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आइए जानते हैं कि गर्भावस्था में पेट टाइट क्यों होता है और किस स्थिति में इसे लेकर डॉक्टर से बात करना जरूरी हो जाता है।Stomach Tightness in Pregnancy: गर्भावस्था के दौरान जैसे-जैसे गर्भाशय बढ़ता है पेट में कसाव यानि पेट टाइट होने लगता है। ऐसा होना के सामान्य बात हो सकती है, लेकिन कई बार प्रेग्नेंसी के शुरुआती हफ्तों में पेट का टाइट होना गर्भपात का भी संकेत हो सकता है। वहीं, तीसरी तिमाही में पेट टाइट होने का कारण लेबर पेन हो सकता है। जबकि गर्भावस्था की हर तिमाही में पेट के टाइट होने के कारण अलग-अलग होते हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं। पहली तिमाही में पेट टाइट होने के कारणस्वास्थ्य से संबंधित वेबसाइट हेल्थ लाइन के मुताबिक पहली तिमाही में गर्भ धीरे-धीरे विकसित हो रहा होता है, मतलब गर्भाशय फैलता है और बढ़ता है। इस दौरान पेट टाइट महसूस हो सकता है। लेकिन यदि इस दौरान पेट में दर्द के साथ उसका टाइट होना मिसकैरेज का सबसे बड़ा संकेत हो सकता है। ऐसा आमतौर पर प्रेगनेंसी के 12वें सप्ताह से पहले महसूस हो सकता है। इस दौरान गर्भपात के लक्षण नजर आ भी सकते हैं और कई बार नहीं भी नजर आते हैं। गर्भपात के लक्षण
गर्भपात किन कारणों से होता है, उस बारे में स्पष्ट रूप से कहना मुश्किल है, लेकिन ये निम्न कारण जरूर हो सकते हैं – भ्रूण के साथ जेनेटिक समस्याएं, डायबिटीज संक्रमण, थायराइड रोग, गर्भाशय ग्रीवा की समस्या पेट में गैस या कब्ज की भी शिकायत के कारण भी पेट में कसाव महसूस हो सकता है। इसके अलावा पहली तिमाही में बढ़ते भ्रूण के चलते गर्भाशय के आकार में भी वृद्धि होती है। ऐसे में लिगामेंट्स और टिश्यू में खिंचाव के कारण पेट में ऐंठन व दर्द हो सकता है। पेट टाइट महसूस हो सकता है। दूसरी और तीसरी तिमाही में पेट का टाइट होनादूसरी तिमाही में पेट टाइट होने का मुख्य कारण गर्भाशय का आकार बढ़ना हो सकता है। दूसरी तिमाही में पेट का टाइट होना या पेट में दर्द होना समय से पहले डिलीवरी का भी संकेत हो सकता है। तीसरी तिमाही में गर्भवती महिलाओं का पेट का टाइट होना व पेट में दर्द होना प्रसव का संकेत हो सकता है। इसे लेबर पेन कहा जाता है। यह दर्द लगातार तेज होता जाता है। इसके अलावा ब्रैक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शन की समस्या भी हो सकती है। इस स्थिति में लेबर की तरह ही दर्द उठता है, लेकिन यह उससे अलग है। प्रेग्नेंसी में पेट टाइट होने के उपचारअगर किसी गर्भवती महिला को पेट टाइट महसूस होता है, तो उसे इन बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए –
इसके बाद भी अगर पेट में कसाव, दर्द और जकड़न ठीक नहीं होता है और लंबे समय तक बना रहता है तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए, क्योंकि कुछ मामलों में पेट का टाइट होना गर्भपात या फिर समय से पहले डिलीवरी का संकेत हो सकता है। गर्भावस्था प्रत्येक महिला के जीवन का सबसे खूबसूरत समय होता है. इस दौरान उसे कई तरह की शारीरिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है. इसमें पेट में टाइटनेस या कसाव होना भी शामिल है. गर्भावस्था में पेट में टाइटनेस महसूस होना दर्दनाक स्थिति हो सकती है. कुछ मामलों में पेट में दर्द व कसाव महसूस होना आम होता है, लेकिन कई बार यह मिसकैरेज व प्रीमैच्योर लेबर का संकेत भी हो सकता है. इसलिए, इस स्थिति को नजरअंदाज करने की भूल नहीं करनी चाहिए. इस लेख में आप प्रेगनेंसी में पेट के टाइट होने के कुछ मुख्य कारण और उपचार के बारे में जानेंगे - (और पढ़ें - प्रेगनेंसी में होने वाली समस्याओं का समाधान)
