वाइमर गणराज्य के सामने क्या समस्याएं थी क्लास नाइंथ - vaimar ganaraajy ke saamane kya samasyaen thee klaas nainth

Que : 316. वाइमर गणराज्य के सामने क्या समस्या थी ?

Answer:

उत्तर. प्रथम विश्व युद्ध में जर्मनी की पराजय और सम्राट के पद त्याग के बाद वाइमर में राष्ट्रीय सभा की बैठक बुलाई गई और लोकतांत्रिक संविधान पारित किया गया। लेकिन यह नया वाइमर गणराज्य जर्मनी के अधिकांश लोगों को रास नहीं आया। अत: वाइमर गणराज्य की मुख्य समस्याएं निम्न प्रकार थीं –
1. प्रथम विश्व युद्ध के उपरांत जर्मनी पर थोपी गई वर्साय की कठोर एवं अपमानजनक संधि के लिए अधिकांश जर्मनवासी वाइमर गणराज्य को ही जिम्मेदार मानते थे।
2. रुसी क्रांति की सफलता से जर्मनी के कुछ भागों मे साम्यवादी प्रभाव तेजी से बढ़ा।
3. युद्ध अपराधी के रुप में जर्मनी पर 6 अरब पाउंड का जुर्माना लगाया गया जिसे चुकाने में वाइमर गणराज्य असमर्थ था।
4. जर्मनी द्वारा हर्जाना चुकाने से इंकार करने पर फ्रांस ने जर्मनी के औद्योगिक क्षेत्र रुर पर कब्जा कर लिया जिसके कारण वाइमर गणराज्य की प्रतिष्ठा को बहुत हनी।
5. 1929 की विश्वव्यापी आर्थिक मंदी से बढ़ी मंहगाई को नियंत्रित करने में वाइमर गणराज्य असफल रहा।

 

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वाइमर गणराज्य के सामने क्या समस्याएं थी क्लास नाइंथ - vaimar ganaraajy ke saamane kya samasyaen thee klaas nainth

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वाइमर गणराज्य के सामने क्या समस्याएं थी? 

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लिखित उत्तर

Solution : वाइमर गणराज्य के सामने निम्नलिखित समस्याएँ थी । (i) युद्ध में पराजय और राष्ट्रिय अपमान और हर्जाने के लिए इसी को दोषी ठहराया गया | गणराज्य के समर्थकों नवम्बर का अपराधी कहकर उनका मजाक उड़ाया जाता था । (ii) रूस की बोल्वेशिक क्रांति की तरह ही जर्मनी में स्पार्टकिस्ट लीग द्वारा विद्रोह की योजना बनाई गई | इसे वाइमर गणराज्य ने विफल तो कर दिया परन्तु जर्मनी के साम्यवादी और समाजवादी एक दुसरे के कट्टर दुश्मन बन गए (iii) प्रथम विश्व युद्ध के बाद जब कर्ज और हर्जाना चुकाने से मना कर दिया तो फ्रांस ने उसके बहुत से आर्थिक क्षेत्रों पर कब्ज़ा कर लिया | (iv) 1923 में इस गणराज्य को आर्थिक संकट इस कदर झेलने पड़े कि उसके मुद्रा की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में काफी कम हो गयी और कर्ज और महगाई मुद्रास्फीति काफी बढ़ गई | जिसे निपटने के लिए उसे अमेरिका से आर्थिक मदद कर्ज के रूप में लेनी पड़ी।

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सन 1914 के प्रथम विश्व युद्ध के पश्चात जर्मनी का सम्राट केसर विलियम द्वितीय देश छोड़कर भाग गया था। जर्मनी में राजतंत्र का पतन हो गया। इसके पश्चात वहां गणराज्य की स्थापना हो गई। हवाई मार्ग गणराज्य को शीघ्र ही कुछ बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा जो निम्नलिखित थी-

1-इसे वर्साय की अमानजनक संधि पर हस्ताक्षर करने पड़े।

2-इसे मित्र राष्ट्रों को युद्ध की क्षतिपूर्ति के रूप में भारी धनराशि देनी पड़ी।

वाइमर गणराज्य के सामने क्या समस्याएं थी क्लास नाइंथ - vaimar ganaraajy ke saamane kya samasyaen thee klaas nainth

3-देश में मुद्रा स्फीति के कारण कीमतों में अत्याधिक वृद्धि हो चुकी थी। वाइमर सरकार मूल्य वृद्धि को रोकने में पूर्णता असफल नहीं।

4-देश में बेरोजगारी बढ़ गई थी तथा उद्योग व व्यापार पिछड़ गई थी।

इन्हें भी पढ़ें:- वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था-

5-मित्र राष्ट्रों ने जर्मनी को कमजोर करने के लिए इसका विसैन्यीकरण कारण कर दिया।

6-युद्ध अपराध न्यायाधिकरण ने जर्मनी को युद्ध के लिए जिम्मेदार ठहराने के साथ-साथ मित्र राष्ट्रों को हुए नुकसान के लिए भी उत्तरदाई ठहराया।

अतः इसके साथ-साथ सेना में असंतोष बढ़ने लगा। जर्मन जनता का वाइमर सरकार ने मोहभंग हो गया। परिणाम स्वरूप उक्त संतोषजनक स्थिति हिटलर के उत्कर्ष में सहायक रही।

वाइमर गणराज्य के सामने क्या समस्याएं थी।एक समस्या का वर्णन करें।

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वाइमर गणराज्य के सामने क्या समस्याएं थीं?

1-इसे वर्साय की अमानजनक संधि पर हस्ताक्षर करने पड़े। 2-इसे मित्र राष्ट्रों को युद्ध की क्षतिपूर्ति के रूप में भारी धनराशि देनी पड़ी। 3-देश में मुद्रा स्फीति के कारण कीमतों में अत्याधिक वृद्धि हो चुकी थी

वाइमर गणराज्य के पतन के क्या कारण थे?

1929 के विश्वव्यापी मंदी के आर्थिक असंतोष को और ज्यादा गहरा दिया। इन आर्थिक कठिनाईयों को जर्मन जनता ने वाइमर गणतंत्र से जोड़कर देखा। फलतः वे इसके विरूद्ध हो गए और हिटलर ने इस स्थिति की लाभ उठा गणतंत्र का पतन कर दिया।

वाइमर गणराज्य से आप क्या समझते हैं?

वाइमर गणराज्य) इतिहासकारों द्वारा जर्मनी की उस प्रतिनिधिक लोकतांत्रिक संसदीय सरकार को दिया हुआ नाम है जिसने जर्मनी में प्रथम विश्वयुद्ध के बाद १९१९ से १९३३ तक शाही सरकार के बदले में कार्यभार संभाला था। इसका नाम उस जगह से पड़ा जहाँ संवैधानिक सदन का गठन किया गया और वहीं यह पहली बार एकत्रित हुआ।

वाइमर गणराज्य की स्थापना कब हुई थी?

9 नवंबर 1918वायमार रिपब्लिक / स्थापना की तारीख और जगहnull