उम्र बड़ी होने पर भी पिता को बुढ़ापा छू तक नहीं गया है-कवि ने इसके क्या प्रमाण दिए हैं? Show
कवि भवानी प्रसाद मिश्र ‘पिता’ कविता में कहते हैं कि वस्तुत: पिताजी बड़ी उस के हैं फिर भी बुढ़ापा उनके पास तक नहीं आ पाया है, क्योंकि वे अभी भी व्यायाम करते हैं, दौड़ लगाते हैं, खिलखिलाकर हँसते हैं, खूब काम करते हैं और निर्भय रहते हैं। 176 Views भवानी प्रसाद मिश्रHope you found this question and answer to be good. Find many more questions on भवानी प्रसाद मिश्र with answers for your assignments and practice. ArohBrowse through more topics from Aroh for questions and snapshot. उम्र बड़ी होने पर भी पिताजी को बुढ़ापा क्यों नहीं छू पाया था?बुढ़ापा पिता को हरा नहीं पाया है। अतः वह उम्रदराज़ होते हुए भी स्वस्थ हैं। इस उम्र में भी वह नियमित दौड़ते और व्यायाम करते हैं। उनके साहस के कारण मृत्यु भी उनका सामना नहीं करती है।
उम्र अधिक होने पर भी पिताजी को बुढ़ापा क्यों नहीं व्याप्त हुआ था घर की याद के आधार पर लिखिए?उसकी बहनें स्नेह का भंडार हैं । 4. सावन के महीने में ससुराल से बहन मायके आई। वहाँ सबको देखकर वह खुश होती है, परंतु एक भाई के जेल में होने के कारण वह दुखी भी है।
पिता जी को बुढ़ापा नहीं व्यापा कैसे?वे अपने सरल और हँसमुख स्वभाव के कारण बुढ़ापे को नहीं आने देते। वे आज बड़े होकर भी दौड़- भाग कर सकते हैं और सबके साथ खिलखिलाकर हँस सकते हैं। पिता जी का स्वभाव सरल, सहज और हँसमुख है जिन पर अभी बुढ़ापे का कोई असर नहीं है। पिता जी इतने निडर और निर्भीक हैं कि मृत्यु से भी नहीं डरते।
पिता जी को क्या व्याप्त नहीं हुआ था?Answer: बच्चों के द्वारा लिया गया यह निर्णय कि वह हिलकर पानी भी नहीं पिएँगे यह उचित नहीं था। पिताजी तो यह चाहते थे कि वह स्वयं उठकर जाएँ और पानी पिएँ जिससे वह कमज़ोर न बनें परन्तु सब बच्चों ने उससे तात्पर्य निकला कि पानी हिल-हिलकर पीना चाहिए।
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