प्रेगनेंसी में पेट टाइट होने के कारण व उपचार के डॉक्टर प्रेगनेंसी में पेट टाइट क्यों होता है?प्रेगनेंसी के दौरान जैसे-जैसे गर्भाशय बढ़ता है पेट में कसाव शुरू होने लगता है. यह समस्या सामान्य हो सकती है, लेकिन गर्भावस्था के शुरुआती हफ्तों में पेट का टाइट होना गर्भपात का संकेत हो सकता है. वहीं, तीसरी तिमाही में पेट टाइट होने का कारण लेबर पेन हो सकता है. गर्भावस्था की हर तिमाही में पेट के टाइट होने के कारण अलग-अलग होते हैं. इसके बारे में आगे लेख में आप विस्तार से जानेंगे. (और पढ़ें - प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए) पहली तिमाही में पेट टाइट होने के कारणपहली तिमाही में भ्रूण धीरे-धीरे विकसित हो रहा होता है, लेकिन इस दौरान दर्द के साथ पेट का टाइट होना मिसकैरेज का सबसे बड़ा संकेत हो सकता है. इसके कुछ और कारण भी हो सकते हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है - गर्भपातगैस या कब्जगर्भावस्था के दौरान गैस बनना एक आम समस्या है. यह पेट में ऐंठन या दर्द पैदा कर सकता है. इसके अलावा, प्रारंभिक गर्भावस्था में कब्ज भी सामान्य शिकायत है. गैस और कब्ज दोनों ही कभी-कभी ऐसा महसूस करा सकते हैं कि पेट में कसाव हो रहा है. इस स्थिति में गर्भवती महिला को डरने की जरूरत नहीं है. (और पढ़ें - केमिकल प्रेगनेंसी का इलाज) स्ट्रेचिंगपहली तिमाही में बढ़ते भ्रूण के चलते गर्भाशय के आकार में भी वृद्धि होती है. ऐसे में लिगामेंट्स और टिश्यू में खिंचाव के कारण पेट में ऐंठन व दर्द हो सकता है. पेट टाइट महसूस हो सकता है. (और पढ़ें - प्रेगनेंसी में खून की कमी हो, तो क्या खाएं) दूसरी तिमाही में पेट टाइट होने के कारणदूसरी तिमाही में पेट टाइट होने का मुख्य कारण गर्भाशय का आकार बढ़ना हो सकता है. दूसरी तिमाही में पेट का टाइट होना या पेट में दर्द होना समय से पहले डिलीवरी का भी संकेत हो सकता है. आइए, अन्य कारणों के बारे में विस्तार से जानते हैं - राउंड लिगामेंट दर्ददूसरी तिमाही में जैसे-जैसे शरीर गर्भावस्था को स्वीकार करता है, पेट में जकड़न या टाइटनेस महसूस होने लगती है. इस दौरान तेज दर्द भी महसूस हो सकता है. इसे राउंड लिगामेंट दर्द भी कहा जाता है. दूसरी तिमाही में यह दर्द सबसे आम है. इस दौरान गर्भवती महिला के पेट, कूल्हे और कमर तक दर्द हो सकता है. राउंड लिगामेंट दर्द को सामान्य माना जाता है, इसलिए चिंता करने की कोई बात नहीं है. (और पढ़ें - प्रेगनेंसी के लिए एग का साइज) ब्रेक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शनदूसरी तिमाही में ब्रेक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शन की वजह से भी पेट टाइट हो सकता है. ब्रेक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शन वह स्थिति है, जिसमें पेट पहले टाइट होता है और फिर सामान्य हो जाता है. गर्भावस्था के चौथे महीने में इसका अनुभव हो सकता है. इस दौरान महिलाएं पेट असहज महसूस करती हैं. कुछ महिलाओं में यह दर्द दूसरों की तुलना में अधिक हो सकता है. यह दर्द लेबर पेन की तरह नहीं होता है. यह कुछ समय बाद ठीक हो जाता है. यह कॉन्ट्रैक्शन गर्भाशय ग्रीवा के फैलाव को प्रभावित नहीं करता है. (और पढ़ें - घर में शैंपू से करें प्रेगनेंसी टेस्ट) इरिटेबल यूट्रसकुछ मामलों में इरिटेबल यूट्रस की समस्या सामने आती है. इस स्थिति में पेट का टाइट होना, पेट में संकुचन और दर्द जैसा महसूस होता है. दूसरी तिमाही में पेट के टाइट होने का एक यह भी कारण हो सकता है. इस दौरान बार-बार पेट में कसाव पैदा हो सकता है. यह गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक हो सकता है, क्योंकि यह पूर्व प्रसव का संकेत होता है. (और पढ़ें - एक्टोपिक प्रेगनेंसी का ऑपरेशन) डिहाइड्रेशनदूसरी तिमाही में डिहाइड्रेट होने के कारण भी पेट टाइट हो सकता है. इसकी वजह से पेट में दर्द और ऐंठन भी महसूस हो सकती है. इस दौरान लिक्विड डाइट लेना जरूरी होता है. पानी पीने के बाद पेट की टाइटनेस और दर्द में आराम मिल सकता है. अगर दूसरी तिमाही में बार-बार संकुचन या टाइटनेस महसूस हो रही है, तो समय से पहले प्रसव या गर्भपात हो सकता है. इससे बचने के लिए सबसे अच्छा विकल्प