वाइगोत्सकी के सामाजिक रचनावाद सिद्धांत सचित्र व्याख्या कीजिए - vaigotsakee ke saamaajik rachanaavaad siddhaant sachitr vyaakhya keejie

वाइगोत्सकी का सामाजिक विकास का सिद्धान्त, वाइगोत्सकी का संज्ञानात्मक विकास का सिद्धान्त, Vygotski theory in hindi: सीखने के विभिन्न प्रकार के सिद्धात के क्रम में hindivaani आज आपके लिये लेकर आया है। वाइगोत्सकी का सामाजिक विकास का सिद्धांत। वाइगोत्सकी के सिद्धान्त को हम सामाजिक सास्कृतिक सिद्धान्त के नाम से जानते है। अगर कोई आपसे पूछे कि वाइगोत्सकी का सामाजिक विकास का सिद्धान्त किसने दिया? तो इसका उत्तर हैं। वाइगोत्सकी का सामाजिक विकास का सिद्धान्त लेव वाइगोत्सकी ने दिया था। तो आइए आज हम लेव वाइगोत्सकी के सामाजिक विकास के सिद्धान्त(Learning theory of vygotsky) विस्तृत जानकारी प्राप्त करते है।

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  • वाइगोत्सकी का सामाजिक विकास का सिद्धान्त, वाइगोत्सकी का संज्ञानात्मक विकास का सिद्धान्त, Vygotski theory of learning in hindi
  • वाइगोत्सकी का सामाजिक विकास का सिद्धान्त, Vygotski theory in hindi
  • वाइगोत्सकी का संज्ञानात्मक विकास का सिद्धान्त, Learning theory of vygotsky
  • 1.संज्ञानात्मक विकास (Coginitive development)
  • 2.अन्तः क्रिया ( interaction)
  • 3.Z.P.D की अवधारणा(concept of zone of proximal development)
  • 4.संस्कृत का अधिगम पक्ष(Learning aspect of culture)
  • 5.अधिगम स्तर में भिन्नता
  • वाइगोत्सकी के सिद्धांत की विशेषताएं
  • FAQS of Vygotski theory in hindi
    • प्रश्न – वाइगोत्सकी के अनुसार समीपस्थ विकास का क्षेत्र हैं ?
    • प्रश्न – वाइगोत्सकी तथा पियाजे के परिपेक्ष्य में एक प्रमुख भिन्नता है ?
    • प्रश्न – वाइगोत्सकी की संतुति के अनुसार बच्चों की व्यक्तिगत वाक् की संकल्पना क्या स्पष्ट करती है ?
  • फाइनल वर्ड –

वाइगोत्सकी का सामाजिक विकास का सिद्धान्त, वाइगोत्सकी का संज्ञानात्मक विकास का सिद्धान्त, Vygotski theory of learning in hindi

वाइगोत्सकी के सामाजिक रचनावाद सिद्धांत सचित्र व्याख्या कीजिए - vaigotsakee ke saamaajik rachanaavaad siddhaant sachitr vyaakhya keejie

वाइगोत्सकी ने सीखने के जो विभिन्न प्रकार के सिद्धान्त अन्य मनोवैज्ञनिको द्वारा दिये गए है। उनसे उनसे भिन्न विचार इन्होंने दिए है। इनका यह मानना है कि सीखने की प्रक्रिया जो है।वो विकास पे आधारित हैं। ना की विकास सीखने की प्रक्रिया पर।अन्य शब्दो मे कहा जाए तो ज्ञान के क्षेत्र में विकास के साथ -साथ विलास की प्रक्रिया उन क्षेत्रों में भी होती हैं। जिन्हें हमने सीखा नही है।

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वाइगोत्सकी का संज्ञानात्मक विकास का सिद्धान्त, Learning theory of vygotsky

वाइगोत्सकी का अधिगम सिद्धान्त या कहे वाइगोत्सकी का संज्ञानात्मक विकास का सिद्धान्त निम्नलखित बिंदुओं पर आधारित हैं। जो अग्रलिखित हैं।

1.संज्ञानात्मक विकास (Coginitive development)

वाइगोत्सकी ने संज्ञानात्मक विकास में भाषा को प्रमुख साधन माना हैं। इसका वर्णन करते हुए वो कहते है। कि भाषा संज्ञानात्मक विकास के उपागम के रूप में प्रयुक्त नही होती हैं। परंतु उन्होंने कहा हैं की यह एक ऐसा उपाय हैंम जो सास्कृतिक विवरण को आकार प्रदान करता हैं। जिनके अतरिक्त संस्थाएं , साधन मानव निर्मित वह संस्थाएं हैं। जो ऐतिहासिक एवं सास्कृतिक व्यवस्थाओ की ओर संकेत करती हैं।

2.अन्तः क्रिया ( interaction)

वाइगोत्सकी ने अन्तः क्रिया को सीखने में महत्वपूर्ण माना है। अंतः क्रिया के माध्यम से छात्र में स्वतः प्रेरणा उत्पन्न होती है। जो कि उसको सीखने में सहायता करती है।

