दांतों के क्षय व सड़न होने के क्या कारण है? - daanton ke kshay va sadan hone ke kya kaaran hai?

दांतों के क्षय व सड़न होने के क्या कारण है? - daanton ke kshay va sadan hone ke kya kaaran hai?

Oral health is overall health.

मतलब मुख का स्वास्थ्य ही समपूर्ण स्वास्थ्य का सूचक है। 1. दातों की सड़न हमारे दांत कैल्शियम , फॉस्फोरस और अन्य खनिज से मिलजुलकर बने होते है।हलाकि इंसानी शारीर का सबसे कठोर भाग उसके दांत ही होते है परन्तु लापरवाही और awareness ना होने की वजह से येह भी सड़न का शिकार हो जाते हैं। दांतों की सड़न की वजह से tooth pain होता है और खाना खाने में तकलीफ होती है, सामने के दांत सड़ जाएँ तो मुख की सुन्दरता में दाग लग जाता है और आत्मविश्वाश में कमी आती है। 2. दांतों की सड़न का कारण दांतों की सड़न एक बहुत ही आम समस्या है परन्तु यह हमरे मुंह के अन्दर होती है और किसी को दिखती नहीं इसलिए हम इसे नजर अंदाज करते जाते है।

दांतों की सड़न के 3 मुख्य कारण होते है –

. खान पान वह खाद्य प्रदार्थ जिनमे कार्बोहायड्रेट और शक्कर की मात्रा अधिक हो उससे दांतों की सड़न होने का खतरा ज्यादा रहता है, अगर खाद्य प्रदार्थ चिपचिपा हो जैसे की टॉफ़ी, मिठाई, पोटैटो चिप्स तो फिर सड़न का खतरा और भी ज्यादा रहता है।

. दांतों की सफाई और उनकी बनावट दांतों की ठीक तरह से सफाई ना करना सड़न को न्योता देने जैसा है। रोजाना दांतों को दो वक्त साफ़ करना जरुरी है। इस तरह से से आप मुंह मे मौजूद बैक्टीरिया की बढ़त को कम कर सकते है और साथ ही फंसे हुए खाद्य प्रदार्थ को भी साफ़ कर सकते हैं। दांतों को साफ़ रखने के लिए आपको सहीं तरीके से ब्रश करना, फ्लॉस करना और माउथवाश का प्रयोग करना चाहिए। . मुख में मौजूद बैक्टीरिया कोई कितनी भी सफाई करे हर किसी के मुह में बैक्टीरिया होते हैं। परन्तु हम अपने मुख की सफाई कितनी अच्छी तरह से करते है यह तय करता है की बैक्टीरिया की तादात बढेगी या कम होगी। और अगर तादात बढेग तो क्या उनके लिए सड़न पैदा करने वाले कारक मौजूद है। जैसे ही आप खाना बंद करते है बैक्टीरिया अपना काम शुरू कर देता है, वो दांतों पर एक तरह की सफ़ेद परत बनाता है जिसे हम प्लाक कहते हैं। यही प्लाक बैक्टीरिया का घर होता है और नियमित दो समय ब्रशिंग करके इसे बनने से रोका जा सकता है। मुख में मौजूद बैक्टीरिया को एसिड बनाने के लिए कार्बोहायड्रेट और शक्कर की जरुरत होती है, जिससे दांतों में सड़न होती है। 3. दांतों के सड़न के लक्षण दांतों की सड़न का पहला लक्षण है दांत की उपरी सतह ( इनेमल) पर भूरा दाग जैसा लगना। फिर यह दाग थोडा बड़ा होता है एक छेद का रूप लेता है और उस जगह पर खाना फसना शुरू हो जाता है। खाना फसने से सड़न की प्रकिर्या तेज हो जाती है और दांत का छेद बड़ा हो जाता है। जब येह छेद थोडा गहरा हो जाता है और अंदरूनी सतह (डेंटिन) में पहुच जाता है तब हमे ठंडे या मीठे से कनकनाहट होने लगती है। जब सड़न इससे भी ज्यादा अन्दर चला जाता है तब वह पल्प (दांतों की नस) तक पहुँच जाता है और इसे संक्रमित कर देता है, और तब हमें दांतों में जोरदार दर्द होता है। 4. दांतों की सड़न से बचाव * हर 6 महीने में अपने दन्त चिकिसक से अपने दांतों का चेकअप कराएँ। * सुबह थोडा जल्दी उठें और अपने नित्य कर्म के लिए समय निकालें, आईने के सामने खड़े हो कर ब्रश करें ताकि आप देख सके दांतों की सफाई सही से हो रही है या नहीं। * रोजाना 2 बार दांतों को साफ़ करें, एक बार सुबह और एक बार रात्रि को। * ब्रश ज्यादा जोर से ना रगडे और 2 मिनट से ज्यादा ना करें। ब्रश करने का सहीं तरीका सीखे। * माउथवाश का प्रयोग करें। * रात को सोने से पहले एक बार दांतों के बीच में फ्लॉस (floss) से सफाई करें। * मीठा और चिपचिपा प्रदार्थ कम खाएं। * केक, पेस्ट्री, टाफी, चिप्स कम खाएं और अपने भोजन में साबुत अनाज का भी प्रयोग करें। * सोडा युक्त कोल्ड ड्रिंक्स से परहेज करें। * बीडी, सिगरेट और तंबाकू का नशा छोड़ें। 5. दांतों की सड़न का इलाज