है, डॉक्टर के संपर्क में रहें. डॉक्टर गर्भाशय ग्रीवा को मापने के लिए अल्ट्रासाउंड करवाने की सलाह दे सकते हैं और बता सकते हैं कि यह लेबर पेन है या नहीं. (और पढ़ें - प्रेगनेंसी में डायबिटीज में क्या खाएं) तीसरी तिमाही में पेट टाइट होने के कारणतीसरी तिमाही में पेट का टाइट होना व पेट में दर्द होना प्रसव का संकेत हो सकता है. इसे लेबर पेन कहा जाता है. यह दर्द लगातार तेज होता जाता है. आइए, उन कारणों के बारे में जानते हैं, जिनके चलते पेट टाइट महसूस होता है - लेबर पेनतीसरी तिमाही में पेट का कड़ा या टाइट होना लेबर पेन का संकेत हो सकता है. लेबर पेन हल्के से शुरू होता है, फिर तेज होता है और बढ़ता जाता है. इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर को बताएं या अस्पताल जाएं. (और पढ़ें - गर्मी में गर्भवती क्या खाए) ब्रेक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शनगर्भावस्था के तीसरे तिमाही में भी ब्रेक्सटन-हिक्स कॉन्ट्रैक्शन होना आम है. यह कॉन्ट्रैक्शन गर्भावस्था के आखिरी हफ्तों में महसूस हो सकता है. इस स्थिति में लेबर की तरह ही दर्द उठता है, लेकिन यह उससे अलग है. (और पढ़ें - गर्भावस्था में नाभि में दर्द क्यों होता है?) प्रेगनेंसी में पेट टाइट होने के उपचारअगर किसी गर्भवती महिला को पेट टाइट महसूस होता है, तो उसे निम्न बातों पर जरूर ध्यान देना चाहिए -
अगर पेट में कसाव, दर्द और जकड़न हल्का है, तो ऊपर बताए गए उपायों से ठीक किया जा सकता हैं. लेकिन लंबे समय तक ऐसी स्थिति रहने पर तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए, क्योंकि कुछ मामलों में पेट का टाइट होना गर्भपात या फिर पूर्व प्रसव का संकेत हो सकता है. इसके अलावा, अगर एक घंटे में 4 से अधिक बार संकुचन होता है, तो भी डॉक्टर से मिलें. (और पढ़ें - गर्भावस्था में पैदल चलने के फायदे) सारांशगर्भावस्था के दौरान पेट में टाइटनेस, कसाव या दर्द होना कई मामलों में सामान्य हो सकता है, लेकिन कुछ स्थितियों में यह गर्भपात और प्रसव का संकेत हो सकता है. अगर पहली गर्भावस्था है और हर 3-5 मिनट में पेट टाइट हो जाता है और 45-60 सेकंड तक रहता है, तो तुरंत डॉक्टर को बुलाएं. इसके अलावा, अगर योनि से स्त्राव हो रहा है, तो यह स्थिति गंभीर हो सकती है. ऐसे में बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करें. (और पढ़ें - प्रेग्नेंट होने के लिए कब संभोग करना चाहिए) शहर के ऑब्स्टट्रिशन एंड गयनेकोलॉजिस्ट खोजें
प्रेगनेंसी में पेट टाइट होने के कारण व उपचार के डॉक्टरसम्बंधित लेखप्रेगनेंसी में पेट टाइट होने पर क्या करे?प्रेग्नेंसी में पेट टाइट होने के उपचार
पेट की टाइटनेस और दर्द को कम करने के लिए हीट पैड का इस्तेमाल कर सकती हैं।
प्रेगनेंसी में पेट फुला फुला क्यों लगता है?गर्भावस्था के बाद के चरण में आपका बढ़ता हुआ शिशु पेट में जगह घेरने लगता है। इसकी वजह से पाचन क्रिया और धीमी हो सकती है। साथ ही शिशु द्वारा पेट पर दबाव डालने की वजह से आपको खाना खाने के बाद और ज्यादा फुलावट महसूस हो सकती है। ऐसा खासतौर पर भारी भोजन करने के बाद हो सकता है।
प्रेगनेंसी में पेट दबाने से क्या होता है?पहली तिमाही में आपका शिशु पूरी तरह सुरक्षित होता है क्योंकि आपका गर्भाशय श्रोणी में सिमटा हुआ रहता है। गर्भाशय में मजबूत, मांसपेशीय दीवार होती है और साथ ही एमनियोटिक द्रव भी होता है, जो शिशु को भीतर नुकसान पहुंचने से बचाता है। हो सकता है आपके पेट पर चोट लगी हो और आपको अंदर रक्तस्त्राव हो रहा हो।
गर्भ में बेटी होने के क्या लक्षण है?आपके गर्भ में बेटी है यदि -. बच्चे की हृदय गति एक मिनट में 140 बीट से कम है।. आपका पेट बाहर की ओर बढ़ा है।. गर्भ में बच्चा नीचे की ओर लटका हुआ नजर आता है।. गर्भावस्था में आपका चेहरा खिल उठा है।. पहली तिमाही में आपको उल्टी-मितली या माॅर्निंग सिकनेस नहीं हुई है।. आपका दायां स्तन, बाएं स्तन से ज्यादा बड़ा है।. |