3.Z.P.D की अवधारणा(concept of zone of proximal development)

वाइगोत्सकी का कहना है कि जो कुछ हम जानते हैं और जो कुछ हम नहीं जानते हैं उसके पीछे के रिक्त स्थान होता है। जेड.पी.डी .छात्र को सीखने के प्रति आकर्षित करती हैं। तथा छात्र नवीन तथ्यों में सीखने का प्रयास करता हैं।

4.संस्कृत का अधिगम पक्ष(Learning aspect of culture)

भाई को अच्छी का मत है कि संस्कृति विशिष्ट व्यवहार परिवर्तन एवं मानसिक कार्य में परिवर्तन को प्रदर्शित करती है तथा उसके अतिरिक्त मानव व्यवहार के विकास का नवीन स्थान निर्धारित करती है।

5.अधिगम स्तर में भिन्नता

जेड.पी.डी के कारण ही छात्रों के अधिगम स्तर में भिन्नता होती हैं। क्योंकि जो छात्र जानने वाले ज्ञान तथा नहीं जाने वाले ज्ञान के मध्य संबंध स्थापित करने में सक्षम होते हैं उनका अधिगम स्तर सामान्य से कम होता है।

वाइगोत्सकी के सिद्धांत की विशेषताएं

वाइगोत्सकी के सिद्धांत की निम्नलिखित विशेषताएं हैं।

  • सीखना एक सार्वभौमिक क्रिया है।जो निरंतर चलती रहती है।
  • अन्तः दृष्टि के द्वारा विद्यालय छात्रों को अधिगम प्रक्रिया का एक निर्देशित स्वरूप प्रदान करता है।
  • अधिगम प्रक्रिया में जेड.पी.डी का प्रमुख स्थान होता है।
  • सीखने की प्रक्रिया में सांस्कृतिक संगठनों के उपाय एवं मनोवैज्ञानिक तथ्य उत्तरदायी होते हैं।

FAQS of Vygotski theory in hindi

प्रश्न – वाइगोत्सकी के अनुसार समीपस्थ विकास का क्षेत्र हैं ?

उत्तर – बच्चे के द्वारा स्वतंत्र रूप से किए जा सकने वाले तथा सहायता के साथ करने वाले कार्य के बीच अंतर।

प्रश्न – वाइगोत्सकी तथा पियाजे के परिपेक्ष्य में एक प्रमुख भिन्नता है ?

उत्त्त्तर – भाषा एवं चिंतन के बारे में उनके दृष्टिकोण

प्रश्न – वाइगोत्सकी की संतुति के अनुसार बच्चों की व्यक्तिगत वाक् की संकल्पना क्या स्पष्ट करती है ?

उत्त्तर – यह स्पष्ट करती है कि बच्चे अपने ही कार्यों के निर्देशन के लिए भाषा का उपयोग करते हैं।

फाइनल वर्ड –

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वाइगोत्सकी के सिद्धांत क्या है?

वाइगोत्सकी के अनुसार बालक का विकास समाज के द्वारा अर्थात सामाजिक अंतः क्रिया के द्वारा बालक ज्ञान अर्जन करता है। बालक व्यस्कों तथा समव्यस्कों के साथ परस्पर अंत: क्रिया से सिखता है। बालक के सामाजिक अंतः क्रिया (Social interaction) के फलस्वरूप उनका संज्ञानात्मक, शारीरिक व सामाजिक विकास होता है।

वाइगोत्सकी के अनुसार ZPD क्या है?

ZPD (zone of proximal development) की व्याख्या करते हुए वाइगोत्सकी ने लिखा है कि ― “वास्तविक विकासात्मक स्तर जो की समस्या समाधान पर आधारित होता है और संभावित विकास स्तर जोकि मार्गदर्शन पर आधारित होता है इनके बीच की दूरी सक्षम सामान पदीय मार्गदर्शन पर आधारित होती है।”

वाइगोत्सकी के सिद्धांत में विकास के निम्नलिखित में से कौन से पहलू की उपेक्षा होती है?

Solution : वाइगोत्सकी ने अपने सिद्धान्त में, विकास के जैविक पहलू की उपेक्षा की है। उन्होंने बालक के विकास में सामाजिक कारकों, सांस्कृतिक कारकों तथा भाषा को महत्त्वपूर्ण माना है, इसलिए उनके सिद्धान्त को 'सामाजिक-सांस्कृतिक सिद्धान्त भी कहा जाता है।

निम्नलिखित में से कौन वाइगोत्सकी के सामाजिक सांस्कृतिक सिद्धांत पर आधारित है?

इस प्रकार उपर्युक्त बिंदुओं को बनाएं, यह स्पष्ट है कि पारस्परिक शिक्षण वाइगोत्स्की के सामाजिक-सांस्कृतिक सिद्धांत पर आधारित है।