दांतों के क्षय व सड़न होने के क्या कारण है? - daanton ke kshay va sadan hone ke kya kaaran hai?

* अगर आपके दांतों में सड़न हो ही गयी है तो सबसे पहले आप अपने दन्त चिकित्सक से मिलें, उन्हे अपनी समस्या विस्तार से बताएं। * अगर सड़न छोटी है और दांतों की उपरी सतह पर है तो आपके दन्त चिकित्सक उसे साफ़ करके उस छेद में फिलिंग करेंगे। यह फिलिंग दांत के रंग की होती है और मेटालिक भी हो सकती है, येह आपका चुनाव पर निर्भर रहेगा। * अगर सड़न के कारण दांत का बड़ा हिस्सा ख़राब हो गया है और tooth pain की शिकायत है तो dentist पहले दांतों का x-ray लेगा फिर आपको इलाज़ के बारे में बताएगा। * ज्यादातर बहुत ज्यादा सड़े हुए दांतों को root canal therapy ( दांतों के नस का इलाज) द्वारा बचाया जाता है फिर उसपर एक कैप लगा दी जाती है। * बहुत ही ज्यादा ख़राब और पूरी तरह सड़ चुके दांतों को निकल कर उस जगह पर कृत्रिम फिक्स दांत भी लगाया जा सकता है।

Dental Clinic near me / Dentist Gurgaon / Dental Surgeon near me / Dentist near me / Dental implantologists / Oral & Maxillofacial Surgeon / השתלת שיניים בהודו / زرع الأسنان في الهند インドの歯のインプラント / имплантация зубов в Индии

दांतों के क्षय व सड़न होने का क्या कारण हैं इसके रोकने के लिए क्या करना चाहिए?

दांतों को नियमित ब्रश करने और फ्लॉस करने से मुंह की अच्छी साफ सफाई हो जाती है। इससे दांतों की सड़न की समस्या को रोका जा सकता है। यह सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है। आप अपने आहार में बदलाव करके भी दांतों की सड़न को रोक सकते हैं

दांतों का क्षय क्यों होता है?

दन्त-क्षय दो जीवाणुओं के कारण प्रारंभ होता है: स्ट्रेप्टोकॉकस म्युटान्स (Streptococcus mutans) और लैक्टोबैसिलस (Lactobacillus) . यदि इसका इलाज न किया गया तो, इस बीमारी के परिणामस्वरूप दर्द, दांतों की हानि, संक्रमण और चरम स्थितियों में मृत्यु तक हो सकती है। वर्तमान में, दंत-क्षय पूरे विश्व में सबसे आम बीमारी बना हुआ है।

सड़े हुए दांत को कैसे ठीक करें?

* ज्यादातर बहुत ज्यादा सड़े हुए दांतों को root canal therapy ( दांतों के नस का इलाज) द्वारा बचाया जाता है फिर उसपर एक कैप लगा दी जाती है। * बहुत ही ज्यादा ख़राब और पूरी तरह सड़ चुके दांतों को निकल कर उस जगह पर कृत्रिम फिक्स दांत भी लगाया जा सकता है।

किसकी कमी से दांत की बीमारी होती है?

विटामिन डी-विटामिन डी कैल्शियम और फॉस्फेट को शरीर में बनाए रखने के लिए जरूरी है. विटामिन डी की उपस्थिति में ही कैल्शियम और फॉस्फेट अपना काम सही से कर पाता है. इसलिए यदि विटामिन डी की कमी हो जाती है तो दांतों को नुकसान होने लगता है.