष रूप से उसके सामने उसका निंदा नहीं करना वरना इससे उसका विद्वेष और बढ़ेगा। इस घटना से भीम काफ़ी उत्तेजित हो गया। फिर भीम को समझाते हुए युधिष्ठिर ने कहा- “भाई भीम, अभी समय नहीं आया है। इसमें अपने आप को सँभालना होगा तथा पाँचों भाइयों को किसी प्रकार एक दूसरे की रक्षा करनी होगी ताकि हम सबका जीवन सुरक्षित रहें।” भीम के वापस आ जाने से दुर्योधन को बड़ा आश्चर्य हुआ। वह ईर्ष्या से और जलने लगा। शब्दार्थ: पृष्ठ संख्या-12 पृष्ठ संख्या-13 दुर्योधन भीम से ईर्ष्या क्यों करते थे?धृतराष्ट्र कौरव सत्यवती से शांतनु के दो पुत्र हुए - चित्रांगद और विचित्रवीर्य | शांतनु के देहावसान पर चित्रांगद हस्तिनापुर के सिंहासन पर बैठे और उनके युद्ध में मारे जाने पर विचित्रवीर्य | विचित्रवीर्य की दो रानियाँ थीं- अंबिका और अंबालिका ।
दुर्योधन की चिंता का कारण क्या था?दुर्योधन महाभारत युद्ध का एक प्रमुख योद्धा व पात्र था । महाभारत के युद्ध का कारण भी दुर्योधन की महत्वाकांक्षाए थी। अंत: दुर्योधन के दो बड़े अवगुण क्रोध और अहंकार ही उसके पतन का कारण बने।
दुर्योधन ने भीम को मारने के लिए क्या किया?कालकूट विष देकर मारने की कोशिश इसी के चलते दुर्योधन ने एक बार भीम को जहर देकर मारने की योजना बनाई. इसके लिए दुर्योधन ने जल विहार की योजना बनाकर युधिष्टिर को अपने सभी भाइयों के साथ आने का निमत्रंण दिया. जिसे युधिष्टिर ने स्वीकार कर लिया. योजना विफल न हो इसके लिए दुर्योधन ने गंगा नदी के किनारे विशेष इंतजाम किया.
दुर्योधन को क्या डर सता रहा था?दुर्योधन ने सब योद्धाओं से कर्ण से युद्ध की चुनौती दी जिसमें कर्ण ने सभी को परास्त कर दिया। भानुमति को हस्तिनापुर ले आने के बाद दुर्योधन ने उसे ये कहकर सही ठहराया कि भीष्म पितामह भी अपने सौतेले भाइयों के लिए अम्बा, अम्बिका और अम्बालिका का हरण करके ले आए थे। इसी तर्क से भानुमति भी मान गई और दोनों ने विवाह कर लिया।
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